राजसमंद जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Rajsamand / राजसमंद जिले के आसपास घूमने वाली जगह
राजसमंद जिला राजस्थान राज्य का एक मुख्य जिला है। राजसमंद जिला राजस्थान की राजधानी जयपुर से 345 किलोमीटर दूर है। राजसमंद जिला उदयपुर से 62 किलोमीटर दूर है। राजसमंद जिला नाथाद्वारा के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। नाथद्वारा में श्रीनाथजी का मंदिर है, जो फेमस है। राजसमंद जिले में बनास और गोमती नदियां बहती है। राजसमंद जिले में अरावली की सुंदर पहाड़ी देखने के लिए मिलती है। राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किले की दीवार देखने के लिए मिलती है, जो विश्व की सबसे बड़ी दीवार है , राजसमंद जिले के पास घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जो प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है। राजसमंद जिले में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है। चलिए जानते हैं -
राजसमंद में घूमने की जगह - Rajsamand mein ghumne ki jagah
कुंभलगढ़ दुर्ग राजसमंद - Kumbhalgarh Fort Rajsamand
कुंभलगढ़ का किला पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। कुंभलगढ़ का किला राजस्थान के राजसमंद जिले में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। कुंभलगढ़ का किला अरावली पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी पर बना हुआ है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस किले में, बहुत सारी विशेषताएं हैं, जिससे यह किला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस किले में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार देखने के लिए मिलती है। दुनिया की पहली सबसे लंबी दीवार चीन की दीवार है। उसके बाद भारत की दीवार सबसे लंबी है।
कुंभलगढ़ की दीवार को ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। इस दीवार की लंबाई 36 किलोमीटर है और चौड़ाई 15 से 25 फीट है। इस दीवार पर एक साथ 8 घोड़े दौड़ सकते हैं जबकि चीन की दीवार पर केवल 5 घोड़े दौड़ सकते हैं।
कुंभलगढ़ का किला यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में सम्मिलित है। कुंभलगढ़ किले को अजेयगढ़ के नाम से जाना जाता है, इस किले में विजय पाना बहुत मुश्किल था। इस किले की दीवारें अभेद्य थी, जिन्हें तोड़ पाना मुश्किल था। कुंभलगढ़ का किला समुद्र की सतह से 1914 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस किले के निर्माण को पूरा करने में 15 साल का समय लग गया। इस किले में हिंदू और जैन मंदिर है।
कुंभलगढ़ का किला राजस्थान के प्रमुख दुर्गों में से एक है। लोगों के अनुसार कुंभलगढ़ दुर्ग का निर्माण दूसरी शताब्दी में जैन धर्म के संप्रति द्वारा किया गया था। उसके बाद, यहां पर जो इमारतें थी। वह खंडहर में तब्दील हो गई। महाराणा कुंभा ने इस किले का वर्तमान स्वरूप दिया। महाराणा कुंभा ने अपने शिल्पज्ञ मंडल की देखरेख में इस किले का निर्माण करवाया। इस किले का निर्माण 1443 से 1458 के बीच हुआ है। मालवा गुजरात के मुसलमान शासकों ने इस दुर्ग को जीतने का प्रयास किया, किंतु दुर्ग की मजबूत किलेबंदी और स्मारक स्थिति के कारण सफल नहीं हो पाए।
कुंभलगढ़ किले में प्रवेश के लिए बहुत सारे प्रवेश द्वार है, जिनमें से प्रमुख है - आरेट पोल, हल्ला पोल, हनुमान पोल, राम पोल, विजय पोल, नींबू पोल, पागड़ा पोल, भैरव पोल प्रमुख है। किले में बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां गणेश मंदिर, चारभुजा मंदिर, वेदी मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, बावन देवरी मंदिर, पीतलीय देव मंदिर है। कुंभलगढ़ किले में, कुंभा महल महाराणा प्रताप की जन्म स्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है। कुंभलगढ़ किले में जल का संग्रह करने के लिए बांध एवं बावड़िया बनी हुई है। यहां पर बहुत सारी छतरियां भी बनी हुई है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। कुंभलगढ़ किले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह हैं और इनमें से कुछ प्रमुख जगहों के बारे में हम बात करेंगे-
कुंभलगढ़ दुर्ग में घूमने वाली जगह - places to visit in Kumbhalgarh Fort
जूना भीलवाड़ा मंदिर - Juna Bhilwara Temple
जूना भीलवाड़ा मंदिर कुंभलगढ़ किले के अंदर स्थित एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर भग्न अवस्था में यहां पर स्थित है। इस मंदिर का भू विन्यास में, गर्भगृह, अंतराल, मुखमंडप देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर का निचला हिस्सा ही उपलब्ध है, जिस पर देवी-देवताओं की मूर्तियां विभिन्न मुद्राओं में उत्कीर्ण है। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
वेदी मंदिर समूह - Vedi temple complex
वेदी मंदिर समूह कुंभलगढ़ दुर्ग के भव्य मंदिरों में से एक है, जिसे महाराणा कुंभा द्वारा 1457 ईस्वी में किले के निर्माण के पूरा होने के पश्चात, यज्ञ संपन्न हेतु बनवाया गया था। स्थानीय लोग ऊंचे चबूतरे पर निर्मित इस मंदिर को आज भी यज्ञ वेदी के नाम से जानते हैं, जो कि तीन तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। इस मंदिर परिसर में यज्ञ वेदी, वर्गाकार छतरी तथा त्रि मंदिर स्थित है।
नीलकंठ महादेव मंदिर - Neelkanth Mahadev Temple
नीलकंठ महादेव मंदिर कुंभलगढ़ किले में घूमने की मुख्य जगह है। यह एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर मुख्य रूप से शंकर जी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1458 में राणा कुंभा द्वारा करवाया गया था। यह भू विन्यास में आयताकार है, जिसकी छत विभिन्न आकार के सात गुंबदों से आच्छादित है तथा २६ विशाल प्रस्तर स्तंभों पर टिकी हुई है।
मध्य में निर्मित गुंबद अन्य की तुलना में बड़ा है। जिसका शिखर कमल युक्त कलश से अलंकृत किया गया है। गर्भगृह के मध्य भाग में काले पत्थर की विशाल योनि पीठ के ऊपर शिवलिंग स्थापित है। मंदिर की दीवार में प्राचीन अभिलेख भी पाया गया है। इस मंदिर का पुनर्निर्माण राणा सांगा के द्वारा करवाया गया था।
बादल महल - Badal Mahal
बादल महल कुंभलगढ़ किले में घूमने के लिए एक मुख्य स्थल है। बादल महल का निर्माण राणा फतेह सिंह के द्वारा 1884 से 1930 के बीच में करवाया गया था। बादल महल को पैलेस ऑफ़ क्लाउड के नाम से भी जाना जाता है। यह कुंभलगढ़ किले में सबसे ऊंचाई पर बना हुआ है। यह किला दो मंजिला है। यहां पर मर्दाना महल और जनाना महल है, जो गैलरी के द्वारा जुड़े हुए हैं।
बादल महल में आपको सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। यहां पर मुरल पेंटिंग की गई है। बादल महल के बड़े बड़े गुंबद बहुत ही आकर्षक लगते हैं। बादल महल से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही जबरदस्त रहता है। दूर दूर तक फैला हुआ पहाड़ों का सुंदर दृश्य मन को बहुत आकर्षित करता है। यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्थाएं उपलब्ध है और आप यहां पर आ कर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
गोलराव जैन मंदिर - Golarao Jain Temple
गोलराव जैन मंदिर कुंभलगढ़ किले के अंदर स्थित एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर 9 मंदिरों का समूह देखने के लिए मिलता है। यह जैन मंदिर है। यह मंदिर कुंभलगढ़ किले के मध्य में स्थित है। यह मंदिर खंडहर अवस्था में है, क्योंकि इन मंदिरों को मुस्लिम शासकों ने तोड़ दिया है। यह मंदिर पत्थर के बने हुए हैं। इनमें सुंदर नक्काशी की गई है। आप यहां पर आकर इन मंदिरों को देख सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर - Laxmi Narayan temple
लक्ष्मी नारायण मंदिर कुंभलगढ़ का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर कुंभलगढ़ किले में राम पोल द्वार के पास में स्थित है। इस मंदिर को चारभुजा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर प्राचीन है और बहुत सुंदर है। मंदिर के अंदर श्री विष्णु भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिल सकते हैं।
बावन देवरी मंदिर कुंभलगढ़ - Bawan Deori Temple Kumbhalgarh
बावन देवरी मंदिर कुंभलगढ़ किले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। 52 देवरी मंदिर में, 52 मंदिरों का समूह देखने के लिए मिलता है। यह जैन मंदिर है। यह मंदिर पत्थरों से बना हुआ है और बहुत सुंदर है। आप यहां पर घूम सकते हैं।
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण राजसमंद - Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Rajsamand
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण राजसमंद जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। कुंभलगढ़ अभ्यारण राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ तहसील में स्थित है। यह उदयपुर से 65 किलोमीटर दूर है और राजसमंद जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर है। यह उदयपुर जोधपुर हाईवे सड़क पर स्थित है। आप अगर प्रकृति प्रेमी है, तो आपको यहां पर आकर बहुत मजा आएगा। कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण में आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको जंगल का सुंदर नजारा देखने के लिए मिलता है। यहां पर अरावली हिल्स का आकर्षक दृश्य देखने के लिए मिलता है।
कुंभलगढ़ अभ्यारण में आपको लुप्तप्राय प्रजातियां देखने के लिए मिलेगी। यहां पर आपको जंगली बिल्ली, सियार, मगरमच्छ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय, सांभर, चैसिंघा, जंगली कुत्ता, चिंकारा, घोड़ा, हिरन, सांभर, हाइना देखने के लिए मिल जाता है। इसके अलावा यहां पर पक्षियों की भी बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर जगह जगह आपको लंगूर और बंदर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप सफारी का मजा ले सकते हैं। यहां पर आप जीप के द्वारा या हाथी के द्वारा सफारी का मजा ले सकते हैं। यहां पर आपको पेड़ पौधों की विभिन्न प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत सारे हर्बल प्लांट है। आप अगर कुंभलगढ़ घूमने के लिए आते हैं, तो आपको इस पार्क में जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
श्री परशुराम महादेव सरोवर धाम राजसमंद - Shri Parshuram Mahadev Sarovar Dham Rajsamand
श्री परशुराम महादेव सरोवर धाम राजसमंद जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह जगह धार्मिक है। यह जगह कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के अंदर स्थित है। यहां पर चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर भगवान शिव का, जो मंदिर बना है। वह एक गुफा के अंदर बना हुआ है। बड़े-बड़े पहाड़ों के बीच, यह गुफा बनी हुई है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। मंदिर तक जाने के लिए अच्छी व्यवस्था है। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको बहुत अच्छा लगेगा, क्योंकि बरसात के समय चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती हैं। यहां चारों तरफ पहाड़ों का दृश्य देखने के लिए मिलता है।
मंदिर के गर्भ गृह में शिव भगवान जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको एक कुंड देखने के लिए मिलता है। यहां पर झरना भी है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। यह कुंभलगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर जंगल के अंदर स्थित है और आप यहां पर आ सकते हैं। आप यहां पर अपने लिए खाने के लिए हल्का फुल्का खाना और पानी जरूर लेकर आएं। यहां पर बंदर बहुत सारे हैं। आपको यहां पर आकर मजा आएगा।
सूरजकुंड कुंभलगढ़ राजसमंद - Surajkund Kumbhalgarh Rajsamand
सूरजकुंड कुंभलगढ़ राजसमंद जिले का एक पर्यटन स्थल है। सूरज कुंड कुंभलगढ़ में घने जंगल के अंदर स्थित हैं। यहां पर जाने के लिए, आपको कुंभलगढ़ रोड मजेरा से होते हुए जा सकते हैं। यहां पर जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है। अगर आप फिजिकली स्ट्रांग है, तो आप यहां पर जाइए, क्योंकि यहां का, जो रास्ता है। वह जंगल वाला रास्ता है। कहीं पर पहाड़ी है और कहीं पर घना जंगल है।
सूरजकुंड में आपको एक प्राकृतिक विशाल कुंड देखने के लिए मिलता है, जिसमें हमेशा पानी भरा रहता है और इसमें रंग बिरंगी मछलियां देखने के लिए मिलती हैं और सूरजकुंड में गुरु महाराज की समाधि स्थल है एवं शिव जी का सुंदर मंदिर बना हुआ है। यहां पर बहुत शांति मिलती है। यहां पर साधु-संत आकर निवास करते हैं। यहां पर आपको साधु संत के द्वारा खाना और चाय मिल जाती है। यहां पर अगर आप एक ही दिन में वापस आना चाहते हैं, तो सुबह जल्दी निकालिए और शाम तक वापस आ सकते हैं। अगर आप यहां ठहरना चाहते हैं, तो साधु महाराज जी से आज्ञा ले सकते हैं। ट्रैकिंग करने के लिए, आपको जंगल के रास्ते में आपको बहुत सारे साइन दिख जाएंगे। आपको सूरजकुंड पर आकर अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी।
आमज माता का मंदिर राजसमंद - Amaz Mata Temple Rajsamand
आमज माता का मंदिर राजसमंद राजस्थान एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह मंदिर कुंभलगढ़ तहसील के पास रीछेड़ गांव में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर लोकेशन में है। यहां पर चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर पहाड़ी की गोद में बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां है। यह मंदिर आमज माता को समर्पित है। आमज माता के बारे में, यहां पर एक प्रसिद्ध कहानी है, जो आप यहां पर आकर जान सकते हैं।
आमज माता का मंदिर एक शक्ति पीठ के रूप में पूजा जाता है। यहां आकर बहुत मजा आता है। यहां पर एक कुंड है, जहां पर साल भर पानी रहता है। कुंड में बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर बरसात के समय झरना देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे बंदर है। यहां पर आपको खाने के लिए, बहुत कम रेट में खाना मिल जाता है। यहां पर आकर आप फैमिली के साथ बहुत इंजॉय कर सकते हैं। यहां पहाड़ों, झरना और नदी का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है। आमज माता मंदिर राजसमंद का एक मुख्य आकर्षण स्थल है।
हमेर पाल झील राजसमंद - Hamer Pal Lake Rajsamand
हमेर पाल झील राजसमंद का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह झील राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ तहसील के पास तलादरी गांव में स्थित है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ी झील देखने के लिए मिलती है। झील के किनारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। यहां पर आपको श्री लक्ष्मी नारायण जी का प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस झील में स्थित हजारों की संख्या में कैटफिश है। यहां पर आपको हजारों की संख्या में कैटफिश देखने के लिए मिलती है।
जब आप इन्हें दाना डालते हैं, तो यह कैटफिश एकदम से आ जाती हैं और देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। यह राजसमंद जिले का एक पिकनिक स्पॉट है और आपको यहां पर आकर मजा आएगा।
सिसोदा भैरव बाबा जी का मंदिर राजसमंद - Sisoda Bhairav Baba's temple Rajsamand
सिसोदा भैरव बाबा जी का मंदिर राजसमंद का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर सफेद मार्बल से बना हुआ है और बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर में भैरव बाबा जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर के पास हर रविवार को मेला लगता है। इस मेले को हटवाड़ा कहा जाता है। इस मेले में बहुत सारी वस्तुएं देखने के लिए मिलती है।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि लोग यहां पर अपनी मनोकामना मांगते हैं और उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। यह मंदिर बहुत ही भव्य मंदिर है। यहां सभी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको बहुत मजा आएगा। यह मंदिर अटटिया गांव में स्थित है।
राजसमंद झील राजसमन्द - Rajsamand Lake Rajsamand
राजसमंद झील, राजसमंद जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। राजसमंद झील मुख्य राजसमंद जिले में स्थित है। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। यह एक मानव निर्मित झील है। इस झील का निर्माण राजा राणा राजसिंह ने 1660 में करवाया था। यह झील राजसमंद और कांकरोली शहर की लाइफ लाइन है। यहां से इन शहरों को पीने के लिए पानी मिलता है।
इसके अलावा यह झील राजसमंद जिले में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह झील बहुत सुंदर है। इस झील के किनारे आपको प्राचीन निर्माण देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। झील के किनारे छतरियां बनी है, जो देखने लायक है। उनका डिजाइन भी बहुत सुंदर लगता हैं। इनमें बहुत बारीक कारीगिरी किया गया है। यहां पर आप आकर इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर पार्क बना हुआ है, जहां पर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। झील के किनारे बैठकर शांति से समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। यहां पर स्तंभ और छत में नक्काशी की गई है। यहां पर मोटर बोट, बोट, स्कूटर जैसे एडवेंचरस खेल भी उपलब्ध हैं, जो बहुत मजेदार होते हैं। झील के किनारे पर, नौ चौकी पार्क बना हुआ है, जहां पर आप घूम सकते हैं। यहां पर श्री अंबा माता गेवर माता का मंदिर है। यह राजसमंद जिले में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
अन्नपूर्णा माता का मंदिर राजसमंद - Annapurna Mata Temple Rajsamand
अन्नपूर्णा माता का मंदिर राजसमंद जिले का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर राजसमंद जिले में, राजसमंद झील के पास में स्थित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर से राजसमंद झील का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर में मां अन्नपूर्णा की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है। यहां पर आपको राजराजेश्वरी मंदिर, हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर मामू भांजा दरगाह देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और इन सभी मंदिरों में और दरगाह में जा सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यहां पर सूर्यास्त का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है। बरसात में यह जगह और भी अधिक सुंदर हो जाती है।
दयाल शाह किला राजसमंद - Dayal Shah Fort Rajsamand
दयाल शाह का किला राजसमंद में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह किला राजसमंद जिले में, राजसमंद झील के किनारे बना हुआ है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले में व्यूप्वाइंट बना है, जहां से राजसमंद झील का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
यहां पर जैन श्वेतांबर मंदिर है। मंदिर में भगवान महावीर की सफेद कलर की बहुत सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां आकर अच्छा लगता है। यहां पर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। दयाल शाह किले तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग बना हुआ है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
श्री चारभुजा मंदिर कांकरोली राजसमंद - Shri Charbhuja Temple Kankroli Rajsamand
श्री चारभुजा मंदिर राजसमन्द का एक प्रसिद्ध मंदिर है। श्री चारभुजा मंदिर कांकरोली में घूमने लायक मुख्य जगह है। यह राजसमंद झील के पास में बना हुआ है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। मंदिर में श्री कृष्ण की काले पत्थर की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में बहुत सुंदर कांच का काम किया गया है, जो देखने लायक है। मंदिर की दीवारों में बहुत सुंदर सुंदर श्री कृष्ण जी एवं अन्य देवी-देवताओं की पेंटिंग बनी हुई है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है और मंदिर को खास बनाती है।
मंदिर की छत और दीवारों में सुंदर काम किया गया है। मंदिर के प्रवेश द्वार में हाथी की एक बड़ी सी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर आकर, मंदिर घूम सकते हैं। यहां पर एक प्राचीन शिलालेख पाया गया है, जिसमें उल्लेख है, कि इस जगह को प्राचीन समय में बद्री नाम से जाना जाता था, जो बद्रीनाथ से मिलता जुलता है। कहा जाता कि यहां पर आकर मन्नत मांगने से, मन्नत जरूर पूरी होती है। श्री चारभुजा मंदिर राजसमंद में घूमने लायक जगह है।
श्री द्वारकाधीश मंदिर राजसमंद - Shri Dwarkadhish Mandir Rajsamand
श्री द्वारकाधीश मंदिर राजसमंद का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। द्वारकाधीश मंदिर प्राचीन मंदिर है। द्वारकाधीश मंदिर की, जो बिल्डिंग देखने के लिए मिलती है। वह एक बहुत बड़ी हवेली है। यह मंदिर राजसमंद जिले में कांकरोली शहर में स्थित है। यह मंदिर कांकरोली का एक पर्यटन स्थल है। यह मंदिर राजसमंद झील के किनारे बना हुआ है। राजसमंद झील को रायसागर झील के नाम से भी जाना जाता है। आप अगर मंदिर में आते हैं, तो मंदिर का टाइमिंग का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि मंदिर टाइम टेबल से खुलता है।
मंदिर के गर्भगृह में द्वारकाधीश जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। द्वारकाधीश के दर्शन करने के बाद आप राजसमंद झील में आकर झील के सुंदर नजारे को देख सकते हैं। राजसमंद झील में बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिलती हैं। इसके अलावा यहां पर बहुत सारे कबूतर रहते हैं, जिन्हें आप दाना डाल सकते हैं। यहां पर अच्छा समय बिताया जा सकता है।
श्रीनाथ जी मंदिर नाथद्वारा राजसमंद - Shrinath Ji Temple Nathdwara Rajsamand
श्रीनाथ जी का मंदिर राजसमंद जिले का मुख्य पर्यटन स्थल है। श्रीनाथ जी का मंदिर राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील में स्थित है। यह नाथद्वारा में घूमने की मुख्य जगह है। नाथद्वारा उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर है। उदयपुर से नाथद्वारा सड़क माध्यम से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर में श्री कृष्ण भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर विराजमान भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति वृंदावन से लाई गई है।
श्रीनाथ जी का मंदिर, का इतिहास बहुत ही रोचक है। श्रीनाथ जी मंदिर की स्थापना का निर्माण 17 वी शताब्दी में मेवाड़ के महाराजा राज सिंह ने किया था। यह मंदिर पुष्टिमार्गीय वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख मंदिर है। हर साल यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर के बाहर बहुत सारी दुकान है, जहां पर भगवान को अर्पित करने के लिए प्रसाद मिलता है।
यहां पर पुदीने वाली चाय बहुत फेमस है। मंदिर में आप अगर आते हैं, तो आप यहां पर वीआईपी एंट्री भी ले सकते हैं। क्योंकि मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। यह मंदिर पुरानी हवेली जैसा बना हुआ है। जिसे श्रीनाथजी की हवेली के नाम से जाना जाता है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। यह हवेली प्राचीन है और हवेली देखने में बहुत आकर्षक है। हवेली की खिड़कियां बहुत ही सुंदर लगते हैं। इस हवेली को मोती महल कहा जाता है।
श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा में मुख्य शहर में गहरी आबादी वाले क्षेत्र में बना हुआ है। यहां पर सकरी सड़कों से होते हुए श्रीनाथजी के मंदिर पहुंचा जाता है। यहां पर श्रीनाथ जी की प्रतिमा बहुत सुंदर है। श्रीनाथ जी की प्रतिमा काले कलर के पत्थर से बनी हुई है। यहां पर श्री कृष्ण जी और राधा जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। श्रीनाथजी, श्री कृष्ण जी के ही अवतार है। मंदिर के अंदर मोबाइल फोन ले जाना अलाउड नहीं है। श्रीनाथ जी का मंदिर नाथद्वारा में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है और आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी।
श्री विट्ठल नाथ जी का मंदिर नाथद्वारा राजसमंद - Shri Vitthal Nath Ji Temple Nathdwara Rajsamand
श्री विट्ठल नाथ जी का मंदिर राजसमंद जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील में स्थित है। यह मंदिर मुख्य शहर में स्थित है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय का एक प्रमुख मंदिर है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। मंदिर में आपको विट्ठलनाथजी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर एक हवेली में बनाया गया है। यहां आकर अच्छा लगता है।
गणेश टेकरी मंदिर नाथद्वारा राजसमंद - Ganesh Tekri Temple Nathdwara Rajsamand
गणेश टेकरी मंदिर राजसमंद जिले का पर्यटन स्थल है। यह मंदिर राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील में स्थित है। यह नाथद्वारा का दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर बनास नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आपको एक बड़ा सा गार्डन देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर शंकर जी का मंदिर और गणेश जी का मंदिर बना हुआ है।
गणेश जी की प्रतिमा बहुत प्राचीन है और शंकर जी के मंदिर में शिवलिंग विराजमान है। यहां कर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। यहां पर प्राचीन कुंड देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत सुंदर है और आपको यहां पर जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
शिव भगवान जी की प्रतिमा नाथद्वारा राजसमंद - Statue of Lord Shiva in Nathdwara Rajsamand
शिव भगवान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। यह राजसमंद जिले के नाथद्वारा में स्थित है। नाथद्वारा श्रीनाथजी की हवेली के लिए प्रसिद्ध है। मगर अब यहां पर विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा 351 फीट ऊंची है। इस प्रतिमा के अंदर ऊपरी फ्लोर तक पहुंचने के लिए लिफ्ट लगाई गई है।
इस प्रतिमा में 400 लोगों के बैठने की क्षमता है। यह प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही देखने के लिए मिल जाती है। यह प्रतिमा हाईवे सड़क के पास स्थित है। यहां पर आपको बहुत बड़ा गार्डन देखने के लिए मिलेगा। इस गार्डन में प्रतिमा के सामने नंदी भगवान जी की बहुत ही जबरदस्त मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा देखने में बहुत ही आकर्षक लगती है। इस प्रतिमा में भगवान शिव साधना में बैठे हुए हैं। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और इस प्रतिमा को देख सकते हैं। यहां आकर अच्छा लगता है।
त्रिनेत्र सर्कल पार्क नाथद्वारा - Trinetra Circle Park Nathdwara
त्रिनेत्र सर्कल पार्क नाथद्वारा का दर्शनीय स्थल है। त्रिनेत्र सर्कल पार्क नाथद्वारा से लगभग 2 किलोमीटर दूर मुख्य हाईवे सड़क में स्थित है। यहां पर आपको बहुत सुंदर पार्क देखने के लिए मिलता है। इस पार्क में शिव शंकर जी के त्रिनेत्र को बनाया गया है, जो देखने में आकर्षक लगता है। यहां पर लोग घूमने के लिए आते हैं। शाम के समय यहां पर लाइटिंग की जाती है, जिससे इस जगह की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
यहां पर चारों तरफ पेड़ पौधे लगे हुए हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर खाने पीने के लिए बहुत सारी दुकानें हैं, जहां पर आपको अच्छा खाना मिल जाता है। आपको यह पार्क जरूर देखना चाहिए। यह पार्क राजसमंद नाथद्वारा का फेमस टूरिस्ट स्पॉट है।
श्री वल्लभ आश्रम नाथद्वारा - Shri Vallabh Ashram Nathdwara
श्री वल्लभ आश्रम नाथद्वारा राजसमंद का टूरिस्ट स्पॉट है। यहां पर आपको श्री राधा कृष्ण मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको श्रीनाथ जी के प्राकट्य एवं मेवाड़ पधारने का इतिहास की डॉक्यूमेंट्री देख सकते है। श्री गिरिराज जी का भावनात्मक स्वरूप, श्री गिरिराज जी की परिक्रमा मार्ग में आने वाले धार्मिक स्थल, श्री वल्लभाचार्य जी की बैठक एवं तीर्थ स्थल, प्रभु श्रीनाथजी की विशेष प्रसंगों की झांकी, श्री कृष्ण जी की लीलाएं, श्री राधा कृष्ण मंदिर और सात स्वरूप की झांकियां देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है।
श्री वल्लभ आश्रम मुख्य सड़क पर बना हुआ है और आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां आकर आपको अच्छा लगेगा। सरोवर के पास में, ही एक बड़ा सा तालाब देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको परशुराम महादेव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है।
नंदसमंद बांध नाथद्वारा राजसमंद - Nandsamand Dam Nathdwara Rajsamand
नंदसमंद बांध राजसमंद जिले का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह नाथद्वारा तहसील में स्थित है। यह बांध बनास नदी पर बना हुआ है और बहुत बड़ी क्षेत्र में फैला हुआ है। आप यहां पर भी घूमने के लिए आ सकते हैं और इस बांध के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर बरसात के समय आप आएंगे, तो आपको बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलेगा। यहां पर बरसात के समय डैम का पानी ओवरफ्लो होता है, जिसका दृश्य देखने के लायक रहता है।
नाथद्वारा में घूमने के लिए और भी बहुत सारी जगह है, जहां पर आप जाकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर गिरी राजेश्वर महादेव मंदिर, परशुराम महादेव मंदिर, श्री विट्ठल नाथ गौशाला, लालबाग और वृंदावन बाग है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। आप यहां पर आ कर इंजॉय कर सकते हैं।
श्री करधर बावजी शिखर मंदिर राजसमंद - Shri Kardhar Bavji Shikhar Temple Rajsamand
श्री करधर बावजी शिखर मंदिर राजसमंद के पास घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। यह मंदिर राजसमंद जिले में नाथाद्वारा के पास बड़ा भाणुजा गांव में स्थित है। यह मंदिर भैरव बाबा जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है और पूरा मंदिर नक्काशी दार है। इस मंदिर के आसपास चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
यह जगह प्राकृतिक प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। यहां पर चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक जलकुंड भी है, जिसके पानी से स्नान करने से त्वचा संबंधी रोग ठीक होते हैं। इस मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर, पहाड़ी पर गोपाल गिरी जी की धूनी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं। आपको यहां पर बहुत मजा आएगा।
बाघेरी का नाका बांध राजसमंद - Bagheri Naka Dam Rajsamand
बाघेरी का नाका बांध राजसमंद का एक मुख्य पिकनिक स्पॉट है। यह जगह चारों तरफ से अरावली पर्वत श्रेणियों से घिरी हुई है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा और बहुत सुंदर बांध देखने के लिए मिलता है। इस बांध का दृश्य बरसात के समय देखते ही बनता है। इस बांध का पानी जलप्रपात की तरह रहता है। इस बांध में लोग नहाने का मजा ले सकते हैं। यहां पर आप राजसमंद से और उदयपुर से घूमने के लिए आ सकते हैं।
बाघेरी नाका बांध राजसमंद और उदयपुर के पास घूमने के लिए एक मुख्य स्थान है। बांध के तीनों तरफ सुंदर पहाड़ियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है और बांध ओवरफ्लो होकर जब रहता है, तब इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं और अच्छा समय बिताते हैं। यह बांध बनास नदी पर बना हुआ है। यह बांध नाथाद्वारा तहसील में मचीन्द गांव में बना हुआ। यह राजसमंद का फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।
पन्नाधाय स्मारक राजसमंद - Pannadhay Memorial Rajsamand
पन्नाधाय स्मारक राजसमंद का एक मुख्य पर्यटक स्थल है। पन्नाधाय स्मारक राजसमंद में देवगढ़ तहसील के कमेरी गांव में स्थित है। यह स्मारक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर आने के लिए सड़क व्यवस्था है। यहां पर आपको पन्नाधाय की स्मारक देखने के लिए मिलती है ,पन्नाधाय एक समझदार, विवेकशील और महान स्त्री थी। यहां पर आपको पन्नाधाय एवं उनसे संबंधित बहुत सारी जानकारी मिलती है। यहां पर मूर्तियों की माध्यम से और बोर्ड में लिखी जानकारी को पढ़कर आप पन्नाधाय के बारे में जान सकते हैं।
पन्नाधाय राणा सांगा के पुत्र राणा उदय सिंह की धाय माँ थी। पन्नाधाय का जन्म कमेरी गांव में हुआ था, जहां पर आज उनका स्मारक बना हुआ है। पन्नाधाय ने राणा सांगा के पुत्र राजकुमार उदय सिंह को मां के स्थान पर दूध पिलाने के कारण पन्ना को धाय माँ कहा गया। पन्नाधाय अपने पुत्र चंदन के साथ-साथ राजकुमार उदय सिंह का लालन-पालन करती थी और उन्होंने राजकुमार उदय सिंह को बचाने के लिए, अपने पुत्र चंदन का बलिदान दिया था। उनके इसी बलिदान को आज पूरा जमाना याद करता है और उनके नाम पर यह स्मारक बनाया गया है। यह राजसमंद में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
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