चलिए जानते हैं, खजुराहो के मंदिर में कामुक मूर्तियों के बनाने के कारणों के बारे में
खजुराहो के मंदिर अपनी मूर्ति कला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में आपको बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं और यह मूर्तियां आपको उस युग के बारे में बताती हैं। इन मंदिरों में आपको कामुक मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती हैं।
खजुराहो के मंदिर में इस तरह की मूर्तियां होना एक आश्चर्य वाली बात है और बहुत सारे लोग इस तरह की मूर्तियों को देखकर अलग-अलग मत देते आए हैं। बहुत सारे विद्वान इन मूर्तियों को देखकर अपने अलग-अलग मत लोगों से साझा किए हैं। वैसे यह मूर्तियां इन मंदिरों में इस तरह से बनाई गई हैं कि लोगों का ध्यान आकर्षित होता ही है।
खजुराहो की कामुक मूर्तियों के बारे में कुछ विद्वानों का मानना है, कि उस समय कुछ विशेष समुदाय के लोग रहते थे, जो योग की तरह भोग को भी मानते थे। अर्थात योग की तरह भोग भी मोक्ष पाने का एक मार्ग मानते थे। वह पूजा अनुष्ठान की तरह भोग भी किया करते थे। इसलिए उन्होंने इन दृश्यों को मंदिरों में बनवाया, क्योंकि वह इन्हें मोक्ष का एक मार्ग मानते थे।
खजुराहो के कामुक मूर्तियों को देखकर यह भी कहा जाता है, कि उस युग में काम, अर्थ, धर्म और मोक्ष यह चार पुरुषार्थ हुआ करते थे और इन चारों पुरुषार्थ को सिद्ध करना मनुष्य का परम धर्म था। इसलिए इन चारों पुरुषार्थ का वर्णन इन मंदिरों में किया गया है और काम का भी वर्णन इन मंदिरों में किया गया है।
खजुराहो की मूर्तियों को देखकर एक मत यह भी निकाला जाता है, कि उस युग में बौद्ध धर्म और जैन धर्म का प्रचार हुआ करता था। जिस से प्रभावित होकर बहुत सारे लोग सन्यास लेकर जंगल चले जाया करते थे और तपस्या में लीन हो जाया करते थे। जिससे समाज में जनसंख्या कम होती जा रही थी। वैदिक काल से चली आ रही अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की परंपरा धीरे-धीरे खत्म होती जा रही थी। इसलिए वैदिक धर्म को पुनः मान्यता प्राप्त करवाने के लिए इन मंदिरों में इन दृश्यों का चित्रण किया गया। ताकि लोग इन मंदिरों में भगवान के दर्शन करने आए तो उन्हें इन मूर्तियों के भी दर्शन करने मिले और वह इन चारों अर्थ धर्म काम और मोक्ष का पालन करें।
खजुराहो के इन मंदिरों के बारे में कुछ लोगों का यह भी मानना है, कि यह मूर्तियां इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए बनाई गई हैं ताकि इंद्रदेव इन मंदिरों में बिजली का प्रहार ना करें। वैसे इन मंदिरों में इस तरह की मूर्तियां बनाना का कारण कोई भी हो। मगर यह मूर्तियां बहुत ही अद्भुत तरीके से बनाई गई है और बहुत खूबसूरत लगती हैं।
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