वाराणसी (बनारस) जिले के दर्शनीय स्थल - places to visit in (Banaras) Varanasi district / वाराणसी (बनारस) जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
वाराणसी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। वाराणसी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर है। वाराणसी एक पुरातन शहर है। वाराणसी को प्राचीन समय में काशी के नाम से जाना जाता था। वाराणसी वरुणा और अस्सी नदी के बीच में बसी हुई है। वरुणा और अस्सी नदी के कारण इसका नाम वाराणसी पड़ गया। इसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है। काशी को भगवान भोलेनाथ की नगरी के नाम से जाना जाता है। काशी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान विश्वनाथ विराजमान है। काशी में लोग मरने के लिए आते हैं, क्योंकि कहा जाता है, कि यहां पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए लोग जीवन मरण के चक्कर से मुक्ति पाने के लिए यहां पर आते हैं। वाराणसी शहर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है, जो आपको इस ब्लॉग पोस्ट में मालूम चलेगी। इस ब्लॉग पोस्ट में आपको वाराणसी जिले में घूमने वाली सारी जगह के बारे में पता चलेगा। चलिए जानते हैं - वाराणसी शहर में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
वाराणसी (बनारस) में घूमने की जगह - Varanasi (Banaras) mein ghumne ki jagah
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी (बनारस) - Kashi Vishwanath Temple Varanasi (Benaras)
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए पूरे देश से और विदेशों से भी लोग आते हैं। यह मंदिर बनारस में गंगा नदी की किनारे बना हुआ है। यह मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। यहां पर विराजमान शिवलिंग को विश्वेश्वर के नाम से जाना जाता है। यहां विराजमान शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहा जाता है, कि जो भी काशी विश्वनाथ में भोले बाबा के दर्शन करता है। उसको 12 ज्योतिर्लिंगों का फल प्राप्त होता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर बहुत ही सुंदर है। यह पूरा मंदिर पत्थर से बना हुआ है। मंदिर के ऊपरी शिखर में गोल्डन कलर देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है और इससे मंदिर की सुंदरता और भी अधिक बढ़ जाती है। यहां पर काशी विश्वनाथ जी के दर्शन करने के लिए बहुत भीड़ लगती है। अगर आप यहां पर जल्दी भगवान जी के दर्शन करना चाहते हैं, तो यहां पर आप वीआईपी दर्शन का टिकट ले सकते हैं। जिससे आपको जल्दी दर्शन हो जाते हैं। यहां पर आपको भगवान शिव की रुद्राभिषेक, आरती, पूजा देखने का मौका मिलता है, जिससे मन बहुत शांत होता है।
रानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थली वाराणसी - Rani Laxmibai Birthplace Varanasi
रानी लक्ष्मीबाई जन्मस्थली वाराणसी शहर का एक ऐतिहासिक स्थल है। इस जगह पर रानी लक्ष्मी बाई का जन्म हुआ था। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति की एक महानायिका थी। 18 जून सन 1858 को ग्वालियर के निकट इनको वीरगति प्राप्त हुई थी। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर सन 1835 को हुआ था। वाराणसी के गंगा के पावन घाट के किनारे रानी लक्ष्मी बाई का जन्म हुआ था। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और यहां पर आपको रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर देखने के लिए मिलेगी। यहां पर आपको रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति देखने के लिए मिलेगी। इसके अलावा आपको यहां पर और भी बहुत सारी पेंटिंग देखने के लिए मिलेगी। यहां पर गार्डन बना हुआ है। यह वाराणसी में घूमने लायक जगह है।
संत रविदास पार्क वाराणसी - Sant Ravidas Park Varanasi
संत रविदास पार्क वाराणसी का एक सुंदर पार्क है। यह पार्क वाराणसी में नागवा में स्थित है। यह पार्क बहुत बड़ा है। इस पार्क के मध्य में संत रविदास जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं। यह पार्क संत रविदास घाट के पास में ही बना हुआ है। यह वाराणसी का पिकनिक स्पॉट है।
मार्कंडेय महादेव मंदिर वाराणसी - Markandeya Mahadev Temple Varanasi
मारकंडेय महादेव मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी में कैथी में स्थित है। इस मंदिर को कैथी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है और बहुत ही प्रसिद्ध है। लोग यहां पर दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं। यहां मंदिर आप आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर गाजीपुर हाईवे सड़क के पास ही में स्थित है। यह मंदिर से भगवान शिवजी को समर्पित है। मंदिर से करीब 1 से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर आपको गंगा नदी का पवित्र घाट देखने के लिए मिलता है। बहुत सारे लोग यहां पर आते हैं। मां गंगा में स्नान करते हैं मंदिर घूमते हैं। यहां पर ठंडी के समय आपको साइबेरियन बर्ड्स देखने के लिए मिलती है, जो इस जगह पर अपने प्रवास के दौरान आती हैं। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। आपको बहुत शांति मिलेगी।
काल भैरव मंदिर वाराणसी - Kal Bhairav Temple Varanasi
काल भैरव मंदिर वाराणसी शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह वाराणसी का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी में विश्वेश्वर गंज में स्थित है। काल भैरव मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि काल भैरव भगवान वाराणसी के कोतवाल हैं और आप वाराणसी घूमने के लिए आते हैं, तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए। अगर आप यहां पर नहीं आते हैं, तो आपकी यात्रा अधूरी मानी जाती है। आप वाराणसी घूमने की शुरुआत यहीं से कर सकते हैं।
मृत्युंजय महादेव मंदिर वाराणसी - Mrityunjay Mahadev Temple Varanasi
मृत्युंजय महादेव मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर भोले भगवान जी को समर्पित है। मृत्युंजय का मतलब होता है - मृत्यु पर विजय पाने वाला। मंदिर में आकर शिव भगवान जी के दर्शन करने से शरीर में, जो कुछ भी पीड़ा होती है। वह ठीक हो जाती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। यहां पर गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। शिवलिंग की जलहरी चांदी की बनी हुई है। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर काल भैरव, विष्णु भगवान जी, गणेश भगवान जी के दर्शन किए जा सकते हैं। आप वाराणसी घूमने के लिए आते हैं, तो आपको इस मंदिर में भी आना चाहिए।
दुर्गाकुंड मंदिर वाराणसी - Durgakund Temple Varanasi
दुर्गाकुंड मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के पास एक कुंड बना हुआ है, जिसके कारण इस मंदिर को दुर्गाकुंड मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह पूरा मंदिर लाल कलर से पोता गया है। इस मंदिर को लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में मां दुर्गा की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शाम के समय कुंड में फव्वारा चलाया जाता है, जिससे यहां पर बहुत ही अच्छा लगता है। यहां पर राधा कृष्ण जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मंदिर वाराणसी - Shri Satyanarayan Tulsi Manas Mandir Varanasi
श्री सत्यनारायण तुलसी मानस मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दुर्गाकुंड मंदिर के पास ही में स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर में आपको बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां और पेंटिंग देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यह पूरा मंदिर बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से बनाया गया है। यहां पर आपको कृष्ण भगवान जी की लीलाएं देखने के लिए मिलती है। भगवान राम के जीवन के बहुत सारे दृश्यों को भी यहां पर दर्शाया गया है। यहां पर काल भैरव जी, राम जी लक्ष्मण जी सीता जी, राधा कृष्ण जी, गणेश जी, भगवान शंकर जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे देवी देवता है। यहां पर मंदिर के बाहर गार्डन में बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है। अगर आप वाराणसी घूमने के लिए आते हैं, तो आपको इस मंदिर में जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी - Sankat Mochan Hanuman Mandir Varanasi
संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। यह मंदिर वाराणसी में अस्सी घाट के पास में स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि मंदिर में आकर आप जो भी मनोकामना मांगते हैं। वह आपकी जरूर पूरी होती है। श्री संकट मोचन हनुमान जी आपके संकटों को हरण कर लेते हैं। यहां पर आ कर बहुत अच्छा लगता है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के अंदर श्री हनुमान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपके मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों को लॉकर में रखवा दिया जाता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर मंगलवार और शनिवार को बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
नया काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी - New Kashi Vishwanath Temple Varanasi
नया काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अंदर स्थित है। यहां पर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है और गार्डन के बीच में यह मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही भव्य है। इस मंदिर के अंदर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर का शिखर बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों में गीता के संदेशों को दिखाया गया है। यह मंदिर दशमेशघाट से करीब 7 किलोमीटर दूर है और आप यहां पर ऑटो लेकर आराम से पहुंच सकते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। काशी विश्वनाथ मंदिर में आकर आप भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में आपको पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए भी मिलते हैं। भगवान के दर्शन करके, आप यहां गार्डन में शांति से कुछ समय बिता सकते हैं।
भारत कला भवन म्यूजियम वाराणसी - Bharat Kala Bhavan Museum Varanasi
भारत कला भवन संग्रहालय वाराणसी का एक सुंदर संग्रहालय है। यह संग्रहालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है। यहां पर आपको बहुत ही सुंदर आर्ट देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आपको पेंटिंग, मूर्तियां, सिक्कों की बहुत अच्छी कलेक्शन देखने के लिए मिलती है। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है, जो बहुत सुंदर है। गार्डन में तरह-तरह की फूल लगे हुए हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। इस म्यूजियम की टाइमिंग 10 बजे से 4 बजे तक है। यह वाराणसी में घूमने लायक जगह है।
बाबा श्री तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर वाराणसी - Baba Shree Tilbhandeshwar Mahadev Temple Varanasi
तिलभांडेश्वर मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में बहुत बड़े शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। कहा जाता है कि यह शिवलिंग अपने आकार में हर साल बढ़ता है और इस शिवलिंग का आकार अभी बहुत बड़ा हो गया है। यहां पर आपको 3:30 फीट ऊंचा शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जिसकी चौड़ाई 3 फीट है। यहां पर और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर मठ भी बना हुआ है। आप यहां पर आकर शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
नेपाली मंदिर वाराणसी - Nepali Temple Varanasi
नेपाली मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव जी को समर्पित है। यह मंदिर नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के समान ही बनाया गया है। यह उस मंदिर की प्रतिकृति है। इस मंदिर को मिनी खजुराहो के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में नेपाल के राजा द्वारा किया गया था। इस मंदिर का निर्माण टेराकोटा, पाषाण और लकड़ी से किया गया है। मंदिर के अंदर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर की दीवारों, दरवाजों में आपको बहुत ही सुंदर कारीगरी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही उत्तम है। यह मंदिर वाराणसी में ललिता घाट के पास में बना हुआ है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
जंतर मंतर वाराणसी - Jantar Mantar Varanasi
जंतर मंतर वाराणसी जिले का एक ऐतिहासिक स्थल है। जंतर मंतर वाराणसी में मान मंदिर घाट के पास में स्थित है। जंतर मंतर का निर्माण 1737 ईस्वी में महाराजा जयसिंह द्वितीय के द्वारा किया गया था। यहां पर आपको बहुत सारे यंत्र देखने के लिए मिलते हैं। इन्हें यंत्रों का उपयोग प्राचीन समय और सूर्य की गति देखने में किया जाता था। यहां पर आपको दिशा यंत्र, रामा यंत्र, सम्राट यंत्र देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आपको ऐतिहासिक इमारत भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है। यहां पर प्रवेश के लिए टिकट लगता है। आप यहां पर आ कर इन यंत्रों को देख सकते हैं और गंगा नदी का सुंदर दृश्य भी आपको यहां पर देखने के लिए मिलता है।
मां काशी विशालाक्षी मंदिर वाराणसी - Maa Kashi Vishalakshi Temple Varanasi
मां काशी विशालाक्षी मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह 1 शक्तिपीठ है। यह स्थल मां सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। कांची की कामाक्षी और मदुरई की मीनाक्षी देवी के जैसे ही विशालाक्षी देवी का भी महत्व है। यह मंदिर वाराणसी में मीरा घाट के पास में स्थित है। कहा जाता है कि भगवान विश्वनाथ भी शांति के लिए यहां पर विश्राम करते थे। इस मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1971 में किया गया। यह मंदिर प्राचीन है। आप यहां पर आकर मां विशालाक्षी के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है।
ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी - Gyanvapi Mosque Varanasi
ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक मुस्लिम धार्मिक स्थल है। यह मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 के पास में स्थित है। यह प्राचीन मस्जिद बहुत सुंदर है। आपको यहां पर बड़े-बड़े गुंबद देखने के लिए मिलते हैं और आप यहां पर आकर इस मस्जिद की हिस्ट्री के बारे में जान सकते हैं। आप अगर काशी विश्वनाथ मंदिर जाते हैं, तो इस मस्जिद को भी देख सकते हैं।
अन्नपूर्णा देवी मंदिर वाराणसी - Annapurna Devi Temple Varanasi
अन्नपूर्णा देवी मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी में विश्वेश्वर गंज में स्थित है। यह मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ही में स्थित है। यह मंदिर अनाज की देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है। इस मंदिर में अन्नपूर्णा देवी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर का निर्माण 18 वीं शताब्दी में मराठा पेशवा बाजीराव ने करवाया था। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर के अंदर और मंदिर के बाहर मंदिर का जो प्रवेश द्वार है। वह बहुत ही आकर्षक है। इसमें देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनाई गई है और हाथियों की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं।
आलमगीर मस्जिद वाराणसी - Alamgir Mosque Varanasi
आलमगीर मस्जिद वाराणसी का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह एक सुंदर मस्जिद है। इस मस्जिद को औरंगजेब मस्जिद और बेनी माधव का धरहरा के नाम से भी जाना जाता था। इस मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब के द्वारा किया गया है। इस मस्जिद में तीन बड़े-बड़े गुंबद बनाए गए हैं और दो मीनारें देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत ही अच्छी दिखती हैं। यह मस्जिद वाराणसी में पंचगंगा घाट के पास में स्थित है। यहां से आपको गंगा घाट का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा संरक्षित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
काशी धाम संग्रहालय वाराणसी - Kashi Dham Museum Varanasi
काशी धाम संग्रहालय वाराणसी का एक प्रमुख स्थल है। काशी धाम संग्रहालय वाराणसी में बूंदी परकोटा घाट के पास स्थित है। इस संग्रहालय में आपको बहुत सारी जानकारियां मिल जाती है। यहां पर आपको ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक सभी प्रकार की जानकारी मिलती है। यहां पर आपको बहुत सारे फ्रीडम फाइटर के मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। इस संग्रहालय के खुलने का समय 10 बजे से शाम के 6 बजे तक है और सोमवार के दिन यह संग्रहालय बंद रहता है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर वाराणसी - Sant Shiromani Guru Ravidas Mandir Varanasi
संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। गुरु रविदास एक महान संत है। यह उनका जन्म स्थान है, जहां पर आपको संत रविदास जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर बना हुआ है। मंदिर में रविदास जी की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। संत रविदास जी मीरा के गुरु थे और यहां पर आप को उनके बारे में बहुत सारी कहानियां पता चलती है। यह मंदिर वाराणसी में राजा घाट के पास स्थित है। राजा घाट को रविदास घाट के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
लाल खान का मकबरा वाराणसी - Lal Khan's Tomb Varanasi
लाल खान का मकबरा वाराणसी का एक प्रमुख स्थल है। यह मकबरा वाराणसी में मालवीय ब्रिज के पास राजघाट में स्थित है। इस मकबरे का निर्माण 1773 ईस्वी में वाराणसी के शासकों द्वारा किया गया था। लाल खान काशी नरेश के मुख्यमंत्री थे। यह मकबरा बहुत ही सुंदर है। मकबरे के ऊपर बड़ा सा गुंबद बना हुआ है, जो रंग बिरंगा है और मकबरे के चारों कोने पर छोटी-छोटी छतरियां बनी हुई है। यहां पर आपको बगीचा देखने के लिए मिलता है। बगीचे के बीच में मकबरा बना हुआ है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यह मकबरा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की निगरानी में है। यहां पर आपको और भी बहुत सारी छतरियां देखने के लिए मिलती हैं। यह वाराणसी में घूमने लायक जगह है।
आदि केशव मंदिर वाराणसी - Adi Keshav Temple Varanasi
आदि केशव मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी के संगम पर स्थित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। यहां पर आपको आदि केशव घाट भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर और घाट के बारे में कहा जाता है, कि भगवान शिव के आदेश पर भगवान विष्णु जब काशी आए, तब सर्वप्रथम उनके चरण इसी स्थान पर पड़े थे एवं भगवान विष्णु ने अपने चरण धोकर स्वयं अपनी प्रतिमा इस स्थल पर स्थापित की थी।
तभी से यह तीर्थ पदोंदर तीर्थ के नाम से जाना जाता है। इस स्थल के जल से स्नान एवं जल ग्रहण करने से मनुष्य जन्म मरण से मुक्ति पा सकता है। यहां पर आपको भगवान विष्णु की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर भूदेवी, श्रीदेवी एवं केशवादित्य की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर शंकर जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
भारत माता मंदिर वाराणसी - Bharat Mata Mandir Varanasi
भारत माता मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख स्थल है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है। यह मंदिर दो मंजिला है। इस मंदिर का निर्माण स्वतंत्रता सेनानी बाबू शिव प्रसाद गुप्ता द्वारा किया गया था। इस मंदिर का उद्घाटन 1936 में महात्मा गांधी जी ने किया था। इस मंदिर में किसी भी देवी देवता की मूर्ति विराजमान नहीं है। यहां पर अखंड भारत का एक नक्शा देखने के लिए मिलता है। यह नक्शा बहुत ही सुंदर है और इसमें आपको पाकिस्तान अफ़गानिस्तान श्रीलंका नेपाल यह सभी देश देखने के लिए मिलते हैं। यह नक्शा मार्बल से बना हुआ है और बहुत सुंदर लगता है। 30 मूर्तिकार और 25 कारीगरों द्वारा इस नक्शे को बनाया गया था। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको भारत माता की तस्वीर भी देखने के लिए मिलती है। भारत माता मंदिर के बाहर बहुत ही सुंदर गार्डन बना हुआ है। यह मंदिर वाराणसी रेलवे स्टेशन जाने वाली मुख्य सड़क में स्थित है। यह वाराणसी की सबसे अच्छी जगह है।
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी गुरु बाग वाराणसी - Gurdwara Shri Guru Nanak Dev Ji Guru Bagh Varanasi
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी गुरु बाग वाराणसी शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह गुरुद्वारा सिख लोगों के लिए धार्मिक स्थल है। यहां पर हर धर्म और जाति के लोग आ सकते हैं और आकर गुरु वाणी सुन सकते हैं। यहां पर लंगर चलता है, जहां पर बहुत ही स्वादिष्ट खाना मिलता है। यहां पर अगर आप ठहरना चाहते हैं, तो उसकी भी व्यवस्था आपको मिल जाती है।
बाबा कीनाराम स्थल वाराणसी - Baba Keenaram Sthal Varanasi
बाबा कीनाराम स्थल वाराणसी का एक धार्मिक स्थल है। यह एक अघोर पीठ है। यहां पर आपको बहुत सारे संतों की समाधि देखने के लिए मिलती है। यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और आपको यहां पर एक कुंड भी देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से बनाई गई है। आप यहां पर दर्शन करने के लिए आ सकते हैं।
सेंट मैरी कैथ्रेडल वाराणसी - St. Mary's Cathedral Varanasi
सेंट मैरी कैथ्रेडल वाराणसी शहर का एक प्रमुख स्थल है। यह एक चर्च है। यह चर्च ईसाइयों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह चर्च वाराणसी का सबसे बड़ा चर्च है। यह चर्च वाराणसी शहर में कंटोनमेंट एरिया में स्थित है। यहां पर आकर आपको बहुत सारी जीसस के मदर मैरी के स्टेचू देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर क्रिसमस के समय बहुत ही सुंदर सजावट की जाती है और यहां पर उस समय उत्सव मनाया जाता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह वाराणसी की सबसे अच्छी जगह है।
रामनगर का किला वाराणसी - Ramnagar Fort Varanasi
रामनगर का किला वाराणसी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक प्राचीन किला है। यह किला गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। यह किला बहुत ही सुंदर है। इस किले से आपको गंगा नदी का दृश्य देखने के लिए मिलता है। किले के अंदर म्यूजियम है, जहां पर आपको वाराणसी के काशी नरेश की बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आपको हथियार, तलवारों, बंदूक, महाराज के पुराने वस्त्र, सिक्कों का कलेक्शन देखने के लिए मिल जाता है। संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर फोटोग्राफी की मनाही है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है।
रामनगर का किला वाराणसी के रामनगर में स्थित है। रामनगर का किला वाराणसी में गंगा नदी के दूसरी तरफ रामनगर में स्थित है। रामनगर में जाने के लिए गंगा नदी पर पुल बना हुआ है। इस पुल को शास्त्री ब्रिज के नाम से जाना जाता है। यहां से आप रामनगर पहुंच सकते हैं और इस किले में घूमने के लिए आ सकते हैं। यह वाराणसी की सबसे अच्छी जगह है।
लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय वाराणसी - Lal Bahadur Shastri Smriti Bhavan Museum Varanasi
लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय वाराणसी में स्थित एक प्रमुख स्थल है। यह संग्रहालय वाराणसी में रामनगर में स्थित है। यह संग्रहालय लाल बहादुर शास्त्री का पैतृक घर था। यहां पर आपको लाल बहादुर शास्त्री जी की बहुत सारी जानकारी मिलती है। यहां पर आपको लाल बहादुर शास्त्री जी का बेडरूम, उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले किचन, यह सभी देखने के लिए मिल जाती है। लाल बहादुर शास्त्री जी भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री थे। यहां पर लाल बहादुर शास्त्री जी की पत्नी ललिता शास्त्री जी की भी जानकारी मिलती है। यहां पर आपको ललिता शास्त्री जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। लाल बहादुर शास्त्री जी का घर बहुत ही साधारण है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
सुमेरू मंदिर वाराणसी - Sumeru Temple Varanasi
सुमेरू मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा जी को समर्पित है। यह मंदिर वाराणसी में रामनगर में स्थित है। इस मंदिर के पास में एक विशाल तालाब देखने के लिए मिलता है। तालाब के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय कला में बना हुआ है। मंदिर की दीवारों में बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर में देवी दुर्गा की बहुत ही सुंदर मूर्ति विराजमान है। यहां पर शिवलिंग विराजमान है और नंदी भगवान जी की प्रतिमा के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर पास में ही रामबाग बना हुआ है, जो बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
रामेश्वर मंदिर वाराणसी - Rameshwar Temple Varanasi
रामेश्वर मंदिर वाराणसी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी में रामेश्वर में वरुणा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर में श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी की प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है, जहां पर शिवलिंग और नंदी भगवान जी का दर्शन करने मिलता है। यह पंचकोशी परिक्रमा मार्ग का तृतीय पड़ाव है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर बहुत सारी प्राचीन प्रतिमाएं हैं। यहां पर घाट भी बना हुआ है, जहां पर आप स्नान कर सकते हैं।
सारनाथ वाराणसी - Sarnath Varanasi
सारनाथ वाराणसी का एक प्रसिद्ध स्थल है। सारनाथ हिंदू, बौद्ध, और जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। सारनाथ वाराणसी से करीब 13 किलोमीटर दूर स्थित है। सारनाथ में आप रोड माध्यम एवं रेल माध्यम से पहुंच सकते हैं। सारनाथ भगवान बुद्ध के जीवन काल से संबंधित चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। बोधगया में ज्ञान प्राप्ति के बाद, भगवान बुद्ध ने अपने प्रथम पांच शिष्यों को यहीं पर पहला धर्म उपदेश दिया था, जो धर्म चक्र प्रवर्तन के नाम से बुध संहिता में वर्णित है। यहीं पर भगवान बुद्ध ने प्रथम बौद्ध संघ की स्थापना भी की थी। बौद्ध ग्रंथों में इस स्थान के लिए ऋषिपत्तन अथवा इसिपत्तन एवं मृदादाव अथवा मृगदाय आदि नाम उल्लेखित हैं।
सारनाथ का जो वर्तमान में नाम है। वह सारनाथ के पास में ही स्थित महादेव मंदिर सारंगनाथ से लिया गया है। जैन धर्म के लिए भी यह जगह महत्वपूर्ण है। जैन धर्म के 11 तीर्थकार श्रेयासनाथ नाथ जी के तपोस्थली होने के कारण, यह स्थल जैन धर्म के लोगों में भी प्रसिद्ध है।
इस स्थल की खोज 1798 में मिस्टर डंकन एवं कर्नल मैकेंजी ने की थी। उन्होंने इस स्थान के पुरातात्विक महत्व पर प्रकाश डाला था। विभिन्न उत्खनन कर्ताओं ने यहां पर उत्खनन कार्य किया, जिनमें अलेक्जेंडर कनिंघम, मेजर किटटो, एफ ओ ओरटेल, सर जॉन मार्शल तथा दयाराम सहानी प्रमुख है। यहां पर तीसरी सदी ईस्वी पूर्व से लेकर 12 वीं सदी ईसवी के मध्य निर्मित अनेक बौद्ध विहार, बौद्ध स्तूप, मंदिर, अभिलेख, मूर्ति शिल्प एवं अन्य पूराअवशेष प्राप्त हुए हैं।
यहां पर आपको प्राचीन स्थलों में धर्मराजिका स्तूप, धम्मेख स्तूप, मूलगंधकुटी, अशोक स्तंभ, धर्मचक्र जिन विहार, अन्य संघाराम, बहुसंख्य मनौती स्तूप तथा अनेक मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संचालित पुरातत्व संग्रहालय देखने के लिए मिलता है, जिसमें इस स्थल से खुदाई से प्राप्त मूर्तियां और अन्य पुरातात्विक वस्तुओं का संग्रह किया गया है। यहां पर आपको कुछ नवनिर्मित मंदिर भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको सारंगनाथ महादेव मंदिर, तिब्बती मंदिर, जम्मू दीप श्रीलंका मंदिर, सारनाथ बुद्धिस्ट मंदिर, गोल्डन मंदिर, श्री दिगंबर जैन मंदिर, वाट थाई सारनाथ मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, बुद्धा मंदिर, डियर पार्क, महाबोधि मंदिर, कंबोडियन मॉनेस्ट्री, श्री कपिला मुनि आश्रम, विश्व शांति स्तूप, जापानी मंदिर, चाइनीस बुद्ध मंदिर, चौखंडी स्तूप देखने के लिए मिलते हैं।
वाराणसी का प्रसिद्ध घाट - Famous Ghats of Varanasi
वाराणसी शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। वाराणसी शहर में प्रसिद्ध मंदिरों के साथ-साथ बहुत सारे घाट भी हैं, जो गंगा नदी के किनारे बने हुए हैं। यहां पर हर घाट के साथ धार्मिक मान्यता जुड़ी हुई है। वाराणसी में गंगा नदी के किनारे 84 घाट है। चलिए इन घाटों में से कुछ प्रमुख घाटों के बारे में जानते हैं -
मणिकर्णिका घाट - Manikarnika Ghat
मणिकर्णिका घाट वाराणसी का एक प्रसिद्ध घाट है। इस घाट को महाश्मशान घाट के नाम से भी जाना जाता है। यह घाट गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। यह घाट बहुत सुंदर है और बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। यहां पर दिन रात चिताए जलती रहती है। यहां पर दिन भर में करीब 100 से 200 मृत व्यक्ति के शरीर का दाह संस्कार किया जाता है। यहां पर चिताए हमेशा ही जलती रहती हैं। कहा जाता है कि यहां पर दाह संस्कार के बाद, जो भी व्यक्ति रहता है। उसे मोक्ष प्राप्त होता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यहां पर माता पार्वती का कुंडल गिरा था। जिसे शिव शंकर जी ने ढूंढ कर माँ पार्वती को दिया था। इसलिए इस घाट को मणिकर्णिका घाट के नाम से भी जाना जाता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
पंचगंगा घाट वाराणसी
पंचगंगा घाट वाराणसी का एक सुंदर घाट है। यह घाट गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। घाट के पास में बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। इस घाट के पास में ही बिंदु माधव घाट है। इस घाट में बिंदु माधव जी का बहुत प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट वाराणसी
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट वाराणसी का एक प्रसिद्ध घाट है। इस घाट को वीआईपी घाट के नाम से भी जाना जाता है। इस घाट में बहुत सारे इवेंट्स होते रहते हैं। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यह घाट बहुत सुंदर है और यहां पर आकर अच्छा लगता है।
प्रयाग घाट वाराणसी
प्रयाग घाट वाराणसी का एक मुख्य घाट है। यह घाट दशाश्वमेध घाट के पास में ही बना हुआ है। इस घाट का निर्माण बाजीराव ने 1778 में किया था। यह इलाहाबाद के प्रयाग की प्रतिकृति बनाई गई है। यह घाट बहुत सुंदर है और आप यहां पर घूम सकते हैं।
दशाश्वमेध घाट वाराणसी
दशाश्वमेध घाट वाराणसी का एक प्रसिद्ध घाट है। यह घाट वाराणसी का सबसे पुराना घाट है। यह घाट बहुत सुंदर है। यह घाट विश्वनाथ मंदिर के पास में स्थित है। प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने यहां पर अश्वमेध यज्ञ किया था। यहां पर शाम के समय गंगा माता की आरती होती है, जो बहुत ही भव्य होती है। यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर घाट में आपको चारों तरफ मंत्र सुनने के लिए मिलते हैं। घाट में आप नहाने का भी मजा ले सकते हैं। यहां पर बोटिंग भी किया जा सकता है।
दरभंगा घाट वाराणसी
दरभंगा घाट वाराणसी का एक सुंदर घाट है। यह घाट गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। इस घाट के किनारे आपको एक पुराना किला देखने के लिए मिलता है। यह ब्रज रामा पैलेस के नाम से जाना जाता है। यहां पर और भी बहुत सारे पुराने होटल देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह फोटोग्राफी के लिए बहुत अच्छी है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
राजा घाट वाराणसी
राजा घाट वाराणसी का एक सुंदर घाट है। 1807 में पुणे के पेशवा अमृतराव ने घाट का निर्माण कराया था। प्रारंभ में इस घाट को अमृतराव घाट के नाम से जाना जाता था। बाद में इस घाट का नाम राजा घाट रख दिया गया था। यह घाट बहुत सुंदर है। घाट के पास में ही आपको पेशवा कालीन अमृत राव पेशवा की हवेली देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है।
हरिश्चंद्र घाट
हरिश्चंद्र घाट वाराणसी का एक सुंदर घाट है। इस घाट में भी दाह संस्कार की प्रक्रिया होती है। यहां पर विद्युत से चलने वाला यंत्र भी उपस्थित है, जिसमें बॉडी को जलाया जाता है। यह वाराणसी का सबसे पुराना घाट है और यहां पर भी आप आकर घूम सकते हैं। यह घाट भी बहुत सुंदर है।
अस्सी घाट वाराणसी
अस्सी घाट वाराणसी का एक सुंदर घाट है। इस घाट में गंगा नदी की आपको आरती देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर शाम के समय सूर्यास्त का बहुत सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है। यह घाट बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। इस घाट में आ कर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आप बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। यहां पर अस्सी नदी का गंगा नदी से संगम हुआ है। इसलिए इस घाट को अस्सी घाट कहते हैं।
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