द्वारका जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Dwarka / द्वारका जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
द्वारका गुजरात का एक मुख्य जिला है। द्वारका गुजरात की राजधानी गांधीनगर से करीब 453 किलोमीटर दूर स्थित है। द्वारका एक प्राचीन नगरी है। द्वारका एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह हिंदुओं के चार धाम यात्रा में से एक मुख्य स्थल है। यहां पर द्वारका नगरी है। यह नगरी प्राचीन है। यहां पर प्राचीन समय में श्रीकृष्ण की राजधानी हुआ करती थी। द्वारका नगरी में आपको आकर बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं और समुद्री तट देखने के लिए मिलता है। द्वारका नगरी में अरब सागर का किनारा आप देख सकते हैं। द्वारका में गोमती नदी बहती है। द्वारका में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में आपको जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं - द्वारका में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
द्वारका में घूमने की जगह - Dwarka mein ghumne ki jagah
श्री द्वारकाधीश मंदिर द्वारका - Shri Dwarkadhish Mandir Dwarka
श्री द्वारिकाधीश मंदिर द्वारका का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। श्री द्वारकाधीश मंदिर देवभूमि द्वारका में गोमती नदी के तट के पास स्थित है। द्वारिका एक प्राचीन शहर है। द्वारिका शहर में प्राचीन समय में श्री कृष्ण जी राज्य किया करते थे। द्वारिका को मोक्ष नगरी, द्वारिकामती और द्वारिकावती के नाम से भी जाना जाता है। द्वारकाधीश मंदिर हिंदुओं के चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। यह हिंदुओं का मुख्य धार्मिक स्थल है। मंदिर में स्थापित श्री कृष्ण जी को द्वारकाधीश के रूप में पूजा जाता है।
द्वापर युग में द्वारिका भगवान कृष्ण की राजधानी थी और यहां पर श्री कृष्ण जी राज किया करते थे। वर्तमान में यह स्थान भक्तों के लिए एक तीर्थ स्थल है। यह मंदिर गोमती नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर बना हुआ है। मंदिर में आपको सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते वज्रभ द्वारा किया गया था। इस मंदिर का 15वीं और 16वीं शताब्दी में विस्तार किया गया। द्वारकाधीश मंदिर में पांच मंजिलें है। इस मंदिर का शिखर 78.3 मीटर ऊंचा है। मंदिर के ऊपर आपको एक झंडा देखने के लिए मिलता है, जो सूर्य और चंद्रमा को दर्शाता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और श्री कृष्ण जी के दर्शन करके मन पूरी तरह से तृप्त हो जाता है।
इस मंदिर में आप मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम लेकर नहीं जा सकते हैं। इस मंदिर में श्री कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए बहुत लंबी भीड़ लगती है। यहां पर कृष्ण जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। आप को अपने जीवन में एक बार यहां पर जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
तुला मंदिर द्वारिका - Tula Mandir Dwarka
तुला मंदिर द्वारिका में गोमती नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर में श्री कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर का बहुत महत्व है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इस मंदिर में श्री कृष्ण जी की मूर्ति को सोने से तोला गया था और तुलसी की पत्ती तुला में रखने से श्री कृष्ण जी की मूर्ति आश्चर्यजनक रूप से ऊपर हो गई थी। आप यहां पर आकर श्री कृष्ण के दर्शन कर सकते हैं। आपको बहुत अच्छा लगेगा।
गोमती नदी का घाट द्वारिका - Ghat of Gomti River Dwarka
गोमती नदी का घाट द्वारिका शहर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। गोमती नदी का यहां पर सुंदर किनारा देखने के लिए मिलता है। गोमती नदी यहां पर अरब सागर से मिलती है। गोमती नदी में बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिलती है। लोग यहां पर मछलियों को खाना भी डालते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग गोमती नदी में नहाते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। आप घाट के किनारे बैठ कर इस जगह को देख सकते हैं।
समुद्र नारायण मंदिर द्वारिका - Samudra Narayan Mandir Dwarka
समुद्र नारायण मंदिर द्वारिका का एक धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को संगम नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां पर गोमती नदी का समुद्र से संगम हो जाता है और गोमती नदी विलीन हो जाती है। यहां पर अरब सागर का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको गोमती नदी का घाट भी देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर घाट के किनारे बैठ सकते हैं और समुद्र की लहरों का शोर सुन सकते हैं, जो बहुत ही सुखद होता है। यह मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। गर्भ गृह में आपको बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर आपको सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आ सकते हैं।
सुदामा सेतु द्वारिका - Sudama Setu Dwarka
सुदामा सेतु द्वारका का एक मुख्य जगह है। यह एक पुल है। यह पुल गोमती नदी पर बना हुआ है। यह पुल नवनिर्मित है। यह सस्पेंशन ब्रिज है। यह पुल गोमती नदी पर बना हुआ है और यह गोमती नदी के दोनों किनारों को जोड़ता है। आप यहां पुल के द्वारा द्वारकाधीश मंदिर को घूम कर पंचकुइयां प्राचीन मंदिर घूमने के लिए जा सकते हैं। पुल से गोमती नदी का बहुत ही सुंदर नजारा देखने के लिए मिलता है।
श्री लक्ष्मी नारायण पचनंद तीर्थ द्वारिका - Shri Lakshmi Narayan Pachnanda Teerth Dwarka
श्री लक्ष्मी नारायण पचनंद तीर्थ द्वारिका का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको विष्णु भगवान जी का एक प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। मंदिर के गर्भ गृह में काले रंग की विष्णु भगवान जी की प्रतिमा विराजमान है। इस जगह को पचनंद तीर्थ कहा जाता है, जुआ के खेल में अपना सब कुछ हार जाने के बाद, पांडव यहां पर तपस्या करने के लिए आए थे। तब ऋषि मारीचि के द्वारा पांडवों के पाप से मुक्ति दिलाने के लिए अलग-अलग स्थानों से पांच ऋषि इकट्ठा हुए और उन्होंने पांच अलग-अलग पवित्र नदियों से पानी इकट्ठा किया और यहां पर अनुष्ठान कराया था। इस तरह इस जगह को पचनंद तीर्थ कहा जाता है।
यहां पर आपको एक तैरती हुई चट्टान भी देखने के लिए मिलती है, जिसे रामसेतु शिला कहा जाता है। यहां पर ऋषि दुर्वासा की ध्यान करती हुई मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर द्वारिका का समुद्री तट देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर आकर आप बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको पांच कुंड देखने के लिए मिलते हैं, जो पांच पांडवों के प्रतीक हैं और इन कुंडों का पानी बहुत ही स्वादिष्ट है। यहां पर लोग बोतल लेकर आते हैं और पानी भरकर लेकर जाते हैं। यह पानी बहुत पवित्र है। यहां पर आकर समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। इस मंदिर में आप सुदामा सेतु को पार करके पहुंच सकते हैं।
स्वामीनारायण मंदिर द्वारिका - Swaminarayan Mandir Dwarka
स्वामीनारायण मंदिर द्वारिका का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह द्वारिका मेन बस स्टैंड के बहुत करीब है। यह द्वारिका बस स्टैंड से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है। यह मंदिर मार्बल से बना हुआ है। इस मंदिर में आपको श्री राधा कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर में आपको श्री राधा कृष्ण जी, श्री हरि कृष्ण महाराज जी, श्री स्वामी नारायण जी, श्री घनश्याम महाराज जी, श्री गुनातीतानंद जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर धर्मशाला है और यहां पर आपको खाने के लिए अच्छा खाना भी मिल जाता है।
इस मंदिर के प्रवेश द्वार बहुत भव्य है। प्रवेश द्वार के दोनों तरफ आपको हाथी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है और मंदिर के ऊपर आपको श्री कृष्ण जी और शंकर जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं।
भड़केश्वर महादेव मंदिर द्वारिका - Bhadeshwar Mahadev Temple Dwarka
भड़केश्वर महादेव मंदिर द्वारिका का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर समुद्र के बीच में स्थित है। इस मंदिर के चारों तरफ आपको समुद्र देखने के लिए मिलता है और समुद्र के बीच में छोटा सा टापू है, जिसमें मंदिर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए एक पतला सा रोड बना हुआ है। यह रोड कभी-कभी ज्वार के समय पानी से डूब जाता है। यहां पर शिव भगवान जी का मंदिर बना हुआ है। शिव भगवान जी यह मंदिर प्राचीन है।
कहा जाता है, कि शिवलिंग स्वयंभू है, अर्थात शिवलिंग का उत्पत्ति धरती से स्वयं हुई है। यहां पर आपको सनसेट पॉइंट देखने के लिए मिलता है। शाम के समय यहां का नजारा देखने लायक रहता है। यहां पर आपको समुद्र की लहरें देखने के लिए मिलती हैं, जो शोर मचाती रहती हैं और मंदिर के आसपास की एरिया को छुती रहती हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां का दृश्य लाजवाब रहता है। यहां पर आपको बहुत सारे खाने पीने का सामान मिल जाते हैं और यहां पर आपको शंख, मोती समुद्र से मिलने वाली चीजें भी मिल जाती हैं, जो यहां का लोकल लोगों के द्वारा बेची जाती है। यहां पर आकर शिव भगवान जी के दर्शन करके बहुत अच्छा लगता है। यह द्वारिका में घूमने लायक जगह में से एक है।
रुक्मिणी देवी मंदिर द्वारका - Rukmani Devi Temple Dwarka
रुक्मिणी देवी मंदिर द्वारिका का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर द्वारिका नगरी से कुछ दूरी पर स्थित है। इस मंदिर के आसपास आपको समुद्री पानी देखने के लिए मिल जाता है। इस मंदिर में आपको श्री कृष्ण की धर्मपत्नी रुकमणी जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है। यह मंदिर बहुत सुंदर दिखता है। मंदिर की दीवारों में बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर आपको बहुत सारी मानव आकृतियां देखने के लिए मिलती हैं, जो अलग-अलग मुद्राओं में है। यहां पर आपको हाथियों, फूल पत्तियों की सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर भी बहुत जबरदस्त है। मंदिर का शिखर बहुत ही सुंदर लगता है।
रुकमणी देवी मंदिर द्वारिका नगरी से इतनी दूर होने का कारण यह है, कि रुकमणी देवी जी को श्राप मिला था। ऋषि दुर्वासा जी ने उन्हें श्राप दिया था, कि वह यहीं पर ठहर जाएंगे। इसलिए उनका यहां पर मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर घूम सकते हैं। आपको बहुत अच्छा लगेगा।
शिवराजपुर बीच द्वारिका - Shivrajpur Beach Dwarka
शिवराजपुर बीच द्वारका शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह द्वारिका में घूमने लायक जगह है। यह बीच द्वारिका से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। इस बीच का पानी पारदर्शी है। यहां पर आप आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। आपको यहां पर समुद्र का नीला पानी देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर मस्ती कर सकते हैं। यह बीच साफ सुथरा है। बीच के पास ही में आपको बहुत सारी फैसिलिटी मिल जाती है। यहां पर आपको बीच के पास पार्किंग एरिया मिलता है, जहां पर आप अपनी गाड़ियां खड़ी कर सकते हैं। यह बीच भारत के सबसे अच्छे बीच में से एक है।
शिवराजपुर बीच में आपको सभी प्रकार की फैसिलिटी मिल जाती है। यहां पर बीच के पास में हीं आपको शावर मिल जाता है, जहां पर आप अगर बीच में नहाते हैं, तो शावर में आकर दोबारा मीठे पानी से नहा सकते हैं। यहां पर चेंजिंग रूम भी दिए गए हैं, जहां पर आप कपड़े चेंज कर सकते हैं। यहां पर बहुत सारे वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा है। यहां पर आप स्कूबा डाइविंग कर सकते हैं, जहां पर आपको बहुत सारे जलीय जीव देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां का पानी जो है, वह पारदर्शी है, जिससे आप स्कूबा डाइविंग का मजा बहुत अच्छे से ले सकते हैं। यहां पर आप और भी वॉटर स्पोर्ट्स का आप मजा ले सकते हैं। यहां पर आप पैराग्लाइडिंग, मोटर बोट, कपल बोट का भी मजा ले सकते हैं। इस बीच का किनारा भी बहुत सुंदर है। यहां पर आपको वक्राकार बीच का आकार देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मस्त लगता है। यहां पर आप अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह द्वारिका का एक पिकनिक स्पॉट भी है।
श्री मोगल धाम द्वारिका - Shri Mogal Dham Dwarka
श्री मोगल धाम द्वारिका के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भीमराना गांव में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर में आपको मोगल माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर बना हुआ है।
रामेश्वर महादेव मंदिर द्वारिका - Rameshwar Mahadev Temple Dwarka
रामेश्वर महादेव मंदिर द्वारका का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह द्वारिका के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यहां पर आपको सुंदर बीच और शिव भगवान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिल जाता है। यह मंदिर द्वारिका में ओखा में बना हुआ है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। इस बीच में आपको चट्टाने देखने के लिए मिलती हैं। चट्टानों के ऊपर जब समुद्र का पानी लहरों के रूप में आता है। तब बहुत ही अच्छा लगता है। यहां पर आप सूर्यास्त का दृश्य भी देख सकते हैं।
बेट श्री द्वारकाधीश भगवान मंदिर द्वारिका - Bet Shree Dwarkadhish Bhagwan Mandir Dwarka
बेट श्री द्वारकाधीश भगवान मंदिर द्वारका के पास स्थित एक धार्मिक स्थल है। बेट द्वारिका के पास स्थित एक सुंदर टापू है। यह मंदिर श्री कृष्ण जी को समर्पित है। इस टापू में आप आने के लिए ओखा से फेरी से आ सकते हैं। यहां पर आपको श्री कृष्ण जी की काले रंग की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है। बेट से कच्छ की खाड़ी करीब 3 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सुंदर समुद्री किनारा देखने के लिए मिल जाता है और आप यहां पर फेरी का सफर करके भी आ सकते हैं। यह यात्रा आपके लिए एडवेंचरस हो सकती है और साथ ही मे आपको यहां पर श्री कृष्ण जी का प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत ज्यादा भीड़भाड़ रहती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर और भी बहुत सारे धार्मिक स्थल देखने के लिए मिल जाते हैं। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है।
हरसिद्धि माता मंदिर द्वारिका - Harsiddhi Mata Temple Dwarka
हरसिद्धि माता मंदिर द्वारिका के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह मंदिर हरसिद्धि माता को समर्पित है। हरसिद्धि माता राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी थी। हरसिद्धि माता कृष्ण जी की भी कुलदेवी थी। यह मंदिर द्वारिका के पास गंधवी नाम के गांव में बना हुआ है। इस मंदिर में आप द्वारिका पोरबंदर हाईवे सड़क से आ सकते हैं। यह मंदिर हाईवे सड़क से कुछ दूरी पर समुद्री तट के पास स्थित है। यह मंदिर हरसिद्धि माता को समर्पित है। हरसिद्धि माता श्री कृष्ण जी की कुलदेवी थी। यहां पर आपको हरसिद्धि माता की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर की दीवारों में आपको नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत सुंदर नक्काशी की गई है।
इस मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर ऊपर चढ़ाई पर आपको शिव मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर मंदिर में शिवलिंग नहीं है। इस मंदिर में भी सुंदर कारीगरी की गई है। यह मंदिर कोयला पहाड़ी पर स्थित है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको बहुत अच्छा लगेगा। हरसिद्धि माता मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर आपको समुद्र किनारा देखने के लिए मिल जाता है। आप समुद्र में आकर इंजॉय कर सकते हैं। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है।
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