जयपुर का हवामहल या विंड पैलेस जयपुर - Hawa Mahal or Wind Palace of Jaipur
हवा महल जयपुर शहर की एक ऐतिहासिक धरोहर है। हवामहल को विंड पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। हवा महल जयपुर शहर के बीचों-बीच स्थित है। हवा महल एक खूबसूरत महल है और यह पूरा महल देखने लायक है। जयपुर का हवामहल एक पांच मंजिला इमारत है। हवा महल में आपको जालीदार खिड़कियां देखने के लिए मिलती हैं। हवा महल को बाहर से देखने में यह कृष्ण जी के मुकुट के समान लगता है। हवा महल में बहुत सारी खिड़कियां हैं। इन खिड़कियां को झरोखा भी कहा जाता है। हवा महल के बीचो बीच में फव्वारा भी लगा हुआ है। जब यह फव्वारा चालू होता है। तब बहुत ही खूबसूरत लगता है।
हवा महल को हवा महल नाम क्यों पड़ा - Why Hawa Mahal got the name Hawa Mahal
हवा महल को हवा महल इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां पर बहुत सारी खिड़कियां है और इन खिड़कियों से हवाओं का आदान-प्रदान होता है। इसलिए इस महल को हवा महल कहा जाता है। इस महल को बनाया ही इस तरीके से है, कि इसमें हवा का आना जाना अच्छी तरह हो। प्राचीन समय में महाराजा की पत्नियां हवा महल कि इन खिड़कियों से बाहर के नजारों को देखती थी। इस महल को हवा महल कहने का एक कारण यह भी है, क्योंकि इस महल की पांचवी मंजिल में हवा मंदिर स्थित है। इसलिए भी इस महल को हवा महल कहा जाता है।
हवा महल कब और किसने बनाया है - When and who built Hawa Mahal
हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह के द्वारा किया गया था। इसका निर्माण 1799 में किया गया था। हवामहल को डिजाइन लालचंद उस्ताद के द्वारा किया गया था और इसका डिजाइन कृष्ण जी के मुकुट की तरह है।
जयपुर के हवामहल का इतिहास - History of hawamahal of jaipur
बड़ी चौपड़ स्थित हवामहल का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह 1799 ईस्वी में करवाया था। इसके वास्तुकार उस्ताद लालचंद थे।
इस दो चौक की 5 मंजिल इमारत के प्रथम तल पर शरद ऋतु के उत्सव मनाए जाते थे। दूसरी मंजिल जड़ाऊ के काम से सजी है। इसलिए इसे रतन मंदिर कहते हैं। तीसरी मंजिल विचित्र मंदिर के रूप में जानी जाती है, जिसमें महाराजा अपने आराध्य श्री कृष्ण जी की पूजा और आराधना करते थे। चौथी मंजिल प्रकाश मंदिर है और पांचवी मंजिल को हवा मंदिर कहते हैं। जिसके कारण यह भवन हवामहल कहलाता है।
यदि सिरहड्योढ़ी बाजार से खड़े होकर देखे, तो हवा महल की आकृति कृष्ण के मुकुट के समान दिखती है, जैसा कि महाराजा प्रताप सिंह से बनवाना चाहते थे।
महाराजा द्वारा हवामहल को अपने इष्ट देव श्री कृष्ण के मुकुट के अनुरूप निर्मित करवाया गया। पिरामिड की आकृति में बने इस 87 फीट ऊंचे 5 मंजिला भवन में छोटी-छोटी 365 खिड़कियां बनी है तथा इन मंजिलों को शरद मंदिर, रतन मंदिर विचित्र मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है।
हवा महल के मुख्य द्वार को आनंदपोलि तथा दूसरे द्वार को चंद्रपोलि के नाम से जाना जाता है। अंदरूनी चौक में एक हॉज है, जिसमें फव्वारा लगे हैं। उसके दाहिनी ओर महाराजा का निजी कक्ष प्रताप मंदिर तथा बायीं ओर भोजनशाला स्थित है। हवा महल से सिटी पैलेस तक जाने का मार्ग था, जहां से राज परिवार की महिलाएं तीज - गणगौर की सवारी देखने हवामहल आती थी।
जयपुर के हवामहल के दर्शन - Visit to Hawa Mahal in Jaipur
हम लोगों ने जयपुर के दर्शनीय स्थल घूमने के लिए ऑटो बुक किया था। ऑटो वाला सबसे पहले हम लोगों को हवा महल लेकर गया। हमारा ऑटो वाला हवा महल परिसर के बाहर ही ऑटो खड़ा कर दिया और हम लोगों को महल के अंदर जाने के लिए कहा। हम लोग हवा महल के पिछले गेट से अंदर गए और यहां पर बहुत बड़ा मैदान है, जहां पर गाड़ियां भी खड़ी कर सकते हैं। यहां पर सबसे पहले हम लोगों को टिकट लेनी पड़ी। हम लोगों ने टिकट ली। उसके बाद हम लोग हवा महल में प्रवेश किया। हम लोगों को यहां पर महल का प्रवेश द्वार देखने के लिए मिला, जो बहुत ही सुंदर और भव्य था। यहां पर हम लोगों को दो प्रवेश द्वार देखने के लिए मिले। एक चंद्रपोलि प्रवेश द्वार है और एक आनंदपोलि प्रवेश द्वार है।
चंद्रपोलि प्रवेश द्वार बहुत ही खूबसूरत बना हुआ है और इसमें आपको बहुत सारी मूर्तियां बनाई गई है। आप इस द्वार से अंदर जाते हैं, तो आपको हवा महल देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही अद्भुत लगता है। यहां पर आपको एक फव्वारा भी देखने के लिए मिलता है। यह फव्वारा जब चालू होता है। तब बहुत ही खूबसूरत लगता है।
हवा महल की ऊपरी मंजिल में सीढ़ियों के द्वारा जा सकते हैं। यहां पर विकलांग लोग भी आराम से जा सकते हैं, क्योंकि यहां पर रैंप बने हैं। ऊपर जाकर आप खिड़कियों को नजदीक से देख सकते हैं। इन खिड़कियों में रंगीन कांच भी लगे हुए हैं, जिससे सूरज की रोशनी खिड़कियों के आरपार जाती है, तो रंगीन रहती है। यहां पर आपको बहुत सारी अनोखी चीजें देखने के लिए मिल जाएंगे। हम लोग हवा महल की सबसे ऊपरी मंजिल में भी गए थे। यहां से शहर का बहुत ही खूबसूरत नजारा आप देख सकते हैं। हम लोग पूरा हवामहल घूम कर नीचे आकर अपने आगे की यात्रा जारी रखें। यहां पर आपको वॉशरूम की सुविधा भी मिल जाती है।
जयपुर के हवामहल की फोटो - Photo of hawamahal of jaipur
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हवा महल के अंदर का अद्भुत दृश्य |
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हवा महल की खिड़कियों में लगा हुआ रंगीन कांच |
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हवा महल की खिड़कियों का डिजाइन |
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हवामहल का चंद्रपोलि प्रवेश द्वार |
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हवा महल की मीनारों का डिजाइन |
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