कोटरा माता का मंदिर नरसिंहगढ़ रायगढ़ - Kotra Mata ka Mandir Narsingarh Raigarh or Kotra Narsinghgarh
कोटरा माता का मंदिर नरसिंहगढ़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और यह चारों तरफ से प्राकृतिक परिवेश से घिरा हुआ है। मंदिर के नीचे एक तालाब देखने के लिए मिलता है, जो यहां की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देता है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। सीढ़ियां पक्की है। यहां पर प्राचीन गुफाएं भी है, जिनमें शैल चित्र मिले हैं और यह शैल चित्र करीब 30000 साल पुराने हैं। इसलिए यह जगह प्रसिद्ध है और यहां पर पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं। वैसे यह जगह प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर है।
हम लोग श्याम जी की छतरी घूमने के बाद, कोटरा माता का मंदिर घूमने के लिए गए। मंदिर जाने के लिए, जो सड़क है। वह पूरी कच्ची है और रोड में बड़े-बड़े पत्थर हैं। तो यहां पर गाड़ी चलाने में बहुत दिक्कत आती है। करीब 2 या 3 किलोमीटर की सड़क बहुत ज्यादा खराब है। हम लोग मंदिर पहुंचे। मंदिर के पास, मंदिर के चारों तरफ का जो माहौल था। वह बहुत ही सुंदर था। यहां पर बहुत शांति थी। यहां पर बहुत सारे बंदर एक बरगद के पेड़ पर बैठे हुए थे। वैसे वह छीना झपटी नहीं कर रहे थे। मगर फिर भी अपने सामान को संभाल कर रखने की जरूरत थी, नहीं तो वह कभी भी लेकर जा सकते थे। यहां पर एक छोटी सी दुकान थी, जहां पर प्रसाद वगैरह मिल रहा था। मगर हमारी यात्रा बहुत लंबी थी। इसलिए हम लोगों ने प्रसाद नहीं लिया।
कोटरा माता मां काली का ही रूप है और इस गांव का नाम कोटरा है। इसलिए इस गांव के नाम पर माता को कोटरा माता के नाम से जाना जाता है और यह मंदिर आसपास के क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। लोगों के इस मंदिर में बहुत आस्था है और लोग यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। हम लोग सीढ़ियों के द्वारा माता के दर्शन करने पहुंच गए। यह मंदिर थोड़ी ऊंचाई पर बना हुआ है और एक बड़ी सी चट्टान में माता की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर पूरी तरह से प्राकृतिक नहीं है। मुख्य मंदिर को सीमेंट से पक्का बना दिया गया है और कांच लगा दिया गया है। कोटरा माता आभूषणों से सजी हुई थी। उनके सर पर मुकुट था। माथे पर बिंदिया थी और नाक में नथनी थी और लाल चुनरी उनके सर पर थी। मंदिर के बाहर ही हवन करने के लिए यज्ञ बना हुआ था। यहां पर चेतावनी भी लिखी हुई थी कि मधुमक्खियां यहां पर है। इसलिए सावधानी पूर्वक रहे हैं।
कोटरा माता के दर्शन करने के बाद, मंदिर से हम लोगों ने पूरा व्यू देखा, जो बहुत ही सुंदर था। यहां पर मुख्य मंदिर के बाजू से ही एक छोटा सा रास्ता गया था, जो गुफा की ओर जा रहा था। इसके लिए थोड़ा और आगे जाना था। हम लोगों की इतनी ताकत नहीं थी। कि हम लोग थोड़ा और आगे जाये। इसलिए हम लोग आगे नहीं गए।
हम लोग माता के दर्शन किए। उसके बाद हम लोग मंदिर के नीचे आए। मंदिर की नीचे की तरफ, छोटी सी गुफा थी। आप वहां पर बैठ कर आराम से प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। हम लोग वहां पर नहीं बैठे और हम लोग मंदिर के गेट के पास दुकान में आए और वहां पर हम लोगों ने चाय पी और वहां पर बैठकर हम लोगों ने तालाब का व्यू देखा। तलाब में बहुत सारे कमल के फूल खिले हुए थे और बरसात के समय यह जगह बहुत ही सुंदर लगती होगी, क्योंकि बरसात के समय चारों तरफ हरियाली ही रहती होगी। वातावरण पूरी तरह से साफ रहता होगा और हर जगह पानी की धाराएं बहती होगी, जो बहुत ही जबरदस्त दृश्य रहता होगा।
कोटरा माता मंदिर के पास में पहाड़ियों का बहुत अच्छा दृश्य है। अगर आप ग्रुप के साथ आते हैं, तो आप ट्रैकिंग करने के लिए भी जा सकते हैं। मगर आप गांव वालों के साथ जाये, तो वह बेहतर होगा। क्योंकि उनको इस जगह की जानकारी है और यहां के गांव वाले भी बहुत अच्छे हैं। आपको सभी जानकारी वह अच्छे से दे देते हैं। इस जगह के आसपास भी बहुत सारी गुफाएं हैं। वह आप देखने जा सकते हैं और यहां का प्राकृतिक सुंदरता बहुत ज्यादा अद्भुत है, जो बहुत अच्छा लगेगा।
कोटरा मंदिर नरसिंहगढ़ की फोटो - Photo of Kotra Mandir Narsinghgarh
तालाब का दृश्य |
कोटरा माता का मंदिर |
16 खंबा और हाजी वली दरगाह नरसिंहगढ़
बांद्राभान - तवा और नर्मदा नदी का संगम स्थल
Please do not enter any spam link in comment box