पोरबंदर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Porbandar / पोरबंदर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
पोरबंदर गुजरात राज्य का एक प्रमुख जिला है। पोरबंदर गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब 417 किलोमीटर दूर है। पोरबंदर अरब सागर के किनारे स्थित है। यहां पर अरब सागर के किनारे समुद्री तट देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर लगता है। पोरबंदर महाभारत काल में सुदामा जी की जन्म स्थली के रूप में जाना जाता है। यहां पर सुदामा जी का गांव हुआ करता था। यहां पर आपको सुदामा जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। पोरबंदर की मुख्य नदी असमावती है।पोरबंदर गांधी जी की जन्म स्थली है। यहां पर गांधी जी का जन्म हुआ है और यहां पर गांधीजी का पैतृक घर भी देख सकते हैं। पोरबंदर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - पोरबंदर में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
पोरबंदर में घूमने की जगह - Porbandar mein ghumne ki jagah
चौपाटी बीच पोरबंदर - Chowpatty Beach Porbandar
चौपाटी बीच पोरबंदर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। यह बीच बहुत सुंदर है। यह अरब सागर के किनारे स्थित समुद्र तट है और बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां पर शाम के समय, समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। शाम के समय सूर्यास्त का दृश्य देखने का अनुभव अलग रहता है। यह बीच साफ सुथरा है। यहां पर आकर आप अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर खाने पीने की बहुत सारी दुकान है, जहां पर आपको बहुत सारा स्ट्रीट फूड खाने के लिए मिल जाता है। इसके अलावा यहां पर शॉपिंग के लिए भी बहुत सारी दुकान है। यहां पर बहुत सारे वॉटर स्पोर्ट्स भी होते हैं। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
सुदामा मंदिर पोरबंदर - Sudama Temple Porbandar
सुदामा मंदिर पोरबंदर जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सुदामा जी को समर्पित है। सुदामा जी भगवान कृष्ण के बचपन के मित्र थे। यह मंदिर बहुत सुंदर है और प्राचीन है। इस मंदिर में श्री कृष्ण के बाल सखा भक्त सुदामा जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। सुदामा जी की जन्म भूमि और कर्म भूमि के रूप में प्रसिद्ध पोरबंदर एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह स्थल पौराणिक काल से प्रसिद्ध है। 11वीं और 13वीं शताब्दी में यहां पर सुदामा जी का एक छोटा सा मंदिर बना हुआ था, जिसे 19वीं शताब्दी में पोरबंदर के महाराजा श्री भाव सिंह जी ने नव निर्माण कराकर भव्य मंदिर बनाया।
मंदिर के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान सौराष्ट्र के नाट्य कंपनियों ने दिया था। 1904 ईसवी तक मंदिर में सत्संग कक्ष संपन्न किया गया। इस परिसर में चामुंडा माता का मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको सुदामा जी और श्री कृष्ण जी की बहुत सारी पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है। यहां पर आपको लख चौरासी देखने के लिए मिलता है। लख चौरासी का नित्य दर्शन करने से चौरासी परिक्रमा का फल प्राप्त होता है। यहां पर सुदामा कुंड बना हुआ है, जो सुंदर है और आप यहां पर घूम सकते हैं। सुदामा मंदिर पोरबंदर में घूमने की सबसे अच्छी जगह है और आप यहां पर आ सकते हैं।
पोरबंदर पक्षी अभयारण्य पोरबंदर - Porbandar Bird Sanctuary Porbandar
पोरबंदर पक्षी अभ्यारण पोरबंदर जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के पक्षी देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर ठंड के मौसम में आपको माइग्रेट बर्ड्स देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत सुंदर लगती हैं। यह जगह पोरबंदर जिले के बीचो-बीच स्थित है। यहां पर आपको झील देखने के लिए मिलती है। इस झील में बहुत सारे पक्षी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर पेड़ पौधे और फूलों वाले पौधे भी लगाए गए हैं। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
भारत मंदिर पोरबंदर - Bharat Mandir Porbandar
भारत मंदिर पोरबंदर शहर का एक मुख्य स्थल है। यहां पर आपको बहुत सुंदर मंदिर देखने के लिए मिलता है। भारत मंदिर हमारी मातृभूमि भारत माता को समर्पित है। इस मंदिर में आपको एक बड़ा सा मंडप देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर में आपको फर्श में मार्बल से बना हुआ भारत का नक्शा देखने के लिए मिलता है। यह नक्शा बहुत बड़ा है और बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आपको प्रसिद्ध व्यक्तियों की मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर में भारतवर्ष के ऋषि-मुनियों, साधु-संतों, देशभक्तों, वीर, नारी रत्नों और राष्ट्र निर्माताओं की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है।
यहां पर आपको शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी जी, सरदार पटेल जी, गौतम बुद्ध जी, रानी लक्ष्मीबाई, आर्यभट्ट जी, चाणक्य, पाटलिपुत्र चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, पृथ्वीराज चौहान, रविंद्र नाथ टैगोर, महारथी कर्ण की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। भारत मंदिर की मूर्तियों का निर्माण जामनगर के शिल्पी श्री पोपटलाल लक्ष्मण भाई ने किया है। मंदिर के बाहर आपको सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है और प्रसिद्ध लोगों की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। भारत मंदिर में प्रवेश करने के लिए शुल्क लिया जाता है और यह शुल्क बहुत कम रहता है। यहां पर आपको मिरर मेज देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मजेदार रहता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको बहुत मजा आएगा मजा। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह पोरबंदर में घूमने वाली मुख्य जगह है।
श्री जवाहरलाल नेहरू आकाश गृह पोरबंदर - Shri Jawaharlal Nehru Akash Griha Porbandar
श्री जवाहरलाल नेहरू आकाश गृह पोरबंदर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। इसे तारा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको ग्रह, नक्षत्र, अंतरिक्ष, तारों के बारे में बहुत सारी जानकारियां मिलती है। यहां पर आपको डार्विन सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और विकास क्रम को देखने के लिए मिलता है। यहां आकाशगंगा के बारे में जानकारी मिलती है। सूर्य देवता के बारे में जानकारी मिलती है।
तारा मंदिर के सामने आपको श्री जवाहरलाल नेहरू जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको बहुत सारे वैज्ञानिकों के बारे में भी जानकारी मिलती है। यहां पर प्रवेश शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। तारा मंदिर के बाहर आपको गार्डन देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आकर बच्चे लोग काफी इंजॉय कर सकते हैं और बहुत सारा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
हरी ओम मंदिर पोरबंदर - Hari Om Mandir Porbandar
हरी ओम मंदिर पोरबंदर शहर का एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर बहुत विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और बहुत ही सुंदर बना हुआ है। इस मंदिर में आपको श्री राम जी और माता सीता जी, राधा कृष्ण जी, लक्ष्मी नारायण जी, गणपति जी, हनुमान जी, शिव पार्वती जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। मंदिर के सामने आपको गार्डन देखने के लिए मिलता है। इस गार्डन में बहुत सारे पौधे लगे हुए हैं और मंदिर के सामने ही एक कुंड बना हुआ है, जिसमें फव्वारा लगा हुआ है और जब यह फव्वारा चालू होता है, तो बहुत ही सुंदर लगता है।
यहां पर बच्चों के खेलने के लिए छोटा सा प्ले एरिया भी बना हुआ है। मंदिर में आप सुबह एवं शाम के समय आते हैं, तो आप यहां पर आरती में भी शामिल हो सकते हैं। यहां पर आरती बहुत ही अच्छी होती है। यह मंदिर मुख्य शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको गौशाला भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर गुरुकुल भी है। आप यहां पर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
कीर्ति मंदिर पोरबंदर - Kirti Mandir Porbandar
कीर्ति मंदिर पोरबंदर में स्थित एक प्रसिद्ध स्थल है। कीर्ति मंदिर गांधी जी का जन्म स्थान है। यहां पर मोहनदास करमचंद गांधी जी का जन्म हुआ था। यहां पर आपको गांधी जी का जन्म स्थान, म्यूजियम, गिफ्ट शॉप, चित्र प्रदर्शनी, कस्तूरबा स्मारक देखने के लिए मिल जाती है। इस जगह को कीर्ति मंदिर के रूप में बनाया गया है।
यह गांधीजी का पैतृक घर है। यहां पर 2 अक्टूबर 1869 को गांधी जी का जन्म हुआ था। गांधीजी अपने माता पिता की चौथी संतान थी। यहां पर आपको गांधी जी के जीवन के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलती है। यह घर तीन मंजिला है। यह घर गांधी जी के दादाजी के द्वारा खरीदा गया था। यहां पर आप सभी जगहों को देख सकते हैं। यहां पर बहुत सारी फोटो देखने के लिए मिलती है। यहां पर जिस कमरे में गांधी जी का जन्म हुआ था। उस कमरे को भी आप देख सकते हैं। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको यहां पर बहुत सारी जानकारी मिलेगी।
रामधुन मंदिर पोरबंदर - Ramdhun Temple Porbandar
रामधुन मंदिर पोरबंदर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में आपको श्री राम जी, माता सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर में श्री राम जय राम जय जय राम का भजन चलता रहता है। यह भजन 24 घंटे सातों दिन चलता रहता है। यह भजन आज तक बंद नहीं हुआ है। यहां पर आप भी इस भजन को सुन सकते हैं और बहुत अच्छा लगता है। इस मंदिर की स्थापना परम पूज्य श्री प्रेम भिक्षु महाराज जी ने की थी। यह मंदिर पोरबंदर की सबसे अच्छी जगह है और आपको यहां पर जरूर घूमने के लिए आना चाहिए। यह मंदिर मुख्य पोरबंदर शहर में स्थित है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
चाडेश्वर महादेव मंदिर पोरबंदर - Chadeshwar Mahadev Temple Porbandar
चाडेश्वर मंदिर पोरबंदर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर नौवीं शताब्दी में बनाया गया है। इस मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां आकर अच्छा लगता है। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवता विराजमान है। यह जगह पोरबंदर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यहां पर सावन सोमवार में बहुत भीड़ लगती है।
खीमेश्वर महादेव मंदिर पोरबंदर - Khimeshwar Mahadev Temple Porbandar
खीमेश्वर मंदिर पोरबंदर का एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर सातवीं शताब्दी का माना जाता है। यहां पर गर्भ ग्रह में आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर परिसर में और भी बहुत सारे मंदिर है। यहां पर आपको शंकर भगवान जी की मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है। मंदिर के शिखर पर डिजाइन बहुत सुंदर है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और शंकर जी के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर कुछड़ी बीच के पास स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
रंगबाई माताजी मंदिर पोरबंदर - Rangbai Mataji Temple Porbandar
रंगबाई माताजी मंदिर पोरबंदर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर श्री सती रंगबाई माताजी को समर्पित है। यह मंदिर उनके बलिदान की याद में बनाया गया है। यह मंदिर पोरबंदर माधोपुर नेशनल हाईवे पर स्थित है। यह मंदिर पोरबंदर से करीब 15 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर बाइक से घूमने के लिए जा सकते हैं। इस मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर आपको बीच भी देखने के लिए मिलता है। यह बीच बहुत सुंदर है और यह बीच साफ सुथरा है। आप यहां पर आकर बहुत सारे पक्षी देख सकते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
जम्बूवन गुफा पोरबंदर - Jambuvan Cave Porbandar
जम्बूवन गुफा पोरबंदर का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं। यह गुफाएं प्राकृतिक है। यह गुफाएं भूमिगत है। इन गुफाओं में जाने के लिए सीढ़ियां हैं। यह सीढ़ियां बहुत सकरी है। आप नीचे जाते हैं, तो आपको बड़ा सा हॉल देखने के लिए मिलता है। इन गुफाओं के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर श्री कृष्ण जी चामंतक मणि की तलाश में आए थे और इन गुफाओं में जामवंत जी रहते थे। जामवंत जी और श्री कृष्ण जी के बीच यहां पर चामंतक मणि के लिए युद्ध हुआ था। जामवंत जी को समझ में आया, कि वह श्री राम जी के अवतार से ही लड़ रहे हैं, तो उन्होंने युद्ध खत्म किया और अपनी बेटी से श्री कृष्ण जी का विवाह किया और चामंतक मणि श्रीकृष्ण को दे दिया।
इन गुफाएओ मे आपको श्री कृष्ण जी और जामवंत जी की पेंटिंग भी देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर शंकर भगवान जी के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए भी मिलते हैं। इन गुफाओं में आपको मंदिर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। यह गुफाएं बहुत सुंदर है। यह गुफाएं पोरबंदर में, पोरबंदर राजकोट हाईवे सड़क पर स्थित है। यह गुफाएं पोरबंदर से करीब 17 किलोमीटर दूर है। इन गुफाओं का पौराणिक महत्व है। यह पोरबंदर में घूमने लायक जगह हैं।
फोदरा बांध पोरबंदर - Fodara Dam Porbandar
फोदरा बांध पोरबंदर में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह एक सुंदर जलाशय है। यह बांध बिलेश्वर गांव में स्थित है। यह बांध बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। यहां पर आपको बहुत सारी पक्षी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर मगरमच्छ भी है। यहां का नजारा प्राकृतिक है। आप यहां पर आकर पिकनिक मना सकते हैं। यह पोरबंदर का एक पिकनिक स्पॉट है।
बरदा हिल्स वन्यजीव अभयारण्य - Barda Hills Wildlife Sanctuary
बरदा हिल्स वन्यजीव अभ्यारण पोरबंदर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको बरदा हिल्स देखने के लिए मिलता है। बरदा पहाड़ी पर आपको बहुत सारी जगह देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको जंगल, पहाड़, नदी, नाले, झरने, मंदिर और वन्य जीवन देखने के लिए मिलता है। बरदा हिल्स बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। आप यहां पर आकर पिकनिक मना सकते हैं। यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे और जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
किलेश्वर महादेव मंदिर पोरबंदर - Kileshwar Mahadev Temple Porbandar
किलेश्वर महादेव मंदिर पोरबंदर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पोरबंदर में बरदा हिल में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर शिव मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां पर पांडवों ने निवास किया था और यहां पर शिव भगवान जी की स्थापना करके पूजा किया था।
किलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण जामनगर के श्री जाम साहिब ने कराया है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर चारों तरफ से प्राकृतिक वातावरण से घिरा हुआ है। यहां पर सावन सोमवार के समय बहुत सारे श्रद्धालु शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर मंदिर के आसपास प्राकृतिक वातावरण, जलप्रपात, जंगल देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक प्राचीन किला भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर भानवड तालुका में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
नौलखा मंदिर पोरबंदर - Naulakha Temple Porbandar
नौलखा मंदिर पोरबंदर का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत अद्भुत है। यह मंदिर भानवड तालुका में स्थित है। यह मंदिर 12 वीं शताब्दी में सोलंकी रूलर के द्वारा बनाया गया था। मंदिर की दीवारों में आपको सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको हाथी कि सुंदर नक्काशी, मानव, नृत्य एवं और भी बहुत सारी नक्काशी देखने के लिए मिल जाती है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। यह मंदिर बरदा हिल के पास बना हुआ है। यह मंदिर सोलंकी वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
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