पोखरण के दर्शनीय स्थल - Major places to visit in Pokhran / पोखरण (पोकरण) के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
पोखरण राजस्थान का एक मुख्य स्थल है। यह जैसलमेर का एक नगर है। पोखरण राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर है और जैसलमेर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट साइट के लिए प्रसिद्ध है। पोखरण में सबसे पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया गया था। इसके अलावा पोखरण में साल्ट लेक देखने के लिए मिलता है। पोखरण में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है और इस ब्लॉग में हम पोकरण में घूमने वाली जगह के बारे में बात करेंगे, तो चलिए जानते हैं - पोखरण में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है।
पोखरण (पोकरण) में घूमने की जगह - Pokaran mein ghumne ki jagah
पोकरण का किला - Pokhran Fort
पोकरण का किला, पोकरण का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। पोकरण का किला एक प्राचीन किला है। पोखरण का किला लाल बलुआ पत्थर का बना हुआ है। यह किला बहुत सुंदर है। इस का प्रवेश द्वार बहुत भव्य और बहुत बड़ा है। प्रवेश द्वार लकड़ी का बना हुआ है। मगर बहुत ही आकर्षक लगता है। पोखरण के किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। पोकरण किले के अंदर म्यूजियम देखने के लिए मिलता है। पोखरण के किले के अंदर आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है।
पोकरण के किले को अब होटल में बदल दिया गया है। यह एक सुंदर होटल है। होटल में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं उपलब्ध है। आप यहां पर ठहर कर, इस होटल की सुविधा का लुप्त उठा सकते हैं। मगर आप यहां पर घूमने के लिए भी आ सकते हैं और इस किले को देख सकते हैं। पोखरण के किले में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। इस किले की दीवारों, छतरियां, खिड़कियां पर किया गया काम बहुत ही आकर्षक है। पोखरण किले को बालागढ़ किले के नाम से भी जाना जाता है। पोकरण का किला मुगल एवं राजपूत शैली में बना हुआ है। किले के अंदर हथियार, कपड़े, चित्र, तलवार, और भी बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह किया गया है।
पोकरण का किला मुख्य शहर में स्थित है। इस किले में आप बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से आराम से पहुंच सकते हैं। यह पोखरण में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
श्री खींवज माता का मंदिर पोखरण - Shri Khiwanj Mata Temple Pokhran
श्री खींवज माता का मंदिर पोखरण का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पोखरण के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। श्री खींवज माता, जिनका भी गोत्र सोलंकी रहता है। उनकी कुलदेवी है। यहां पर माता की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर माता की दो विग्रह देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। माता का मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। नवरात्रि में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
खींवज माता का मंदिर पोकरण जिले में जैसलमेर जोधपुर हाईवे सड़क के पास स्थित है। आप यहां पर अपने वाहन से या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां आकर अच्छा लगेगा।
श्री आशापुरा माताजी का मंदिर पोखरण - Shri Ashapura Mataji's Temple Pokhran
श्री आशापुरा माताजी का मंदिर पोकरण में घूमने की मुख्य जगह है। श्री आशापुरा एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पोखरण में पश्चिम की तरफ स्थित है। यह मंदिर मुख्य बाईपास सड़क के पास में स्थित है। यहां पर बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के आते है। यह मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। मंदिर का मंडप पूरा कांच से सजा हुआ है और मंदिर का गर्भगृह में माता की सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
श्री आशापुरा माताजी मंदिर में ठहरने के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था है। यहां पर एसी और नॉन एसी रूम बहुत अच्छे रेट में मिल जाता है। मंदिर का मैनेजमेंट बहुत अच्छी तरह से किया गया है और आप यहां पर आ कर माता के दर्शन कर सकते हैं।
श्री बाबा रामदेव जी की समाधि पोखरण - Shri Baba Ramdev Ji Samadhi Pokhran
श्री बाबा रामदेव जी की समाधि पोखरण का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। बाबा रामदेव जी का मंदिर पोकरण के पास रामदेवरा नाम की जगह पर स्थित है। रामदेवरा में आप सड़क माध्यम से और रेल माध्यम से पहुंच सकते हैं। रामदेवरा में, बाबा रामदेव जी का बहुत बड़ा मंदिर है। यहां पर रामदेव बाबा जी ने जीवित समाधि ली थी। बाबा रामदेव जी का जन्म विक्रम संवत 1409 में अजमाल जी के घर पर अवतरित हुआ थे। बाबा रामदेव जी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। बाबा रामदेव जी ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया था। उन्होंने छुआछूत, भेदभाव की भावना, अछूतों उद्धार का आंदोलन चलाया।
अपने सामाजिक आंदोलनों के कारण बाबा रामदेव जी लोगों के मन में अपनी जगह बना पाए और प्रसिद्ध हो गए। बाबा रामदेव जी, पोखरण के शासक भी रहे। लेकिन उन्होंने राजा बनकर नहीं बल्कि जन सेवक बनकर गरीब, दलित, असाध्य रोग ग्रस्त रोगियों और जरूरतमंद लोगों की सेवा की। इसलिए समाज के गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग में बाबा रामदेव के करोड़ों भक्तों एवं अनुयाई हैं। बाबा रामदेव जी के चमत्कार के बारे में बहुत सारी कथाएं हैं, जो आप यहां पर आकर जान सकते हैं।
यहां पर हर साल एक बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें अलग अलग राज्यों से लोग आते हैं और मेले में सम्मिलित होते हैं। यह मेला प्रतिवर्ष भादवा माह के शुक्ल पक्ष की एकम से एकादशी तक लगता है। इस मेले को भदवा मेले के नाम से जाना जाता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मेले में बहुत सारी व्यवस्थाएं रहती हैं।
बाबा रामदेव जी की हिंदू और मुस्लिम, दोनों ही धर्म पूजा करते है। हिंदू धर्म में लोग इन्हें बाबा रामदेव के नाम से जानते हैं और मुस्लिम लोग इन्हे रामसापीर के नाम से जानते हैं। आपको यहां पर बहुत बड़ा बाजार देखने के लिए मिलेगा और बाबा रामदेव का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। यहां बाबा रामदेव की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलेंगे। मंदिर के अंदर एक बड़ा सा कुआ भी है, जो आप देख सकते हैं। मंदिर के पास एक तालाब है, जिसे बाबा रामदेव तालाब या बाबा रामदेव डैम के नाम से जाना जाता है। इस तालाब में बोटिंग का मजा लिया जा सकता है। यहां पर ठहरने के लिए व्यवस्था है। आप यहां पर आ कर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
बाबा रामदेव पैनोरमा - Baba Ramdev Panorama
बाबा रामदेव पैनोरमा पोकरण के पास रामदेवरा में स्थित एक मुख्य जगह है। यह पोकरण में घूमने लायक मुख्य जगह है। इस जगह में बाबा रामदेव के जन्म से लेकर समाधि तक के संपूर्ण जीवन के बारे में बताया गया है। यहां रामदेव बाबा जी के चमत्कार के बारे में बताया गया है। बाबा रामदेव पैनोरमा पोखरण से रामदेवरा जाने वाली सड़क में स्थित है। यह जगह अभी नवनिर्मित है। यहां पर आपको मूर्तियों के माध्यम से बहुत सारी जानकारी को प्रस्तुत किया गया है। बाबा रामदेव पैनोरमा में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर जरूर घूमने के लिए आए। आपको यहां पर बहुत अच्छा लगेगा।
डाली बाई का समाधि पोखरण - Dali Bai Samadhi Pokhran
डाली बाई की समाधि पोखरण में स्थित एक मुख्य स्थल है। डाली बाई की समाधि पोखरण में रामदेवरा में स्थित है। डाली समाधि स्थल, बाबा रामदेव की समाधि स्थल के पास ही में है। डाली बाई, बाबा रामदेव की एक अनन्य भक्ति थी और बाबा रामदेव की समाधि के पहले ही डाली बाई ने समाधि ली थी। यहां पर आपको डाली बाई का एक बड़ा सा कंगन देखने के लिए मिलता है। कहा जाता है, कि इस कंगन के बीच से पार करने से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
श्री भादराराय माता जी मंदिर पोखरण - Shri Bhadra Rai Mata Ji Temple Pokhran
श्री भादराराय माता जी मंदिर पोकरण के पास घूमने की एक मुख्य जगह है। यह धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पोखरण जैसलमेर मुख्य हाईवे सड़क में स्थित है। यह मंदिर लाठी गांव में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत पुराना है। श्री भादराराय माता जी भाटी वंश से उत्पन्न सभी समुदाय की कुलदेवी है। इस मंदिर का निर्माण जैसलमेर रियासत के तत्कालीन नरेश महारावल गजसिंह जी भाटी द्वारा एक युद्ध में अप्रत्याशित जीत होने पर विक्रम संवत 1888 में, राजा रानी ने पैदल जैसलमेर से श्री भादरिया जी पहुंचकर मंदिर निर्मित करवाया था।
इसके साथ-साथ इस मंदिर की 3 कोस की भूमि को भादरिया माता जी को भेंट की थी। आज से 80 वर्ष पूर्व तत्कालीन नरेश महारावल ज्वार सिंह जी ने इस मंदिर की पुनर्स्थापना करवाई थी। इस ओरण में लाखों वृक्ष हैं। जिनकी देवी के रूप में मान्यता है। इसमें कोई हरा वृक्ष या डाली तोड़ना एक अपराध माना गया है। इसका उल्लंघन करने पर दंड दिया जाता है। यह परंपरा आज भी विद्यमान है। आपसी विवाद होने पर यहां पर बैठकर विवाद को मिटाने की परंपरा है।
मंदिर के पीछे जाल का एक पुरातन वृक्ष है, जो माताजी का मूल स्थान माना जाता है। इस रेत के टीले पर एक भक्त द्वारा सूखी टहनी गाड़कर प्रार्थना की गई और दूसरे दिन उसमें कोपलें फूट गई। आज भी लोग यहां धागा बांधकर अपनी मनौती मांगते हैं और मनौती पूर्ण होने पर, दोबारा दर्शन करने के लिए आते हैं।
यहां पर आपको माता जी का भव्य मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर गौशाला भी बनी हुई है। यहां पर आपको अंडरग्राउंड लाइब्रेरी देखने के लिए मिलती है। यह लाइब्रेरी बहुत ही आश्चर्यजनक है और इस लाइब्रेरी में बहुत सारी पुस्तकों का संग्रह किया गया है। यह लाइब्रेरी वर्ल्ड फेमस है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और माता के दर्शन कर सकते हैं।
फलौदी झील पोखरण - Phalodi Lake Pokhran
फलौदी झील पोखरण के पास स्थित एक मुख्य पिकनिक स्पॉट है। फलौदी झील पोखरण में, फलौदी नगर में स्थित है। फलौदी झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। यह झील फलौदी शहर में पीने के पानी का एक मुख्य स्त्रोत है। यह कृत्रिम झील है। यहां पर जोगिंग के लिए और वॉकिंग के लिए आया जा सकता है। यहां पर झील का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही आकर्षक रहता है। आप यहां दिन के समय घूमने के लिए आ सकते हैं।
पोखरण साल्ट लेक - Pokhran Salt Lake
पोखरण साल्ट लेक पोखरण में देखने लायक एक मुख्य जगह है। पोखरण साल्ट लेक एक सफेद समुद्र की तरह देखने से लगता है। यहां पर नमक बनाया जाता है। वही नमक जो आप और हम खाते हैं। यहां पर आपको खारा पानी से नमक कैसे बनता है। वह देखने के लिए मिलेगा। यह बहुत ही मनोरंजक जगह है और पोखरण में आपको इस जगह पर जरूर घूमना चाहिए।
भारतीय परमाणु परीक्षण स्थल पोखरण - Indian nuclear test site Pokhran
भारतीय परमाणु परीक्षण स्थल पोखरण में स्थित एक मुख्य स्थल है। यहां पर परमाणु बम का परीक्षण किया गया है। यहां पर 18 मई 1974, 11 मई 1998, 13 मई 1998 को परमाणु परीक्षण किया गया है। यहां पर आपको परीक्षण से ध्वस्त घर एवं जमीन देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर भी घूमने के लिए आ सकते हैं।
शक्ति माता स्मारक पोखरण - Shakti Mata Memorial Pokhran
शक्ति माता स्मारक पोकरण में स्थित एक मुख्य जगह है। यहां पर आप को प्राचीन छतरियां देखने के लिए मिलती है। यह छतरिया देखने में बहुत सुंदर लगती हैं। यह छतरिया लाल बलुआ पत्थर की बनी हुई है। यह छतरियां पोखरण में रामदेवरा जाने वाले मार्ग से थोड़ी दूरी पर स्थित है। इस जगह में आप आते हैं, तो अपने पर्सनल वाहन से आएंगे, तो अच्छा रहेगा। यहां पर आपको बहुत सारी छतरियां देखने के लिए मिलती है। यह छतरियां प्राचीन शाही लोगों की है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह फोटोग्राफी भी की जा सकती है। फोटोग्राफी के लिए यह बहुत अच्छी जगह है।
श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर रामदेवरा पोकरण - Shri Markandeshwar Mahadev Temple Ramdevra Pokaran
श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर पोखरण का एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर मुख्य पोकरण शहर में बना हुआ है। यह मंदिर नवनिर्मित है। यहां पर प्राचीन मंदिर हुआ करता था। प्राचीन मंदिर पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया था। इसलिए यहां नए मंदिर का निर्माण करवाया गया। प्राचीन मंदिर 300 साल पुराना था। मंदिर के गर्भ गृह में शंकर जी का शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। मंदिर के पास में एक बड़ा सा तालाब बना हुआ है, जिसमें मछली और कछुए हैं। आप मछली और कछुआ को दाना डाल सकते हैं। यहां पर महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत सारे भक्त आकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। यहां आकर अच्छा लगता है और शांति मिलती है।
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