नरसिंह मंदिर नरसिंहपुर मध्य प्रदेश - Narsingh Temple Narsinghpur Madhya Pradesh
नरसिंहपुर का नरसिंह मंदिर एक धार्मिक स्थल है। नरसिंहपुर शहर का नाम नरसिंह मंदिर के नाम पर ही रखा गया है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। इस मंदिर में नरसिंह भगवान की सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर अपनी एक और खासियत के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में एक भूमिगत टनल है, जिसके कारण यह मंदिर प्रसिद्ध है। नरसिंह मंदिर के बाहर हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर शहर के बीचोंबीच स्थित है। यहां पर एक छोटा सा पार्क भी बना हुआ है, जहां पर जाकर घुमा जा सकता है।
श्री नरसिंह मंदिर नरसिंहपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मुख्य नरसिंहपुर शहर में ही स्थित है। हम लोग इस मंदिर से अपने भोपाल से जबलपुर यात्रा के दौरान गए थे। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और मंदिर बहुत सुंदर लगता है। मंदिर बहुत कलरफुल है। मंदिर के पीछे एक बड़ा सा तालाब है। मंदिर में नरसिंह भगवान की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। हम लोग मंदिर शाम के समय गए थे।
हम लोग इस मंदिर में अपनी स्कूटी से गए थे। हम लोग हाईवे सड़क से खेतों के रास्तों से होते हुए इस मंदिर में पहुंचे थे। बहुत सकरा रास्ते से हम इस मंदिर में आए थे। हम लोग शाम के समय इस मंदिर में आए थे, तो हम लोगों को उतना ज्यादा रास्ता समझ में नहीं आ रहा था। इस मंदिर में पहुंचकर हम लोग बाहर से ही नरसिंह भगवान जी के दर्शन किए, क्योंकि आरती हो रही थी। इसलिए हम लोग मंदिर के अंदर नहीं गए। यहां पर बहुत सारे लोग आरती में शामिल होने के लिए आए थे। नरसिंह भगवान जी की प्रतिमा बाहर से ही हमें देखने के लिए मिली। नरसिंह भगवान जी की प्रतिमा बहुत ही सुंदर है।
नरसिंह भगवान विष्णु भगवान जी के अवतार हैं। हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था। जिसको वरदान मिला था, कि वह ना ही रात में मर सकता है, ना दिन में मर सकता है। ना इंसान से मर सकता है और ना ही जानवर से मर सकता है। ना ही किसी अस्त्र से मर सकता है, और ना ही शस्त्र से मर सकता है। ना उसे स्त्री मार सकती है और ना ही पुरुष मार सकता है। इस वरदान के कारण हिरण्यकश्यप अपने आप को अमर समझता था और उसने पूरे संसार में तबाही मचा कर रखी थी। तब भगवान नरसिंह का अवतरण हुआ और उन्होंने हिरण्यकश्यप को मार दिया। भगवान नरसिंह का अवतार बहुत ही भयानक था। कोई भी उन्हें देख नहीं पा रहा था, क्योंकि भगवान नरसिंह आधा इंसान और आधा जानवर थे और उन्होंने अपने नाखून से हिरण्यकश्यप का वध किया था। हिरण कश्यप का वध शाम के समय हुआ था। इस तरह हिरण्यकश्यप का अंत हुआ।
नरसिंह भगवान के मंदिर में नरसिंह जयंती के समय बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। यहां पर बहुत ज्यादा लोग भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। नरसिंह जयंती के समय ही यहां पर, जो भूमिगत सुरंग है। उसमें जाने दिया जाता है। आप जाकर उस सुरंग को देख सकते हैं। नरसिंह मंदिर के पीछे ही तालाब देखने के लिए मिलता है, जिसका दृश्य बहुत सुंदर रहता है और आप गार्डन में भी अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है और आप यहां अपनी फैमिली के साथ भगवान नरसिंह के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं।
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