नरसिंहपुर का बरमान घाट एवं बरमान मंदिर के दर्शन
Barman Ghat and Barman Mandir Narsinghpur, Madhya Pradesh
बरमान घाट नरसिंहपुर जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। बरमान घाट एक तीर्थ स्थल है। बरमान घाट नरसिंहपुर में बरमान नाम की जगह पर स्थित है। यहां पर नर्मदा नदी का अद्भुत स्वरूप देखने के लिए मिलता है। बरमान घाट नर्मदा नदी के किनारे बना हुआ है। यहां पर बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं। यहां पर बहुत सारे प्राचीन मंदिर हैं, जिनके दर्शन आप कर सकते हैं। इस जगह का धार्मिक महत्व है। यहां पर नर्मदा नदी के बीच में टापू है, जिसमें एक सुंदर मंदिर है।
हम लोगों ने भी बरमान घाट में आकर अपना बहुत अच्छा समय बिताया। बरमान घाट हम लोग अपनी स्कूटी से गए थे। स्कूटी या बाइक का सफर मुझे बहुत अच्छा लगता है। हम लोग भोपाल जा रहे थे। मुख्य हाईवे सड़क से बरमान घाट करीब 10 किलोमीटर दूर है। हमें मुख्य हाईवे सड़क से सागर - नरसिंहपुर हाईवे सड़क की ओर आगे बढ़ना था। यहां पर सागर नरसिंहपुर हाईवे सड़क और भोपाल जबलपुर हाईवे सड़क एक दूसरे को काटती है और यहां पर एक गोलाकार बहुत बड़ी आकृति बनी हुई है। यहीं से हम लोगों को बरमान की तरफ जाना था।
बरमान जाते हुए, हमें एक और मंदिर देखने के लिए मिला। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ था। यह मंदिर बीतली नाम के गांव में बना हुआ था। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है और मंदिर के ऊपर से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलेगा। हम लोगों के पास ज्यादा समय नहीं था। इसलिए हम लोग यह मंदिर नहीं गए। हम लोग सीधे बरमान घाट की तरफ चल दिए।
सागर नरसिंहपुर हाईवे सड़क से होते हुए, हम लोग बरमान पहुंच गए। उसके बाद, हम लोग बरमान से होते हुए बरमान घाट पहुंच गए। यहां पर घाट बहुत ही सुंदर बना हुआ है। घाट में बहुत सारी दुकानें लगी हुई है, जहां पर आप मां नर्मदा जी की पूजा के लिए सामान ले सकते हैं। यहां पर बहुत सारे भोजनालय भी है। यहां पर खास तौर पर कक्कड़ और भरता आपको खाने के लिए मिलेगा, क्योंकि नर्मदा नदी के किनारे बहुत सारे लोग आकर कक्कड़ और भरता का लुफ्त उठाते हैं। इसलिए यहां पर भोजनालय में भी कक्कड़ भर्ता मिल जाता है और आप चाहे तो नर्मदा नदी के किनारे नहा धोकर, कक्कड़ और भर्ता बनाकर उसका आनंद ले सकते हैं।
बरमान घाट में पहुंचकर, हम लोगों ने अपनी गाड़ी खड़ी कर दी। बरमान घाट में प्रवेश के लिए बहुत बड़ा सुंदर गेट बना हुआ है। हम लोग सीढ़ियों से नीचे आए और नर्मदा नदी के दर्शन किए। नर्मदा माँ को जल चढ़ाया। यहां पर नर्मदा नदी के बीच में टापू बना हुआ है और टापू में शंकर जी तो एक सुंदर मंदिर बना हुआ है। यहां पर हनुमान जी के एक विशाल मूर्ति देखने के लिए मिलती है। नर्मदा नदी में बहुत सारे नाव वाले घूमते रहते। अगर आप चाहे तो यहां पर नाव में घूमने का भी मजा ले सकते हैं। हम लोगों ने नाव में घूमने का मजा नहीं लिया, क्योंकि हमारे यहां जबलपुर में नर्मदा नदी बहती है और हमें यहां पर बहुत बार नाव में घूम चुके हैं।
बरमान घाट पर बहुत सारे लोग दूर-दूर से आते हैं। नर्मदा नदी के दर्शन करते हैं। नर्मदा नदी में स्नान करते हैं और नर्मदा नदी के किनारे बैठ कर कुछ ना कुछ भोजन ग्रहण करते हैं। दीपावली के समय यहां पर मेला भी लगा था। मेला ज्यादा बड़ा नहीं था। यह मेला नर्मदा नदी के घाट के दूसरी तरफ लगा था। हम लोग कुछ देर नर्मदा नदी के किनारे घाट में बैठे रहे। उसके बाद, हम लोग नर्मदा नदी के दूसरी तरफ गए। यहां पर पुल बना हुआ है, जिसके द्वारा हम लोग बरमान घाट के दूसरे तरफ गए।
बरमान घाट के दूसरी तरफ जाने के लिए पुल बना हुआ है और बरमान घाट के दूसरी तरफ बरमान का मेला लगता है। यहां पर बहुत बड़ा ग्राउंड है। नर्मदा नदी के दूसरी तरफ बरमान मंदिर देखने के लिए मिलता है। नर्मदा नदी पर बने हुए पुल को पार करके, हम लोग नर्मदा नदी के किनारे पहुंच गए। नर्मदा नदी के किनारे बहुत ज्यादा पथरीला है। इसलिए गाड़ी बहुत संभलकर चलाने की जरूरत रहती है। हमारी स्कूटी नर्मदा नदी के किनारे आ गई थी। यहां पर बहुत सारे लोग नर्मदा नदी के किनारे अपनी गाड़ी खड़ी करके मस्त धो रहे थे। यहां पर मेला भी लगा था। यहां पर बहुत सारी दुकानें लगी थी। बहुत सारी दुकानें बंद थी। यहां पर भोजनालय भी था, जहां पर खाना मिल रहा था और वह भी बहुत सस्ते मूल्य में। यहां पर बहुत सारे लोग नर्मदा नदी की तेज धारा में नहा भी रहे थे। यहां नर्मदा नदी की धारा बहुत तेज थी। मगर पानी ज्यादा गहरा नहीं था। नर्मदा नदी को आराम से पार किया जा सकता था। हम लोग नर्मदा नदी के बीच टापू में बने मंदिर में जाने की योजना बनाई और नर्मदा नदी में नहाते हुए कुछ लोगों से पूछा, कि पानी थोड़ा आगे जाकर कितना गहरा है। लोगों ने हमें बताया, कि पानी घुटनों तक ही है और हम लोग टापू में बने मंदिर की तरफ चलती है।
हम लोग पैदल दीपेश्वर मंदिर जा सकते थे। इसलिए हम लोगों ने दीपेश्वर मंदिर जाने के लिए नर्मदा नदी को पार किया। यहां पर नर्मदा नदी की धारा बहुत तेज थी। मगर नर्मदा नदी में पानी ज्यादा नहीं था, घुटनों तक पानी था। हम लोग नर्मदा नदी के दूसरी तरफ पहुंच गए। यहां पर कुछ लोग नर्मदा नदी के किनारे गंदा करते हैं। नर्मदा नदी को गंदा नहीं करना चाहिए और मल मूत्र का विसर्जन नहीं करना चाहिए।
दीपेश्वर मंदिर के चारों तरफ यहां पर बैगन की खेती होती है। यहां पर बहुत सारे बैगन के पौधे लगे हुए थे और आपको, तो पता है, कि यहां पर कक्कड़ भर्ता बहुत सारे लोग आकर खाते हैं। इसलिए यहां पर बैगन की खेती हो रही थी। हम लोग दीपेश्वर मंदिर की तरफ चढ़ाई करने लगे।
दीपेश्वर मंदिर के पहुंचकर सबसे पहले हम लोगों को हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिले। यहां पर हनुमान जी की मूर्ति 51 फीट ऊंची है और हनुमान जी की मूर्ति बहुत ही सुंदर लगती है। यह मूर्ति बरमान घाट से भी देखने के लिए मिल जाती है। हनुमान जी के दर्शन करके हम लोगों ने शिव भगवान जी के दर्शन किए। गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान थे। हम लोगों ने शिव भगवान जी के दर्शन किए और आरती ली और यहां पर पंडित जी ने हम लोगों को प्रसाद भी दिया। उसके बाद हम लोग मंदिर से बाहर आए। मंदिर के बाहर, हम लोगों को गणेश जी, हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिले। यहां पर भैरव बाबा जी के भी दर्शन करने के लिए मिले। यहां से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिला। यहां दर्शन करने के बाद हम लोग वापस अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगे।
हम लोग टापू से नर्मदा नदी की तेज धारा को पार करते हुए दूसरी तरफ आ गए। उसके बाद हम लोग अपनी गाड़ी से शारदा माता के मंदिर गए। शारदा मंदिर भी यहां पर बहुत प्रसिद्ध है। शारदा माता मंदिर को बरमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह मंदिर भी प्राचीन है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही सुंदर है। शारदा माता के मंदिर में हम लोगों को बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिले। यहां पर हम लोगों को मां नर्मदा माता के दर्शन करने के लिए मिले। शारदा माता जी के दर्शन करने के लिए मिले हैं और यहां पर शंकर जी के दर्शन करने के लिए भी मिले हैं। यहां पर पत्थर का छोटा सा हाथी बना हुआ है, जिसे झुक कर पार करना पड़ता है। इसका भी धार्मिक महत्व है। यहां सारी जगह घूम कर हम लोगों को बहुत अच्छा लगा।
बरमान में और भी बहुत सारी जगह है, जहां पर आप घूम सकते हैं। यहां पर ब्रह्मा जी का प्राचीन मंदिर है, जो घुमा जा सकता है। मगर हम लोग के पास समय नहीं था। इसलिए हम लोग वहां पर नहीं गए। यहां पर रानी दुर्गावती जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर विष्णु भगवान जी का वराह मंदिर है, जहां पर विष्णु भगवान जी का वराह अवतार की प्रतिमा आपको देखने के लिए मिलती है। इस प्रतिमा में बहुत ही सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर प्राचीन है। बरमान घाट से थोड़ी दूरी पर आपको सतधारा घाट देखने के लिए मिलता है। यहां पर चट्टानों का दृश्य बहुत ही शानदार है और यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। सतधारा में नर्मदा नदी सात धाराओं में बहती है। इसलिए इस जगह को सतधारा कहते हैं। यहां पर अंग्रेजो के द्वारा बनाया हुआ नर्मदा नदी पर पुराना पुल भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे आश्रम है। आप यहां पर आते हैं और आपके पास समय ज्यादा रहता है, तो आप यह सभी जगह घूम सकते हैं। हम लोग शारदा माता के मंदिर घूमने के बाद, अपने आगे के सफर की तरफ निकल गए हैं।
बरमान घाट का मेला - Barman Ghat Fair
बरमान घाट एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। बरमान घाट के किनारे नर्मदा नदी बहती है और यहां पर मेला लगता है। वैसे यहां पर हर समय मेला वाला माहौल रहता है। मगर यहां पर मकर संक्रांति के समय बहुत बड़ा मेला लगता है और यह मेला करीब 3 महीने तक रहता है। यह मेला 14 जनवरी से लग जाता है और महाशिवरात्रि तक मेला लगा रहता है। यह मेला नर्मदा नदी में किनारे बरमान घाट की दूसरी तरफ लगता है। यहां पर बहुत बड़ा मैदान है, जहां पर यह मेला लगता है और मेले में बहुत सारी दुकानें लगती है। झूले लगते हैं, जिनका आप आकर लुफ्त उठा सकते हैं। यहां पर दीपावली के समय भी मेला लगता है। मगर वह इतना बड़ा नहीं रहता है। मगर फिर भी अगर आप घूमने आना चाहते हैं, तो यहां पर दीपावली के समय भी आ सकते हैं।
बरमान घाट की मुख्य शहरों से दूरी - Distance of Barman Ghat from main cities
जबलपुर से बरमान घाट की दूरी 120 किलोमीटर है। जबलपुर से बरमान घाट जाने के लिए, जो सड़क है। वह बहुत अच्छी है और आप यहां पर कार और बाइक से आराम से पहुंच सकते हैं। किसी भी तरह की आपको दिक्कत नहीं होती है और बरमान घाट के पास पेट्रोल पंप की सुविधा मेन हाईवे सड़क में है, तो आपको दिक्कत नहीं होगी।
नरसिंहपुर से बरमान घाट की दूरी करीब 30 किलोमीटर है। बरमान घाट नरसिंहपुर से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है और यहां पर आप किसी वाहन से आराम से आ सकते हैं।
सागर से बरमान घाट की दुरी 100 किलोमीटर है और आप आराम से बरमान घाट पहुंच सकते हैं।
बरमान घाट कहां पर है - Where is Barman Ghat
बरमान घाट नरसिंहपुर का एक प्रसिद्ध स्थल है। बरमान घाट नरसिंहपुर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर बरमान कलान नाम के गांव में स्थित है। बरमान घाट नरसिंहपुर सागर हाईवे सड़क में स्थित है और यहां पर आप गाड़ी या कार से आ सकते हैं। घाट तक पहुंचने के लिए आपको पक्की सड़क मिल जाती है। पार्किंग के लिए भी यहां पर बहुत सारी जगह है, जहां पर आप अपनी गाड़ी सुरक्षित तरीके से खड़ी कर सकते हैं।
बरमान घाट की फोटो - Photos of Barman Ghat
दीपेश्वर मंदिर |
बरमान घाट |
हनुमान जी की 51 फीट विशाल प्रतिमा |
बरमान का मेला (दीपावली के समय) |
दीपेशवर मंदिर जाने का रास्ता |
शारदा माता का मंदिर |
शारदा माता मंदिर का प्रवेश द्वार |
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