जैसलमेर जिले के दर्शनीय स्थल - places to visit in jaisalmer district \ जैसलमेर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
जैसलमेर राजस्थान राज्य का मुख्य शहर है। जैसलमेर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 550 किलोमीटर दूर है। जैसलमेर को मुख्य रूप से रेगिस्तान के लिए जाना जाता है। हमारे देश में रेगिस्तान राजस्थान में पाया जाता है और जैसलमेर में रेगिस्तान पाया जाता है। यहां पर आप आकर रेगिस्तान में कैमल सफारी, जीप सफारी, और कैंपिंग का मजा ले सकते हैं।
जैसलमेर को स्वर्ण नगरी के नाम से जाना जाता है। जैसलमेर को स्वर्ण नगरी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि जैसलमेर के चारों तरफ पीले रंग की चट्टाने देखने के लिए मिलती है और जैसलमेर के घर, सरकारी ऑफिस और अधिकतर इमारतें पीले रंग की चट्टानों से बनती है। जो देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। जैसलमेर में जब धूप पड़ती है, तो यह सोने जैसी चमकती है। इसलिए जैसलमेर को स्वर्ण नगरी के नाम से जाना जाता है।
जैसलमेर के किले को सोनार किले के नाम से जाना जाता है। जैसलमेर में बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं और अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। चलिए जानते हैं - जैसलमेर में घूमने की जगह कौन-कौन सी है।
जैसलमेर में घूमने की जगह - Jaisalmer mein ghumne ki jagah
जैसलमेर का किला - Jaisalmer Fort
जैसलमेर का किला जैसलमेर शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह किला प्राचीन है। जैसलमेर का किला शहर के बीचोंबीच एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह किला शहर के किसी भी कोने से देखने के लिए मिल जाता है। जैसलमेर किला में प्रवेश के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा सकता है। यहां फ्री में पूरा किला घुमा जा सकता है। यह किला दुनिया का पहला ऐसा किला है, जिसमें अभी भी लोग रहते हैं। यह किला बहुत ज्यादा भीड़ वाला स्थल है। जैसलमेर किले के अंदर घूमने के लिए बहुत सारी जगह है।
अगर आप जैसलमेर दुर्ग के दर्शनीय स्थलों को विस्तार पूर्वक देखना चाहते हैं, तो इसके लिए थोड़ा ज्यादा समय निकालकर आए और इन जगह को अच्छी तरह देखे हैं। किले के अंदर आपको जैन मंदिर, बहुत सारे व्यू प्वाइंट, राजा रानी का महल, मंदिर, प्राचीन तोप और भी बहुत सारे जगह देखने के लिए मिलती है। इसके अलावा किले में बहुत बड़ा मार्केट लगता है, जहां पर तरह-तरह के सामान मिलते रहते हैं।
जैसलमेर किले का प्रवेश द्वार बहुत बड़ा है और बहुत सुंदर लगता है। यह किला बलुआ पत्थर से बना हुआ है। किले की दीवारों और खिड़कियों में सुंदर नक्काशी की गई है। किले में बहुत सारे कैफे और कैफिटेरिया है, जहां पर बैठकर जैसलमेर शहर का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। जैसलमेर किले से दूर दूर तक के दृश्य देखे जा सकते हैं। जैसलमेर किले में बहुत सारी स्मारक हैं, जो प्राचीन है और जिन की बनावट बहुत ही अद्भुत लगती है।
जैसलमेर किले के अंदर बहुत सारी दुकानें हैं, जहां पर ऊंट के चमड़े से बने हुए बैग मिल जाते हैं। मगर ऊंट के चमड़े के बैग ना खरीदें और भी बहुत सारे मटेरियल के बैग यहां पर मिलते हैं, जो बहुत अच्छे लगते हैं। वह आप खरीद कर यूज कर सकते हैं। आपको जैसलमेर किले में घूमने में करीब 1 से 2 घंटा आराम से लग सकता है। जैसलमेर किले में पैदल घूमने में बहुत मजा आता है। यहां पर लोग, ऑटो से भी घूमने के लिए आते हैं।
सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर - Sam Sand Dunes Jaisalmer
सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर का एक बहुत ही मनोरंजक स्थल है। यह जैसलमेर में घूमने लायक जगह है। यहां पर आपको रेत का समंदर देखने के लिए मिलता है। चारों तरफ रेत ही रेत देखने के लिए मिलती है। यहां पर कैंप की सुविधा उपलब्ध रहती है। आप यहां पर कैंप के लिए ऑनलाइन बुकिंग करके आ सकते हैं और आप यहां पर कैंप में नाइट स्टे नहीं करना चाहते हैं, तो आप ऐसे ही यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आप जीप सफारी और कैमल सफारी का मजा ले सकते हैं, जो बहुत ही मस्त लगती है। यकीनन अगर आप कैमल सफारी का मजा लेंगे, तो आप इसे भूल नहीं सकेंगे। यह एक अलग अनुभव रहता है और जीप सफारी में भी बहुत मजा आता है।
जीप सफारी भी बहुत मजेदार रहती है। रात के समय जब सूरज ढलता है। तब यहां पर रेत के बीच में चाय पीने का अनुभव मजेदार रहता है। आप यहां पर जाकर बहुत एंजॉय कर सकते हैं। आप अगर जैसलमेर जाते हैं, तो आप सैंड ड्यून्स में जाकर जरूर इंजॉय करिएगा। आपका एक आपको एक अलग अनुभव मिलेगा। सम सैंड ड्यून्स के बारे में मेरे ब्लॉग में पोस्ट पहले से ही लिखा है। आप उसे पढ़कर और ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते हैं।
गड़ीसर झील जैसलमेर - Gadisar Lake Jaisalmer
गड़ीसर झील जैसलमेर का दर्शनीय स्थल है। यहां पर एक बहुत बड़ी झील देखने के लिए मिलती है। गड़ीसर झील मुख्य जैसलमेर शहर में ही स्थित है और इस झील के किनारे बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर शंकर जी का मंदिर बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है और मंदिर के गर्भ गृह में शंकर जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। गड़ीसर झील पर बोटिंग का मजा लिया जा सकता है। झील के किनारे बहुत सारे प्राइवेट बोट वाले हैं, जिनके यहां आप बोटिंग कर सकते है।
गड़ीसर झील के आसपास, खाने-पीने की बहुत सारी दुकानें हैं, जहां से खाने पीने का अच्छा सामान मिल जाता है। यहां पर आपको राजस्थानी सामान भी मिलते हैं, जिन्हें आप खरीद सकते हैं। यहां पर आप आकर झील के किनारे बैठ सकते हैं। झील के किनारे सीढ़ियां बनी हुई है, जहां पर बैठकर अच्छा समय बिताया जा सकता है। ठंड के समय यहां पर बहुत सारे विदेशी पक्षी देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। यहां पर बहुत सारे कबूतर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर कबूतरों को दाना डाला जा सकता है। इसके अलावा यहां पर कबूतरों के पास फोटोशूट भी कराया जाता है। यहां पर फोटो बहुत ही जबरदस्त आती है। शाम के समय सूर्यास्त का बहुत अच्छा नजारा देखने के लिए मिलता है। झील के बीच में एक टापू बना हुआ है। झील में बदक घूमते रहते हैं। यहां पर शाम के समय, आप आकर अच्छा समय बिता सकते हैं।
सलीम सिंह की हवेली जैसलमेर - Salim Singh Ki Haveli Jaisalmer
सलीम सिंह की हवेली जैसलमेर में स्थित एक सुंदर हवेली है। यह हवेली मुख्य जैसलमेर शहर में स्थित है। इस हवेली की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। यह हवेली बहु मंजिला है। हवेली में, जो खिड़कियां बनाई गई है। वह बहुत ही सुंदर दिखती हैं। हवेली के अंदर बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। हवेली में अंदर जाने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहां पर आपको हवेली के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है। यह हवेली देखने में बहुत सुंदर है।
सलीम सिंह की हवेली, मंत्री सलीम सिंह का निवास स्थल था। यहां पर सलीम सिंह रहा करते थे। वह पूरे जैसलमेर के मंत्री थे। सलीम सिंह के बारे में कहा जाता है, कि कुलधरा गांव सलीम सिंह के कारण ही खाली हो गया था। आप इसके बारे में विस्तार पूर्वक पढ़ सकते हैं। आपको इस हवेली के अंदर प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। प्राचीन बर्तन, ताले और भी बहुत सारी वस्तु देखने के लिए मिलते हैं। हवेली की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर एक मोर की नक्काशी की गई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यहां पर आकर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
पटवा की हवेली जैसलमेर - Patwa Ki Haveli Jaisalmer
पटवा की हवेली जैसलमेर का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। पटवा की हवेली में 5 हवेलियों का समूह है। यहां पर पांच सुंदर हवेलियां देखने के लिए मिलती है। इन हवेली की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। देखने में हवेलियां बहुत ही आकर्षक लगती हैं। इन हवेलियों में से सबसे पहली हवेली को देखा जा सकता है। इसे कोठरी की पटवा हवेली कहा जा सकता है। इस हवेली में बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। हवेली के दीवारों, छतों एवं पिलर में बहुत सुंदर काम किया गया है, जो बहुत ही अद्भुत लगता है।
पटवा की हवेली में बहुत सारे रूम देखने के लिए मिलते हैं, जहां पर अलग-अलग वस्तुओं का संग्रह है। यहां पर एक कांच से बना हुआ कमरा है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। जिसको रंगीन कांच से सजाया गया है। यहां पर आपको प्राचीन ताले, बर्तन, राजा रानी का रूम, राजा रानी के कपड़े देखने के लिए मिलते हैं। इस हवेली में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। हवेली के सबसे ऊपरी सिरे से जैसलमेर किले का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। आप यहां पर आकर बहुत सारी वस्तुओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। यहां पर दुकानें भी हैं, जहां से आप सामान ले सकते हैं।
लोंगेवाला युद्ध स्थल जैसलमेर - Longewala yudh sthal Jaisalmer
लोंगेवाला युद्ध स्थल भारत के लिए गर्व करने वाली जगह है। क्योंकि यहां पर धरती की रक्षा के लिए वीर सिपाही ने अपने जान की आहुति दी है। यह स्थल जैसलमेर में, भारत की भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास में स्थित है। यह स्थल देशभक्ति की भावना से भरा हुआ है, क्योंकि यहां पर हमारे वीरों ने जान दी थी।
आप अगर जैसलमेर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए। यहां पर बहुत सारी वस्तुओं को दिखाया जाता है, जो युद्ध में इस्तेमाल होती है। यहां पर पाकिस्तान के टैंक t-59 का भी प्रदर्शन किया गया है। यहां पर बहुत सारी मिसाइल भी दिखाई गई है। यहां पर युद्ध कैसे लड़ा जाता है। यह भी दिखाया गया है। यहां पर बहुत ही अच्छे स्लोगन लिखे गए हैं, जो मन को भावुक कर देते हैं। यहां की, जो भी वस्तुएं हैं और जो कहानियां है, उन्हें देखकर और सुनकर मन भावुक हो जाता है। यहां पर और भी बहुत सारे अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन किया गया है। यहां पर पाकिस्तान के साथ हुई 1971 के युद्ध के बारे में भी बहुत सारी जानकारी दी गई है। यह भारत का आखिरी छोर है और आप यहां पर आकर अच्छी यादें अपने साथ लेकर जा सकते हैं।
श्री तनोट राय माता मंदिर जैसलमेर - Shri Tanot Rai Mata Mandir Jaisalmer
श्री तनोट राय माता मंदिर जैसलमेर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जैसलमेर में, भारत और पाकिस्तान बॉर्डर के पास तनोट गांव में स्थित है। तनोट माता का मंदिर इतना प्रसिद्ध किस लिए है। यह जानकर आपको हैरानी होगी। यहां पर पाकिस्तान और भारत के बीच 1971 में जब युद्ध छेड़ा था। तब पाकिस्तान ने यहां पर कुछ बम फेंके थे, जो माता रानी की कृपा से बिस्फोट ही नहीं हुए थे और आज भी उन बमों को मंदिर परिसर में संभाल कर रखा गया है। आप उन बमों को देख सकते हैं। यहां पर तनोट माता का सुंदर मंदिर बना हुआ है। यहां पर बहुत सारे देवी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर नौ देवियों के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
आप यहां पर पाकिस्तान पर हिंदुस्तान बॉर्डर में भी जाकर देख सकते हैं। इसके लिए आपको परमिशन लेनी पड़ती है और आपको आइडेंटी कार्ड अपने पास रखना पड़ता है। इस मंदिर का मैनेजमेंट बीएसएफ के द्वारा किया जाता है और मंदिर में सभी प्रकार का काम बीएसएफ सैनिकों द्वारा किया जाता है। मंदिर के बाहर बहुत सारी प्रसाद की और खाने-पीने की दुकान है, जहां पर खाने पीने के लिए मेगी, चाय और अन्य सामान मिल जाते हैं। आप अगर जैसलमेर जाते हैं, तो आपको यहां पर भी जाकर जरूर घूमना चाहिए।
लौद्रव जैन मंदिर जैसलमेर - Loudrav Jain Temple Jaisalmer
लौद्रव जैन मंदिर जैसलमेर का एक प्राचीन मंदिर है। लौद्रव प्राचीन समय में जैसलमेर की राजधानी थी। यहां पर सहस्त्र वर्ष पुराना मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर पार्श्वनाथ स्वामी जी को समर्पित है। यहां पर सहस्त्र फनी चिंतामणि पार्श्वनाथ स्वामी जी की सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह पूरा मंदिर बलुआ पत्थरों से बना हुआ है और मंदिर का शिखर बहुत ही आकर्षक है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है।
लौद्रव जैन मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर आठवीं और नौवीं शताब्दी का है। यह मंदिर रावल जैसल के द्वारा बनवाया गया था। रावल जैसल की राजधानी पहले लौद्रव थी। उसके बाद उन्होंने अपनी राजधानी स्थानांतरित कर जैसलमेर आये। आप यहां पर आकर इस मंदिर की खूबसूरती देख सकते हैं। यहां पर तोरण द्वार बना हुआ है। यह जैसलमेर की सबसे अच्छी जगह है।
बड़ा बाग जैसलमेर - Bada Bagh Jaisalmer
बड़ा बाग जैसलमेर का एक प्रसिद्ध आकर्षण स्थल है। बड़ा बाग जैसलमेर से करीब 5 या 6 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर बहुत ही सुंदर स्मारक देखने के लिए मिलती है। यह स्मारक छतरियां के आकार की है। यह स्मारक,यहां के शासकों की याद में बनाई गई है। यहां पर 100 से भी ज्यादा छोटे-छोटे स्मारक बनाए गए हैं, जो बहुत बड़े क्षेत्र में फैले हुए हैं।
बड़ा बाग में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है। यह स्मारक बहुत सुंदर है। यहां पर आप ऑटो से या स्वयं के वाहन से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह सारी स्मारक बलुआ पत्थर से बनी हुई है। यहां पर फोटो शूट किया जाता है। फोटो शूट के लिए यह बहुत ही परफेक्ट जगह है। यहां पर फोटो शूट के अलग से चार्ज लिए जाते हैं। यहां पर सूर्यास्त का नजारा देखने लायक रहता है।
अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर - Amar Sagar Jain Temple Jaisalmer
अमर सागर जैन मंदिर जैसलमेर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको जैन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह जैन मंदिर नाक्कशी दार है और बहुत सुंदर लगता है। यह श्वेतांबर जैन मंदिर है। यहां पर मंदिर की दीवारों और छतों पर, पत्थरों पर सुंदर नक्काशी की गई है। यहां देवी देवताओं की मूर्तियां, फूल, पत्तियां और अन्य नक्काशी बनाई गई है। यहां पर मंदिर में आपको बहुत सारी पेंटिंग भी देखने के लिए मिल जाती है। इस मंदिर के पास में अमर सागर देखने के लिए मिल जाता है । यह एक तालाब है और यह मंदिर के पास में ही स्थित है।
अमर सागर जैसलमेर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। अमर सागर के पास में ही शंकर जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है, जो प्राचीन है और बहुत सुंदर है। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है।
थार हेरिटेज म्यूजियम जैसलमेर - Thar Heritage Museum Jaisalmer
थार हेरिटेज म्यूजियम जैसलमेर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। यह एक संग्रहालय है। इस संग्रहालय में बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का और अद्भुत वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। इस संग्रहालय में राजस्थान के गांवों से संबंधित बहुत सारी वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। संग्रहालय में मिट्टी के मटके, बर्तन, चूल्हे, टोकनी, बर्तन, अनाज रखने के बड़े-बड़े बर्तन देखने के लिए मिलते हैं। यह सभी मिट्टी के ही बने हुए हैं।
यहां पर कपड़े देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर कपड़ों में की गई कारीगरी भी देखी जा सकती है। यहां पर हथियार देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर तोलने के यंत्र, लोहे की बहुत सारी वस्तुएं, कैंची, चरखा, ताले, कशेड़ी, गंजा, चम्मच बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती है, जो यहां पर संभाल कर रखी गई है। यहां पर आप आकर राजस्थान के बारे में और अधिक जान सकते हैं। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर अगर आप फोटोग्राफी करते हैं, तो उसका अलग चार्ज होता है। यह संग्रहालय जैसलमेर में मुख्य सड़क में आर्टिस्ट कॉलोनी में स्थित है। आप यहां पर आ सकते हैं और घूम सकते हैं।
कुलधरा गांव जैसलमेर - Kuldhara Village Jaisalmer
कुलधरा गांव जैसलमेर जिले का एक मुख्य स्थल है। यह एक अनोखा स्थल है, क्योंकि यह भारत की एक हॉन्टेड जगह है। इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर भूत है। मगर यह जगह बहुत सुंदर है और यहां पर आपको एक बार जरूर घूमने आना चाहिए। यहां पर एक गांव हुआ करता था, जो पूरी तरह उजड़ गया है और यहां पर अब उस गांव के अवशेष ही देखे जा सकते हैं।
इस गांव को एक रात में ही इस गांव के लोग, गांव वाले छोड़कर चले गए थे। यहां पर आपको प्राचीन मंदिर, बावली, घर देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह भारत सरकार के द्वारा संरक्षित की गई है। इस जगह में आप घूमने जाते हैं, तो यहां पर आपका प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहां पर एक छोटा सा म्यूजियम भी बना हुआ है। यहां पर कैक्टस उद्यान बना हुआ है और यहां पर खाने पीने के लिए छोटा सा रेस्टोरेंट भी बना हुआ है, जहां पर आपको खाने पीने का सामान मिल जाता है। यहां पर आप बहुत मस्त फोटो खींच सकते हैं। यह जगह घूमने लायक है और यहां पर भूत भूत कुछ नहीं है।
खाबा का किला जैसलमेर - Khaba Fort Jaisalmer
खाबा का किला जैसलमेर का एक मुख्य जगह है। यह किला जैसलमेर में, जैसलमेर से सम ड्यून्स जाने वाले रास्ते में स्थित है। सम ड्यून्स जाने वाले रास्ते से थोड़ा अंदर जाना पड़ता है और खाबा गांव में यह किला बना हुआ है। यह किला ऊंचाई पर बना हुआ है। यह किला खंडहर अवस्था में मौजूद है। किले का कुछ भाग अच्छी अवस्था में है। यह किला बलुआ पत्थर से बना हुआ है और इस किले में आप घूम सकते हैं और फोटो ले सकते हैं। आप कुलधरा घूमने के लिए जाते हैं, तो इस किले में भी घूम सकते हैं।
राजकीय संग्रहालय जैसलमेर - Government Museum Jaisalmer
राजकीय संग्रहालय जैसलमेर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। राजकीय संग्रहालय में बहुत सारी पुरानी वस्तुओं का संग्रह करके रखा गया है। संग्रहालय में प्रवेश करने का शुल्क लिया जाता है। यह संग्रहालय 12 बजे से शाम के 8 बजे तक खुला रहता है। संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है। इस संग्रहालय में आपको प्राचीन मूर्तियां, कठपुतलियां, पोशाक, शो पीस और अन्य सामान देखने के लिए मिल जाते हैं।
इस संग्रहालय को जैसलमेर संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। यह संग्रहालय मुख्य शहर में स्थित है। आप यहां पर पहुंचकर जैसलमेर और राजस्थान के बारे में बहुत सारी बातें जान सकते हैं।
जैसलमेर वॉर म्यूजियम - Jaisalmer War Museum
जैसलमेर वॉर म्यूजियम जैसलमेर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको जरूर घूमने के लिए आना चाहिए, क्योंकि यहां पर हमारे वीर शहीदों के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है। यहां पर आपको हमारी इंडियन आर्मी के बारे में जानकारी मिलती है। यहां पर आपको इंडिया और पाकिस्तान के बीच में, जो युद्ध हुआ था। उसकी हिस्ट्री के बारे में डिटेल जानकारी मिल जाएगी। यहां पर युद्ध में इस्तेमाल किए गए मशीनें, हथियार, रॉकेट, टैंक यह सभी चीजें देखने के लिए मिल जाती है। यह म्यूजियम बहुत अच्छी तरह से मैनेज किया गया है।
जैसलमेर वॉर म्यूजियम में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। म्यूजियम में फूड कोर्ट भी बना हुआ है, जहां पर बहुत अच्छा खाना बहुत सस्ते रेट पर मिलता है। म्यूजियम के बाहर बहुत सुंदर गार्डन बना हुआ है, जहां पर बहुत सारी कलाकृतियों को रखा गया है। आप यहां पर घूम सकते हैं। आपको मजा आएगा। यहां पर लाइट एंड साउंड शो भी होता है, जिसमें हमारी इंडियन आर्मी के बारे में बहुत सारी जानकारी दी जाती है। जैसलमेर वॉर म्यूजियम जैसलमेर जोधपुर हाईवे सड़क में, जैसलमेर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। आप यहां पर ऑटो या अपने वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं।
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