पाली जिला दर्शनीय स्थल - Places to visit in Pali district \ पाली जिले के आसपास में घूमने की प्रमुख जगह
पाली राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। पाली राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 300 किलोमीटर दूर है। पाली में आप सड़क माध्यम से पहुंच सकते हैं। पाली जिले में अरावली पर्वत श्रेणियां देखने के लिए मिलती है। अरावली पर्वत श्रेणी में रणकपुर स्थित है। रणकपुर अरावली का एक सुंदर नगर है। पाली में बांदी नदी मुख्य सिटी में बहती है। पाली में जवाई और भी सहायक नदियां यहां पर बहती है। पाली में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - पाली में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
पाली में घूमने की जगह - Pali mein ghumne ki jagah
लखोटिया महादेव मंदिर और गार्डन पाली - Lakhotia Mahadev Temple and Garden Pali
लखोटिया महादेव मंदिर और गार्डन पाली शहर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। लखोटिया महादेव मंदिर पाली मुख्य शहर में स्थित है। आप इस मंदिर और गार्डन में आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर पार्किंग के लिए जगह है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर आपको झील देखने के लिए मिलती है। यह गार्डन तीन तरफ से झील से घिरा हुआ है। यहां पर झील में बहुत सारी मछलियां है। लोग यहां पर आकर मछलियों को दाना खिलाते हैं।
लखोटिया महादेव मंदिर के अंदर, शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और मंडप में नंदी भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यहां पर चारों तरफ पेड़ पौधे लगे हुए हैं। यहां आकर अच्छा लगता है। सुबह एवं शाम के समय यहां पर एक्सरसाइज करने वाले बहुत सारे लोग आते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे फव्वारे देखने के लिए मिलते हैं, जिसका लोग आनंद ले सकते हैं। यहां पर टॉय ट्रेन भी है, जो बच्चे लोगों के लिए चलाई जाती है। यह पार्क पाली जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है और आप यहां पर आकर बहुत मजे कर सकते हैं।
भैरूनाथ जी मंदिर पाली - Bhaironath Ji Temple Pali
भैरू नाथ जी मंदिर पाली का टूरिस्ट प्लेस है। यह मंदिर लखोटिया तालाब के किनारे भैरव घाट पर बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्ष पहले की गई थी। तालाब से भी पहले यहां पर भैरव जी की प्रतिमा स्थापित थी। कहा जाता है, कि इस मंदिर पर आकर भैरव जी के दर्शन करने से और उनकी पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। यहां पर बहुत सुंदर मंदिर बना हुआ है। यहां पर आप लखोटिया तालाब के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं और मछलियों को दाना भी खिला सकते हैं। यहां पर आपको दुर्गा जी के दर्शन भी करने के लिए मिल जाते हैं। भैरव बाबा जी की यहां पर बहुत ही अद्भुत प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
श्री बागड़ म्यूजियम पाली - Shree Bagad Museum Pali
श्री बागड़ म्यूजियम पाली शहर का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। इस संग्रहालय को श्री बागड़ राजकीय संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। यह संग्रहालय पाली जिले में पुराने बस स्टॉप के पास में स्थित है। इस संग्रहालय का नाम पाली शहर की जानी मानी हस्ती श्री बागड़ जुआर के नाम पर रखा गया है। यह संग्रहालय 12 बजे से शाम के 8 बजे तक खुला रहता है। यह संग्रहालय सोमवार एवं सरकारी छुट्टी के दिन बंद रहता है। इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर भारतीय पर्यटकों का 20 रुपये लिया जाता है और विद्यार्थी का कम चार्ज लिया जाता है।
राजकीय संग्रहालय पाली में आपको पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं लोक कला सामग्री का प्रदर्शन देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर पाली जिले की लोक संस्कृति को जान सकते हैं। यहां पर मूर्तियों का बहुत अच्छा कलेक्शन देखने के लिए मिलता है। यहां पर सिक्को, पेंटिंग, हथियार का कलेक्शन देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आपको सुगाली माता की मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर है। यहां पर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में भी जानकारी मिलती है। यहां पर आकर पाली जिले एवं राजस्थान के बारे में बहुत सारी बातें जान सकते हैं। अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तो आपको यहां जरूर आना चाहिए। यह पाली में घूमने लायक जगह है।
सरदार समंद लेक पैलेस पाली - Sardar Samand Lake Palace Pali
सरदार समंद लेक पैलेस पाली जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। सरदार समंद झील पाली जिले में सरदार समंद क्षेत्र में स्थित है। यहां पर आपको पहाड़ी के ऊपर एक सुंदर पैलेस देखने के लिए मिलता है। पहाड़ी के नीचे एक बहुत बड़ी झील बनी हुई है, जिसे सरदार समंद झील के नाम से जाना जाता है। इस पैलेस का निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह जी के द्वारा 1933 में करवाया गया था। उन्होंने इस पैलेस का निर्माण हंटिंग लॉज के रूप में करवाया था।
सरदार समंद लेक पैलेस जोधपुर से 50 किलोमीटर दूर है और पाली से करीब 40 किलोमीटर दूर है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं और इस सुंदर महल को देख सकते हैं। इस पैलेस से सरदार समंद झील का बहुत ही आकर्षक दृश्य देखने के लिए मिलता है। सरदार समंद लेक पैलेस को अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। यहां पर आप आकर होटल में ठहर सकते हैं और होटल की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। यहां पर आपको पूल देखने के लिए मिलेगा और बहुत सारी प्राचीन वस्तुएं भी देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर आपको सूर्यास्त का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। यह पाली में घूमने की सबसे अच्छी जगह है।
जवाई बांध पाली - Jawai Dam Pali
जवाई बांध पाली जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। जवाई बांध पाली शहर में सुमेरपुर के पास स्थित है। जवाई बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर आप आकर सुख का अनुभव कर सकते हैं। यहां पर चारों तरफ आपको हरियाली देखने के लिए मिलती है। जवाई बांध के पास में एक छोटा सा गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर गुलाब और अन्य फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं।
जवाई बांध जवाई नदी पर बना हुआ है। यहां पर आपको जवाई हिल भी देखने के लिए मिलता है। जवाई बांध का कार्य आरंभ 1946 में किया गया था और यह बांध 1957 में बनकर तैयार हो गया था। इस बांध की कुल लंबाई 3030 फीट है। आप यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं और अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर आपको बहुत सारे स्थानीय और विदेशी पक्षी भी देखने के लिए मिल जाएंगे।
यहां पर बहुत सारे लोग ट्रैकिंग करने के लिए भी जाते हैं। शाम के समय यहां पर सनसेट का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह बांध महाराजा उम्मेद सिंह के द्वारा बनाया गया था। यहां पर, जो पहाड़िया हैं , वह पथरीली हैं। यहां पर आपको मगरमच्छ भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से फरवरी तक है। बरसात के समय यहां पर घूमने में आपको मजा आएगा।
जवाई लेपर्ड हिल्स सफारी पाली - Jawai Leopard Hills Safari Pali
जवाई लेपर्ड हिल्स सफारी पाली शहर के पास में घूमने के लिए एक मुख्य स्थल है। यहां पर आपको सफारी का आनंद लेने के लिए मिलता है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यह जगह मुख्य रूप से लेपर्ड के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर लेपर्ड आसानी से देखने के लिए मिल जाते हैं। इसके अलावा आपको यहां पर मगरमच्छ, हिरण, चिंकारा, मोर और बहुत सारी स्थानीय पक्षी एवं विदेशी पक्षियों की प्रजातियां भी देखने के लिए मिल जाती है। आप यहां पर आकर सफारी की बुकिंग कर सकते हैं और इस जगह का आनंद ले सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे सुंदर-सुंदर पहाड़िया भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही अद्भुत लगती है।
काम्बेश्वर महादेव मंदिर पाली - Kambeshwar Mahadev Temple Pali
काम्बेश्वर महादेव मंदिर पाली का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर पाली जिले के पास शिवगंज गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर अरावली पर्वत श्रेणियों के बीच बना हुआ है। यहां पर चारों तरफ ऊंची ऊंची पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 200 से ढाई सौ सीढ़ियां बनी हुई है। आप सीढ़ियों से चढ़कर जाएंगे, तो यह आपका एक एडवेंचरस सफर हो जाता है, जो आपको हमेशा याद रहेगा। यहां रास्ते में बहुत सारे बंदर रहते हैं, जिन्हें आप खाना डालते हुए जा सकते हैं।
मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह शिवलिंग स्वयंभू है और बहुत सुंदर लगता है। यहां पर भोजनशाला भी है, जहां पर न्यूनतम शुल्क पर भोजन दिया जाता है। आप यहां पर आकर आनंद का अनुभव कर सकते हैं। यहां पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करके शांति मिलती है। यहां महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत सारे लोग आते हैं। यहां पर आपको चारों तरफ का रमणीय दृश्य देखने के लिए मिलता है।
श्री फालना स्वर्ण जैन तीर्थ पाली - Shree Falna Swarna Jain Tirtha Pali
श्री फालना स्वर्ण जैन तीर्थ पाली शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह जैन धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर पूरे गोल्डन कलर का है। यह मंदिर फालना का मुख्य आकर्षण स्थल है। यह मंदिर फालना रेलवे स्टेशन से 5 मिनट की दूरी पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं और इस मंदिर को देख सकते हैं।
गोल्डन टेंपल के गर्भगृह में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान शंखेश्वर पार्श्वनाथ जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर भगवान पार्श्वनाथ जी के साथ चिंतामणि पार्श्वनाथ जी और श्री जीरावाला पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। गर्भगृह को रंगीन कांच से सजाया गया है। गर्भगृह बहुत सुंदर है। मंदिर में पार्किंग की व्यवस्था भी है। मंदिर की दीवारें, खंबे, और बहुत सारी वस्तुओं गोल्ड प्लेटेड है। यहां कर अच्छा लगता है। यहां पर जैन धर्म के लोगों की ठहरने के लिए और भोजन के लिए अच्छी व्यवस्था है। मंदिर के आसपास मार्केट है। यह पाली में घूमने वाली मुख्य जगह है।
श्री निम्बेश्वर महादेव मंदिर पाली - Shri Nimbeshwar Mahadev Temple Pali
श्री निम्बेश्वर महादेव जी का मंदिर पाली का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पाली जिले में सांडेराव में स्थित है। यह मंदिर फालना और सांडेराव मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। इस मंदिर को निम्बोरानाथ महादेव धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत सुंदर और बहुत बड़ा है। यह बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। मंदिर में आपको बहुत सुंदर सुंदर तस्वीरें देखने के लिए मिलती हैं।
इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव का बहुत ही सुंदर शिवलिंग विराजमान है। यहां पर आपको शिव और पार्वती की मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर गणेश जी कार्तिकेय जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर भोजन व्यवस्था भी उपलब्ध है। यहां पर आपको ढेर सारी पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो भगवान शिव और उनकी लीलाओं से संबंधित है। मंदिर के प्रवेश द्वार में हाथियों की बड़ी सी प्रतिमा बनाई गई है, जो बहुत सुंदर लगती है। यहां पर महाशिवरात्रि के समय बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें दूर दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि में बहुत सारे भक्त आते हैं। यहां पर आपको प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती हैं।
रणकपुर पाली - Ranakpur Pali
श्री परशुराम महादेव कुंड धाम पाली - Shri Parshuram Mahadev Kund Dham Pali
श्री परशुराम महादेव कुंड धाम पाली शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पाली शहर में देसूरी तहसील में स्थित है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर बना हुआ है। मंदिर एक गुफा के अंदर विराजमान है। यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर, जो शिवलिंग बना हुआ है। वह प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। यहां पर शिव भगवान जी और गणेश भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर को लेकर बहुत सारी मान्यताएं हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर परशुराम जी, गुफा में रहा करते थे और भगवान शिव की आराधना करते थे। यहां पर परशुराम भगवान जी ने करण को शस्त्र की शिक्षा भी दी थी। परशुराम भगवान, भगवान विष्णु के अवतार थे।
यहां पर बहुत सारे कुंड देखने के लिए मिलते हैं, जिनमें पानी भरा रहता है। यह पानी कभी भी सूखता नहीं होता है। यह जगह चारों तरफ से प्राकृतिक वातावरण से घिरी हुई है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी देखने के लिए मिलते हैं। सावन सोमवार में यहां पर बहुत बड़ा मेला भरता है। इसमें दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर चारों तरफ के नजारे देख कर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। आप भी यहां पर आकर घूम सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी, जिसमें आपको बहुत मजा आएगा। इस मंदिर में सादड़ी से होते हुए पहुंचा जा सकता है।
मुछाला महावीर जैन मंदिर पाली - Muchala Mahavir Jain Temple Pali
मुछाला महावीर जैन मंदिर पाली जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह जैन धार्मिक स्थल है। मुछाला जैन मंदिर पाली जिले के देसूरी तहसील में घाणेराव में स्थित है। यहां पर आपको बहुत सुंदर जैन मंदिर देखने के लिए मिलता है। इस मंदिर को मुछाला महावीर जैन मंदिर के नाम से इसलिए जाना जाता है, क्योंकि कहा जाता है, कि यहां पर भगवान महावीर जी को मूंछ और दाढ़ी निकली हुई थी। इसके बारे में एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है, जो आप यहां पर आकर जान सकते हैं।
मुछाला जैन मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में नक्काशी देखने के लिए मिलती है। मंदिर की दीवारों में नृत्य करती हुई नृत्यांगना, फूल, पत्ती और भी बहुत सारी नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। मंदिर के चारों तरफ का परिवेश प्राकृतिक है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। इस मंदिर में आने के लिए सड़क व्यवस्था उपलब्ध है।
श्री ओम बन्ना मंदिर पाली - Shri Om Banna Mandir Pali
श्री ओम बन्ना मंदिर पाली जिले का एक अद्भुत मंदिर है। श्री ओम बन्ना मंदिर पाली जिले में चोटिला में स्थित है। यहां पर एक बाइक की पूजा की जाती है। यहां पर एक बुलेट बाइक आपको देखने के लिए मिलती है, जो कांच के फ्रेम के अंदर रखी गई है और इसकी पूजा लोग करते हैं। कहा जाता है, कि यहां पर एक युवा राजपूत लड़का का एक्सीडेंट हो गया था और उनकी मृत्यु हो गई थी। उसके बाद उनकी गाड़ी को पुलिस ने जप्त कर लिया और थाने ले गए। मगर उनकी गाड़ी इसी स्थान पर वापस आ जाती थी। पुलिस वालों ने ऐसा दो तीन बार किया। मगर ऐसा हमेशा हुआ। इससे पुलिस वालों और आम जनता यह एहसास हो गया कि, यह कोई दिव्य शक्ति है और लोग यहां पर ओम बन्ना का मंदिर बनवा कर पूजा करने लगे।
यह घटना आपने न्यूज़ एवं डिस्कवरी में जरूर देखी होगी। यह घटना बहुत ही चर्चित है और लोग आज भी यहां पर पूजा करते हैं। श्री ओम बन्ना को बुलेट वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर जोधपुर पाली हाईवे सड़क पर स्थित है। यह पाली से करीब 50 किलोमीटर दूर है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा महसूस होगा। यहां पर कहा जाता है कि आज भी ओम बन्ना लोगों को इस जगह पर सतर्क करते हैं।
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