बूंदी जिले के दर्शनीय स्थल - Best Places to visit in bundi / बूंदी जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
बूंदी राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। बूंदी राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 200 किलोमीटर दूर है। बूंदी कोटा से करीब 50 किलोमीटर दूर है। बूंदी जिला पहाड़ों से घिरा हुआ है। बूंदी जिले में चारों तरफ सुंदर-सुंदर पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। बूंदी जिले में बहुत सारे प्राकृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। बूंदी जिले को छोटा काशी कहा जाता है, क्योंकि बूंदी जिले में बहुत सारे शिव मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। बूंदी जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - बूंदी जिले में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है।
बूंदी में घूमने की जगह - Bundi mein ghumne ki jagah
तारागढ़ का किला बूंदी - Taragarh Fort Bundi
तारागढ़ का किला राजस्थान का प्रसिद्ध किला है। तारागढ़ के किले को बूंदी का किला कहा जाता है। यह किला अरावली पर्वत श्रेणी में नागापहाड़ी पर बना हुआ है। बूंदी का किला, बूंदी जिले में हाड़ोती नाम के क्षेत्र में स्थित है। यह किला ऊंचाई पर बना हुआ है। यह किला बहुत सुंदर है। बूंदी का किला 1426 फीट ऊंचे पर्वत शिखर पर बना हुआ है। बूंदी के किले का निर्माण 1354 ईस्वी में बूंदी के संस्थापक राव देव हाड़ा ने करवाया था। यह एक विशाल और सुंदर किला है। यहां पर आपको तारागढ़ दुर्ग और गढ़ पैलेस देखने के लिए मिलता है। यह दोनों पैलेस पास में ही बने हुए हैं और बहुत सुंदर हैं। इन पैलेस के अंदर आपको बहुत सारी जगह देखने के लिए मिलती है।
मेवाड़ के राजकुमार पृथ्वीराज ने अपनी पत्नी तारा के कहने पर इस किले का दोबारा निर्माण करवाया था। इसलिए यह दुर्ग तारागढ़ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दुर्ग के चारों तरफ ऊंची ऊंची दीवारों का निर्माण करवाया गया है। इस दुर्ग के प्राचीर का निर्माण फौजदार दलेल ने कराया था, फौजदार दलेल उस समय तक जयपुर रियासत के सामंत के रूप में, यहां का शासक भी रहे थे। तारागढ़ फोर्ट में बहुत सारी जगह है, जहां पर आप घूम सकते हैं।
इस दुर्ग में आपको हथिया पोल, रंग मंडप, रंग विलास, रतन दौलत, रतन विलास, दीवान ए आम, दरी खाना देखने के लिए मिलते हैं। इन महलों का निर्माण कार्य राव रतन सिंह के द्वारा 1664 से 1688 के मध्य हुआ था। यहां पर आपको राव भोज द्वारा निर्मित बादल महल, फूल महल, और राव शत्रुसाल सिंह द्वार निर्मित छत्र महल, एवं राव अनिरुद्ध सिंह द्वारा अनिरुद्ध महल का निर्माण करवाया गया था। छत्र महल, फूल महल एवं बादल महल में भित्ति चित्र भी बनाए गए हैं, जो बहुत सुंदर है।
तारागढ़ दुर्ग में सबसे आकर्षित करने वाला स्थल चित्रशाला है। चित्रशाला में आपको बहुत सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। उम्मेद महल के नाम से प्रसिद्ध, इस भव्य चित्रशाला का निर्माण राव उम्मेद सिंह ने करवाया था। इस महल का निर्माण 1749 से 1773 के बीच करवाया गया था। इसकी दीवारों पर निर्मित चित्र राव उम्मेद सिंह तथा बिशन सिंह के समय के हैं। चित्र की विषयवस्तु के अंतर्गत संगीत राग रागिनियां, प्रेमाख्यान एवं राजकीय समारोह आदि का समावेश किया गया है। विशेष रूप से गोवर्धन धारी, चीर हरण, राम विवाह, ढोलामारू, रंगीन ढोडी एवं माहमिराटत उल्लेखनीय है।
इन रंगीन चित्रों पर मुगल एवं मेवाड़ शैली का प्रभाव परिलक्षित होता है। साज-सज्जा में हरी पृष्ठभूमि पर सफेद रंग से पुरुष एवं नारी आकृतियां अंकित की गई है। इसके अतिरिक्त लाल, नीले, काले एवं पीले वर्णो द्वारा वेशभूषा का अंकन तत्कालीन प्रारंभिक परिवेश में किया गया है।
तारागढ़ दुर्ग से बूंदी जिले का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आ कर सूर्यास्त का भी सुंदर दृश्य देख सकते हैं। चारों तरफ पहाड़ियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यह बूंदी जिले में घूमने लायक जगह है।
सुख महल बूंदी - Sukh Mahal Bundi
सुख महल बूंदी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सुख महल बूंदी जिले में जैतसागर के किनारे बना हुआ है। यह महल बहुत सुंदर है। इस महल का मुख्य आकर्षण जैतसागर के किनारे सफेद मार्बल से बनी सुंदर छतरियां है। यह देखने में बहुत ही आकर्षक लगती हैं। सुख महल को यहां के शासक गर्मियों में समर पैलेस की तरह इस्तेमाल किया करते थे। यह महल गर्मियों में ठंडक प्रदान करता था। इस महल से जैतसागर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
सुखमहल का निर्माण बूंदी के राजा विष्णु सिंह जी के द्वारा करवाया गया था। विष्णु सिंह और उनके दीवान एवं वास्तुविद सुखराम की देखरेख में 1778 ईस्वी में सुखमहल का निर्माण करवाया गया था। अतः इस महल को सुख महल का नाम दिया गया। सुखमहल दो मंजिला है। इस महल में आपको एक हॉल और ऊपर गुंबदाकार दो कक्ष देखने के लिए मिलते हैं। ऊपरी भाग में एक आयताकार छतरी देखने मिलती है। इस महल से प्रकृति का सुंदर नजारा देखा जा सकता है।
इस महल में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। इस महल में भारतीय व्यक्ति का 75 रूपए और विदेशी व्यक्ति का 350 रूपए लिया जाता है। यह महल 9:45 से 5:00 तक खुला रहता है और आप यहां पर घूम सकते हैं।
सुख महल में प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक रुडियार्ड कपलिंग 2 दिन तक रुके थे। रुडियार्ड कपलिंग ने बूंदी के अतुलनीय विरासत एवं नैसर्गिक सौंदर्य का वर्णन किया। वह उल्लेखनीय है। विदेशी पर्यटक इस महल को कपलिंग पैलेस के नाम से जानते हैं। यह महल राजपूत स्थापत्य कला से निर्मित किया गया है। यह महल 17-18 वीं शताब्दी का एक अच्छा नमूना है और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह बूंदी में घूमने लायक मुख्य स्थलों में से एक है।
राजकीय संग्रहालय बूंदी - Government Museum Bundi
राजकीय संग्रहालय बूंदी, बूंदी जिले का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। राजकीय संग्रहालय सुख महल परिसर में ही स्थित है। इस संग्रहालय में आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है और यहां पर आपको बूंदी जिले के इतिहास के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है। संग्रहालय में विभिन्न प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको हथियार, मूर्तियां, प्राचीन वेशभूषा, तलवार, बन्दुक, पेंटिंग देखने के लिए मिल जाती हैं। इस संग्रहालय के अंदर और बाहर बहुत सारी वस्तुओं का प्रदर्शन करके रखा गया है।
राजकीय संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। यहां पर भारतीय व्यक्तियों का 20 रूपए और विदेशी व्यक्तियों का 100 रूपए लगता है। स्टूडेंट का बहुत कम चार्ज लिया जाता है। संग्रहालय के खुलने का समय 9:45 से शाम के 5:15 बजे तक है। यह संग्रहालय प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है। यहां पर आप आकर राजस्थान के बूंदी जिले के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह बूंदी के सबसे अच्छे स्थलों में से एक है।
जैतसागर झील बूंदी - Jaitsagar Bundi
जैतसागर झील बूंदी शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बूंदी जिले में पहाड़ियों के बीच में बना हुआ है। यह बहुत बड़ी झील है। इस झील के चारों तरफ पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। झील में कमल के बहुत सारे सुंदर-सुंदर फूल लगे हुए हैं। जैतसागर झील के चारों तरफ प्राचीन निर्माण देखने के लिए मिलता है।
जैतसागर झील के एक तरफ आपको सुख महल देखने के लिए मिलता है। यहां पर सिद्धनाथ महादेव मंदिर बना हुआ है, जो प्राचीन है। यहां पर बहुत सारे गार्डन भी बने हुए हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं और इस झील का सुंदर नजारा देख सकते हैं। यहां पर परशुराम महादेव मंदिर भी बना हुआ है। झील के बीच में छतरियां बनी है, जिसका दृश्य बहुत सुन्दर है। जब झील का पानी ओवरफ्लो होता है। तब यह बहुत ही सुंदर लगता है। आप यहां पर आ कर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
नवल सागर झील बूंदी - Naval Sagar Lake Bundi
नवल सागर झील बूंदी शहर का एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है। यह झील बूंदी मुख्य शहर में स्थित है। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील के किनारे नवल सागर पार्क पर बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है और यहां पर बहुत सारे पेड़ पौधे लगे हुए हैं। इस झील के किनारे आपको महादेव भगवान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर में शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है।
झील के किनारे गज लक्ष्मी का मंदिर बना हुआ है। गजलक्ष्मी मां का मंदिर बहुत सुंदर है। यहां लक्ष्मी जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। लक्ष्मी जी यहां पर पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई है और इस प्रतिमा में हाथी देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। झील किनारे और भी प्राचीन मंदिर बने हुए हैं।
नागर सागर कुंड बूंदी - Nagar Sagar Kund Bundi
नागर सागर कुंड बूंदी जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह कुंड बूंदी जिले के मुख्य शहर में स्थित है। यह मुख्य मार्केट एरिया में स्थित है। यह कुंड बहुत सुंदर है। कुंड में नीचे तक जाने के लिए सीढ़ियां हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगती हैं।
इस जलाशय का निर्माण पूर्व नरेश राम सिंह के शासनकाल में महारानी चंद्रभानु कुमारी द्वारा 1871 से 1875 के बीच करवाया गया था। पूर्व में यह कुंड गंगासागर, जमना सागर के नाम से जाना जाता था। मगर कालांतर में इसे नागर सागर कुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड में लोगों ने बहुत गंदगी कर दी है। इसमें बोतल और कचरा डालकर पूरा गंदा कर दिया है। मगर यह देखने में बहुत सुंदर लगता है और आप बूंदी आते हैं, तो इसे भी देख सकते हैं।
रानी जी की बावड़ी बूंदी - Rani Ji Ki Baori Bundi
रानी जी की बावड़ी बूंदी जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह बावड़ी मुख्य शहर में स्थित है। यह बावड़ी बूंदी नगर परिषद के पास में बनी हुई है। यह बावड़ी बहुत सुंदर है। बावड़ी की दीवारों में, प्रवेश द्वार में, कंगूरे में, स्तंभों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। इसमें देवी देवताओं की नक्काशी की गई है। बावड़ी में प्रवेश के लिए टिकट लिया जाता है। यहां पर टिकट का शुल्क, जो लिया रहता है। वह बूंदी के 3 ऐतिहासिक स्थलों में घूमने के लिए इकट्ठा लिया जाता है। आप चाहे, तो इकट्ठा शुल्क देकर, बूंदी के तीन अलग-अलग स्थानों में, आप सुख महल, रानी जी की बावड़ी और 84 खंबा ऐतिहासिक स्थल घूम सकते हैं या आप अकेले इसी स्थान के लिए टिकट ले सकते हैं। बावड़ी के बाहर पार्किंग की सुविधा है। यहां छोटा सा गार्डन देखने के लिए मिलता है और सुंदर छतरियां देखने के लिए मिलती है। बावड़ी में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां हैं। यहां पर आपको बहुत सारे कबूतर भी देखने के लिए मिलते हैं।
रानी जी की बावड़ी का निर्माण बूंदी के रावराजा अनिरुद्ध सिंह की पत्नी नाथावत जी ने अपने पुत्र बुध्द सिंह के कार्यकाल में विक्रम संवत 1757 में करवाया था। यह बावड़ी 260 फीट लंबी और 40. 4 फीट चौड़ी है। इस बावड़ी में अलंकृत द्वार, सुंदर तोरण, देवी-देवताओं की प्रतिमाएं एवं भित्ति चित्र बने हैं। बावड़ी में पश्चिम से उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। सीढ़ियों के निकट दोनों ओर राजपूत शैली के 12 स्तंभों से युक्त छतरियां देखने के लिए मिलती हैं। इसके प्रवेश द्वार की छत मेहराबदार है। दोनों द्वार के ऊपर भी 8 स्तंभों वाली एक एक छतरी है। बावड़ी में नीचे उतरने के लिए 100 से भी अधिक सीढ़ियां हैं। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और इस सुंदर बावड़ी को देख सकते हैं। यह बूंदी जिले में घूमने वाला मुख्य स्थान है।
धाभाई का कुंड बूंदी - Dhabhai Ka Kund Bundi
धाभाई का कुंड बूंदी शहर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह कुंड मुख्य बूंदी शहर में स्थित है। यह कुंड रानी जी की बावड़ी के पास में स्थित है। यह कुंड बहुत सुंदर है। कुंड के चारों तरफ से सीढ़ियां बनी हुई है। वर्षा ऋतु में यह कुंड पानी से पूरी तरह भर जाता है और बहुत सुंदर लगता है। गर्मी में इस कुंड का पानी सूख जाता है। कुंड में पानी तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यह बहुत ही सुंदर लगती हैं।
कुंड में छतरियां भी बनी हुई है, जो देखने लायक है। यहां पर शिव भगवान जी का शिवलिंग विराजमान है। यहां पर आपको बंदर देखने के लिए मिल जाते हैं। आप यहां पर आ कर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यह कुंड प्राचीन है।
84 खंभों की छतरी बूंदी - 84 Pillars Chhatri Bundi
84 खंभों की छतरी बूंदी जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह मुख्य बूंदी शहर में स्थित है। यह छतरी बहुत खूबसूरत है। यह छतरी एक बड़े से चबूतरे के ऊपर बनी हुई है। इस छतरी में 84 खंभे बने हुए हैं, जो इस छतरी का मुख्य आधार है। इसलिए छतरी को 84 खंभों की छतरी के नाम से जाना जाता है। यह छतरी दो मंजिला है। इस छतरी के चारों ओर जंघा भाग पर लगी पत्थर की पट्टों पर बड़ी आकृतियों के हाथी, घोड़े तथा अन्य पशुओं के विभिन्न आकृतियों को बनाया गया है। साथ ही उच्च लक्षण विधि से शिव पार्वती, राधा कृष्ण, विष्णु का वराह अवतार, ब्रह्मा की उत्पत्ति, ढोलामारु गज लक्ष्मी व समुद्र मंथन जैसे पौराणिक विषयों को मनमोहक एवं आकर्षक ढंग से उकेरा गया है।
छतरी के अंदर की छत पर अप्सराओं, संगीतज्ञ के साथ-साथ चारों ओर हाथियों की लड़ाई, नृत्य, बांसुरी व वीणा बजाते हुए सुंदरियां, हिरणों, श्रृंगार से सुसज्जित नायिकाओं के मनमोहक भित्ति चित्र अंकित किए गए हैं। इस छतरी का निर्माण बूंदी के महाराजा राव राजा अनिरुद्ध सिंह ने सन 1683 ईस्वी में अपने धाय भाई देवा की स्मृति में करवाया था।
आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। छतरी में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर एक व्यक्ति का 50 रूपए लिया जाता है। अगर आप यहां पर कंबाइन टिकट लेकर आते हैं, तो आप एक टिकट से तीन जगह को आराम से घूम सकते हैं। इस छतरी के मध्य में देवाधिदेव महादेव का शिवलिंग विराजमान है, जो बहुत सुंदर है और बहुत आकर्षक लगता है। इस छतरी के खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक है। शाम के 5 बजे के बाद छतरी में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यहां पर एक छोटा सा गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर आप इंजॉय कर सकते हैं।
चौथ माता मंदिर बूंदी - Chauth Mata Temple Bundi
चौथ माता मंदिर बूंदी जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बूंदी जिले में बाण गंगा की तरफ जाने वाली सड़क में स्थित है। यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर के गर्भगृह में चौथ माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगती है। चौथ माता को दुर्गा जी का स्वरूप ही माना जाता है। माता के विग्रह में गणेश जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है और चौथ माता की मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है। गर्भ ग्रह को बहुत सुंदर सजाया गया है। यहां पर कांच का सुंदर काम देखने के लिए मिलता है।
चौथ माता मंदिर से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर अरावली पर्वत श्रेणी और जैतसागर का आकर्षक दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर जनवरी माह में विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर दूर से लोग आते हैं और माता के दर्शन करते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर पार्किंग के लिए अच्छी सुविधा उपलब्ध है। यहां पर शाम के समय सूर्यास्त का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। यह बूंदी में घूमने की सबसे अच्छी जगह है।
बाणगंगा शिव मंदिर बूंदी - Banganga Shiva Temple Bundi
बाणगंगा शिव मंदिर बूंदी शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह जगह धार्मिक है। यह बूंदी शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको प्राचीन शिव मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर मंदिर के अंदर गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है और मंदिर के बाहर मंडप में, नंदी भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है। मंदिर के पास में ही नदी बहती है, जो बहुत सुंदर लगती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। चारों तरफ का दृश्य यहां पर देखने लायक रहता है। यह बूंदी में घूमने का मुख्य स्थान है।
शिकार बुर्ज बूंदी - Shikar Burj Bundi
शिकार बुर्ज बूंदी शहर का एक मुख्य प्राचीन स्थल है। यहां पर आपको स्मारक देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर है। मगर यह प्राइवेट प्रॉपर्टी है, जिससे यहां पर घूमने की मनाही है। आप यहां पर परमिशन लेकर घूम सकते हैं। यहां पर आपको एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर लगता है। शिखर बुर्ज में ऊपर मीनार देखने के लिए मिलती है, जिस की संरचना बहुत सुंदर है।
रामेश्वरम जलप्रपात बूंदी - Rameshwaram Falls Bundi
रामेश्वरम जलप्रपात बूंदी जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात बूंदी जिले से 15 किलोमीटर दूर घने जंगल में स्थित है। यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर महादेव का मंदिर भी बना हुआ है, जो प्रसिद्ध है। इस मंदिर को रामेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है। इस जलप्रपात का पानी सीधे महादेव के शिवलिंग के ऊपर गिरता है। यहां पर बहुत ऊंची चट्टानों से पानी गिरता है, जो देखने लायक है।
रामेश्वरम जलप्रपात पर स्नान का भी मजा लिया जा सकता है। यह जगह बरसात में घूमने लायक है। यह जगह भैरूपुरा अंतरी गांव जाने वाले मार्ग पर स्थित है। आप यहां पर अपनी बाइक या कार से पहुंच सकते हैं। यहां पर भोलेनाथ का, जो मंदिर बना हुआ है। वह बहुत ही अच्छी तरह से बनाया हुआ है। मंदिर को सफेद मार्बल और ग्रेनाइट से बनाया हुआ है। यहां पर आकर अच्छा समय बिताया जा सकता है। यह बूंदी का फेमस पिकनिक स्पॉट है। आप यहां फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
इंदरगढ़ का किला बूंदी - Indergarh Fort Bundi
इंदरगढ़ का किला बूंदी शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह किला प्राचीन है। यह किला बूंदी जिले के इंदरगढ़ तहसील में स्थित है। यह इंद्रगढ़ में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले में आप घूमने के लिए जा सकते हैं। इस किले में आपको बहुत सारे प्राचीन महल देखने के लिए मिलते हैं। किले के अंदर जनाना महल, सुपारी महल, और हवा महल बना हुआ है।
इंदरगढ़ किले के चारों तरफ सुंदर पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। यह किला महाराजा इंद्रपाल सिंह हाडा के द्वारा 17 वी शताब्दी में बनाया गया था। यह किला बहुत सुंदर है। इस किले के प्रवेश द्वार, बुर्ज, दीवार, खिड़कियां देखने लायक है। इस किले से आपको दूर-दूर तक की सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाते हैं। इस किले के पास में ही एक जलाशय बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है और यह जलाशय प्राचीन है। यहां आ कर आप अच्छा समय बिता सकते हैं।
केशवराय मंदिर बूंदी - Keshavarai Temple Bundi
केशवराय मंदिर बूंदी शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बूंदी जिले में केशवरायपाटन तहसील में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर चंबल नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। पूरा मंदिर पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत अच्छी लगती है।
केशवराय मंदिर बूंदी से 50 किलोमीटर दूर है और कोटा जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर तक आने के लिए सड़क माध्यम उपलब्ध है। आप मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आप यहां पर आकर भगवान विष्णु के दर्शन कर सकते हैं। इसके साथ-साथ आप चंबल नदी में बोटिंग का मजा ले सकते हैं। इस मंदिर की दीवारों में बहुत सुंदर नक्काशी की गई है। इस मंदिर का गर्भ ग्रह का शिखर देखने लायक है। मंदिर के गर्भगृह में केशव भगवान के साथ, सहस्त्रबाहु शिवलिंग, चर्मवती माता (चम्बल) विराजमान है। गर्भगृह बहुत सुंदर है।
केशवराय मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में बूंदी के राजा महाराज शत्रुसाल ने करवाया था। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है। यह बूंदी जिले की सबसे अच्छी जगह में से एक है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
राजराजेश्वर महादेव मंदिर बूंदी - Rajarajeshwar Mahadev Temple Bundi
राजराजेश्वर महादेव मंदिर बूंदी जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बूंदी जिले में केशवराय पाटन तहसील में स्थित है। यह मंदिर चंबल नदी के किनारे स्थित है। यहां से चंबल नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर में आपको आकर शिव भगवान जी की पंचमुखी शिवलिंग देखने के लिए मिलती है। यहां पर पंचमुखी शिवलिंग विराजमान है, जो बहुत सुंदर लगता है।
राजराजेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन है। मंदिर के पास एक बड़ा सा गार्डन बना हुआ है, जहां पर अच्छा समय बिताया जा सकता है। यहां आ कर बहुत अच्छा लगता है। यहां महाशिवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है। यहां पर गार्डन में बहुत सारे झूले लगे हुए हैं और बहुत सारे सुंदर-सुंदर फूल लगे हुए हैं। यहां पर गर्भगृह में शंकर भगवान जी के साथ गणेश जी और माता पार्वती जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह बूंदी के बेस्ट टूरिस्ट स्पॉट में से एक है। यहां पर आप आकर पिकनिक मना सकते हैं।
श्री लकड़ेश्वर महादेव मंदिर बूंदी - Sri Lakdeshwar Mahadev Temple Bundi
श्री लकड़ेश्वर महादेव मंदिर बूंदी जिले का टूरिस्ट प्लेस है। यह बूंदी जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बूंदी जिले में हिंडोली तहसील के ग्राम उमर में स्थित है। यह मंदिर बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में गर्भग्रह में शिवलिंग विराजमान है, जो बहुत सुंदर लगते हैं, मंदिर के बाहर नंदी भगवान जी की पत्थर की बनी हुई बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
श्री लकड़ेश्वर महादेव मंदिर में सावन सोमवार को बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। लोगों का मानना है, कि मंदिर में आकर जो कोई भी अपनी मनोकामना मांगता है। उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। मंदिर के पास में ही नदी बहती है, जिसका दृश्य बहुत सुंदर रहता है। मंदिर में आपको और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी।
दुगारी का किला बूंदी - Dugari Fort Bundi
दुगारी का किला बूंदी शहर का एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। यह किला बूंदी जिले में दुगारी गांव में स्थित है। यह किला एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर आपको कनक सागर झील देखने के लिए मिलती है। किले के पास में ही कनक सागर झील देखने के लिए मिलती है। यह झील बहुत बड़ी क्षेत्र में फैली हुई है। किले में श्री राम जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर घूमने के लिए आया जा सकता है। यहां पर बहुत सारी पेंटिंग भी देखने के लिए मिलती है। किले का प्रवेश द्वार, किले के बुर्ज, किले की दीवारें देखने लायक है। मगर यह किला खंडहर में बदल गया है। किले का अधिकतर भाग खंडहर में तब्दील हो गया है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
रतन सागर झील बूंदी - Ratan Sagar Lake Bundi
रतन सागर झील बूंदी शहर का एक मुख्य प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यहां पर पहाड़ों के बीच में एक सुंदर झील देखने के लिए मिलती है। यह झील बूंदी जिले के इंदरगढ़ तहसील के तलवास गांव में स्थित है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं और इस झील के सुंदर नजारों को देख सकते हैं। इस झील में आपको बहुत सारे कछुए देखने के लिए मिलते हैं, जो झील में तैरते रहते हैं।
यहां पर आपको मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर श्री राम जी और हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है। यह जगह बहुत खूबसूरत है। आप यहां पर आ कर अपना अच्छा समय शांति के साथ बिता सकते हैं।
लकड़ेश्वर महादेव मंदिर इंदरगढ़ बूंदी - Lakdeshwar Mahadev Temple Indergarh Bundi
लकड़ेश्वर महादेव मंदिर बूंदी जिले में घूमने की मुख्य जगह है। यह इंदरगढ़ तहसील में स्थित है। यह इंदरगढ़ का पर्यटन स्थल है। यह जगह इंदरगढ़ तहसील के लाखेरी में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर पहाड़ों के बीच बना हुआ है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर शंकर भगवान जी को समर्पित है। मंदिर में शंकर जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगती है।
यहां पर सावन सोमवार के समय बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और नंदी भगवान जी के भी दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आकर आप चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है।
गुढ़ा बांध बूंदी - Guda Dam Bundi
गुढ़ा बांध बूंदी जिले का एक मुख्य स्थल है। यह बांध बूंदी जिले में हिंडोली तहसील में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस बांध से सुंदर पहाड़ी का दृश्य देखने के लिए मिलता है। इस बांध के किनारे मंगलेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह बूंदी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहां पर बरसात के समय बांध का दृश्य देखा जा सकता है। बरसात के समय बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, जो बहुत ही जबरदस्त लगता है।
बिजासन माता का मंदिर बूंदी - Bijasan Mata Temple Bundi
बिजासन माता का मंदिर बूंदी शहर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बूंदी शहर में हिंडोली तहसील में स्थित है। यह मंदिर डाटून्दा गांव में स्थित है। बिजासन माता को डाटून्दा माता के नाम से भी जाना जाता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। बिजासन माता मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि जो भी व्यक्ति यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आता है, तो माता उसकी मनोकामनाएं पूरी की करती हैं। इसके अलावा यहां पर, जो भी आकर माता की सेवा करता है, तो लकवा ग्रस्त व्यक्ति का लकवा ठीक हो जाता है। यह जगह चमत्कारों से भरी हुई है। यहां नवरात्रि में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। यहां पर मेले जैसा माहौल रहता है।
बिजासन माता मंदिर में सभी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां पर खाने पीने के लिए बहुत सारी दुकान है। यहां पर ठहरने के लिए धर्मशाला बनी हुई है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और माता के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के चारों तरफ का वातावरण बहुत अच्छा और प्राकृतिक है।
श्री दुर्वासा महादेव मंदिर बूंदी - Shri Durvasa Mahadev Temple Bundi
श्री दुर्वासा महादेव मंदिर बूंदी जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर डाटून्दा माताजी से 2 किलोमीटर दूर होगा। यह मंदिर शिव शंकर जी को समर्पित है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। मंदिर के चारों तरफ हरियाली और पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। मंदिर तक जाने का रास्ता बहुत कठिन है। मंदिर में आप घूमने के लिए आते हैं, तो आपको यहां पर जलप्रपात भी देखने के लिए मिलता है।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि प्राचीन काल में यहां पर पांडव आए थे। यहां बरसात के समय आना बहुत अच्छा लगता है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं और भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर भगवान शिव का अभिषेक पहाड़ों से पानी रिस कर आता है। उस पानी से भगवान शिव का अभिषेक होता है। यह जगह बहुत सुंदर है।
श्री धुंधलेश्वर महादेव मंदिर बूंदी - Shree Dhundleshwar Mahadev Temple Bundi
श्री धुंधलेश्वर महादेव मंदिर बूंदी शहर का एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर बूंदी शहर में हिंगोली तहसील में नारायणपुर गांव में स्थित है। मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर नारायणपुर बांध देखने के लिए मिलता है। यह बांध पहाड़ों के बीच में बना हुआ है और बहुत सुंदर है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर बना हुआ है। मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के पास एक जलप्रपात देखने के लिए मिलता है।
यहां पर एक गुफा बनी हुई है, जिसे अब पक्का बना दिया गया है। इस जगह आ कर बहुत अच्छा लगता है। बरसात में इस जगह आपको जरूर घूमने के लिए आना चाहिए। यह जगह पूरी तरह से प्राकृतिक है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। आप यहां पर आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं और शांति से अपना समय बिता सकते हैं।
देवझर महादेव मंदिर बूंदी - Devjhar Mahadev Temple Bundi
देवझर महादेव मंदिर बूंदी जिले में घूमने वाली मुख्य जगह है। देव झर महादेव मंदिर बूंदी जिले के हिंडोली तहसील का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। मंदिर के चारों तरफ पहाड़ियां और जंगल का दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर के अंदर गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर एक पवित्र धूनी भी जल रही है।
देवझर महादेव मंदिर बूंदी जिले में हीरापुर गांव के पास में स्थित है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी। मगर आपको मजा बहुत आएगा। यह बूंदी का एक पिकनिक स्पॉट है।
भीमलत महादेव मंदिर एवं जलप्रपात बूंदी - Bhimlat Mahadev Temple and Waterfall Bundi
भीमलत महादेव मंदिर और जलप्रपात बूंदी जिले का मुख्य पर्यटक आकर्षण स्थल है। भीमलत महादेव मंदिर बूंदी जिले के पास बिजोलिया में स्थित है। यह बिजोलिया से 10 किलोमीटर दूर है। यहां पर घने जंगल के अंदर सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात 60 मीटर ऊंचा है। यहां पर वन विभाग के द्वारा बहुत सारा काम किया गया है। यहां पर वॉच टावर बनाया गया है, जहां से आप जलप्रपात का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर जलप्रपात के नीचे की तरफ जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है, जहां से आप नीचे से जलप्रपात के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। नीचे से जलप्रपात का दृश्य बहुत ही आकर्षक रहता है।
यहां पर शिव भगवान जी का मंदिर बना हुआ है, जिसे भीमलत महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस जगह को भीमलत इसलिए कहा जाता है, क्योंकि प्राचीन समय में पांडवों जब वन में भ्रमण कर रहे थे। तब इस स्थान पर पांडवों को प्यास लगी। तब भीम जी के अपने पैरों से जमीन में प्रहार किया और यहां पर एक जलधारा फूट पड़ी, जिसके कारण इस जगह को भीमलत कहा जाता है। आप यहां पर अपने वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं। आपको यहां पर बहुत मजा आएगा। यह पर आपको जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल सकते हैं। यह जगह बहुत खूबसूरत है। आप यहां पर बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात में समय इस झरने का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है। यह बूंदी के पास घूमने के लिए मुख्य जगह है।
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