बांदकपुर का मंदिर या बांदकपुर धाम - Bandakpur Temple or Bandakpur Dham
श्री जागेश्वर धाम बांदकपुर या बांदकपुर का शिव मंदिर प्रसिद्ध स्थल है। यह मंदिर दमोह के पास में स्थित है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हम लोग भी इस मंदिर में शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन जबलपुर से गए थे। बांदकपुर के शिव मंदिर में आपको शिव जी का मंदिर और पार्वती जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह दोनों मंदिर अलग-अलग बने हुए हैं। शिवजी के मंदिर में बहुत ही बड़ा शिवलिंग विराजमान है और पार्वती जी के मंदिर में पार्वती जी की भव्य मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर एक बावली भी बनी हुई है। यह बावली प्राचीन है। बांदकपुर मंदिर परिसर में ही हम लोगों को अन्य देवी देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर भी देखने के लिए मिले। यहां पर लक्ष्मी जी, लक्ष्मी नारायण जी, गणेश जी, हनुमान जी के भी मंदिर बने हुए हैं और उनके भी दर्शन हम लोगों ने किए।
बांदकपुर मंदिर का चमत्कार या रहस्य तथ्य - Miracle or secret fact of Bandakpur temple
बांदकपुर मंदिर में चमत्कार होते हैं। यह बात सभी भक्तों को पता है। बांदकपुर मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि माता पार्वती के मंदिर में और भगवान शिव के मंदिर में झंडा लगाया जाता है और महाशिवरात्रि के दिन यह झंडे आपस में मिल जाते हैं। यह बहुत ही चमत्कारी घटना है। यह घटना लोगों को देखने के लिए मिलती है। इसके अलावा कहा जाता है कि मंदिर परिसर में बावली बनी हुई है। अब इस बावली को सुरक्षा की दृष्टि से लोहे की जालियां से कवर कर दिया गया है। मगर पहले यह बावली खुली हुई थी, तो इस बावली में बहुत से लोग गिर चुके हैं और उन्हें भगवान शिव के द्वारा बचाया गया है। यह सब बातें इस जगह को चमत्कारी भी बनाती हैं।
बांदकपुर की अन्य शहरों से दूरी
हम लोग बांदकपुर सड़क मार्ग से अपनी बाइक से गए थे। हम लोग सिंग्रामपुर से होते हुए दमोह गए थे और दमोह से बांदकपुर गए थे। जबलपुर से दमोह और दमोह से बांदकपुर की दूरी 122 किलोमीटर है। आपको नोहटा से भी एक रास्ता मिल जाता है , जो शॉर्टकट है। अगर आप नोहटा से जाते हैं, तो आपको 119 किलोमीटर पड़ता है।
सागर से बांदकपुर की दूरी - 96 km
कटनी से बांदकपुर की दूरी - 94 km
जबलपुर से बांदकपुर की दूरी - 122 km
बांदकपुर धाम के दर्शन
हम लोग बांदकपुर धाम के दर्शन करने के लिए सुबह ही जबलपुर से निकल गए थे। हम लोग बांदकपुर करीब 3 बजे पहुंच गए थे। क्योंकि हम लोग दमोह भी गए थे। इसलिए हमें बांदकपुर पहुंचने में देर हो गई। अगर आप दमोह ना जाकर डायरेक्ट बांदकपुर जाते हैं, तो आप और भी जल्दी पहुंच सकते हैं। बांदकपुर धाम में महाशिवरात्रि के दिन बहुत ज्यादा भीड़ थी।
बांदकपुर धाम हम लोग बाइक से गए थे। यहां पर बहुत सारे लोग बाइक से, कार से पहुंच रहे थे। यहां पर बहुत सारे लोग ट्रैक्टर से भी आए थे। दमोह कटनी हाईवे रोड में ही बांदकपुर स्थित है। बांदकपुर के लिए दमोह कटनी हाईवे रोड से कच्ची सड़क जाती है। बांदकपुर पहुंचकर हमने सबसे पहले अपनी बाइक पार्किंग ग्राउंड पर खड़े कि। पार्किंग ग्राउंड में पार्किंग का चार्ज 20 रूपए था। उसके बाद हम लोग मंदिर की तरफ गए। यहां पर बहुत सारी पुलिस लगी हुई थी।
बांदकपुर मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ थी और बहुत सारी दुकानें भी लगी थी। सबसे पहले हम लोगों को मेले का ग्राउंड देखने के लिए मिला। यहां पर बहुत सारी दुकानें थी। उसके बाद हम लोग मंदिर गए। मंदिर के आसपास भी बहुत सारी दुकान थी। मंदिर के सामने एक छोटा सा टेंट लगा हुआ था, जिसमें टीवी लगी हुई थी और इसमें शिव शंकर जी की आप लाइव दर्शन कर सकते थे। मंदिर के बाहर बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी। हम लोगों को लगा, कि आज हम लोगों को रात हो जाएगी। मगर ऐसा नहीं हुआ हम लोगों को करीब दो-तीन घंटे के अंदर ही दर्शन हो गए। हम लोगों ने प्रसाद खरीदा और चप्पल प्रसाद वाले के पास ही में उतार दी और अपना बैग भी उसी के पास रखवा दिया। उसके बाद हम लोग लाइन में लग गए और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे। यहां पर महिला और पुरुष की अलग-अलग लाइन लगी हुई थी।
हम लोग मंदिर में प्रवेश किए, तो हम लोगों को मंदिर देखने के लिए मिला। यह पूरा मंदिर सफेद कलर का है। मंदिर में आपको मुंडन का स्थान देखने के लिए मिल जाता है। मुख्य मंदिर के बाहर मंडप भी सजा हुआ था। शिवरात्रि के दिन शिव जी और पार्वती जी का विवाह हुआ था। इसलिए यहां पर मंडप सजा था और यहां पर पंडित जी मंत्र भी पढ़ रहे थे। यहां पर बहुत सारे भक्त हाथ में बेल पत्री फूल और जल लेकर शिव जी को चढ़ाने के लिए लाइन में खड़े हुए थे। धीरे-धीरे हमारी लाइन आगे बढ़ी और हम लोग शिव जी के मुख्य मंदिर में पहुंचे। यहां पर बहुत सारी पुलिस लगी हुई थी। लाइन से हम लोग अंदर गए और शिव जी के दर्शन किए। शिव जी के दर्शन करके बहुत अच्छा लगा। मगर यहां पर ज्यादा देर खड़े नहीं हो सकते थे। हम लोग बाहर निकले तो बाहर आ कर हमें श्री राम जी का मंदिर देखने के लिए मिला। श्री राम जी के मंदिर में राम जी, सीता जी, लक्ष्मण जी की प्रतिमा विराजमान थी। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत और भव्य लग रहा था।
हम लोग बावली के पास आकर बैठ गए। बावड़ी के पास बहुत सारे लोग बैठे हुए थे। बावली के सामने ही आपको हनुमान जी और गणेश जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे लोग नारियल फोड़ रहे थे और प्रसाद चढ़ा रहे थे। शंकर जी के मंदिर के सामने ही पार्वती जी का मंदिर है। पार्वती जी का मंदिर भी सफेद कलर का है और बहुत खूबसूरत डिजाइन है। इन मंदिरों को फूलों से सजाया गया था। हम लोगों ने पार्वती जी के मंदिर में माता के दर्शन किए। उसके बाद बाहर आकर यहां पर और भी छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं, जिनके हमने दर्शन किए। यहां पर लक्ष्मी नारायण जी का मंदिर बना हुआ है। नर्मदा जी का मंदिर बना हुआ है। हमने सभी मंदिरों के दर्शन किए। उसके बाद हम लोगों ने नारियल फोड़े और मंदिर के बाहर आ गए।
हम लोग मंदिर के बाहर आकर कुछ देर मेले में घूमे। चाय पिए और इस दिन हम लोग का उपवास था। तो हम लोगों ने यहां पर कुछ फल लिए और मेले में ही बैठकर खाए और उसके बाद हम लोग अपने घर के लिए प्रस्थान किए।
बांदकपुर मंदिर कहां पर है - Where is the Bandakpur temple
बांदकपुर मंदिर दमोह जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दमोह और कटनी राजमार्ग में स्थित है। दमोह जिले के पास एक बांदकपुर नाम का छोटा सा गॉव है। बांदकपुर दमोह से करीब 18 किलोमीटर दूर है।
बांदकपुर कैसे पहुंच सकते हैं - How to reach Bandakpur
बांदकपुर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग और रेल मार्ग दोनों ही उपलब्ध है। बांदकपुर में रेलवे स्टेशन भी उपलब्ध है। इस बांदकपुर रेलवे स्टेशन कहते है। आप डायरेक्ट ट्रेन के द्वारा यहां पर पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से बांदकपुर का शिव मंदिर करीब 4 किलोमीटर दूर होगा। आप सड़क मार्ग से बांदकपुर बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं। बांदकपुर का शिव मंदिर मुख्य हाईवे रोड से करीब 8 किलोमीटर दूर है। बांदकपुर जाने तक का रास्ता कच्चा है। आपकी गाड़ी, कार, ट्रैक्टर, बस आराम से इस जगह पर पहुंच सकती है। यह गांव का इलाका है, तो बांदकपुर जाने वाले रास्ते में आपको खेत खलियान देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही खूबसूरत लगते हैं।
बांदकपुर मन्दिर दमोह की फोटो - Bandakpur temple Damoh's photo
अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो, तो आप इसे शेयर जरूर करें। अपने दोस्तों के साथ और अपने फैमिली वालों के साथ शेयर करे। ताकि उन्हें भी दमोह के बांदकपुर मंदिर के बारे में जानकारी मिल सके।
Please do not enter any spam link in comment box