रणकपुर के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Ranakpur / रणकपुर के बारे में जानकारी
रणकपुर राजस्थान राज्य में स्थित एक मुख्य नगर है। रणकपुर राजस्थान राज्य के पाली जिले के सादडी नगर के पास देसूरी तहसील के अंतर्गत आता है। रणकपुर जोधपुर से करीब 165 किलोमीटर दूर है और उदयपुर से करीब 91 किलोमीटर दूर है। रणकपुर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन फालना है। रणकपुर एक खूबसूरत नगर है और आप यहां पर आकर इस जगह को देख सकते हैं। यहां पर आपको ऐतिहासिक महत्व की बहुत सारी प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर जैन मंदिर बने हुए हैं। यहां पर विश्व भर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। चलिए जानते हैं - रणकपुर में घूमने वाली जगह के बारे में -
रणकपुर में घूमने की जगह - Ranakpur Mein ghumne ki jagah
रणकपुर जैन मंदिर - Ranakpur Jain Temple
रणकपुर जैन मंदिर, रणकपुर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह जैन लोगों का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अपने उत्कृष्ट वास्तुशिल्प के लिए जाना जाता है। इस मंदिर की संरचना व स्थापत्य कला बहुत ही जबरदस्त है और यह पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजस्थान के पाली जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में बहने वाली माधाई नदी के किनारे बना हुआ है। यह विशाल मंदिर चौकोर आकार का है। इसलिए इसे चौमुखा कहते है।
रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। रणकपुर जैन मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर महाराणा कुंभा के मंत्री संघवी धारणाशाह पोरवाल ने करवाया था। यह मंदिर 48000 वर्ग फुट क्षेत्र में बना हुआ है। इस मंदिर में तीन मंजिलें हैं, जो 102 फुट ऊंची है। यह मंदिर 1500 मार्बल के बने हुए खंभों पर टिका हुआ है। इन खंभों पर बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। इस भव्य मंदिर को लगभग 50 वर्षो के अथक परिश्रम से शिल्पी देपा और उनके साथियों द्वारा साकार रूप दिया गया है।
रणकपुर जैन मंदिर जैन धर्म के 5 जैन तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। इस मंदिर की प्रतिष्ठा विक्रम संवत 1496 में आचार्य सोम सुंदरी सूरिजी के हाथों से संपन्न हुई। इस मंदिर के नीचे पांच तलघर बनाए गए हैं, कि संकट की घड़ी आने पर मूर्तियों को इन तलघर में रखा जा सके और उसके ऊपर यह मंदिर बना हुआ है।
इस मंदिर में आपको 1484 विविध कलापूर्ण स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं। लगभग 50 फीट ऊंचे 4 मंडप और 20 रंग मंडप यहां पर देखे जा सकते हैं, जो इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। मंदिर के स्तंभ, तोरण, गुंबद से लटकती पाषाण झूमर, विभिन्न मुद्राओं में अंकित देवी-देवताओं की प्रतिमाएं, सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ, नागदमन, सहस्त्र कूट के अतिरिक्त कल्पतरू की बनावट यहां के मुख्य आकर्षण हैं। यह बहुत सुंदर लगते हैं और यह मध्यकालीन शिल्प कला को भी दिखाते हैं।
इस मंदिर की मुख्य विशेषता यह है कि यह मंदिर चतुर्मुखी चौकोर संरचना का है। मगर इसमें प्राकृतिक प्रकाश, हवा और मौसम को संतुलित रखने के साथ स्तंभों और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को बहुत ही अच्छी तरह से व्यवस्थित किया गया है। आप यहां पर आकर इस मंदिर को देख सकते हैं। इस मंदिर के बाहर आपको सुंदर गार्डन भी देखने के लिए मिलता है।
इस मंदिर में प्रवेश के लिए छोटे कपड़े पहन के आने की मनाही है। अगर आप यहां पर छोटे कपड़े पहन कर आते हैं, तो यहां पर लोवर दिया जाता है, जिसे आप पहन सकते हैं। यहां की जो नक्काशी है। वह पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां पर विश्व से लोग आते हैं और इस मंदिर में घूमते हैं। यह रणकपुर में घूमने वाली मुख्य जगह है और आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
प्राचीन पार्श्वनाथ जैन मंदिर रणकपुर - Ancient Parshvanath Jain Temple Ranakpur
प्राचीन पार्श्वनाथ जैन मंदिर रणकपुर का एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर बहुत सुंदर और प्राचीन है। यह मंदिर पत्थर का बना हुआ है। इस मंदिर में आपको गर्भग्रह, मंडप देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर के बाहर ही दीवारों में बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर रणकपुर जैन मंदिर के पास ही में स्थित है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। मंदिर के गर्भ गृह में आपको भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर बाहर सुंदर गार्डन भी बना हुआ है। इस मंदिर में भी सुंदर नक्काशी की गई है, जो देखने लायक है।
श्री सूर्य नारायण मंदिर रणकपुर - Shree Surya Narayan Mandir Ranakpur
श्री सूर्य नारायण मंदिर रणकपुर का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर पूरा मार्बल से बना हुआ है और इस मंदिर में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। इस मंदिर में आपको गर्भगृह, अर्ध मंडप, मंडप, अंतराल देखने के लिए मिलती है। मंदिर के गर्भगृह का शिखर बहुत ही आकर्षक है। मंदिर के बाहर आपको नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही अद्भुत है। मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में देवी देवताओं की प्रतिमा बनी हुई है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर दीवारों में शिव भगवान, गणेश जी, विष्णु जी और भी बहुत सारे देवी देवता देखने के लिए मिलते हैं।
मंदिर के गर्भगृह में आपको सूर्य भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जिसमें सूर्य भगवान जी अपने रथ में सवार है। मंदिर के बाहर गार्डन बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और आप रणकपुर आते हैं, तो इस मंदिर में भी घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
रणकपुर बांध - Ranakpur Dam
रणकपुर बांध रणकपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह बांध मुख्य सड़क पर स्थित है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस बांध के चारों तरफ आपको सुंदर पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। रणकपुर प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है। यह जगह बहुत अच्छी लगती है। बरसात के समय यह जगह हरियाली से घिरी रहती है। आपको यहां पर आकर मजा आएगा।
शक्ति माता मंदिर - Shakti Mata Temple
शक्ति माता मंदिर रणकपुर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शक्ति माता को समर्पित है।यह मंदिर बहुत सुंदर है और यह मंदिर माधाई नदी के पास बना हुआ है। यहां पर शक्ति माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और नदी का भी सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां नदी में कमल के फूल भी खिले हुए हैं। यहां आकर अच्छा लगता है।
हाथी पुलिया रणकपुर - Hathiya Puliya Ranakpur
हाथी पुलिया रणकपुर के पास घूमने का एक मुख्य स्थल है। यह एक व्यूप्वाइंट है, जहां से आप प्रकृति का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर आपको अरावली पर्वत श्रेणी का दृश्य देखने के लिए मिलता है। इसके अलावा यहां पर आपको सुंदर जलप्रपात भी देखने के लिए मिलता है। यह वाटरफॉल कई स्तरों से नीचे गिरता है, जो बहुत ही जबरदस्त लगता है। यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। आप यहां पर आकर प्रकृति के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यह जगह सायरा से रणकपुर जाने वाली सड़क पर स्थित है। यह मुख्य सड़क में हीं बना हुआ है। इसलिए आप इस जगह की प्राकृतिक खूबसूरती का लुफ्त उठा सकते हैं।
श्री परशुराम महादेव सरोवर धाम - Shri Parshuram Mahadev Sarovar Dham
श्री परशुराम महादेव सरोवर धाम रणकपुर के पास घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। श्री परशुराम महादेव धाम पाली जिले और राजसमंद जिले की सीमा पर पड़ता है। आप यहां पर दोनों ही जिलों से घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह घने जंगल के अंदर स्थित है। यह जगह कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के अंदर स्थित है। इस जगह पर आप सादड़ी से होते हुए आ सकते हैं। आपको यहां पर जंगल का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। चारों तरफ का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है।
यहां पर आपको गुफा देखने के लिए मिलती है, जिसके अंदर शिवलिंग विराजमान है और यहां पर कुंड बना हुआ है, जिसे परशुराम कुंड के नाम से जाना जाता है। यहां पर आपको आकर अच्छा लगेगा। बरसात के समय यहां पर झरने भी बहते हैं, जो देखने लायक रहते हैं। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं। इस जगह तक पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी। मगर आपको मजा बहुत आएगा।
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