खजुराहो का लक्ष्मण मंदिर - Lakshman Mandir Khajuraho
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है। लक्ष्मण मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। लक्ष्मण मंदिर की दीवारों में आपको नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो अद्भुत है। इस मंदिर के चारों कोने में छोटे-छोटे मंदिर बनाए गए हैं, जिन्हें उप मंदिर कहते हैं। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु की वैकुंड रूप की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस मूर्ति में तीन रूप देखने के लिए मिलते हैं भगवान नरसिंह, वराह और विष्णु भगवान। ऐसी प्रतिमा आपको और कहीं देखने के लिए नहीं मिलेगी। लक्ष्मण मंदिर में बहुत सारी कथाएं एवं प्राचीन जीवन का मूर्तियों के माध्यम से बताने के प्रयास किया गया है।
खजुराहो का लक्ष्मण मंदिर की वास्तुकला - Architecture of Laxman Temple of Khajuraho
लक्ष्मण मंदिर सांधार तथा पंचायतन शैली में बना है। लक्ष्मण मंदिर को आंतरिक रुप से देखने पर इसमें 5 भाग देखने के लिए मिलते हैं। पहला है अर्थ मंडप जहां से प्रवेश किया जाता है। दूसरा है महा मंडप यह एक छोटा सा चबूतरा है, जहां पर नृत्यांगना धार्मिक नृत्य किया करती थी। अंतराल यहां पर पुजारी बैठ कर पूजा किया करते थे। गर्भ ग्रह जहां पर मुख्य देवता की मूर्ति रखी जाती थी। प्रदक्षिणा पथ यह पथ बाह्य मंदिर और गर्भ ग्रह को अलग करता है। इस पथ से गर्भ ग्रह की परिक्रमा कर सकते हैं। यह एक ऐसा एकमात्र मंदिर है जिसका चबूतरा भी अपनी प्रारंभिक स्थिति में सुरक्षित है। यह मंदिर बालू पत्थर का बना हुआ है।
खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में जैसे ही हम लोगों ने प्रवेश किया। सबसे पहले लक्ष्मण मंदिर देखने के लिए मिला। लक्ष्मण मंदिर के सामने वराह और लक्ष्मी मंदिर बने है। लक्ष्मण मंदिर के सीढ़ियों के दोनों तरफ सिंह की प्रतिमाएं रही रखी हुई थी। यहां चंदेला का राजकीय चिन्ह है। सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने पर मुख्य मंदिर देखने मिलता है। लक्ष्मण मंदिर के प्रवेश द्वार पर मकर तोरण देखने के लिए मिला। मकर तोरण एक ही पत्थर से बना हुआ है और मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगा हुआ है। अंदर जाने पर हमें मंडप देखने मिला। मंडप के एक कोने में नीचे की साइड आपको एक शिलालेख देखने के लिए मिलता है, जिसमें यशोवर्मन के बारे में जानकारी लिखी हुई है। मंडप के छत पर फूलों की खूबसूरत नक्काशी देखने के लिए मिलती है।
हम लोग मंडप से अंदर गए, तो हम लोगों को यहां पर एक चबूतरा देखने के लिए मिला। प्राचीन समय में पुजारी लोग इस चबूतरा पर बैठकर कथा कहानी सुनाया करते थे। इसे अंतराल कहते हैं। इस अंतराल के चारों तरफ हम लोगों को स्तंभ देखने के लिए मिले। स्तंभ के ऊपरी सिरे पर खूबसूरत कारीगरी की गई थी। इस अंतराल के छत पर देखने पर खूबसूरत फूलों की नक्काशी देखने के लिए मिली। मंदिर की दीवारों के कोनों पर भी भगवान की मूर्तियां पत्थर पर उतर कर बनाई गई थी।
लक्ष्मण मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान है। भगवान विष्णु की प्रतिमा में हम लोगों को तीन मुख देखने के लिए मिले। इसमें एक मुख नरसिंह भगवान का है। एक मुख वराह भगवान का है और सामने वाला भगवान विष्णु का है। गर्भ ग्रह के प्रवेश द्वार पर भी नक्काशी की गई है, जो विभिन्न देवी-देवताओं की है।
गर्भ ग्रह के चारों तरफ एक परिक्रमा पथ है। इस परिक्रमा पथ को प्रदक्षिणा पथ भी कहा जाता है। इस परिक्रमा पथ की दीवारों पर भी खूबसूरत मूर्तियां उकेरी कर बनाई गई है। इस परिक्रमा पथ पर कृष्ण जी के लीलाओं की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। इसमें आपको कालिया मर्दन जैसी लीलाएं देखने के लिए मिल जाएगी। परिक्रमा पथ पर एक आले में नरसिंह भगवान जी की प्रतिमा है, जिसमें वह हिरण कश्यप का वध कर रहे हैं। हम लोग परिक्रमा पथ में परिक्रमा करके भगवान विष्णु के दर्शन कर कर बाहर आ गए बाहर की मूर्तिकला को देखने के लिए।
खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर की मूर्ति कला - Statue of Lakshman Temple Khajuraho
खजुराहो मंदिर की मूर्ति कला बहुत ही बेमिसाल है। लक्ष्मण मंदिर में बहुत सारी मूर्तियां बनाई गई है। सबसे पहले हमको गणेश जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो लक्ष्मण मंदिर के दीवार पर एक आले पर बनी हुई है। लक्ष्मण मंदिर की दीवार की नीचे की तरफ आपको बेल बूटे और हाथियों की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर हाथियों की विभिन्न प्रतिमाएं को बनाया गया है, जिसमें आप हाथियों को अलग अलग तरीके से देख सकते हैं। उसके ऊपर आपको एक पतली सी लाइन देखने के लिए मिलती है, जिनमें नृत्य संगीत शिकार युद्ध एवं संभोग जैसी प्रतिमाओं को बनाया गया है। इन प्रतिमाओं को देखकर आपको उस युग की बहुत सारी जानकारी मिल जाएगी। इन प्रतिमाओं को देखकर आप उस समय के रहन-सहन रीति-रिवाज और परंपराओं को जान सकते हैं। उस समय किस तरह पूजा की जाती थी। किस तरह उत्सव मनाया जाता था। किस तरह के लोग कपड़े पहनते थे। यह सभी चीजें आप इन प्रतिमाओं को देखकर जान सकते हैं। लक्ष्मण मंदिर में ऊपर की तरफ आपको मुख्य प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमाह करीब ढाई फीट ऊंची हैं। इसमें आपको भगवान विष्णु और शिव की बहुत सारी प्रतिमाएं देखने के लिए मिल जाती हैं। भगवान विष्णु और शिव की प्रतिमाओं के आसपास सुरसुंदरी और देवदासी और नागकन्या इत्यादि की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो विभिन्न मुद्राओं में है। लक्ष्मण मंदिर की दीवारों पर कामुक प्रतिमाएं भी बनी हुई है, जो लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं। यहां पर समूह में संभोग करते हुए दिखाया गया है। यहां पर संभोग की बहुत सारी मुद्राओं को दिखाया गया है, जो आश्चर्यजनक है।
खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किसने किया - Who built the Laxman temple Khajuraho
खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर का निर्माण 930 में हुआ है। यह मंदिर 7 वर्ष की अवधि में बनकर तैयार हुआ था। इस मंदिर को यशोवर्मन नाम के राजा ने बनवाया है। यशोवर्मन को लक्ष्मण वर्मन भी कहा जाता था। इसलिए इस मंदिर को लक्ष्मण मंदिर कहते हैं। लोकमत के अनुसार इस मंदिर को बनवाने के लिए यशोवर्मन ने मथुरा से 16000 कारीगरों को बुलवाया था।
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो की फोटो - Photo of Laxman Temple Khajuraho
लक्ष्मण मंदिर की छत |
लक्ष्मण मंदिर में खंडित मूर्ति |
लक्ष्मण मंदिर के स्तंभ के ऊपरी सिरे की मूर्ति कला |
लक्ष्मण मंदिर के आले में स्थित मूर्ति |
लक्ष्मण मंदिर के उपमंदिर का प्रवेशद्वार और मूर्तिकला |
लक्ष्मण मंदिर के आले में गणेश जी की मूर्ति |
लक्ष्मण मंदिर की दीवारों में कामुक मूर्तियां |
लक्ष्मण मंदिर के आले में भगवान विष्णु की प्रतिमा |
लक्ष्मण मंदिर की दीवार में कामुक मूर्तियां |
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Bahut achchi jankari ,
जवाब देंहटाएंthank u
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