जूनागढ़ जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Junagadh / जूनागढ़ के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
जूनागढ़ गुजरात राज्य का एक मुख्य जिला है। जूनागढ़ गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 348 किलोमीटर दूर है। जूनागढ़ जिला गिरनार की तलहटी पर स्थित है। जूनागढ़ में प्राचीन समय में बीवी शासकों का शासन था। स्वतंत्रता के बाद यहां का इतिहास बहुत रोचक रहा था और आप यहां के इतिहास के बारे में पढ़ सकते हैं। यहां पर आपको हिंदू मुस्लिम और जैन तीर्थ स्थल देखने के लिए मिल जाते हैं। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भी भरी हुई है। जूनागढ़ जिले की मुख्य नदी बहुत सारी है। यहां पर सोनारेखा नदी, कलवा नदी, ओजत नदी बहती है। जूनागढ़ जिले की सीमा अरब सागर को छूती हैं। यहां पर अरब सागर के किनारे बहुत सारे सुंदर बीच देखने के लिए मिलते हैं। जूनागढ़ में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - जूनागढ़ में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
जूनागढ़ में घूमने की जगह - Junagadh mein ghumne ki jagah
शक्कर बाग प्राणी संग्रहालय - Sugar Bagh Zoological Museum
शक्कर बाग प्राणी संग्रहालय जूनागढ़ का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। शक्कर बाग प्राणी संग्रहालय को जूनागढ़ प्राणी उद्यान या शक्कर बाग ज़ू के नाम से भी जाना जाता है। यह उद्यान बहुत पुराना है। यह उद्यान गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में स्थित है। यह उद्यान 84 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस उद्यान की स्थापना 1863 में की गई थी और यह पब्लिक के लिए ओपन किया गया था। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको जंगली जानवर, मछली, सांप, पक्षी देखने के लिए मिल जाते हैं।
जूनागढ़ चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको हिप्पोपोटामस, शाही, बब्बर शेर, चीता, मगरमच्छ, शुतुरमुर्ग, बंदर, नीलगाय, लंगूर, बंदर, हिरण, जंगली भैंसा, चित्तीदार हिरण, चिंकारा, बाघ, ब्लैकबक देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर मछली घर भी है, जहां पर आपको मछलियों की बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर मछलियों को अलग-अलग टैंक में रखा गया है। यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के पक्षी भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको तोते, हंस, पेलिकन, सफेद मोर, मोर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आप को सांप भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां आपको इंडियन कोबरा, इंडियन पाइथन देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको इन जीव के बारे में जानकारी भी मिलती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे स्टेच्यू भी देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं।
यह प्राणी संग्रहालय जूनागढ़ में, जूनागढ़ राजकोट हाईवे सड़क पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर पार्किंग के लिए भी जगह है, जहां पर आप अपनी गाड़ी खड़ी कर सकते हैं।
खपरा कोडिया गुफा जूनागढ़ - Khapra Kodia Cave Junagadh
खपरा कोडिया की गुफा जूनागढ़ का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको तीन गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं। यह गुफाएं प्राचीन है और चट्टान को काटकर बनाई गई है। यह गुफाएं तीसरी और चौथी सदी में बनाई गई हैं। यह गुफाएं सम्राट अशोक के द्वारा बनाई गई हैं और यहां पर आपको शिलालेख भी देखने के लिए मिलता है। यह गुफाएं बौद्ध साधुओं के लिए बनाई गई थी। यहां पर प्रवेश के लिए एंट्री शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं और यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर पार्किंग के भी जगह है।
जूनागढ़ संग्रहालय - Junagadh Museum
जूनागढ़ संग्रहालय जूनागढ़ जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। इस संग्रहालय को दरबार हॉल संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। यह संग्रहालय बहुत ही सुंदर बना हुआ है। यह बिल्डिंग प्राचीन है और प्राचीन समय में इस बिल्डिंग का उपयोग दरबार हॉल के रूप में किया जाता था। यहां पर आपको बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है।
इस म्यूजियम में आपको टेराकोटा पोटरी पीस, दिवाल घड़ी, बंदूक, तलवार, तोप, दरबार हॉल, कपड़े, ताला चाबी, चांदी के बर्तन, चांदी की केतली का सेट, राजा रानी महल, पालकी, तलवारे, सिक्के, मुद्रा, बिस्तर, गिलास पॉट, और भी बहुत सारी चीजें आप यहां पर देख सकते हैं। यहां पर अलग-अलग गैलरी बनी है, जहां पर आप इन सभी चीजों को देख सकते हैं। यहां पर आकर आपको जूनागढ़ का इतिहास पता चलता है। यह संग्रहालय उप रजिस्टर कार्यालय के पास स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जूनागढ़ में घूमने लायक जगह है।
सिद्धनाथ महादेव मंदिर जूनागढ़ - Siddhanth Mahadev Temple Junagadh
सिद्धनाथ महादेव मंदिर जूनागढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर ज़ांज़रदा रोड में बना हुआ है। यह मंदिर जूनागढ़ का प्रसिद्ध मंदिर है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के अंदर गर्भ गृह में आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और नाग देवता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। शिवलिंग की जो जलहरी है। वह धातु की बनी हुई है और बहुत सुंदर लगती है।
महाबत मकबरा जूनागढ़ - Mahabat Tomb Junagadh
महाबत मकबरा जूनागढ़ का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको बहुत ही सुंदर मकबरा देखने के लिए मिलता है। यहां पर दो मकबरे बने हुए हैं। यह मकबरा इंडो-इस्लामिक, यूरोपियन और गोथिक शैली में बना हुआ है। यह मकबरा देखने में बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर आपको जूनागढ़ के नवाब महावत खान द्वितीय का मकबरा देखने के लिए मिलता है। इन का मकबरा 1878 में बनना शुरू हुआ था और 1892 में बनकर तैयार हुआ। इन का मकबरा बहादुर खान जी के द्वारा बनाया गया।
आपको यहां पर महावत खान के मंत्री बहादुरुद्दीनभाई का मकबरा भी देखने के लिए मिलता है। यह मकबरा बहुत सुंदर है। मकबरे के चारों तरफ आपको चार मीनार देखने के लिए मिलती है। इन मीनारों में भी बहुत सुंदर काम किया गया है। इन मीनारों में घुमावदार सीढ़ियां बनाई गई है, जो मीनार के ऊपर तक जाती है और बहुत सुंदर लगती है। मकबरे के ऊपर आपको प्याज नुमा गुंबद देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर चांदी के दरवाजे, फ्रेंच खिड़कियां आपको देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर देश-विदेश के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यह जूनागढ़ की एक प्रमुख आकर्षण स्थल है। यह मुख्य जूनागढ़ शहर में स्थित है। आप यहां पर आसनी से पहुंच सकते हैं।
स्वामीनारायण मंदिर जूनागढ़ - Swaminarayan Mandir Junagadh
स्वामीनारायण मंदिर जूनागढ़ जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर स्वामीनारायण जी को समर्पित है। मुख्य मंदिर में स्वामीनारायण जी, घनश्याम जी, श्री राधे कृष्ण जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मुख्य मंदिर बहुत सुंदर है और मंदिर का शिखर गोल्डन कलर का है, जो बहुत सुंदर लगता है और दूर से ही लोगों को आकर्षित करता है। मंदिर में आपको और भी बहुत सारे देवी देवताओं और मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं।
यहां पर आपको श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर और पार्वती जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर गणेश जी की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा भी बहुत सुंदर है। यहां पर ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहां पर आप रुक सकते हैं। यहां पर भोजशाला भी उपलब्ध है, जहां पर आपको सात्विक भोजन मिलता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। मंदिर परिसर बहुत बड़े क्षेत्र में है। यह मंदिर मुख्य जूनागढ़ जिले में स्थित है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यह जूनागढ़ की सबसे अच्छी जगह है।
ऊपरकोट किला जूनागढ़ - Uparkot Fort Junagadh
ऊपरकोट किला जूनागढ़ का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यह जूनागढ़ में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह किला जूनागढ़ जिले के ऊपरी क्षेत्र में स्थित है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। किले परिसर में बहुत सारी जगह है, जहां पर घुमा जा सकता है। यह जूनागढ़ का प्राचीन किला है। यह किला जूनागढ़ में गिरनार पर्वत के पास स्थित है। यह किला बहुत ही सुंदर है। किले का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। यहां पर आपको और भी बहुत सारी जगह घूमने के लिए मिलती हैं, जो प्राचीन है। लोगों के अनुसार इस प्राचीन किले का निर्माण 319 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त ने करवाया था। ऊपरकोट किला के आसपास घूमने वाले मुख्य स्थानों में आदि कवि वाव प्रमुख है।
आदि कवि वाव एक बावड़ी है, जो बहुत सुंदर है। इस बावड़ी का आकार गोलाकार है और इस बावड़ी में पानी तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इस बावड़ी का निर्माण चट्टानों को काटकर किया गया है और यह बावड़ी देखने में बहुत सुंदर लगती है। इस बावड़ी का निर्माण 10वीं और 11वीं शताब्दी के मध्य किया गया है। इस बावड़ी का निर्माण चूड़ासामा शासकों के द्वारा किया गया है। यहां पर आपको पानी भी देखने के लिए मिल जाता है, जो बहुत गंदा है। लोगों ने इस में कचरा डाल दिया है। यहां पर आपको बहुत सारे कबूतर देखने के लिए मिलते हैं।
बौद्ध गुफाएं अपरकोट किले परिसर में स्थित एक मुख्य स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं। यह गुफाएं लगभग दूसरी शताब्दी ईसा की मानी जाती हैं। यह गुफाएं आदि कवि वाव की ओर अपरकोट की चट्टानों पर स्थित है। यहां पर आपको पत्थर पर बनी हुई गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत सुंदर लगती हैं। गुफाओं के सबसे निचले स्तर पर बरसात का पानी एकत्र होता है और आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। गुफाओं के खंभों में आपको नक्काशी भी देखने के लिए मिलेगी, जो धीरे-धीरे धुंधली पड़ती जा रही है।
नवघन कुवो अपरकोट परिसर में स्थित एक और प्राचीन स्थल है। यह भी एक बावड़ी है और यह बावड़ी बहुत ही सुंदर तरीके से बनी हुई है। इस बावड़ी के आप नीचे जा सकते हैं और इसके नीचे वाले एरिया में आप पहुंच कर बापड़ी की संरचना देख सकते हैं। इस बावड़ी का निर्माण 1025 से 1044 के बीच हुआ है। यह बावड़ी बहुत सुंदर लगती है। यहां पर आपको और भी प्राचीन स्थल देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको जामा मस्जिद और नीलम और मैनाक नाम की दो तोप भी देखने के लिए मिल जाती हैं, जो बहुत सुंदर हैं। यह जूनागढ़ में घूमने लायक जगह है। अगर आप जूनागढ़ घूमने के लिए आते हैं, तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए।
गिरनार वन्यजीव अभयारण्य जूनागढ़ - Girnar Wildlife Sanctuary Junagadh
गिरनार वन्य जीव अभ्यारण जूनागढ़ शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। जूनागढ़ का गिरनार जंगल एशियन लायन का घर है। यहां पर आपको फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से परमिशन लेकर जाना रहता है और आप यहां पर सभी जगह घूम सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे जानवर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर वॉच टावर भी बना हुआ है, जहां से आप आसपास का दृश्य देख सकते हैं। यह जंगल हरियाली और पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां आपको आकर बहुत अच्छा लगेगा। यह जूनागढ़ का पिकनिक स्पॉट है। आप यहां फैमिली वालों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
साइंस म्यूजियम जूनागढ़ - Science Museum Junagadh
साइंस म्यूजियम जूनागढ़ का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। इस म्यूजियम में आपको बहुत सारे साइंस से संबंधित मॉडल देखने के लिए मिल सकते हैं, जिसमें आप प्रतिक्रिया भी करके देख सकते हैं। यहां पर बच्चों लोगों को काफी मजा आएगा, क्योंकि के बच्चों को खेलने के लिए और उन्हें समझाने के लिए साइंस से संबंधित मॉडल देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर मिरर मेज भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मजेदार रहता है।
साइंस म्यूजियम में तारामंडल भी है, जहां पर ग्रह नक्षत्रों के बारे में जानकारी मिलती है। यहां पर आपको 3D शो भी देखने के लिए मिलता है, जिसमें हमारे सौरमंडल, स्पेस और ग्रह नक्षत्र की जानकारी मिल जाती है। यहां पर एंट्री के लिए चार्ज लिया जाता है और तारामंडल में भी एंट्री के लिए चार्ज लिया जाता है। यह जगह मुख्य जूनागढ़ शहर में स्थित है और आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यह जूनागढ़ में घूमने लायक जगह है।
अशोक शिलालेख जूनागढ़ - Ashoka Inscription Junagadh
अशोक शिलालेख जूनागढ़ जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको सम्राट अशोक के शिलालेख देखने के लिए मिलते हैं। सम्राट अशोक का प्राचीन समय में सौराष्ट्र में शासन हुआ करता था। यह जगह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा संरक्षित है। यहां पर प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर एक व्यक्ति का 25 रुपए लिए जाते हैं। यहां पर आपको एक बहुत बड़ी शिला देखने के लिए मिलती है, जिसमें सम्राट अशोक का शिलालेख है।
अशोक शिलालेख जूनागढ़ में गिरनार पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है। अशोक महान ने 273 से 232 ईसा पूर्व गिरनार की पहाड़ी के तलहटी पर एक बड़े चट्टान में अपने 14 शिलालेख उत्कीर्ण करवाएं। इन लेखों के अलावा इस शिलाखंड पर प्राचीन भारतीय इतिहास के दो अन्य महान शासकों महाक्षत्रय रुद्रदमन और स्कंद गुप्त के अभिलेख उत्कीर्ण है। इन सभी अभिलेखों को टोड़ 1822 में खोजा था। यहां पर पशुओं के वध, निषेध, मनुष्य व पशुओं की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, माता-पिता का सम्मान, जीवन यापन मितव्ययिता का पालन, जीवो के प्रति दया भाव, इत्यादि बहुत सारी जानकारियां दी गई है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
मुचकुंद गुफा जूनागढ़ - Muchkund Cave Junagadh
मुचकुंद गुफा जूनागढ़ का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह धार्मिक स्थल है। यह गुफा मुचकुंद ऋषि को समर्पित है। मुचकुंद गुफा का संबंध महाभारत काल में, श्री कृष्ण और कालयवन राक्षस से रहा है। मुचकुंद गुफा जूनागढ़ में गिरनार की तलहटी में स्थित है। यहां पर आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। कहा जाता है, कि यह शिवलिंग मुचकुंद ऋषि के द्वारा स्थापित किया गया है और यहां पर एक और शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जो श्री कृष्ण द्वारा स्थापित है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह जूनागढ़ के सबसे अच्छे स्थानों में से एक है।
दामोदर कुंड जूनागढ़ - Damodar Kund Junagadh
दामोदर कुंड जूनागढ़ का एक धार्मिक स्थल है। दामोदर कुंड एक पवित्र झील है। यह जूनागढ़ में गिरनार पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है। यहां पर आपको एक कुंड देखने के लिए मिलता है। इस कुंड को लेकर प्राचीन मान्यताएं हैं। इस कुंड में मृत व्यक्ति के दाह संस्कार के बाद, राख को बहाया जाता है। यहां पर राख को बहाने से, जो आत्मा रहती है। उसको मोक्ष प्राप्त होता है। इसलिए यहां पर बहुत सारे लोग आकर यह क्रिया करते हैं। कहा जाता है कि इस कुंड में हड्डियां गल जाती हैं। यह कुंड बहुत सुंदर है।
दामोदर कुंड पर बहुत सारे लोग नहाने का मजा भी लेते हैं। यहां पर आपको दामोदर हरी टेंपल भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। कहा जाता है, कि इस मंदिर की स्थापना श्री कृष्णा जी के नाती वज्रनाभ ने की थी। यह जगह बहुत ही सुंदर है। इस मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर से किया गया है। इस मंदिर में आपको श्री कृष्ण जी के, बलराम जी के, रेवती मैया जी के, गणेश जी के, शिव शंकर जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। चारों तरफ का वातावरण बहुत अच्छा है। यहां पर आपको नरसी मेहता जी की भी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। नरसी मेहता एक प्रसिद्ध कवि थे और एक महान संत थे। उनका भी इस जगह से संबंध है। यह जूनागढ़ की सबसे अच्छी जगह है।
भवनाथ मंदिर जूनागढ़ - Bhavnath Temple Junagadh
भवनाथ महादेव मंदिर जूनागढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जूनागढ़ में गिरनार पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है। यह मंदिर प्राचीन है। भवनाथ का अर्थ होता है, कि पूरे संसार का स्वामी। भगवान शिव पूरे संसार के स्वामी है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां पर शिव भगवान जी का दर्शन करने के लिए मिलता है। शिव भगवान जी का शिवलिंग बहुत सुंदर लगता है। यह मंदिर भी बहुत ही आकर्षक तरीके से बना हुआ है। यह मंदिर भी बहुत सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर का शिखर बहुत ही आकर्षक लगता है। यह मंदिर प्राचीन है।
यहां पर चारों तरफ प्राकृतिक वातावरण है और यहां पर आकर बहुत शांति मिलती है। भवनाथ महादेव मंदिर में आपको मृगी कुंड देखने के लिए मिलता है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर प्राचीन समय में शिव और पार्वती जी गिरनार पर्वत की यात्रा कर रहे थे। तब उनका एक दिव्य वस्त्र यहां पर गिरा था। यह कुंड रहस्यों से भरा हुआ है। यह कुंड के साल भर बंद रखा जाता है सिर्फ शिवरात्रि को खोला जाता है। इस कुंड में नागा साधु, नागा बाबा लोग स्नान करते हैं और उसके बाद महाशिवरात्रि के मेले में सम्मिलित होते हैं। यहां महाशिवरात्रि में विशाल मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से लोग शामिल होने के लिए आते हैं। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
जटाशंकर महादेव मंदिर जूनागढ़ - Jatashankar Mahadev Temple Junagadh
जटाशंकर महादेव मंदिर जूनागढ़ एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर जूनागढ़ में गिरनार पहाड़ी में जंगल में स्थित है। यह मंदिर जंगल के अंदर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना पड़ता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। प्राकृतिक माहौल देखने के लिए मिलता है। मंदिर में जाने के लिए जंगल वाला रास्ता है। आपको यहां पर वाटरफॉल भी देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर एक गुफा में शिव भगवान जी विराजमान है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है।
भगवान नेमिनाथ जैन मंदिर जूनागढ़ - Lord Neminath Jain Temple Junagadh
भगवान नेमीनाथ जैन मंदिर जूनागढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह जैन लोगों का धार्मिक स्थल है। यह मंदिर गिरनार की पहाड़ी के सर्वोच्च शिखर पर स्थित है। इस मंदिर तक आप सीढ़ियों के द्वारा या रोपवे के द्वारा जा सकते हैं। यहां पर रोपवे की सुविधा उपलब्ध है, जिससे आप आराम से पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखते हुए और जल्दी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यहां पर बहुत सारे जैन मंदिर बनाए गए हैं। यहां पर मुख्य मंदिर भगवान नेमिनाथ का है, जो जैन तीर्थकारों में 22 तीर्थकारों थे। भगवान नेमिनाथ पशुओं पर होती हुई क्रूरता को देखा और उनके मन में करुण भावना उठी और उन्होंने गिरनार की पहाड़ी पर आकर साधना शुरू करें। जब ज्ञान प्राप्त हुआ। तब उन्होंने भ्रमण किया और ज्ञान को सर्वत्र फैलाया और गिरनार की पहाड़ियों पर ही आकर उन्होंने मोक्ष की प्राप्ति करें।
यहां पर आपको बहुत सुंदर मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप सुबह के समय आकर भगवान नेमिनाथ जी का अभिषेक देख सकते हैं। यहां पर और भी बहुत सारे जैन मंदिर हैं, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं। यहां पर आपको चंद्रप्रभा स्वामी जैन मंदिर देखने के लिए मिल जाता है।
श्री अंबाजी माता मंदिर - Shri Ambaji Mata Temple
श्री अंबाजी माता मंदिर जूनागढ़ का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर गिरनार की पहाड़ी पर सबसे ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर आपको अंबाजी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के अंदर अंबाजी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा विराजमान है। इस मंदिर में जाने के लिए आपको दो रास्ते मिल जाती हैं। आप यहां पर सीढ़ियां के द्वारा पहुंच सकते हैं और आप यहां पर रोपवे के द्वारा आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और गिरनार पर्वत को अंबिका शिखर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण गुप्त काल में किया गया था। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर से चारों तरफ का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है।
गुरु दत्तात्रेय पादुका मंदिर जूनागढ़ - Guru Dattatreya Paduka Temple Junagadh
गुरु दत्तात्रेय पादुका मंदिर जूनागढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर गिरनार की पहाड़ी के सबसे ऊंचे शिखर पर स्थित है। इस मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इस मंदिर में आपको श्री दत्तात्रेय जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और यहां पर उनकी चरण पादुका भी देखने के लिए मिलती है। श्री दत्तात्रेय की मूर्ति बहुत सुंदर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और चारों तरफ का बहुत ही आकर्षक दृश्य देखने के लिए मिलता है।
अंबाजी मंदिर तक रोपवे से आया जाता है। उसके बाद दत्तात्रेय मंदिर तक सीढ़ियों के द्वारा पैदल पहुंचा जा सकता है। यहां पर कमंडल कुंड आश्रम देखने के लिए मिलता है, जहां पर ठहरने के लिए और खाने की व्यवस्था है। यहां पर मुफ्त खाना मिलता है और सभी लोग यहां पर खाना खा सकते हैं। खाना बहुत स्वादिष्ट रहता है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। पॉजिटिव एनर्जी फील होगी। यह गिरनार पहाड़ी के मुख्य धार्मिक स्थल है।
हसनपुर बांध जूनागढ़ - Hasanpur Dam Junagadh
हसनपुर बाग जूनागढ़ शहर के पास घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। यह एक सुंदर जलाशय है। यह जलाशय गिरनार जंगल के अंदर स्थित है। यहां पर आपको चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है और यह जलाशय देखने के लिए मिलता है। यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। इस जलाशय में घूमने के लिए आप यहां पर फारेस्ट डिपार्टमेंट से परमिशन लेकर आ सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है।
बोरदेवी मंदिर जूनागढ़ - Bordevi Temple Junagadh
बोरदेवी मंदिर जूनागढ़ का एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर जूनागढ़ में गिरनार जंगल के अंदर स्थित है। यह मंदिर भवनाथ मंदिर के पास से पहुंचा जा सकता है। यहां पर आपको अंबाजी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर अर्जुन और सुभद्रा का विवाह हुआ था। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। चारों तरफ आपको जंगल का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल जाते हैं।
राम नाथ मंदिर जूनागढ़ - Ram Nath Temple Junagadh
रामनाथ मंदिर जूनागढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर गिरनार जंगल के अंदर स्थित है। यह मंदिर जूनागढ़ में बिलखा के पास में स्थित है। यहां पर आपको शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर चारों तरफ हरियाली है। यहां पर आपको जंगली जानवर भी देखने के लिए मिल सकते हैं। मंदिर के पास में ही एक नदी बहती है, जिसमें आपको मगरमच्छ देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आप अपनी गाड़ी से पहुत सकते हैं। यहां आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर आपको बहुत ही सुंदर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग देखने में बहुत ही अलग लगता है। यह जूनागढ़ में देखने वाली एक मुख्य जगह है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं।
दातार पहाड़ी जूनागढ़ - Datar Hill Junagadh
दातार पहाड़ी जूनागढ़ में स्थित एक सुंदर स्थल है। यह गिरनार पर्वत पर स्थित सुंदर पहाड़ी है। यह जगह हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है। यहां पर देखने लायक बहुत सारे स्थल है। यहां पर आपको जमालिया शाह दातार की दरगाह, नगरिया पत्थर, हाथी पत्थर, कोयला वजीर दरगाह देखने के लिए मिल जाती है। इस पहाड़ी के ऊपर आपको मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको दातार मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको नवनाथ महादेव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है।
यहां पर एक प्राचीन बावड़ी भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है। दातार पहाड़ी जाने वाले रास्ते में आपको हाथी पत्थर देखने के लिए मिलता है, जिसका आकार हाथी जैसा है।
यहां आपको कोयला वजीर दरगाह देखने के लिए मिलती है। यहां पर रास्ते में आपको विलिंगटन डैम का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह डैम चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है और बरसात में यह डेम ओवर फ्लो होकर बहता है, जिसका दृश्य बहुत शानदार रहता है। यहां पर आप आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। आपको दतार पहाड़ी तक पैदल चढ़कर जाना पड़ता है और आपको इसमें बहुत मजा आने वाला रहता है। आप यहां पर आ कर अपना बहुत अच्छा समय बता सकते हैं। यह जूनागढ़ का पिकनिक स्पॉट है।
श्री उमिया माता मंदिर जूनागढ़ - Shri Umiya Mata Mandir Junagadh
श्री उमिया माता मंदिर जूनागढ़ का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर उमिया माता को समर्पित है। उमिया माता पार्वती माता का ही स्वरूप है। यह मंदिर गंथिला गांव में स्थित है। यह मंदिर जूनागढ़ से करीब 18 किलोमीटर दूर है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर पास में ओजात नदी बहती है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर बना हुआ है। इस मंदिर को श्री उमा धाम के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर परिसर बहुत बड़ा और सुंदर है। यहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। यह मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर से बना हुआ है और मंदिर में सुंदर नक्काशी भी देखने के लिए मिलती है। मंदिर के अंदर उमिया माता की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शादी विवाह करने के लिए एवं अन्य फंक्शन करने के लिए भी बहुत बड़ी जगह है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
Please do not enter any spam link in comment box