प्रतापगढ़ राजस्थान के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Pratapgarh district / प्रतापगढ़ जिला, (राजस्थान) के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
प्रतापगढ़ राजस्थान राज्य का एक मुख्य जिला है। प्रतापगढ़ राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 415 किलोमीटर दूर है। प्रतापगढ़ में आप सड़क माध्यम से पहुंच सकते हैं। प्रतापगढ़ जिले में जाखम, करमोहिनी, सुकली नदियां बहती है। सुकली नदी का उद्गम प्रतापगढ़ के सीतामाता वन्य जीव अभ्यारण से हुआ है। प्रतापगढ़ पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने में बहुत मजा आता है। यहां पर बहुत सारे ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक स्थल मौजूद है। प्रतापगढ़ जिला राजस्थान राज्य में मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित है। प्रतापगढ़ में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - प्रतापगढ़ में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
प्रतापगढ़ में घूमने की जगह - Pratapgarh Mein ghumne ki jagah
सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य प्रतापगढ़ - Sitamata Wildlife Sanctuary Pratapgarh
सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य प्रतापगढ़ का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। सीतामाता अभयारण्य में बहुत सारे जंगली जानवर एवं जंगल का सुंदर परिदृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पहाड़, और नदियां देखने के लिए मिलती है। यह जगह उड़ने वाली गिलहरी के लिए प्रसिद्ध है। यह उड़ने वाली गिलहरी के लिए एक प्रोटेक्टेड जगह है। सीतामाता अभ्यारण प्रतापगढ़ में आरामपुरा में स्थित है। इस अभ्यारण को 1989 में अभ्यारण घोषित किया गया था। सीतामाता अभ्यारण 423 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण अरावली, विंध्याचल और मालवा के पठार के बीच स्थित है।
सीतामाता अभ्यारण चित्तौड़गढ़ जिले और उदयपुर जिले में भी फैला हुआ है। अभ्यारण में 300 से ज्यादा जड़ी बूटियों वाले पौधे पाए जाते हैं। यह प्रतापगढ़ में घूमने वाली जगह है। इस अभ्यारण में आप सड़क माध्यम से पहुंच सकते हैं। अभ्यारण में आपको घूमने में बहुत मजा आएगा। यहां पर आपको बहुत सारे पर्यटन स्थल देखने के लिए मिलते हैं।
सीतामाता अभ्यारण में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर विदेशी पर्यटकों का 300 रुपए एक पर्यटक का लिया जाता है। भारतीय व्यक्तियों का 50 रुपए एक पर्यटक का लिया जाता है। विद्यार्थियों का कम चार्ज किया जाता है। यहां पर आपके दोपहिया और चार पहिया वाहन का भी चार्ज लिया जाता है। इस अभ्यारण में ठहरने के लिए भी सुविधा उपलब्ध है। यहां पर आपको डोरमेट्री मिल जाती है। यहां पर आप कैंप लगाकर भी रुक सकते हैं।
सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण में आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। इस अभ्यारण में आपको बाघ, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, हायना, लंगूर, सांभर, जंगली खरगोश, गीदड़, मरु बिल्ली, कबर बिच्छू, चीतल, नीलगाय, नेवला, सिविट, देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको बहुत सारे पक्षी देखने के लिए मिलते हैं। इस अभ्यारण के आसपास और अभ्यारण के अंदर बहुत सारे पर्यटन स्थल है, जहां पर आप जाकर अच्छा समय बिता सकते हैं। आप प्रतापगढ़ आते हैं, तो आपको इस जगह पर जरूर घूमने के लिए आना चाहिए। आपको मजा आएगा।
सीता माता मंदिर प्रतापगढ़ - Sita Mata Mandir Pratapgarh
सीता माता मंदिर प्रतापगढ़ का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण के अंदर घने जंगल के अंदर स्थित है। मंदिर तक जाने का रास्ता पूरा कच्चा है। इस मंदिर तक आप अपने वाहन से, बाइक से पहुंच सकते हैं। मंदिर में पहुंचकर आपको सीता माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर सीता माता जी धरती में समाई थी। यह जगह प्राकृतिक परिदृश्य से घिरी हुई है। चारों तरफ आपको प्रकृति का अनूठा नजारा देखने के लिए मिलता है।
यहां पर आपको बहते हुए नदियां और झरने देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको गर्म जलधारा भी देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर स्नान कर सकते हैं। यहां पर एक सुंदर झरना है, जो बहुत ऊंचाई से गिरता है। यहां पर झरने में आपको मछलियां भी देखने के लिए मिलती हैं। आप इस जगह पर आकर शांति का अनुभव कर सकते हैं। यहां पर आप आते हैं, तो ग्रुप के साथ आएंगे, तो आपको और मजा आएगा। जंगल में आपको जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं।
जाखम जलाशय प्रतापगढ़ - Jakham Reservoir Pratapgarh
जाखम जलाशय प्रतापगढ़ का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां जलाशय जाखम नदी पर बना हुआ है। यह जलाशय चारों तरफ सुंदर पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर आप आकर सुख का अनुभव कर सकते हैं। यहां पर बरसात के समय आना और समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। बरसात के समय इस बांध के गेट भी खोले जाते हैं, जिसका दृश्य देखने लायक रहता है।
जाखम जलाशय पर सूर्यास्त का भी बहुत जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है। जाखम जलाशय के पास में ही एक रेस्ट हाउस बना हुआ है, जहां पर आप ठहरना चाहते हैं, तो ठहर सकते हैं। इस रेस्ट हाउस से भी इस जलाशय का बहुत जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है। इस रेस्ट हाउस में ठहरने का चार्ज लिया जाता है। मगर आपको यहां पर मजा बहुत आएगा।
धूनी माता मंदिर प्रतापगढ़ - Dhuni Mata Temple Pratapgarh
धूनी माता मंदिर प्रतापगढ़ का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह जगह बांसी से धरियावद आने वाली सड़क में स्थित है। यह बांसी से करीब 4 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको प्राकृतिक छटा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। यहां पर आपको एक पवित्र धूनी देखने के लिए मिलती है, जो साल भर और 24 घंटे जलती रहती है। यह धूनी हमेशा जलती रहती है। आप यहां पर आकर इस के दर्शन कर सकते हैं।
यहां पर आपको पहाड़ी से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं। आप यहां बरसात के समय आएंगे, तो आपको ज्यादा मजा आएगा। यहां पर मेला भी लगता है। यहां पर आसपास के ग्रामीण लोग बहुत अधिक संख्या में घूमने के लिए आते हैं। बरसात में यह जगह बहुत ही आकर्षक लगती है।
नालेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ - Naleshwar Mahadev Temple Pratapgarh
नालेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले में बांसी गांव में स्थित है। मंदिर के पास में ही आपको एक जलाशय देखने के लिए मिलता है, जो बरसात में बहुत सुंदर लगता है। नालेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन है और इस मंदिर के अंदर शंकर जी का शिवलिंग विराजमान है। यहां पर गर्भगृह में सफेद पत्थर से बने हुए शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको हनुमान जी के दर्शन भी करने के लिए मिलते हैं।
यहां बरसात में, इस जगह पर आकर घूमने में बहुत मजा आता है। यह मंदिर प्रसिद्ध है। मंदिर के पास में ही आपको एक छोटा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जिसमें आपको कमल के फूल देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर चारों तरफ प्राकृतिक माहौल है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा। यह प्रतापगढ़ में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
श्री दीपेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ - Shri Deepeshwar Mahadev Temple Pratapgarh
श्री दीपेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले में, दीपेश्वर तालाब के पास में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर चारों तरफ से प्राकृतिक वातावरण से घिरा है। यहां आ कर अच्छा लगता है। मंदिर बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है। पूरा मंदिर कलरफुल रंगों से पेंट किया गया है। यहां पर आप आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां चारों तरफ आपको पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर आपको गुप्तेश्वर महादेव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर शिव भगवान जी के और नंदी भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको कुबेरेश्वर महादेव मंदिर देखने के लिए मिलता है।
दीपेशवर तालाब प्रतापगढ़ - Deepeshwar Talab Pratapgarh
दीपेशवर तालाब प्रतापगढ़ का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह तालाब बहुत बड़ा है और बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। तालाब के बीच में भगवान शिव की एक बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। जो तालाब के बीच में टापू पर बनाई गई है। इस मूर्ति के पास में जाकर दर्शन कर सकते हैं। इस मूर्ति में भगवान शिव पद्मासन मुद्रा में बैठे हुए हैं और बहुत ही सुंदर लगते हैं। शाम के समय जब यहां पर लाइटिंग की जाती है, तो भगवान शिव की मूर्ति का प्रतिबिंब तालाब में दिखता है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है।
दीपेशवर तालाब के पास ही में आपको जैन मंदिर भी देखने के लिए मिलेगा, जो बहुत सुंदर है। आपको यहां पर बहुत आनंद आएगा। यह मंदिर सफेद मार्बल से बना हुआ है और पार्श्वनाथ भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर को शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।
जलेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ - Jaleshwar Mahadev Temple Pratapgarh
जलेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ का दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले में मध्यप्रदेश और प्रतापगढ़ की सीमा के पास स्थित है। यह मंदिर हरवार गांव के पास स्थित है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर बरसात के समय, आप आकर यहां का लुफ्त उठा सकते हैं, क्योंकि बरसात के समय यहां पर छोटी सी नदी बहती है। यहां पर आप नहाने का लुफ्त उठा सकते हैं।
जलेश्वर महादेव मंदिर पर आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। श्री जलेश्वर महादेव मंदिर का प्रवेश द्वार मुख्य सड़क में बना हुआ है और यह बहुत सुंदर है। यहां पर एक कुंड बना हुआ है और बरसात के समय यहां पर पानी बहता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर आपको शिव भगवान जी और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
कामाक्षा माता मंदिर प्रतापगढ़ - Kamaksha Mata Temple Pratapgarh
कामाक्षा माता मंदिर प्रतापगढ़ का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। यहां पर माता रानी पहाड़ों के बीच में विराजमान हैं। यहां पर आपको जंगल के अंदर, पहाड़ों में माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है। माता के मंदिर में पहुंचने के लिए आपको थोड़ी सी ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यहां बरसात के समय बहुत सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर जलप्रपात में नहाने का मजा भी ले सकते हैं।
कामाक्षा माता मंदिर प्रतापगढ़ से करीब 30 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर अपनी बाइक से पहुंच सकते हैं और जंगल वाले रास्ते में आप ट्रैकिंग कर सकते हैं। यहां पर आपको आकर बहुत मजा आएगा। यहां पर पहाड़ और झरना का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। यहां पर आकर शांति का अनुभव होता है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी हैं। इसलिए आपको संभल कर रहना चाहिए। मगर यहां पर मजा बहुत आएगा।
गौतमेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ - Gautameshwar Mahadev Temple Pratapgarh
गौतमेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ का एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है। गौतमेश्वर महादेव मंदिर धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको भगवान शिव के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर विराजमान शिवलिंग बहुत बड़ा और बहुत सुंदर है। यह जगह प्राकृतिक रूप से भी सुंदर है। इस जगह पर एक बहुत बड़ी गुफा देखने के लिए मिलती है। इस गुफा के अंदर शिवलिंग विराजमान है। यह गुफा पहाड़ों के नीचे बनी हुई है। यहां बरसात के समय सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात गुफा के ऊपर से बहता है। यह जगह बरसात के समय बहुत ही आकर्षक लगती है।
गौतमेश्वर महादेव मंदिर मुख्य रूप से इस लिए प्रसिद्ध है। क्योंकि, इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर आकर आप मंदाकिनी कुंड में स्नान करते हैं, तो आपको जीव हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है। यहां पर दूर-दूर से लोग इस कुंड में स्नान करने के लिए आते हैं और जीव हत्या के पाप से मुक्ति पाते हैं। यहां पर हर रोज बहुत सारे लोग आते हैं। यह लोग गाय, मोर, गिलहरी जैसे जानवरों की मौत का कारण होते हैं, जिसके प्रश्चित के लिए, वह यहां पर स्थित मंदाकिनी कुंड में स्नान करते हैं और इन पापों से मुक्ति पाते हैं।
यह जगह गौतम ऋषि की तपोस्थली रहा है। इसलिए इस जगह को गौतमेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह जगह बहुत सुंदर है और लोगों की आस्था का केंद्र है। गौतमेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ के अरनोद कस्बे से करीब 20 किलोमीटर दूर है। इस जगह पर आप अपने वाहन से या लोकल ट्रांसपोर्ट ले सकते हैं।
यहां पर बहुत सारे बंदर भी हैं। आप इन बंदरों को खाना खिला सकते हैं। वैसे आपको यहां पर अपना सामान भी संभाल कर रखने की जरूरत रहती है, नहीं तो बंदर आपसे सामान छीन कर लेकर जा सकते हैं। यहां पर आपको एक बहुत बड़े शिवलिंग देखने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आपको बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती है, जिसमें शिव उपासना के तस्वीरों को उकेरा गया है। यह जगह राजस्थान एवं मध्य प्रदेश राज्य में बहुत प्रसिद्ध है।आप यहां पर आकर आनंद का अनुभव कर सकते हैं। यह प्रतापगढ़ का पिकनिक स्पॉट है। आपको यहां पर मजा आएगा।
श्री मंदाकिनी पापमोचनी गंगा जी कुंड - Shri Mandakini Papmochani Ganga Ji Kund
श्री मंदाकिनी पापमोचनी कुंड गौतमेश्वर महादेव मंदिर के पास ही में स्थित है। यह मंदिर परिसर में ही है। कहा जाता है, कि इस स्थान पर स्नान करने से जीव हत्या का पाप से मुक्ति मिलती है। इस स्थान के बारे में कहा जाता है, कि यह स्थान त्रेता युग में महर्षि श्रृंगी का तपोस्थली रहा है, जिनके तप प्रताप से स्वयं गंगा मैया मंदाकिनी यहां पर अवतरित हुई। इस पवित्र कुंड में स्नान करने से महर्षि गौतम को गौ हत्या के पाप से मुक्ति प्राप्त हुई थी। इसलिए यहां पर वर्तमान में बहुत सारे लोग आते हैं और कुंड में स्नान करते हैं और जीव हत्या के पाप से मुक्ति पाते हैं।
भंवर माता मंदिर प्रतापगढ़ - Bhanwar Mata Mandir Pratapgarh
भंवर माता मंदिर प्रतापगढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह प्रतापगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। भंवर माता मंदिर प्रतापगढ़ जिले में छोटी सादड़ी में स्थित है। यह छोटी सादड़ी से करीब 3 किलोमीटर दूर है। छोटी सादड़ी प्रतापगढ़ निम्बाहेड़ा मार्ग पर स्थित है। यह जगह नीमच रेलवे स्टेशन से बहुत करीब पड़ती है। आप यहां पर अपने वाहन से या लोकल ट्रांसपोर्ट से पहुंच सकते हैं। यह जगह बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर लोग दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं। यह जगह मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए एक पवित्र स्थल है। यहां पर देवी दुर्गा का ही रूप विराजमान है।
यहां पर एक प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुआ था, जिसमें असुरों का संहार करने वाली दुर्गा की आराधना की गई है। इस शिलालेख में देवी दुर्गा को महिषासुर राक्षस का वध करने का उल्लेख किया गया है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण यश गुप्त के पुत्र राजा गौरी ने करवाया था। यहां पर आपको प्राचीन मंदिरों के भग्नावशेष देखने के लिए मिलते हैं, जहां पर भंवर माता की मूर्ति विराजमान है।
भंवर माता का विग्रह बहुत सुंदर है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर हरियाली अमावस्या के समय बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें दूर दूर से लोग आते हैं। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। यहां पर आपको एक सुंदर जलप्रपात भी देखने के लिए मिलता है, जो बरसात में बहता है। यहां पर आप बरसात में आएंगे, तो आपको बहुत ज्यादा मजा आएगा। यहां पर शिव भगवान जी का मंदिर भी बना हुआ है, जो आप घूम सकते हैं। यहां पर आप पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यह प्रतापगढ़ का पिकनिक स्पॉट है।
महू महादेव मंदिर प्रतापगढ़ - Mhow Mahadev Temple Pratapgarh
महू महादेव मंदिर प्रतापगढ़ का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले में धरियावद तहसील से 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत केसरपुरा में स्थित है। यहां पर आपको जाखम करमोहिनी और सुकली नदी का संगम स्थल देखने के लिए मिलता है। यहां पर इन नदियों के संगम स्थल पर, प्राचीन शिव मंदिर बना है। यह मंदिर ऐतिहासिक है। इस मंदिर के गर्भ गृह में आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। गर्भगृह में और भी प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो आपको अपनी प्राचीनता का अनुभव कराएंगी। गर्भगृह बहुत सुंदर है। गर्भगृह में कांच का सुंदर काम किया गया है।
आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं और शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं। यह जगह प्राकृतिक रूप से भी सुंदर है। आप यहां पर संगम स्थल पर स्नान कर सकते हैं और इस जगह का आनंद उठा सकते हैं।
कमलेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ - Kamleshwar Mahadev Temple Pratapgarh
कमलेश्वर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ का एक फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है। यहां पर आपको एक गहरी कंदरा देखने के लिए मिलती है, जिसके अंदर स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। यहां पर छोटे-छोटे शिवलिंग देखने के लिए मिलते हैं, जो ज्योतिर्लिंगों के प्रतीक है। यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर झरना देखने के लिए मिलता है।
आप झरने से नीचे उतरते हैं, तो यहां पर आपको कंदरा देखने के लिए मिलती है। यह जगह अरनोद कस्बे के आगे फतेहगढ़ और उकाला गांव से होकर जाना पड़ता है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा और प्रकृति का एक नया स्वरूप देखने के लिए मिलेगा। यहां पर आप झरने में स्नान का मजा ले सकते हैं। यहां पर आप बरसात के समय जाकर मजे कर सकते हैं और शिव भगवान जी के दर्शन भी कर सकते हैं। यह जगह प्रतापगढ़ प्रमुख आकर्षण स्थल है।
दिवाक माता मंदिर प्रतापगढ़ - Diwak Mata Temple Pratapgarh
दिवाक माता मंदिर प्रतापगढ़ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दिवाक देवी मां को समर्पित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सड़क माध्यम उपलब्ध है। मगर सड़क इतनी अच्छी नहीं है। मंदिर में दोपहिया या चार पहिया वाहनों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर के बाहर पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध है।
इस मंदिर की प्रसिद्धि का एक और कारण यह है, कि इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना पूरी होने पर माता को हथकड़ी या लोहे की जंजीर को चढ़ाते हैं। यहां पर मंदिर के बाहर एक त्रिशूल देखने के लिए मिलता है, जिस पर आप को हथकड़ी लगी देखने के लिए मिलेंगी। यहां पर लोगों की इच्छा पूरी होने पर वह माता को जंजीर चढ़ाते हैं।
मुख्य मंदिर में आपको माता की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। माता की प्रतिमा बहुत सुंदर है। माता की प्रतिमा सफेद रंग के पत्थर की बनी हुई है और वस्त्र और फूलों से सुसज्जित है। माता की प्रतिमा के पीछे आपको नौ देवियों के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
इस जगह के बारे में प्राचीन मान्यता है, कि प्राचीन समय में यहां पर जंगल हुआ करता था। घने जंगल में चोर डाकू रहा करते थे। चोर डाकू यहां पर माता का आशीर्वाद लेते थे और मन्नत मांगते थे। अगर वह डकैती करेंगे या जेल तोड़कर भागेंगे और सफल होंगे, तो वह माता को हथकड़ी चढ़ाएंगे और उनकी इच्छा पूरी होती थी, तो माता को यहां पर हथकड़ी चढ़ाते थे। इसी प्रकार यहां पर हथकड़ी चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है।
आप भी इस जगह पर जाकर एक नया अनुभव हासिल कर सकते हैं। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है। इसलिए आपको यहां पर चारों तरफ का दूर-दूर तक फैली हुई वादियां देखने के लिए मिलती है, जो हरियाली से घिरी रहती है और आपको यहां पर बहुत मजा आएगा। यह मंदिर प्रतापगढ़ में जालोर ग्राम पंचायत में स्थित है। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं।
देवगढ़ पैलेस प्रतापगढ़ - Deogarh Palace Pratapgarh
देवगढ़ पैलेस प्रतापगढ़ का एक मुख्य ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन महल देखने के लिए मिलता है। यह महल मुख्य प्रतापगढ़ शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर है। यह महल एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है। यह महल बहुत अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। महल के ऊपर आपको एक सूर्य घड़ी देखने के लिए मिलती है। सूर्य घड़ी प्राचीन समय की घड़ी हुआ करती थी, जो बिल्कुल सही टाइम बताया करते थे।
इसका टाइम सूरज की के अनुसार बताया जाता था। इस महल में आपको पेंटिंग भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको प्राचीन रघुनाथ जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत सुंदर है और आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
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