कोठारी पटवा की हवेली और संग्रहालय जैसलमेर - Kothari Patwa Ki Haveli and Museum Jaisalmer
पटवों की हवेली जैसलमेर की एक प्रसिद्ध जगह है। यहां पर आपको पांच हवेलियां देखने के लिए मिलती है। मगर यहां पर कुछ हवेलियों में जाने की ही अनुमति है। यहां पर हम लोग कोठारी पटवा हवेली में घूमने के लिए गए थे। जिसे कोठारी पटवा म्यूजियम भी कहते हैं। यह हवेली भी बहुत सुंदर थी। यह हवेली अंदर से और बाहर से दोनों जगह से ही बहुत सुंदर थी। बाहर से आप इस हवेली को देखेंगे, तो इस हवेली के दरवाजे खिड़कियों में बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई थी, जो बहुत ही अद्भुत है।
पटवा हवेली के अंदर बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाएगा। इस हवेली के बाहर बाजार देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे कपड़ों की दुकान है। यहां पर राजस्थानी सूट मिल रहे थे। हम लोगों ने राजस्थानी सूट लिए नहीं, क्योंकि यहां पर बहुत महंगे मिल रहे थे। इसके अलावा यहां पर आपको और भी बहुत सारी वस्तुएं मिल जाएंगे। वैसे इस हवेली के निचले भाग में भी मार्केट है, जहां से आप सामान ले सकते हैं। हम लोगों के साथ जो गाइड था। वह हम लोगों को बोल रहा था, कि यहां पर हवेली में जो मार्केट है। वहां पर जो सामान मिलता है। वह अच्छा रहता है। मगर आप गाइड या किसी भी अन्य व्यक्ति की बातों में आकर किसी भी दुकान में सामान लेने के लिए मत जाइएगा, क्योंकि वहां पर आपको बहुत महंगा सामान मिलेगा। आप अपने हिसाब से किसी भी दुकान में सामान मोलभाव करके ले सकते हैं।
पटवा हवेली घूमने के लिए सबसे पहले हम लोगों ने टिकट लिया। टिकट लेकर हम लोगों ने इस हवेली में प्रवेश किया। यहां पर हवेली के बाहर ही आपको गाइड मिल जाता है। गाइड का चार्ज 100 रूपए रहता है। आपको गाइड पूरी हवेली के बारे में जानकारी देता है। हम लोग ने भी गाइड यहां पर किया था। उसके बाद हम लोग पटवा हवेली में फर्स्ट फ्लोर में गए, जहां पर हमको कांच का एक कमरा देखने के लिए मिला। यह कमरा रंगीन कांच से सजा हुआ था और बहुत ही सुंदर लग रहा था। यहां पर हम लोगों को मंदिर भी देखने के लिए मिला। इस कमरे के ऊपर, नीचे और दीवारों में सभी जगह कांच से सजाया गया था। यह कमरा हम लोगों को बहुत सुंदर लगा। इस कमरे के पास ही में इस हवेली को जिसने बनवाए हैं। उनकी फोटो भी लगी हुई थी। इस पूरे कमरे में आपको रंग बिरंगी पेंटिंग देखने के लिए मिल जाती है। ऊपर छत पर कांच का सुंदर डिजाइन बना हुआ है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। दीवारों में खूबसूरत फूलों की नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यह कमरा देखने के बाद हम लोग आगे बढ़े
हम आगे बढ़े, तो हम लोगों को यहां पर बहुत से प्रकार के सरोते देखने के लिए मिले। सरोते का इस्तेमाल सुपारी काटने के लिए आज भी होता है और यहां पर अलग-अलग तरह के सरोते अलग-अलग डिजाइन के सरोते रखे गए थे। उसके बाद हम लोगों को यहां पर सिक्के देखने के लिए मिले। यहां पर बहुत ही प्राचीन मुद्राओं को रखा गया था। उसके बाद हम लोगों को ताले देखने के लिए मिले। यहां पर तालों का भी बहुत अच्छा संग्रह किया गया है यहां पर अलग-अलग प्रकार के बड़े-बड़े और अलग-अलग डिजाइन में ताले रखे गए हैं। यहां पर बिच्छू के आकार का ताला भी देखने के लिए मिल जाता है। उसके बाद हम लोगों को यहां पर पोशाक देखने के लिए मिले। प्राचीन समय में राजा रानी किस तरह की पोशाक पहनते थे। वह यहां पर हम लोग देखें और यहां पर हमें राजा रानी का स्टडी रूम भी देखने के लिए मिला, जहां पर बैठकर कुछ लिखा करते थे या पढ़ा करते थे। उनके रूम में जो अलमारी थी। उसको चांदी से सजाया गया था। यहां पर हम लोगों को राजा रानी का बेडरूम भी देखने के लिए मिला। यहां पर पलंग रखा गया था और उसके ऊपर गद्दा बिछाया गया था और तकिया रखी गई थी और यहां पर बहुत सारी चीजें हैं, जो पुरानी है। सबसे ज्यादा हम लोगों को कांच महल देखने में अच्छा लगा, क्योंकि यह पूरा रंगीन कांच उसे सजा था। इसके अलावा यहां पर एक और महल था, जो कांच का बना हुआ था, जिसकी छत पर पूरा कांच लगा हुआ था और हम लोगों की परछाई उस पर दिख रही थी, जो बहुत ही अच्छी लग रही थी।
पटवा हवेली संग्रहालय में घूमने के बाद हम लोग इस संग्रहालय के सबसे ऊपरी मंजिल की छत पर गए। यहां से जैसलमेर दुर्ग का बहुत ही अच्छा व्यू दिखाई दे रहा था। यहां पर हम लोगों ने फोटो खींचा है और उसके बाद हम लोग नीचे आए। नीचे गाइड ने हम लोगों को हवेली के नीचे जो दुकानें लगती है। वहां पर ले गया और बोला कि आप को अगर कुछ लेना है, तो यहां से ले सकते हैं। मगर हम लोगों ने यहां पर रेट पूछे, तो यहां पर रेट बहुत ज्यादा थे, तो हम लोग ने यहां पर कुछ नहीं लिया। उसके बाद हम लोग बाहर आ गए। पटवा हवेली घूमने का हमारा अनुभव बहुत अच्छा रहा और यहां पर बहुत सारी पुरानी वस्तु है, जिन्हें आप देख सकते हैं और यह हवेली बहुत आकर्षक है। हवेली में बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिल जाती है।
पटवा हवेली का प्रवेश शुल्क - Patwon ki haveli Jaisalmer entry fee
पटवा हवेली में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर एक पर्यटक का 100 रूपए लिया जाता है। हम लोग 6 लोग थे, इसलिए हमारा 600 रूपए लगा था। यहां पर हमने गाइड भी लिया था, जिसका हम लोगों ने 100 रूपए एक्स्ट्रा चार्ज दिया था। यहां पर विदेशी व्यक्ति का, एक व्यक्ति का ढाई सौ रुपए लगता है।
पटवा हवेली का निर्माण किसने किया - Who built Patwa Haveli
पटवा हवेली का निर्माण 1805 में गुमान चंद पटवा ने किया था। उन्होंने इस हवेली का निर्माण अपने निवास स्थान के रूप में करवाया था। आपको यहां पर गुमान चंद पटवा की फोटो भी देखने के लिए मिल जाएगी। यहां पर पांच हवेलियां बनी हुई है, जो बहुत ही सुंदर है।
पटवा की हवेली कहां स्थित है - Where is Patwa ki Haveli located?
पटवों की हवेली जैसलमेर की एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। पटवों की हवेली जैसलमेर शहर में जैसलमेर के बीचो बीच स्थित है। इस हवेली में पहुंचने का रास्ता थोड़ा सा सकरा है। अगर आप यहां पर ऑटो से आराम से पहुंच सकते हैं। हम लोग भी इस हवेली में ऑटो से घूमने के लिए आए थे। यहां पर पार्किंग की जगह बहुत कम रहती है।
पटवा हवेली की फोटो - Photos of Patwa Haveli
पटवा हवेली के बर्तनों का संग्रह |
पटवा हवेली |
पटवा हवेली में बर्तन का संग्रह |
पटवा हवेली में तालों का संग्रह |
पटवा हवेली में अलग-अलग डिजाइन के ताले |
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