कामदगिरि परिक्रमा चित्रकूट - Kamadgiri Chitrakoot / Kamadgiri Parvat Chitrakoot / कामदगिरि / Chitrakoot Pahad
कामदगिरि पहाड़ी की परिक्रमा करने से पुण्य अर्जित होता है, इसलिए जो भी व्यक्ति चित्रकूट घूमने के लिए आता है। वह कामदगिरि की परिक्रमा जरूर करता है। यह भी कहा जाता है कि कामदगिरि मंदिर में कामतानाथ के दर्शन करने के बाद, जो भी परिक्रमा करता है। उसके मन में जो भी इच्छा होती है। वह जरूर पूरी होती है। यहां पर आपको हजारों लोग परिक्रमा करते हुए देखने के लिए मिल जाते हैं। कामदगिरि पहाड़ को ही चित्रकूट पहाड़ भी कहा जाता है।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग 5 किलोमीटर है और इस परिक्रमा मार्ग में आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। इनमें से कुछ मंदिर बहुत ही प्राचीन है। आप कह सकते हैं, कि जब रामचंद्र जी चित्रकूट में रहते थे। उस समय के भी मंदिर आपको यहां पर देखने के लिए मिल जाएंगे। यहां पर आपको बहुत सारे बंदर देखने के लिए मिलते हैं। मगर यह बंदर किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते।
कामदगिरि पर्वत का इतिहास
History of Kamadgiri Mountains
कामदगिरि पर्वत चित्रकूट
Kamadgiri Mountains Chitrakoot
चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसी मान्यता है, कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान श्री राम में साढे 11 वर्ष कामदगिरि पर्वत के घने जंगलों में ही गुजारे थे। कामदगिरि पर्वत की विशेषता है, कि इसके चार प्रमुख द्वार चार अलग-अलग दिशा में है। श्रीराम इन्ही जंगल में निवास करते थे और यहां से निकलने के लिए उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में एक-एक द्वार बनाया गया था।
जब भगवान श्रीराम ने यहां से जाने लगे, तो चित्रकूट पर्वत ने उनसे कहा प्रभु आपने तो यहां वास किया है। इसलिए अब यह भूमि पवित्र हो गई। लेकिन आपके जाने के बाद हमें कौन पूछेगा। इस पर श्री राम जी ने उन्हें वरदान देते हुए कहा अब आप कामद हो जाएंगे, यानी इच्छाओं की पूर्ति करने वाले बन जाएंगे, जो आप की शरण में आएगा। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी और हमारी कृपा बनी रहेगी।
कामदगिरि पहाड़ी की परिक्रमा कामत नाथ मंदिर से शुरू होती है। यहां पर आप कामत नाथ जी के दर्शन करके परिक्रमा स्टार्ट करते हैं और आप की परिक्रमा कामत नाथ मंदिर में ही आकर समाप्त होती है। परिक्रमा मार्ग में आपको कामत नाथ मंदिर के प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलते हैं, जहां पर कामत नाथ जी विराजमान है। आपको करीब वहां पर चार प्रवेश द्वार देखने मिलेंगे, जहां पर आपको कामत नाथ जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं।
हम लोगों ने भी परिक्रमा कामदगिरि मंदिर से शुरू करें। यहां पर हम लोगों को बंदर मिलने स्टार्ट हो गए थे। यहां पर आपको बहुत सारे अलग-अलग दुकान एवं ठेले देखने के लिए मिलते हैं। यह हमें चने के ठेला देखने के लिए मिला। यहां पर हम लोगों ने बंदरों को खिलाने के लिए चने लिए। यहां पर चने वाली दुकान में हमें बहुत सारे सिक्के भी देखने के मिले। जो एक और दो के थे। हम लोगों ने पूछा कि यह सिक्के आप क्यों रखे हैं, तो ठेला वाले ने कहा, कि आप यह सिक्के यहां पर दान कर सकते हैं। जो भी लोग यहां पर आप से दान मागे, आप उन्हें दे सकते हैं। हम लोगों ने यह सिक्के भी ठेला वाले से ले लिए। यह सिक्के आपको ₹10 में 9 सिक्के मिल जाते हैं। मतलब ₹10 में आपको ₹9 मिलते हैं। आप यह सिक्के किसी को भी दान में दे सकते हैं।
उसके बाद हम लोग आगे बढ़े। यहां पर आपको बहुत सारे बाबा लोग भी मिलते हैं, जो आप लोगों को विश्वास दिलाते हैं, कि आप उन्हें कुछ दान दक्षिणा करें, तो वह आपकी समस्याओं का हल करेंगे, तो आप चाहे तो उन्हें दान दक्षिणा कर सकते हैं। अगर आपका ऐसा कोई इरादा ना हो, तो आप अपनी परिक्रमा जारी रख सकते हैं। आगे चलकर हमें यहां पर केले और गाजर की ठेले देखने के लिए मिले।
कामदगिरि परिक्रमा में बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं, जो दान दक्षिणा में करते हैं। यहां पर बंदर ढेर सारे हैं। इसलिए गाजर और केले के ठेले लगे रहते हैं। यहां पर अन्य सब्जियों के भी आपको ठेले देखने के लिए मिल जाएंगे, जैसे भटा हो गया टमाटर हो गया। इन सभी के ठेले भी यहां पर लगे रहते हैं। श्रद्धालु इन सामानों को खरीद कर बंदरों या लोगों को दान कर सकते हैं। वैसे यहां पर बंदर बहुत हैं, तो लोग यहां पर बंदरों को ही यह सभी चीजें दान करते हैं। यहां पर श्रद्धालु कभी-कभी पूरा-पूरा ठेला खरीद लेते हैं और दान करते हुए चलते हैं। हम लोगों ने भी यहां पर एक दर्जन केले लिए, जो हमने बंदरों को खिलाएं। जब हम लोग बंदर को केला खिला रहे थे। तब एकदम से ढेर सारे बंदर आ गए, जिससे हम लोगों को बहुत डर लगने लगा था। मगर जो हमारा केले वाले भैया थे, उन्होंने बोले कि आप खिला दीजिए और वह कुछ नहीं करेंगे, तो हम लोगों ने केले खिला दिए।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में आपको बंदरों के अलावा भी बहुत सारे जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको गाय भी देखने के लिए मिल जाती है। बकरियां भी देखने के लिए मिल जाती है और कुत्ते भी देखने के लिए मिल जाते हैं। आप इन्हें भी कुछ खिलाना चाहे तो खिला सकते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में हमें बहुत सारे मंदिर भी देखने मिले। इनमें से कुछ मंदिर बहुत ही खूबसूरत बने हुए हैं और कुछ मंदिर बहुत पुराने हैं और जर्जर हालत में है। कामदगिरि में बांके बिहारी जी का मंदिर है। यह कामदगिरि मंदिर के पास ही में स्थित है। जब आप कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में जाएंगे, तो आपको श्री हनुमान गढ़ी या बड़ा हनुमान मंदिर देखने के लिए मिलेगा और श्री कामना देवी अष्टभुजी माता का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यहां पर आपको बाबा भी मिलेंगे। आप आगे जाते हैं, तो आपको यहां पर काली माता का एक और मंदिर देखने के लिए मिलेगा। भगवान शंकर जी की पंचमुखी प्रतिमा देखने के लिए मिलेगी। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर देखने के लिए मिलेगा, जो बहुत खराब हालत में था। यहां पर आपको प्राचीन अनादी श्री कामनाथ मुखर बिंदु मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यह कामदगिरि का पहला द्वार है।
आप कामदगिरि परिक्रमा में आगे बढ़ते हैं, तो आपको श्री राम जानकी महल मंदिर देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर के पास भी बहुत सारे बाबा लोग बैठे रहते हैं, जो आपसे दान में पैसे मांगते हैं। आप आगे जाएंगे, तो आगे आपको रास्ते में ही नरसिंह भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिलेंगे। यहां मंदिर नहीं बना हुआ है, सिर्फ प्रतिमा रखी गई है। छाँव के लिए ऊपर घास बिछा दिया है। यहां पर नरसिंह भगवान हिरण कश्यप का वध कर रहे है। आप आगे जाएंगे, तो आपको महानिर्वाणी अखाड़ा देखने के लिए मिलेगा। यह मंदिर भी काफी बड़ा है और काफी खूबसूरत है। आप आगे जाएंगे, तो आपको श्री धनुष धारी वनवासी राम मंदिर देखने के लिए मिलेगा। श्री धनुषधारी मंदिर के पास ही आपको भगवान शंकर और मां पार्वती जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलेगी। यहां पर राम भगवान जी की भी आपको प्रतिमा देखने के लिए मिलते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में आगे जाने पर आपको श्री साक्षी गोपाल मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप इस मंदिर में भी दर्शन कर सकते हैं। आगे जाने पर आपको श्री बद्री नारायण मंदिर के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और यह आश्रम भी है। आगे जाने पर आपको श्री गुरु वशिष्ठ आश्रम देखने के लिए मिलता है। यहां पर गुरु वशिष्ट जी की प्रतिमा विराजमान है। उसके अलावा आपको यहां पर सती अनुसुइया एवं बाल रूप में त्रिदेव की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी और हनुमान जी की प्रतिमा भी आपको देखने के लिए मिल जाएगी, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में आपको राम भरत मिलाप मंदिर देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर में आपको जब राम जी भरत जी से मिले थे। तब चटटने भी उनके मिलने से पिघल गई थी तो वह चटटने आप यहां पर देख सकते हैं। यह मंदिर कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर स्थित एक प्रमुख मंदिर है।
आगे बढ़ने पर आपको प्राचीन ब्रह्मा रमा बैकुंठ कामत नाथ मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप इस मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। आगे जाने पर आपको विराज कुंड देखने के लिए मिलता है। विराज कुंड एक प्राचीन कुंड है और इसमें पानी भी भरा है। यहां पर बंदर पानी पीते है। यह कुंड चारों तरफ से लोहे के पाइप से कवर है। आगे बढ़ने पर आपको लेटे हुए हनुमान जी देखने के लिए मिलते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में आगे बढ़ने पर श्री कामधेनु माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर में जाने के सीढ़ी है। आप आगे जाते हैं तो आपको श्री साकेत बिहारी आश्रम देखने के लिए मिलता है, जो खूबसूरत लगता है। आपको यहां पर लक्ष्मण पहाड़ी भी देखने के लिए मिलती है। लक्ष्मण पहाड़ी पर जाने के लिए आपको रोपवे और सीढ़ियां दोनों ही मिलती है, तो आप आसानी से लक्ष्मण पहाड़ी में जा सकते हैं। यहां पर आपको श्री राम जी माता, सीता जी और लक्ष्मण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग आप आगे जाते हैं, तो आपको श्री नरसिंह अवतार दर्शन एवं लक्ष्मण झूला मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर भी प्रमुख है और आप इस मंदिर को देख सकते हैं। काफी खूबसूरत और काफी बड़ा मंदिर है। आप आगे जाएंगे, तो आपको कामतनाथ मंदिर का तृतीय मुख्य बिंदु मतलब प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलेगा। आप आगे जाएगे, तो आपको लक्ष्मी नारायण मंदिर देखने के लिए मिलता है और कामत नाथ जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको बद्रीनारायण मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। आप आगे जाएंगे, तो आपको बरहा के हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलेगा। इस मंदिर का भी पौराणिक महत्व है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां स्थापित मूर्ति की स्वयं प्रकट हुई है।
आगे जाने पर आपको श्री रघुवीर किशोरी जी मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह पश्चिमी प्रवेश द्वार है। आप इनके भी दर्शन कर सकते हैं। आगे जाने पर आपको चोपड़ा मंदिर देखने के लिए मिलता है। चोपड़ा मंदिर में आपको एक प्राचीन बावड़ी भी देखने के लिए मिल जाएगी।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में चोपड़ा मंदिर के बाद आपको हमें पीली कोठी नाम का एक बोर्ड देखने के लिए मिला। मगर यहां पर पीली कोठी कहीं नहीं दिख रही थी। यह इस जगह का नाम है। आगे बढ़ने पर हमें चित्रकूट पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर डॉ स्वामी दयानंद जी महाराज का आश्रम देखने के लिए मिला। आप इसे पीली कोठी चित्रकूट आश्रम भी कहा सकते है। यह आश्रम में बहुत बड़ा था और अच्छा था। आगे बढ़ने पर हमें श्री वनवासी राम मंदिर देखने के लिए मिला, जो पीली कोठी ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है। आगे जाने पर हमें लोधी राजपूत धर्मशाला देखने के लिए मिली। यह धर्मशाला है। यहां पर हनुमान जी के एक बड़ी सी मूर्ति प्रवेश द्वार पर लगी रखी हुई थी और प्रवेश द्वार में गणेश जी का चित्र बना हुआ था।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ने पर हमें सरयू कुंड देखने के लिए मिला। सरयू कुंड एक तालाब है और यह तालाब जब हम गए थे। तब सुखा हुआ था। तालाब बरसात के समय शायद पानी से भरा रहता है। यहां पर बैठने के लिए अच्छी जगह बनी हुई थी।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर आगे बढ़ने पर हमें कामत नाथ जी का चौथा फाटक देखने के लिए मिला और आप इस मंदिर में भी जाकर दर्शन कर सकते हैं। आगे जाने पर हमें दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर देखने के लिए मिला। श्री विजय राघव भगवान जी का मंदिर हमें यहां पर देखने के लिए मिला। श्री सीताराम जी का मंदिर देखने के लिए मिला। श्री जगदीश मंदिर हमको यहां पर देखने के लिए मिला। श्री बलदाऊ जी का मंदिर भी देखने के लिए मिला। परिक्रमा करते हुए श्री बांके बिहारी के मंदिर पहुंच गए। इस तरह मंदिरों के दर्शन करते हुए हम कामदगिरि मंदिर तक पहुंच गए हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पूरा पक्का बना हुआ है और इस मार्ग छाया के लिए लोहे के शेड लगे हुए हैं। ताकि किसी भी तरह की परेशानी लोगों को ना हो। लोग आराम से परिक्रमा मार्ग में चल सके। आपको परिक्रमा मार्ग में एक जगह पर आपको बहुत सारी खाने पीने की दुकानें देखने के लिए मिल जाएगी। यहां पर आपको तरह-तरह की मिठाइयां, नमकीन आइटम मिल जाते हैं। आप यहां से चाय नाश्ता भी कर सकते हैं और खरीद के भी अपने घर लेकर जा सकते हैं। परिक्रमा मार्ग में आप कामदगिरि पहाड़ी को देखते हैं, तो यहां पर सरकार की तरफ से बहुत सारे पेड़ लगाए हुए हैं। यहां पर जगह-जगह पर आपको गंदगी न फैलाने का बोर्ड देखने के लिए मिल जाता है। आप इस चीज का जरूर पालन करें। किसी भी प्रकार की गंदगी ना फैलाएं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में हम लोगों को करीब 5 घंटे लगे थे, क्योंकि हम लोग आराम से परिक्रमा कर रहे थे। आप चाहें तो यहां पर जल्दी परिक्रमा कर सकते हैं। करीब 2 से ढाई घंटे में यह परिक्रमा पूरी हो जाती है। परिक्रमा मार्ग में आपको बहुत सारी दुकान देखने के लिए मिलती है। जहां पर आपको पौराणिक किताबें, पर्स, बैग, धार्मिक सामान, सिंदूर, खिलौने बहुत सारे चीजें मिल जाती हैं, तो आप यहां पर शॉपिंग करते हुए भी परिक्रमा कर सकते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा करने में जो भी लोग असमर्थ रहते हैं। उनके लिए यहां पर व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध रहती है। यहां पर छोटे-छोटे बच्चे व्हीलचेयर के द्वारा बूढ़े लोगों को और असमर्थ लोगों को कामदगिरि की परिक्रमा करवाते हैं और उनको कुछ चार्ज पे करना पड़ता है, तो यहां पर सभी लोग परिक्रमा आराम से कर सकते हैं।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में हम लोगों को बहुत अच्छा लगा और एक अलग तरह का अनुभव मिला।
कामदगिरि परिक्रमा चित्रकूट की फोटो
Photo of Kamadgiri Parikrama Chitrakoot
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग |
श्री राम जानकी महल मंदिर |
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग |
नरसिंह भगवान की प्रतिमा |
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर |
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग |
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग |
श्री साक्षी गोपाल मंदिर |
श्री धनुषधारी वनवासी राम मंदिर |
कामदगिरि पर्वत |
श्री गुरु वशिष्ट जी की प्रतिमा |
सती अनसूया एवं बाल रूप श्री त्रिदेव जी की मूर्तियां |
श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्तियां |
विराज कुंड |
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में लगा बाजार |
श्री कामधेनु माता का मंदिर |
श्री भरत मिलाप मंदिर |
कामदगिरि परिक्रमा का तीसरा प्रवेश द्वार |
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में लगा बाजार |
प्रकट हुए बरहा के श्री हनुमान जी का मंदिर |
श्री रघुवीर किशोर मंदिर |
पीली कोठी का बोर्ड |
श्री बांके बिहारी जी का मंदिर |
कामदगिरि पर्वत का दृश्य |
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आदि विमान मंडपम मंदिर इलाहाबाद (प्रयागराज)
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