बाड़मेर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Barmer District / बाड़मेर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
बाड़मेर राजस्थान का मुख्य जिला है। बाड़मेर राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 520 किलोमीटर दूर है। बाड़मेर भारत देश में भारत और पाकिस्तान की बॉर्डर के पास स्थित है। पाकिस्तान बॉर्डर बाड़मेर से करीब 100 किलोमीटर दूर होगी। बाड़मेर पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने में आपको बहुत मजा आएगा। बाड़मेर में, भारत और पाकिस्तान की सीमा के पास गडरारोड गांव स्थित है। यह गांव बाड़मेर से करीब 8 किलोमीटर दूर है। यह गांव भारत के अंतिम छोर में स्थित एक प्रमुख गांव हैं।
बाड़मेर जिले में लूनी नदी बहती है। यहां पर हुगली नदी भी बहती है। बाड़मेर जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। बाड़मेर जिला में आपको सैंड ड्यून्स देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर बहुत एंजॉय कर सकते हैं। सैंड ड्यून्स में आप ऊंट की सवारी कर सकते हैं और यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देख सकते हैं। बाड़मेर जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - बाड़मेर में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
बाड़मेर में घूमने की जगह - Barmer mein ghumne ki jagah
श्री जोगमाया गढ़ मंदिर बाड़मेर - Shree Jogmaya Garh Mandir Barmer
श्री जोगमाया गढ़ मंदिर बाड़मेर जिले का एक धार्मिक स्थल है। यह बाड़मेर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बाड़मेर जिले में ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर में पहुंचकर आपको बाड़मेर जिले का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां से आप दूर दूर तक के दृश्य को देख सकते हैं। रात के समय भी यहां पर सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। रात के समय आप बाड़मेर शहर को देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि पूरे शहर में तारे बिछे हुए हैं और चमक रहे हैं, क्योंकि रात में लाइट जलती है, जिससे बहुत सुंदर दृश्य देखने मिलता है।
श्री जोगमाया गढ़ मंदिर जगदंबा माता को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में माता की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर मार्बल से बना हुआ है और बहुत सुंदर लगता है। मंदिर के बाहर आप को शेर की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो सफेद मार्बल से बनी हुई है। मंदिर से सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर में आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर अच्छा समय बिताया जा सकता है।
मंदिर में आपको बाड़मेर का किला देखने के लिए मिलता है। यह किला ऊंचाई पर बना हुआ है और आप इस किले में घूम सकते हैं। इस किले के अधिकतर भाग खंडहर में तब्दील हो गए हैं। मगर आप इस किले की प्राचीनता को देख सकते हैं। नवरात्रि में यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां आ कर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर नागचेनी मंदिर भी बना हुआ है। इसके दर्शन भी आप कर सकते हैं।
बाड़मेर हिल्ली स्मृति उद्यान बाड़मेर - Barmer hilli smriti udyan Barmer
बाड़मेर हिल्ली स्मृति उद्यान बाड़मेर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। बाड़मेर हिल्ली मेमोरियल उद्यान में आपको व्यूप्वाइंट, मालानी वल्केनिक हिल, मेडिटेशन पॉइंट, सनसेट पॉइंट और नेचुरल ट्रेल देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आपको बहुत सारे पक्षी भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको बड़ी-बड़ी पत्थरों की चट्टान देखने के लिए मिलती है। यहां पर व्यूप्वाइंट बना हुआ है, जहां से आप चारों तरफ का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर गुग्गल वाटिका देखने के लिए मिलती है। यह जगह प्राकृतिक दृष्टि से बहुत आकर्षक है। यह जगह मुख्य शहर से 2 किलोमीटर दूर है और इस पार्क में एंट्री के लिए कोई भी चार्ज नहीं लिया जा सकता है।
इस पार्क की एक और मुख्य विशेषता यह है, कि इस पार्क में आप अपने परिजनों की याद में पेड़ लगा सकते हैं और उस पेड़ की देखरेख के लिए यहां पर एक राशि को जमा कर सकते हैं। जिससे आप के पेड़ की देखभाल की जाएगी और उस परिजन का नाम और डेट को भी वहां पर लिखा जाएगा, जिससे आप उस परिजन की याद को काफी लंबे समय तक याद रख सकें।
यहां पर आपको एक छोटा सा ग्रीनहाउस देखने के लिए मिलेगा, जिसमें बहुत सारे डिफरेंट प्लांट देखने के लिए मिलेंगे। यहां पर कैक्टस प्लांट देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर पहाड़ी पर दो छोटे-छोटे हट बनाए गए हैं, जहां पर आप ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं और वहां से चारों तरफ का दृश्य देख सकते हैं। आप यहां पर आते हैं, तो अपने लिए पानी और खाने का कुछ सामान जरूर लेकर आएं, क्योंकि यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यह पार्क बाड़मेर के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक है।
श्री हनुमान टेकरी बाड़मेर - Shri Hanuman Tekri Barmer
श्री हनुमान टेकरी बाड़मेर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बाड़मेर में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए, 1 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यह मंदिर 800 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है। यहां पर आपको सुजेश्वर महादेव मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो बाड़मेर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर से चारों तरफ का आकर्षक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और मन को शांति मिलती है।
यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है और पथरीली वादियां देखने के लिए मिलती है। यह बाड़मेर का सबसे ऊंचा स्थान है। स्थानीय लोग इसे सुजेश्वर धूनी के नाम से भी जानते हैं। यहां पर शिव भगवान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर हनुमान मंदिर भी बना हुआ है।
सुजेश्वर महादेव मंदिर और हनुमान टेकड़ी बाड़मेर शहर का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में बरसात के समय आप घूमने के लिए आएंगे, तो आपको और भी अच्छा लगेगा, क्योंकि बरसात के समय यहां का दृश्य बहुत ज्यादा सुंदर रहता है और बरसात के समय यहां पर छोटे-छोटे झरने भी देखने के लिए मिलते हैं, यहां पर सन सेट का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह बाड़मेर में घूमने लायक मुख्य जगह है।
श्री सफलेश्वर महादेव मंदिर बाड़मेर - Shree Sapleswar Mahadev Mandir Barmer
श्री सफलेश्वर महादेव मंदिर बाड़मेर में स्थित है और यह मंदिर शिव शंकर को समर्पित है। यह बाड़मेर में घूमने वाली मुख्य जगह है। यहां पर शिव शंकर जी का शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत बड़े काले रंग का शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जो खुले आकाश के नीचे विराजमान है और बहुत सुंदर लगता है। यह हनुमान टेकरी मंदिर की तलहटी पर स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। मंदिर के पास में आपको श्री गणेश मंदिर देखने के लिए मिलता है।
शिव शक्ति धाम बाड़मेर - Shiv Shakti Dham Barmer
शिव शक्ति धाम बाड़मेर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बाड़मेर मुख्य सिटी में है। इस मंदिर को जसदेर धाम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा बगीचा देखने के लिए मिलता है और मंदिर के पास एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है। शिव शक्ति धाम, बाड़मेर जिले में बाड़मेर जोधपुर हाईवे सड़क पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। आप यहां पर अपने वाहन से आ सकते हैं। यह बाड़मेर का बेस्ट पिकनिक स्पॉट है। यह मंदिर बहुत बड़ा है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और पत्थर से बना हुआ है। यह बाड़मेर शहर का सबसे बड़ा शिव मंदिर है।
यहां पर मंदिर के पास में ही एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है, जिसमें कमल के फूल लगे हुए हैं। तालाब में मछली और कछुआ देखने के लिए मिल जाता है। आप मछली और कछुआ को दाना डाल सकते हैं। यहां पर तालाब के किनारे सीढ़ियां बनी हुई है, जहां पर आप बैठकर अच्छा समय बिता सकते हैं। तालाब में बहुत सारे कमल के फूल भी लगे हुए हैं। यह बाड़मेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
इस मंदिर के पास बहुत बड़ा बगीचा बना हुआ है। बगीचे में तरह तरह के फूल लगे हुए हैं। यहां पर आप बगीचे में भी आकर बैठ सकते हैं। मंदिर में आपको बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको शिव शंकर जी, हनुमान जी, गणेश जी, राम जी, लक्ष्मण जी, सीता जी, के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत सुंदर है। मंदिर के प्रवेश द्वार में हाथियों की दो बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है।
यहां पर सोमवार के दिन बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां पर सावन सोमवार पर महाशिवरात्रि में भी बहुत भीड़ लगती है। यहां पर पार्क में बहुत सारे झूले लगे हुए हैं, जहां पर बच्चे इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर आप बदक भी देख सकते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा एहसास होता है।
किराडू मंदिर बाड़मेर - Kiradu Temple Barmer
किराडू मंदिर बाड़मेर में घूमने वाली मुख्य जगह है। किराडू मंदिर बाड़मेर से करीब 35 किलोमीटर दूर है और जैसलमेर से 150 किलोमीटर दूर होगा। यह मंदिर ग्राम पंचायत हाथवा के अंतर्गत आते हैं। यहां पर पांच मंदिर समूह देखने के लिए मिलते हैं। इन मंदिरों की दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है। यह मंदिर राजस्थान के खजुराहो के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि मंदिर की दीवारों में बहुत सुंदर काम किया गया है। यह मंदिर 11वीं और 12वीं शताब्दी के हैं। इस मंदिर में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर भारतीय पर्यटकों का 50 रूपए, विदेशी पर्यटकों का 200 रूपए लिया जाता है। मंदिर में घूमने का समय 9 बजे से शाम के 6 बजे तक है। इन मंदिरों का डिजाइन बहुत ही सुंदर है।
किराडू के मंदिर की प्रसिद्धि का एक और कारण यह है, की इन मंदिरों में सूर्यास्त होने के बाद, कोई भी नहीं जाता है। उसका एक मुख्य कारण यह है, कि इन मंदिरों में अगर सूर्यास्त होने के बाद अगर कोई जाता है, तो उसकी मृत्यु हो जाती है या वह पत्थर का बन जाता है। पत्थर के बनने के लिए, यहां पर एक कहानी मशहूर है, जो आप यहां पर आकर जान सकते हैं।
किराडू 11वीं 12वीं शताब्दी में एक समृद्ध नगरी थे। यहां के परमार एवं चौहान शासक गुजरात के सोलंकी राजाओं के अधीन थे। विदेशी आक्रमणकारियों के फलस्वरुप यह नगरी उजड़ गई। इस नगरी में 11वीं शताब्दी में अनेक भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ, जो आज भी हमारे प्राचीन गौरव के प्रतीक है। वर्तमान में मरू गुर्जर शैली के मात्र 5 शैव वैष्णव मंदिर के भग्नावशेष है। इनमें सोमेश्वर महादेव मंदिर सर्वाधिक अनूठा है। यह मंदिर ऊंचे चबूतरे के ऊपर बने हुए हैं। मंदिर के गर्भगृह का प्रवेश द्वार बहुत सुंदर है। यह बाड़मेर में घूमने लायक मुख्य जगह है। यहां आकर आपको अच्छा लगेगा।
मातृ मंदिर बाड़मेर - Matr Mandir Barmer
मातृ मंदिर बाड़मेर शहर का एक मुख्य मंदिर है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बाड़मेर में इन्द्रोई गांव में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। यह मंदिर पूरा पत्थर से बना हुआ है। मंदिर के पास गार्डन बना हुआ है। मंदिर के अंदर बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। यहां पर आपको श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी, हनुमान जी, मां दुर्गा जी, शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के बाहर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है, जहां पर बहुत अच्छा समय बिताया जाता है। यहां पर आपको मोर देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आप अपना समय बिताने के लिए आ सकते हैं और मंदिर में घूम सकते हैं।
रण ऑफ रेडाणा बाड़मेर - Rann of Raidana Barmer
रण ऑफ़ रेडाणा बाड़मेर में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। यह बाड़मेर से करीब 55 किलोमीटर दूर रेडाणा गांव में स्थित है। यहां पर आपको खारे पानी की एक दलदल वाली झील देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है और यह बहुत दूर तक फैली हुई है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां गर्मी के समय पानी सूख जाता है, तो यहां पर सफेद रण देखने के लिए मिलता है और बरसात के समय यहां पर पानी भर जाता है, जिससे यहां पर बहुत सारे पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
रण ऑफ़ रेडाणा को देखने के लिए, आसपास गॉव के लोग आते है। इस जगह को मिनी गोवा या राजस्थान का मिनी कच्छ का रण के नाम से जाना जाता है। यहां पर ऊंट की सवारी, घोड़े की सवारी और जीप की सवारी भी उपलब्ध रहती है। यहां पर बरसात के समय, नजारे देखने लायक रहते हैं। यहां पर आप आकर इंजॉय कर सकते हैं।
श्री वांकल माता मंदिर बाड़मेर - Shri Vankal Mata Mandir Barmer
श्री वांकल माता मंदिर बाड़मेर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। यह मंदिर बाड़मेर की पश्चिमी सीमा पर स्थित चौहटन तहसील से 7 किलोमीटर दूर ढोक गांव में बना हुआ है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस स्थान पर मां वांकल का बहुत सुंदर मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। नवरात्रि में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां वाला मार्ग उपलब्ध है।
मंदिर के नीचे की तरफ बहुत सारी धर्मशालाएं बनी हुई है, जहां पर लोग ठहर सकते हैं। यहां पर आने के लिए राजस्थान और गुजरात से बसों की सुविधा उपलब्ध है। मंदिर तक आने के लिए अच्छी सड़क व्यवस्था है।
वांकल माता हिंगलाज माता का ही रूप है। हिंगलाज माता का एकलौता मंदिर पाकिस्तान में बना हुआ है। कहा जाता है, कि प्राचीन समय में महाराजा विक्रमादित्य, माता हिंगलाज को पाकिस्तान से उज्जैन ले जाने के लिए कठोर तप किया था और माता ने प्रसन्न होकर राजा के साथ जाने के लिए तैयार हो गई। मगर माता ने एक शर्त रखी थी, कि अगर तुम पीछे पलट कर देखोगे, तो मै वहीं पर विराजमान हो जाएगी और राजा विक्रमादित्य माता को लेकर पाकिस्तान से चल दिए और इस जगह पर आकर राजा विक्रमादित्य ने विश्राम किया और पीछे पलट कर देख लिया। इसलिए माता यहीं पर विराजमान हो गई।
वांकल माता मंदिर के चारों तरफ ऊंची ऊंची पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर प्राकृतिक परिदृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां आ कर अच्छा लगता है और शांति मिलती है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां पर पहाड़ी के ऊपर से आप दूर दूर तक के सुंदर दृश्य देख सकते हैं और सूर्यास्त का भी दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत आकर्षक रहता है। वांकल माता का मंदिर बाड़मेर में घूमने लायक मुख्य स्थान है।
श्री डूंगरपुरी जी का मठ बाड़मेर - Shri Dungarpuri Ji's Math Barmer
श्री डूंगरपुरी जी का मठ बाड़मेर का एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है। श्री डूंगरपुरी जी का मठ बाड़मेर जिले में 50 किलोमीटर दूर चौहटन तहसील में स्थित है। यहां पर आपको यह सुंदर मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर आपको शिव मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर कपालेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है, जहां पर शिवलिंग विराजमान है। यहां पर मां दुर्गा के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको एक भूमिगत जलाशय देखने के लिए मिलता है, जिस पर नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है।
यहां पर आपको पहाड़ों के बीच में एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं। यह जगह डूंगरपुर महाराज जी की तपोस्थली मानी जाती है। यहां पर आपको डूंगरपुर महाराज जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए भी मिल जाएंगे। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। यहां पर शाम के समय सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है।
वैर माता का मंदिर बाड़मेर - Vair Mata Temple Barmer
वैर माता का मंदिर बाड़मेर में स्थित प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बाड़मेर जिले के चौहटन तहसील में घूमने वाली मुख्य जगह है। यहां पर माता का मंदिर पहाड़ियों के बीच में बना हुआ है। यहां पर आप अपने वाहन से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के पास एक छोटा सा जलाशय भी देखने के लिए मिलता है। मंदिर के पास एक गौशाला भी बनी हुई है। यहां पर आ कर बहुत अच्छा लगता है।
निंबड़ी माता जी का मंदिर बाड़मेर - Nimbadi mata ji ka mandir Barmer
निंबड़ी माताजी का मंदिर बाड़मेर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बाड़मेर से 30 किलोमीटर दूर निंबड़ी नाम की जगह पर स्थित है। यह मंदिर चौहटन तहसील में जाने वाले रास्ते में स्थित है। यह मंदिर बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है। यह मंदिर जगदंबा माता जी को समर्पित है। मंदिर में आपको जगदंबा माता जी की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर और भी बहुत सारी सुंदर सुंदर मूर्तियां विराजमान है।
मंदिर में आपको एक बड़ा सा स्विमिंग पूल देखने के लिए मिलता है, जिसे तरणताल के नाम से जाना जाता है। यहां पर पार्क भी बना हुआ है। यहां पर आपको मोर देखने के लिए मिल जाते हैं। तरणताल के पास घंटाघर बना हुआ है। यहां पर गौशाला भी बनी हुई है, जहां पर गायों की सेवा की जाती है। इस जगह को निंबड़ी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि प्राचीन समय पर यहां पर नीम के बहुत ज्यादा पेड़ थे और नीम के पेड़ के नीचे माता की मूर्ति विराजमान थी। इस मंदिर को भव्य तरीके से बना दिया गया है और यह बाड़मेर में घूमने लायक एक प्रमुख जगह है और आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
हिंगलाज माता का मंदिर बाड़मेर - Hinglaj Mata Temple Barmer
हिंगलाज माता का मंदिर बाड़मेर का दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर बाड़मेर जिले के जासई में स्थित है। जासई बाड़मेर से करीब 15 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर अपनी कार या बाइक से पहुंच सकते हैं। यहां पर पहाड़ों के बीच में, मां हिंगलाज माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यहां पर आप घूमने के लिए आते हैं, तो आपको अच्छा लगेगा और मन को शांति मिलेगी। यहां पर बरसात के समय, जलप्रपात देखने के लिए मिलते हैं।
हिंगलाज माता मंदिर के चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। माता का मंदिर पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। माता के मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां नवरात्रि में बहुत भीड़ लगती है। यहां आ कर अच्छा लगता है। माता हिंगलाज मां सती का ही रूप है। पाकिस्तान में माता सती का शक्तिपीठ स्थित है। यहां पर मां हिंगलाज के बारे में कहा जाता है, कि 300 साल पहले एक साधु महात्मा ने माता हिंगलाज की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर मां हिंगलाज पहाड़ों को चीर कर यहां पर प्रकट हुई थी और यहां पर अभी सुंदर मंदिर बनाया गया है और माता की पूजा की जाती है। आप यहां पर घूम सकते हैं और आपको यहां अच्छा लगेगा। यह बाड़मेर के पास घूमने के लिए मुख्य जगह है।
श्री रानी भटियाणी मंदिर जसोल बाड़मेर - Shree Rani Bhatiani Mandir Jasol Barmer
श्री रानी भटियाणी मंदिर बाड़मेर जिले का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बाड़मेर जिले में बालोतरा तहसील में स्थित है। यह मंदिर बालोतरा तहसील के जसोल गांव में बना हुआ है। इसे जसोल धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर लूनी नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है।
मंदिर में रानी भटियाणी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। यह मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में आप ऑटो से आराम से पहुंच सकते हैं। आप यहां पर अपने वाहन से भी आ सकते हैं। मंदिर में ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां पर आप काफी कम प्राइस में रात के समय रुक सकते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां आ कर अच्छा लगता है।
भीमगोड़ा मंदिर बाड़मेर - Bhimgora Temple Barmer
भीमगोडा मंदिर बाड़मेर का एक प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। भीमगोडा मंदिर बाड़मेर जिले में बालोतरा तहसील में स्थित है। यह मंदिर बालोतरा से 30 किलोमीटर दूर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों के द्वारा किया गया था। यहां पर आपको प्राचीन जलाशय भी देखने के लिए मिलता है, जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता है। यहां पर आकर पांडवों ने अपनी प्यास बुझाई थी।
यहां पर भगवान शिव, आशापुरा माताजी, हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको श्री मंच गुरु गौशाला भी देखने के लिए मिलती है, जहां पर गायों की सेवा की जाती है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है। बरसात में यहां पर झरना भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर ऊंचे ऊंचे पहाड़ों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत सुंदर है और आपको यहां पर घूमने के लिए जरूर आना चाहिए। यह बाड़मेर का पिकनिक स्पॉट है।
श्री नाकोड़ा जी जैन मंदिर बाड़मेर - Shri Nakoda Ji Jain Temple Barmer
श्री नाकोड़ा जी जैन मंदिर बाड़मेर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध जैन मंदिर है। यहां पर आपको हिंदू मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर काल भैरव जी का मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर पार्श्वनाथ भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। पूरा मंदिर में नक्काशी की गई है। यह मंदिर बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मंदिर बाड़मेर जिले के बालोतरा तहसील में स्थित है। यह मंदिर बालोतरा तहसील से 10 किलोमीटर दूर नाकोड़ा में स्थित है। यहां पर आप ऑटो से पहुंच सकते हैं। यहां पर ठहरने के लिए धर्मशाला बनी हुई है और खाने के लिए भोजशाला भी उपलब्ध है। यहां पर घूमने के लिए बहुत सारी जगह है।
यहां पर पार्श्वनाथ भगवान जी की बहुत सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर पार्श्वनाथ जी की काले रंग की पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर भैरव जी का भी प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में काले कलर के भैरव भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। नाकोडा सिटी को प्राचीन समय में बीरमपुर के नाम से जाना जाता था। यह जगह बहुत सुंदर है और मंदिर को बहुत अच्छी तरह से सजाया गया है। यहां पर कांच का सुंदर काम देखने के लिए मिलता है। आप बाड़मेर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको इस मंदिर में जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
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