डूंगरपुर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Dungarpur / डूंगरपुर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
डूंगरपुर राजस्थान राज्य का एक मुख्य जिला है। डूंगरपुर राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से 500 किलोमीटर दूर है। डूंगरपुर में माही और सोम नदी बहती है। माहि नदी डूंगरपुर जिले को बांसवाड़ा जिले से अलग करती है और सोम नदी डूंगरपुर जिले को उदयपुर से अलग करती है। डूंगरपुर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते है - डूंगरपुर में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
डूंगरपुर में घूमने की जगह - Dungarpur mein ghumne ki jagah
बादल महल डूंगरपुर - Badal Mahal Dungarpur
बादल महल डूंगरपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। बादल महल एक प्राचीन महल है। यह महल बहुत सुंदर है। यह महल गैप सागर झील के किनारे बना हुआ है। यह महल सफेद कलर का है। इस महल की वास्तुकला मुगल एवं राजपूत वास्तुकला का मिश्रण है। इस महल में संग्रहालय देखने के लिए मिलता है। इस महल के निर्माण में दावड़ा पत्थरों का उपयोग किया गया है। इस स्मारक में दो मंच, तीन गुंबद और एक प्रांगण है। गुंबद के शीर्ष खिले हुए कमल के समान है, जो इसकी सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते हैं।
बादल महल को संग्रहालय में बदल दिया गया है। बादल महल में आपको बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर म्यूजियम में बहुत सारी वस्तुएं देख सकते हैं। यहां पर बहुत सारी कलाकृतियां रखी गई हैं, जो बहुत ही अद्भुत लगती हैं। यहां पर आपको प्राचीन पारंपरिक तरीके का किचन देखने के लिए मिलता है। यहां पर वाद्य यंत्र रखे गए हैं और वाद्य यंत्रों की जानकारी भी दी गई है। यहां पर राजाओं के बारे में जानकारी दी गई है। राजस्थानी परंपराओं को दिखाया गया है। यहां पर मूर्तियों का बहुत अच्छा कलेक्शन देखने के लिए मिलता है। बादल महल म्यूजियम का उद्घाटन 2016 को श्रीमती वसुंधरा राजे के द्वारा किया गया था। इस महल से आपको गैप सागर झील का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं और बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यहां पर आपको हथियारों का बहुत अच्छा संग्रह देखने के लिए मिलता है।
यहां पर आपको लॉर्ड बुद्धा की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। यहां पर आपको सुंदर गार्डन देखने के लिए मिलता है और झील के किनारे ही श्री चंद्रमौलेश्वर मंदिर बना हुआ है, जो बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है और आप इस मंदिर में घूम सकते हैं। मंदिर का शिवलिंग बहुत सुंदर है। यहां पर खाने पीने के लिए भी बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं। आपको यहां पर आकर मजा आएगा। यह डूंगरपुर में घूमने वाली सबसे अच्छी जगह है।
गैप सागर झील डूंगरपुर - Gap Sagar Lake Dungarpur
गैप सागर झील डूंगरपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह झील मुख्य शहर में स्थित है और इस झील के किनारे ही बहुत सारे पर्यटन स्थल है, जहां पर आप घूम सकते हैं। इस झील में आप नौका विहार का मजा ले सकते हैं। आप बोट में सवारी का मजा लेते हैं, तो उसके लिए लाइफ जैकेट पहनना आवश्यक है। यहां पर अलग-अलग बोट में आप घूमने का मजा ले सकते हैं। यहां पर जिप्सी बोट, शिकारा बोट मिल जाती है।
झील में बहुत सारे फव्वारे लगे हैं, जो शाम के समय चालू होते हैं, जिससे झील का दृश्य और भी ज्यादा आकर्षक हो जाता है। झील के बीच में शिव भगवान जी का एक बहुत बड़ा स्टैचू भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर लगता है। गैप सागर झील एक कृतिम झील है और इस झील का निर्माण महाराजा गोपीनाथ जी ने किया था। झील का निर्माण 1428 में कराया गया था। झील के किनारे बैठ कर बहुत शांति मिलती है। यह डूंगरपुर में घूमने वाली मुख्य जगह है।
फतेहगढ़ी डूंगरपुर - Fatehgarhi Dungarpur
फतेहगढ़ी डूंगरपुर जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। फतेहगढ़ी में आपको हनुमान जी का एक मंदिर देखने के लिए मिलता है। फतेहगढ़ी डूंगरगढ़ जिले में गैप सागर झील के किनारे ऊंची पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। इस स्थल से डूंगरपुर के सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आपको यहां पर चारों तरफ डूंगरगढ़ के पर्यटन स्थल देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर गैप सागर झील का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। गैप सागर झील के पास बादल महल देखने के लिए मिलता है।
फतेहगढ़ी मंदिर में आपको हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। इस जगह का प्रवेश द्वार बहुत ही जबरदस्त है। फतेहगढ़ी में आपको रामायण के बहुत सारे दृश्यों का मूर्तियों से रूपांकन किया गया है, जो बहुत ही जबरदस्त है। इसके अलावा यहां पर आपको एक झरना देखने के लिए मिलता है। यहां पर भारत माता का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत ही सुंदर है और आप अपना अच्छा समय यहां पर बिता सकते हैं। यहां पर महान संत स्वामी विवेकानंद जी की बड़ी सी मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको एक म्यूजिकल फाउंटेन देखने के लिए मिलता है, जो रंगीन लाइटों के साथ चालू होता है और बहुत ही जबरदस्त लगता है।
श्रीनाथ जी का मंदिर डूंगरपुर - Shrinath temple Dungarpur
श्रीनाथ जी का मंदिर डूंगरपुर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर डूंगरपुर जिले में गैप सागर झील के पास में ही बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर में आपको श्री नाथ भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर श्री नाथ भगवान जी की काले कलर की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। श्री नाथ भगवान जी के साथ राधा रानी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको 36 मंदिरों का समूह देखने के लिए मिलता है, जिसमें बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। यहां आकर अच्छा लगता है। यह सभी मंदिर बहुत सुंदर है।
यहां पर श्रीनाथ जी की बहुत बड़ी प्रतिमा है। गोवर्धन नाथ जी के मंदिर का निर्माण महारावल पूंजराज ने वर्ष 1623 में करवाया था। यहां पर आपको मुख्य मंदिर के पास में ही श्री रामचंद्र जी एवं बांके बिहारी जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। आपको यहां पर आकर बहुत शांति का अनुभव होगा।
नाना भाई पार्क एवं चिड़ियाघर डूंगरपुर - Nana Bhai Park & Zoo Dungarpur
नाना भाई पार्क एवं चिड़ियाघर डूंगरपुर का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। नाना भाई पार्क डूंगरपुर में गैप सागर झील के किनारे स्थित है, यहां मुख्य शहर में स्थित है। आप इस पार्क में आसानी से पहुंच सकते हैं। यह चिड़ियाघर नगर परिषद डूंगरपुर के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। इस चिड़ियाघर में आप प्रातः 6 बजे से 9 बजे तक आ सकते हैं और शाम के समय 5 से 10 बजे तक आ सकते हैं।
इस पार्क में आपको चारों तरफ सुंदर-सुंदर प्लांट देखने के लिए मिलते हैं। चारों तरफ हरियाली है। यहां पर आपको जानवरों के स्टैचू देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं। यहां पर आपको बहुत सारी पक्षी भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको तोते, कछुए, बदक, कबूतर, कनूर पक्षी, बजरी पक्षी, सन कनूर, कस्तूरी बतख देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर टॉय ट्रेन भी है, जिसमें 10 साल से कम उम्र के बच्चे मजे ले सकते हैं। यहां पर एक बहुत बड़ा पक्षियों के लिए घर बनाया गया है।
नाना भाई पार्क डूंगरपुर का सबसे पहला पार्क है, जो स्वतंत्रता सेनानी नानाभाई खाट की स्मृति में 26 जनवरी 1956 को शहर वासियों को लोक अर्पित किया गया है। इस पार्क में प्रतिवर्ष हरियाली अमावस्या में के समय मेला लगता है। यहां पर फूलों का सुंदर बगीचा भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे फव्वारे भी लगे हुए हैं, जो बहुत सुंदर दिखते हैं। यह डूंगरपुर में घूमने लायक मुख्य जगह है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
बर्ड सेंचुरी पार्क डूंगरपुर - Bird sanctuary Park Dungarpur
बर्ड सेंचुरी उद्यान डूंगरपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह जगह बहुत सुंदर है। बर्ड सेंचुरी उद्यान में आपको चारों तरफ हरियाली और फूलों वाले पौधे देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर गुलाब की बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर अलग-अलग कलर के गुलाब देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह डूंगरपुर में गैप सागर के किनारे स्थित है। इस जगह में आपको और भी बहुत सारी रोचक वस्तुएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको एक हार्ट शेप में बनी हुई आकृति देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है।
इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर वॉच टावर बना हुआ है, जहां से आप गैप सागर झील का सुंदर दृश्य देख सकते हैं और बर्ड्स देख सकते हैं। यहां पर आपको दूर-दूर तक का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह जगह प्री वेडिंग शूट के लिए बहुत ही बढ़िया है। यहां पर आपको बहुत सारे झूले भी देखने के लिए मिल जाते हैं, जो बहुत ही एडवेंचरस रहते हैं। बच्चों के लिए यह जगह मस्ट विजिट प्लेस है। आपको यहां पर जरूर घूमने आना चाहिए। यहां पर आपको फव्वारे भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर जानवरों के बहुत सारे स्टेचू देखने के लिए मिलते हैं। यह डूंगरपुर में घूमने की सबसे अच्छी जगह है।
शहीद स्मारक पार्क डूंगरपुर - Shaheed Memorial Park Dungarpur
शहीद स्मारक पार्क डूंगरपुर का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह पार्क डूंगरपुर जिले के बीचो-बीच स्थित है। यह पार्क देश के शहीदों को समर्पित है। इस पार्क में आपको शहीद सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु की मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं और उनके बारे में जानकारी भी देखने के लिए मिलती है। इस पार्क में 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज आप देख सकते हैं। यहां पर अमर जवान ज्योति को भी देखा जा सकता है।
यहां पर ओपन जिम बना हुआ है, जहां पर लोग म्यूजिक के साथ जिम कर सकते हैं और छोटे बच्चों के लिए बहुत सारे झूले वगैरह लगे हुए हैं। यह पार्क सौर ऊर्जा से चलाया जाता है। आप इस पार्क में घूम सकते हैं और आनंद का अनुभव कर सकते हैं।
उदयविलास पैलेस डूंगरपुर - Udaivilas Palace Dungarpur
उदयविलास पैलेस डूंगरपुर का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। यह डूंगरपुर का एक प्राचीन महल है। यह डूंगरपुर में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह महल गैप सागर झील के किनारे स्थित है। इस महल का निर्माण महारावल उदय सिंह द्वितीय ने प्रारंभ किया था। यह महल राजपूत स्थापत्य एवं वास्तुकला का श्रेष्ठ उदाहरण है। इस महल के निर्माण में बलवाड़ा के नीली आभा वाले पत्थर एवं पारेवा पत्थर का प्रयोग किया गया है।
इस महल में आपको रानी निवास, कृष्ण प्रकाश, विंटेज कार म्यूजियम और अजायबघर देखने के लिए मिलता है। विंटेज कार म्यूजियम में आपको बहुत सारी पुरानी कारों का संग्रह देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मस्त है। इसके अलावा कार के अन्य उपकरण और उन से संबंधित बहुत सारी जानकारियां भी मिलती है।
उदयविलास पैलेस को अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। आप इस महल में आकर इस महल की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। यहां से आपको गैप सागर झील का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। इस महल के पास ही में झील के बीच में शिव जी का मंदिर बना हुआ है। जिसे जल मंदिर के नाम से जाना जाता है। उदयविलास पैलेस से आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं और भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं।
उदयविलास पैलेस में आपको थंबिया महल देखने के लिए मिलता है। थंबिया महल उदयविलास पैलेस का मुख्य आकर्षण स्थल है। इस महल का वास्तविक नाम कृष्णप्रकाश महल है। यह महल विजय निवास, उदय निवास, लक्ष्मण निवास और कुमार निवास के मध्य में स्थित है। इस महल में शिल्पकार ने बहुत ही सुंदर काम किया गया है। संगमरमर से बने इस महल में नीली और रंग-बिरंगे कांच का काम देखने के लिए मिलता है। जो इस महल की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देते हैं। आप यहां पर आकर इस महल की खूबसूरती को देख सकते हैं। उदयविलास पैलेस डूंगरपुर में घूमने वाली मुख्य जगह है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
श्री हजारेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर - Shri Hazareshwar Mahadev Temple Dungarpur
श्री हजारेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में आपको बहुत सारे छोटे-छोटे शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। शायद इसलिए ही इस मंदिर को हजारेश्वर मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर की बाहरी दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलते हैं। मंदिर परिसर में छोटे-छोटे और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यह मंदिर उदयविलास पैलेस के पास ही में स्थित हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। गर्भगृह में आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
मंदिर के गर्भगृह का प्रवेश द्वार की चौखट पर आपको बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती हैं। आपको यहां पर आकर शांति मिलेगी। हजारेश्वर मंदिर के पास ही में आपको थोड़ा आगे जाने पर वनेश्वर महादेव मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और शिव भगवान जी को समर्पित है। वनेश्वर महादेव मंदिर में काले कलर के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर में आपको बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं और पेंटिंग देखने के लिए मिलती हैं, जो रामायण से संबंधित है।
यहां पर आपको गणेश जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है, जिसे रोकडिया गणपति मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में गणेश जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। आपको इस मंदिर में आकर शांति का अनुभव होगा और आपको यहां पर एक साथ बहुत सारे मंदिर घूमने के लिए मिलेंगे।
जूना महल डूंगरपुर - Juna Mahal Dungarpur
जूना महल डूंगरपुर जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह महल डूंगरपुर शहर में धान माता की पहाड़ी पर स्थित है। यह महल सात मंजिला है। यह महल अपनी विशिष्ट प्रकार की बनावट और चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है। इस महल का निर्माण रावल वीर सिंह देव ने 13वीं शताब्दी में बनाया था। इस महल की नीव 13वीं शताब्दी में रखी गई थी और इसे 18वीं शताब्दी तक बनाया गया। यह महल 18वीं शताब्दी में जाकर पूरा हुआ है। यह महल दावड़ा पत्थर से निर्मित ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। महल का प्रवेश द्वार बहुत ही कलात्मक है और लोगों को आकर्षित करता है।
जूना महल स्थानीय पारेवा पत्थर से बनाया गया है। इस महल के सुंदर झरोखे, आकर्षक तोरण और पाषाण स्तंभ महल की सुंदरता को दोगुना करते हैं। महल में अष्टकोण और चौकोर खंभे बने हुए हैं। आप इस महल में घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारी चित्रकारी भी देखने के लिए मिलती है, जो महलों की दीवारों और छतों पर की गई है, जो इस महल की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। यह महल डूंगरपुर का मुख्य आकर्षण स्थल है। इस महल में आपको महाराजा और महारानी का कमरा, दरबार हॉल और भी बहुत सारे कमरे देखने के लिए मिलते हैं। इस महल में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। मगर आपको इस महल में घूम कर मजा आएगा।
धान माता मंदिर डूंगरपुर - Dhan Mata Mandir Dungarpur
धान माता मंदिर डूंगरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। धान माता मंदिर डूंगरपुर में धना माता पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर आपको धान माता मंदिर और काली माता जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर आपको प्राचीन विजयगढ़ किला भी देखने के लिए मिलता है, जो खंडहर अवस्था में यहां पर मौजूद है। आप इस मंदिर में घूम सकते हैं। यहां पर सुंदर गार्डन बनाया गया है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर आ कर आपको बहुत मजा आएगा। यह आपके लिए एक अच्छी ट्रिप हो सकती है। यहां से डूंगरपुर शहर का दृश्य बहुत ही जबरदस्त दिखता है।
पार्क में आपको बहुत सारे झूले और मनोरंजक उपकरण देखने के लिए मिल जाते हैं, जो बच्चे और बड़ों दोनों को बहुत पसंद आते हैं। यहां पर शाम के समय सनसेट का भी सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
श्री माधवराव मंदिर डूंगरपुर - Shri Madhavrao Mandir Dungarpur
श्री माधवराव मंदिर डूंगरपुर के पास स्थित एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। आपको यहां पर प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यह मंदिर डूंगरपुर में सुरपुर में स्थित है। आप यहां पर आ कर इन मंदिरों को देख सकते हैं। यहां पर शिव भगवान जी और कृष्ण भगवान जी के बहुत सारे मंदिर है। यहां पर आपको प्राचीन छतरियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको बहुत सारे देवी देवताओं की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षित करती है। यहां पर गणेश जी, नरसिंह भगवान जी की प्रतिमा है। इन मंदिरों के पास से ही नदी बहती है। इस नदी का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है।
भुवनेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर - Bhubaneshwar Mahadev Temple Dungarpur
भुवनेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर 2 मंजिला है और बहुत सुंदर है। यह पूरा मंदिर पत्थर से बना हुआ है। मंदिर के गर्भ गृह में आपको स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिवलिंग स्वयं धरती से उत्पन्न हुआ है।
भुवनेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर जिले से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर बिछिवारा डूंगरपुर सड़क मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से पहुंच सकते हैं, क्योंकि यह मंदिर मुख्य सड़क पर स्थित है। यहां पर पहाड़ी पर आपको मंगलेश्वर महादेव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है और यहां पर मठ भी बना हुआ है। यहां पर प्रतिवर्ष रंग पंचमी पर मेला भरता है। जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां पर परंपरागत नृत्य किया जाता है। आप यहां पर आकर अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
सोमनाथ मंदिर देवसोमनाथ डूंगरगढ़ - Somnath Temple DevSomnath Dungargarh
सोमनाथ मंदिर, देवसोमनाथ डूंगरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर डूंगरपुर जिले में देव सोमनाथ में स्थित है। यह मंदिर सोम नदी के किनारे बना हुआ है। यह बहुत ही अद्भुत मंदिर है। यह मंदिर 3 मंजिला है। मंदिर के गर्भ गृह में 3 मीटर नीचे भगवान शिव के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत ही आकर्षक तरीके से बना हुआ है। बरसात के समय यहां पर बहुत अधिक संख्या में लोग आते हैं और भगवान शिव के दर्शन करते हैं। यहां पर सोम नदी का दृश्य भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही जबरदस्त रहता है। यह मंदिर डूंगरपुर से करीब 24 किलोमीटर दूर है।
मंदिर के गर्भ गृह में और भी प्राचीन प्रतिमाएं विराजमान है। मंदिर के गर्भ गृह के प्रवेश द्वार की चौखट में बहुत सारे देवी देवता की मूर्ति बनी हुई है। मंदिर में प्रवेश के लिए तीन अलग दिशाओं से रास्ता है। इस मंदिर में आपको गर्भगृह, अंतराल और सभा मंडप देखने मिलता है। मंदिर में प्राप्त दो अभिलेख महारावल गोपीनाथ एवं महारावल सेसमल से संबंधित है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं। मंदिर के बाहर गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप बैठ सकते हैं और मंदिर के बाहर आपको बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती हैं, जो इस मंदिर से ही संबंधित है। यह डूंगरपुर में घूमने लायक मुख्य जगह है।
सोमकमलाआंबा बांध डूंगरपुर - Somkamalaamba Dam Dungarpur
सोमकमलाआंबा बांध डूंगरपुर का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह बांध जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर आसपुर तहसील में स्थित है। आप इस बांध में अपनी बाइक से या गाड़ी से पहुंच सकते हैं। यह बांध बहुत सुंदर है। बरसात के समय इस बांध का दृश्य देखने लायक रहता है। यह बांध सोम और गोमती नदी पर बनाया गया है। इस बांध की लंबाई 620 मीटर और ऊंचाई 34.5 मीटर है। इस बांध में 13 गेट है।
बरसात के समय जब बांध पूरी तरह पानी से भर जाता है। तब इसके गेट खोले जाते हैं, जिस का दृश्य देखने लायक रहता है। यह बांध आसपुर और इसके आसपास के इलाकों में पानी की सप्लाई और सिंचाई के लिए पानी पहुंचाता है। यहां पर बांध के पास में आपको एक शिव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। आप यहां पर आ कर अच्छा अनुभव कर सकते हैं। यहां से आपको शाम के समय सूर्यास्त का भी सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। यह डूंगरपुर का पिकनिक स्पॉट है।
डूंगरपुर राजकीय संग्रहालय - Dungarpur State Museum
डूंगरपुर राजकीय संग्रहालय डूंगरपुर में घूमने का एक मुख्य स्थान है। इस संग्रहालय का नाम राजमाता देवेंद्र कुंवर राजकीय संग्रहालय है। इस संग्रहालय में आपको तत्कालीन वागड़ प्रदेश के इतिहास की जानकारी, विभिन्न स्थानों से प्राप्त पाषाण प्रतिमाएं, प्राचीन सिक्कों का संग्रह देखने के लिए मिलता है। यहां पर वागड़ प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है। कई दुर्लभ वस्तुएं संग्रहालय में देखी जा सकती है।
यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम के 4 बजे तक खुला रहता है। शुक्रवार और सरकारी अवकाश के दिन संग्रहालय बंद रहता है। संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर आकर इस संग्रहालय को देख सकते हैं। आप अगर इतिहास में रुचि रखते हैं, तो आपको यहां जरूर आना चाहिए।
गलियाकोट दरगाह डूंगरपुर - Galiakot Dargah Dungarpur
गलियाकोट दरगाह डूंगरपुर जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मुस्लिम धार्मिक स्थल है। यह जगह बोहरा मुसलमानों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह जगह डूंगरपुर जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर माही नदी के किनारे गलियाकोट कस्बे में स्थित है। यह पर आपको बहुत ही सुंदर मजार देखने के लिए मिलती है, जिसे मजार ए फखरी के नाम से जाना जाता है। यहां पर सैयद फखरुद्दीन की मजार है। यहां पर पूरे देश से लोग आते हैं। यहां पर सभी धर्म और जाति के लोग आ सकते हैं। यहां पर दाऊदी बौहरा श्रद्धालु मजार के दर्शन करने के लिए आते हैं।
सैयद फखरुद्दीन धार्मिक व्यक्ति थे और घूम घूम कर ज्ञान का प्रचार प्रसार करते थे। उनकी मृत्यु गलियाकोट गांव में हुई थी। यहां पर आपको सफेद कलर का बहुत ही सुंदर मजार देखने के लिए मिलता है। कहा जाता है, कि यहां पर आकर जो भी आप मांगते हैं, तो आपकी इच्छा जरूर पूरी होती है। यहां पर बहुत बड़ा कैंपस है और यहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। यहां पर अगर आप ठहरना चाहते हैं, तो आप यहां आकर रुक सकते हैं। यहां पर बगीचे हैं। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव मिलेगा।
गोरेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर - Goreshwar Mahadev Temple Dungarpur
गोरेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर का टूरिस्ट प्लेस है। यह मंदिर डूंगरपुर जिले में सागवारा के पास देवड़ा बड़ा गांव में स्थित है। यह मंदिर मोरन नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर आपको स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर 12 वीं शताब्दी में गुजरात के महाराजाओं के द्वारा बनाया गया था। यहां आ कर अच्छा लगता है। यहां पर मोरन नदी का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है। आप यहां पर आकर अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
वीरबाला कालीबाई पैनोरमा डूंगरपुर - Veerbala Kalibai Panorama Dungarpur
वीरबाला कालीबाई पैनोरमा डूंगरपुर का एक मुख्य पर्यटन स्थान है। यहां पर आपको वीरबाला कालीबाई के बारे में जानकारी मिलती है। वीरबाला कालीबाई भारत देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ी थी। उन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान रहा है। यहां पर उन्हीं की याद में यह पैनोरमा बनाया गया है। इस पैनोरमा में आपको, वीरबाला कालीबाई के जीवन के बारे में बहुत सारी जानकारी दी जाती है।
यहां पर सुंदर गार्डन, कैफिटेरिया, ऑडिटोरियम और डायमंड आकार का मेमोरियल बनाया गया है। अंत में गोलाकार आकृति का पैनोरमा है, जिसमें काली बाई के जीवन वृतांत से जुड़ी महिला साक्षरता और नारी उत्थान को लेकर प्रदर्शनी है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको बहुत सारी जानकारी मिलेगी। यहां पर आपको उनकी एक मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है। यह जगह मुख्य सड़क पर स्थित है। यह जगह मुख्य डूंगरपुर शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर हो गए हैं।
बेणेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर - Beneshwar Mahadev Temple Dungarpur
बेणेश्वर महादेव मंदिर डूंगरपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। यह मंदिर माही और सोम नदी के संगम पर बना हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर डूंगरपुर के सबला तहसील के अंतर्गत आता है। यह सबला नगर से करीब 5 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर आकर बहुत ही सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर माघ पूर्णिमा में मेला भरता है। इस मेले में बहुत दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। इस मेले में आदिवासी परंपरागत चीजें मिलती हैं। यहां पर झूले और बहुत सारे मनोरंजक झूले देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं।
बेणेश्वर महादेव मंदिर माही नदी पर बने एक टापू पर स्थित है। इस टापू पर जाने के लिए पुल बना हुआ है। इस मेले को आदिवासी कुंभ मेले के नाम से जाना जाता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग टूटे हुए हैं। मगर फिर भी लोग इनकी पूजा करते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह डूंगरगढ़ में घूमने वाली मुख्य जगहों में से एक है। यहां पर आपको माव जी महाराज का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। माव जी महाराज का मंदिर बहुत सुंदर है। यहां पर माव जी महाराज पैनोरमा भी बना हुआ है, जो आप देख सकते हैं। यहां पर विष्णु भगवान जी और ब्रह्मा जी का मंदिर बना हुआ है।
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