चित्रगुप्त मन्दिर खजुराहो - Chitragupta Mandir Khajuraho
चित्रगुप्त मंदिर खजुराहो का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है। चित्रगुप्त मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है। मंदिर के गर्भ ग्रह में सूर्य भगवान की प्रतिमा विराजमान है। यह खजुराहो में स्थित एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है। इस मंदिर का नाम चित्रगुप्त रखा गया है, क्योंकि इस मंदिर में आपको चित्रगुप्त की भी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। चित्रगुप्त हिंदू धर्म के देवता हैं और चित्रगुप्त लोगों के अच्छे कर्म और बुरे कर्म का लेखा-जोखा करते हैं। खजुराहो के अन्य मंदिर के समान है। इस मंदिर में भी आपको मूर्तिकला देखने के लिए मिल जाती है। यह मंदिर भी बहुत खूबसूरत है। यह मंदिर कंदरिया महादेव मंदिर के पास ही में स्थित है।
खजुराहो के चित्रगुप्त मंदिर का वास्तु कला - Architecture of Chitragupta Temple of Khajuraho
चित्रगुप्त मंदिर निरंधार शैली में बना हुआ है। इस मंदिर को आंतरिक रुप से देखने पर आपको चार भाग देखने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर में आपको अर्थ मंडप, महा मंडप, अंतराल एवं गर्भ ग्रह देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर में परिक्रमा पथ नहीं है, जिसे प्रदक्षिणा पथ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में आपको 3 शिखर देखने के लिए मिल जाते हैं।
चित्रगुप्त मंदिर को किसने बनवाया - Who built the Chitragupta temple
चित्रगुप्त मंदिर को धंगदेव वर्मन के पुत्र महाराजा गंढदेव वर्मन के द्वारा बनवाया गया था। शैली के आधार पर चित्रगुप्त मंदिर का निर्माण लगभग 1000 से 1050 के मध्य माना जाता है, जो विश्वनाथ तथा कंदरिया महादेव मंदिर के निर्माण काल के बीच का समय है। खजुराहो के मंदिरों में केवल यही एकमात्र सूर्य मंदिर है।
खुजराहो के चित्रगुप्त मंदिर के दर्शन - Visit to Chitragupta Temple of Khujraho
खुजराहो का चित्रगुप्त मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर भी अन्य मंदिरों के समान खूबसूरत है। यह मंदिर का कंदरिया महादेव मंदिर और लक्ष्मण मंदिर के समान बड़ा नहीं है। मगर इसकी मूर्तिकला भी सुंदर है , जो आप देख सकते हैं। चित्रगुप्त मंदिर एक ऊंचे चबूतरे के ऊपर बना हुआ है, जिसे जगती कहते हैं। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां है। सीढ़ियों से आप चबूतरे में पहुंचते है। चबूतरे के ऊपर एक और चबूतरा है, जिसे जंघा कहते हैं। यह मुख्य मंदिर है और मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां हैं।
चित्रगुप्त मंदिर के प्रवेश द्वार में आपको आले देखने के लिए मिलते हैं, जो खाली हैं। उनमें किसी भी प्रकार की प्रतिमा स्थापित नहीं है। प्रवेश द्वार से अंदर जाते हैं, तो आपको छत पर बहुत ही आकर्षक नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर पुष्प की नक्काशी बनाई गई है, जो पत्थर को काटकर बनाई गई है। आप मंदिर के अंदर महा मंडप में जाते हैं, तो यहां पर एक चबूतरा है, जिसमें पुराने समय में पंडित जी कथा करते होंगे। इस चबूतरे के चारों तरफ स्तंभ है और इन स्तंभों में भी खूबसूरत नक्काशी की गई है।
चित्रगुप्त मंदिर का गर्भ ग्रह में आपको सूर्य भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो रथ पर सवार हैं। यह प्रतिमा बहुत ही आकर्षक लगती है। प्रतिमा के चारों तरफ खूबसूरत पत्थर की कारीगरी की गई है। गर्भ ग्रह का प्रवेश द्वार भी खूबसूरत बनाया गया है। प्रवेश द्वार में देवी देवताओं की नक्काशी की गई है। आपको यहां पर चित्रगुप्त की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो खंडित अवस्था में यहां पर मौजूद है। इसमें चित्रगुप्त कुछ लेखनी की तरह का हाथ में लिए हुए हैं। गर्भ ग्रह के प्रवेश द्वार के निचले सिरे में आपको नाचते गाते हुए लोग और देवी-देवताओं की बहुत सारी प्रतिमाएं देखने के लिए मिल जाएगी। चित्रगुप्त मंदिर के मंडप के ऊपरी सिरे में भी सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। चित्रगुप्त मंदिर के अंदर की दीवारों में भी बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्ति बनाई गई है। इनमें से बहुत सी मूर्तियां खंडित अवस्था में यहां पर देखने के लिए मिलती हैं। चित्रगुप्त मंदिर में जब हम लोग घूम रहे थे, तो हम लोगों को इस मंदिर के शिखर में ईट की जुड़ाई दिखाई दी। यह जुड़ाई 1920 में छतरपुर के राजा के द्वारा करवाई गई थी। मंदिर के कुछ हिस्से की मरम्मत छतरपुर के राजा ने करवाई है। आप यहां आएंगे, तो इस बात को जरूर नोटिस करेंगे।
चित्रगुप्त मंदिर में सूर्य भगवान की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा है। इसमें सूर्य भगवान जी को 7 अश्व वाले रथ में दिखाया गया है। खजुराहो में केवल यही एक ऐसा मंदिर है, जो सूर्य को समर्पित है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर आकर्षक एवं सुंदर प्रतिमा से सुसज्जित है, जिसमें सुंदरियों, मिथुन, देवी देवता साथ ही 11 मस्तक वाले विष्णु प्रतिमा अति आकर्षक है, जो दक्षिणी दीवार के आलम में लगी हुई है।
खजुराहो के चित्रगुप्त मंदिर की मूर्ति कला - Statue of Chitragupta Temple of Khajuraho
खजुराहो का चित्रगुप्त मंदिर में आपको बहुत ही सुंदर मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती हैं। मंदिर की दीवारों में नीचे की तरफ आपको बेल बूटी बनाये गये है। दीवार में एक पतली सी पट्टी देखने के लिए मिलती है, जिसमें आपको हाथी घोड़े की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। इस पतली सी पट्टी में प्राचीन समय में दैनिक जीवन में किए जाने वाले कार्य का भी दृश्य आपको देखने के लिए मिल जाता है। इसमें युद्ध में जाते हुए लोग भी देखने के लिए मिलते हैं। इस पतली सी पट्टी में कामुक प्रतिमाएं और संभोग करते हुए भी लोग भी देखने मिलते है।
दीवार में ऊपर की तरफ आपको बड़ी मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती हैं। बड़ी मूर्तियों में देवी-देवताओं की मूर्तियां, सुर सुंदरियों की मूर्तियां, देवदासियों की मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती हैं। इसमें सुरसुंदरी की एक मूर्ति आपको देखने के लिए मिलती है, जो आलस में डूबी हुई है। आप मूर्ति को देख कर उसके भाव को समझ सकते हैं। दीवार की मूर्तियों में आपको कई सारे जोड़े देखने के लिए मिलते हैं। इसमें एक जोड़ा चुंबन करते हुए आपको देखने के लिए मिलेगा। इस मंदिर की मूर्तियों में आपको एक मूर्ति और देखने के लिए मिलती है, जिसमें सर जो है। वह जानवर का है और मनुष्य का नीचे का शरीर है। यह मूर्ति भी कुछ अलग प्रकार की है।
खजुराहो के चित्रगुप्त मंदिर की फोटो - Photo of Chitragupta temple of Khajuraho
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चित्रगुप्त मंदिर के छत पर की गई नक्काशी |
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खजुराहो का चित्रगुप्त मंदिर |
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चित्रगुप्त मंदिर की दीवारों में ईट की जुड़ाई |
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चित्रगुप्त मंदिर की अनोखी मूर्ति जिसका मुख जानवर का है |
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चित्रकूट मंदिर की मूर्ति कला |
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चित्रगुप्त मंदिर के पीछे के भाग में आले में स्थित मूर्तियां |
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चित्रगुप्त मंदिर के अंदर स्थित खंडित मूर्ति |
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चित्रगुप्त मंदिर के अंदर स्तंभों की नक्काशी |
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गर्भ ग्रह में स्थित सूर्य भगवान की प्रतिमा |
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चित्रगुप्त मंदिर के अंदर का भाग |
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