खजुराहो का कंदरिया महादेव मंदिर - Kandariya Mahadev Mandir Khajuraho
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो का सबसे बड़ा और ऊंचा मंदिर है। कंदारिया महादेव मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह का एक प्रमुख मंदिर है। यह पश्चिमी मंदिर समूह के सभी मंदिरों में से सबसे बड़ा और सुंदर मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है। मंदिर की दीवारों पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है।
कंदरिया महादेव मंदिर को सामने से देखने से ऐसा लगता है, कि जैसे हम किसी गुफा में प्रवेश कर रहे हैं। गुफा को कंदरा भी कहते हैं। इसलिए इस मंदिर का नाम कंदरिया महादेव मंदिर पड़ा। अर्थात कंदरा में रहने वाले शिव। इस मंदिर के गर्भ गृह में संगमरमर का बना शिवलिंग है।
कंदरिया महादेव मंदिर की वास्तुकला - Architecture of Kandariya Mahadev Temple
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो का सबसे सुंदर मंदिर है। कंदरिया महादेव मंदिर संधार शैली और सप्त रथ शैली में बना हुआ है। यह खजुराहो का सबसे विकसित मंदिर है। इस मंदिर में अर्ध मंडप, मंडप, महामंडप, अंतराल, और गर्भ ग्रह है। गर्भ ग्रह के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ युक्त है। यह मंदिर अति विकसित शैली संयुक्त मध्य भारत में अपनी तरह का शानदार मंदिर है। मंदिर ऊंची जगती पर बना हुआ है। इस मंदिर में आपको दो तोरण देखने के लिए मिलते हैं, जो मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा हुआ है और मंडप पर लगा हुआ है। इस मंदिर की दीवारों में भी कारीगरी की गई है। मंदिर में आपको शिखर भी देखने के लिए मिल जाता है।
कंदरिया महादेव मंदिर के दर्शन - Darshan of Kandariya Mahadev Temple
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है। यह मंदिर लक्ष्मण मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। मंदिर में जाने का रास्ता सुंदर गार्डन से होते हुए जाता है। इस गार्डन में महुआ के पेड़ भी लगे हैं और गर्मी के समय में महुआ झड़ते हैं, तो पूरी रोड में बिछ जाता है। कंदरिया महादेव मंदिर ऊंची चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर के बाहर चप्पल उतारने के लिए आदेश लिखा हुआ है। हम लोग चप्पल उतार कर मंदिर के अंदर गए। मंदिर के अंदर जाकर मंदिर का तोरण देखने के लिए मिला, जो बहुत ही खूबसूरत था और एक ही पत्थर का बना हुआ है। तोरण को शुभ आगमन का लिए लगाया जाता है।
मंदिर के में प्रवेश करते हैं, तो मंदिर के ऊपर छत में फूलों की नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। मंदिर के मंडप पर भी तोरण बना हुआ है, जो प्रवेश द्वार के तोरण से छोटा है। अंदर जाते हैं, तो एक चबूतरा बना हुआ है। इसके चारों कोने पर खंबे हैं। इस चबूतरा को अंतराल कहते है। यहां बैठकर पूजा-पाठ प्राचीन समय में की जाती थी। खंभों के ऊपर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां के डिजाइन लक्ष्मण मंदिर की डिजाइन से कुछ अलग है।
गर्भ ग्रह में शिवलिंग स्थापित है। गर्भ ग्रह का प्रवेश द्वार में देवी देवताओं की नक्काशी की गई है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है। मंदिर में कोने में आले बनाए गए हैं, जिसमें देवी देवता की प्रतिमा बनाई गई है। इनमें से बहुत सी प्रतिमाएं खंडित अवस्था में यहां मौजूद है। गर्भ ग्रह में परिक्रमा करने के लिए परिक्रमा पथ बनाया गया है। यह परिक्रमा पथ बाहर के मंदिर और गर्भ ग्रह को अलग करता है। इस परिक्रमा पथ में भी आपको बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक रखती है। मंदिर के अंदर घूमने के बाद हम लोग मंदिर के बाहर आए और मंदिर के बाहर की मूर्ति कला को देखा जो बहुत ही खूबसूरत थे।
खजुराहो के कंदरिया महादेव मंदिर की मूर्ति कला - Idol art of Kandariya Mahadev Temple Khajuraho
खजुराहो के कंदरिया महादेव मंदिर की मूर्ति कला बहुत ही अद्भुत है। यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह के सभी मंदिरों से बड़ा है। इस मंदिर में आपको मूर्तियां भी ढेर सारी देखने के लिए मिलती है। लक्ष्मण मंदिर के समान इस मंदिर में बड़ी मूर्तियों की 3 पंक्तियां बनी हुई है। इस मंदिर में भी आपको नीचे के साइड बेल बूटे और हाथी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। उसके ऊपर आपको एक पतली सी पट्टी देखने के लिए मिलती है, जिसमें दैनिक जीवन में किए जाने वाले कार्यों को दिखाया गया है। उसके बाद आपको मुख्य मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो बड़ी है और खूबसूरत है। हर मूर्तियां आपको कुछ ना कुछ बताती हैं। कंदरिया महादेव मंदिर में सभी मंदिरों के समान आपको पहले गणेश जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है।
उसके बाद सुंदरियों और देवदासीयों की प्रतिमाएं बनी हुई है। इसमें सुंदरियों की प्रतिमाएं अलग-अलग मुद्राओं में बनी हुई है, जिन्हें आप देखकर समझ सकते हैं। यहां पर आपको कामुक प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर समूह में संभोग करते हुए दिखाया गया है। यहां पर इन प्रतिमाओं की आपको 3 लाइनें देखने के लिए मिलती है। इसके अलावा यहां पर नागकन्या देखने के लिए मिलती है, जो दीवार के जो कोने में हाथ जोड़कर खड़ी हुई हैं। यहां पर आपको चंदेल राजवंश का चिन्ह भी देखने के लिए मिल जाएगा।
खजुराहो का कंदरिया महादेव का मंदिर किसने बनवाया - Who built the Kandariya Mahadev Temple Khajuraho
खजुराहो का कंदरिया महादेव का मंदिर गंडदेव के पुत्र विद्याधर ने बनवाया था। यह मंदिर 1025 से 1050 के बीच में बने हैं। इन मंदिरों को विद्याधर ने महमूद गजनी को परास्त करने के बाद बनवाया था। वह शिव भक्त थे। वह शिव भक्त थे और उनका मानना था, कि शिव की कृपा से ही उन्होंने महमूद गजनी को परास्त किया है। इसलिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो का चित्र - Kandaria Mahadev Temple Khajuraho Picture
कंदरिया महादेव मंदिर
कंदरिया महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग
कंदरिया महादेव मंदिर के खंभों की कारीगरी
कंदरिया महादेव मंदिर में लगा हुआ तोरण |
कंदरिया महादेव मंदिर के छत की नक्काशी |
कंदरिया महादेव मंदिर की दीवारों में बनी हुई कामुक प्रतिमाएं |
कंदरिया महादेव मंदिर का शिखर |
कंदरिया महादेव मंदिर के आले में बनी हुई देवी की प्रतिमा |
कंदरिया महादेव मंदिर की दीवार पर बनी हुई कामुक प्रतिमा |
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