आदमगढ़ की गुफा होशंगाबाद मध्य प्रदेश - Adamgarh Cave Hoshangabad Madhya Pradesh
आदमगढ़ की गुफाएं होशंगाबाद शहर की एक प्रसिद्ध जगह है। यहां पर प्राचीन गुफाएं देखने के लिए मिलते हैं। इन गुफाओं में आदिमानव रहा करते थे। यहां पर करीब 18 गुफा मौजूद हैं, जिन्हें देखा जा सकता है। यह गुफा एक पहाड़ी पर स्थित है। इस पहाड़ी को आदमगढ़ की पहाड़ी कहा जाता है। आदमगढ़ की पहाड़ियां आदमगढ़ शैलाश्रय एवं शैल चित्रों के कारण प्रसिद्ध है। यह गुफाएं होशंगाबाद शहर से करीब 3 किलोमीटर दूर है। यह गुफाएं जंगल के अंदर स्थित है। यहां पर प्रवेश के लिए टिकट लेना पड़ता है। जब हम लोग यहां पर घूमने के लिए गए थे। तब यहां पर हरियाली थे। आदमगढ़ की पहाड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा प्रबंधित की जाती है। इन गुफाओं के खुलने का समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक का है।
आदमगढ़ की गुफा होशंगाबाद इटारसी रोड पर स्थित है। यह गुफाएं मुख्य सड़क पर स्थित है। यह गुफाएं आदमगढ़ पहाड़ी पर स्थित है। आदमगढ़ पहाड़ी चारों तरफ से कवर है। आजमगढ़ पहाड़ी के एक तरफ बस्ती है। हम लोग गूगल मैप के द्वारा आदमगढ़ पहाड़ी पहुंचे थे। मगर गूगल मैप हमें गलत डायरेक्शन में लेकर गया और हम लोग बस्ती की तरफ चले गए थे। फिर हम लोग पूछते पूछते आदमगढ़ गुफा तक पहुंचे। आदमगढ़ की गुफा मुख्य सड़क में स्थित है। हम लोग आदमगढ़ की गुफा में होशंगाबाद तरफ से आ रहे थे। गूगल मैप में गलत डायरेक्शन होने की वजह से, हम लोग बस्ती की तरफ चले गए थे। मगर आप जब भी यहां पर जाते हैं, तो आप मुख्य रोड में ही चले। आपको आदमगढ़ शैलाश्रय का बोर्ड देखने के लिए मिल जाएगा। यहां पर मुख्य सड़क में हनुमान जी का मंदिर भी है। हनुमान मंदिर के थोड़ा आगे बढ़ने पर आदमगढ़ शैलाश्रय देखने के लिए मिल जाता है।
हम लोगों ने अपनी स्कूटी आदमगढ़ गुफा के एंट्री गेट के बाहर खड़ी कर दिया। यहां पर पार्किंग के लिए अच्छा स्पेस है। उसके बाद हम लोग को टिकट लेना था। यहां पर एक व्यक्ति का 25 रूपए था और टिकट ऑनलाइन लेना था। हम लोगों ने टिकट का भुगतान किया। उसके बाद हम लोगों ने अपना बैग टिकट काउंटर के पास रख दिया, क्योंकि सुबह के समय यहां ज्यादा भीड़ नहीं थी। इसलिए उसके बाद हम लोग आगे बढ़े। यहां पर गुफाओं में जाने का जो रास्ता है। वह पक्का है और आजू-बाजू पेड़ पौधे लगे हुए हैं। हम लोग आगे बढ़ने लगे।
हम लोगों को आदमगढ़ की गुफाएं देखने के लिए मिली। यहां पर गुफाएं बड़ी-बड़ी चट्टानों के नीचे बनी हुई थी। यह गुफाएं बहुत ही सुंदर लग रही थी। प्राचीन समय में आदिमानव यहां पर रहा करते थे। यहां पर आदिमानव ने बहुत सारे हथियारों का निर्माण भी किया था। यहां पर हम लोगों को पेंटिंग भी देखने के लिए मिली। यहां पर जो पेंटिंग बनी थी। वह लाल कलर के रंग की बनी थी, जो बहुत ही सुंदर लग रही थी। यहां पर कई गुफाओं में पेंटिंग के अवशेष मिट गए हैं। मगर कहीं कहीं पर साफ और सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। यहां पर आगे बढ़ने पर, हमें एक विशाल बरगद का पेड़ देखने के लिए मिला, जिसकी जड़ें बड़ी सी चट्टान में लिपटी हुई थी। यह बहुत ही सुंदर लग रहा था।
आदमगढ़ की पहाड़ियों पर हम लोगों ने गुफाओं में घूमा। उसके बाद, यहां पर बैठने के लिए चेयर बनाई गई थी। हम लोग कुछ देर यहां पर बैठे। हम लोगों को बहुत अच्छा लगा। यहां पर बहुत शांति थी और अच्छा लग रहा था। उसके बाद हम लोग वापस आ गए और अपने आगे के सफर में चल रही है।
आदमगढ़ के शैलचित्र - Rock Paintings of Adamgarh
विंध्य पर्वतमाला में विद्यमान आदमगढ़ की पहाड़ियां मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। यह पहाड़ियां मुख्यता शैलाश्रय के लिए विख्यात है, जिनमें प्रगोतिहासिक काल से लेकर ऐतिहासिक काल तक के शैल चित्र है।
सन 1960 से 1961 के दौरान हुए उत्खनन के परिणाम स्वरूप आदमगढ़ से प्रचुर मात्रा में पाषाण कालीन बड़े एवं लघु उपकरणों की प्राप्ति हुई है। अत्यधिक मात्रा में प्राप्त पाषाण उपकरण की प्राप्ति से ऐसा प्रतीत होता है, कि संभवत यह स्थल आदिमानव द्वारा उपकरणों के निर्माण स्थल के रूप में प्रयुक्त किया गया था। यहां कुल 18 शैलाश्रय हैं, जिनमें पाषाण एवं ऐतिहासिक कालीन मानव द्वारा बनाए गए उत्कृष्ट चित्र विद्यमान है, जो उनके रचना, कौशल एवं श्रम साध्यता को प्रमाणित करते हैं। विभिन्न शहर शैल आश्रय में चित्रित चित्रों की विषय वस्तु में पशु जैसे वृषभ, गज, अश्व, शेर, गाय, जिराफ, हिरण आदि। योद्धा, मानव आकृतियां, नृतक, वादक तथा गजरोही, अश्वरोही एवं टोटीदार पात्रों का अंकन प्रमुख है। अधिकतर शैल आश्रय के चित्र वर्षा एवं धूप के कारण नष्ट हो गए हैं। शैल आश्रय क्रमांक 10 में सर्वाधिक चित्रों का अंकन है। इस शैल आश्रय में कई उल्लेखनीय चित्र हैं, जिनमें जिराफ समूह का अंकन सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जो इससे पूर्व अन्यत्र प्राप्त नहीं है। इन चित्रों को खनिज रंग जैसे हेमेटाइट, चूना, गेरू आदि से प्राकृतिक गोंद, पशु चर्बी के साथ पाषाण पर प्राकृतिक रूप से प्राप्त पेड़ों के कोमल रेशों अथवा जानवरों के बालों से बनी कूची की सहायता से उकेरा गया है।
आदमगढ़ की खोज किसने की - Who discovered Adamgarh
आदमगढ़ की गुफाओं की खोज मनोरंजन घोष के द्वारा की गई थी। उन्होंने 1920 में इन गुफाओ को खोजा था।
आदमगढ़ की गुफाएं कहां स्थित है - Where are the Adamgarh caves located?
आदमगढ़ की गुफाएं होशंगाबाद शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। आदमगढ़ की गुफाएं होशंगाबाद से इटारसी जाने वाली सड़क में स्थित है। यह गुफाएं मुख्य सड़क में स्थित है। यह गुफाएं होशंगाबाद से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाओं में बाइक या कार से पहुंचा जा सकता है। यहां पर पार्किंग के लिए भी अच्छी जगह मौजूद है।
आदमगढ़ की गुफाएं की फोटो - Adamgarh caves images
आदमगढ़ की गुफाएं |
आदमगढ़ रॉक सेंटर |
आदमगढ़ पहाड़ी का जंगल |
आदमगढ़ गुफाओं की तरफ जाने वाला रास्ता |
आदमगढ़ गुफाओं की पेंटिंग |
चट्टान पर पीपल का पेड़ |
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