गरियाबंद जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Gariyaband / गरियाबंद जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
गरियाबंद छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख जिला है। गरियाबंद जिला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। गरियाबंद जिला उड़ीसा राज्य की सीमा के पास स्थित है। इस जिले की प्रमुख नदियां महानदी, पैरी नदी और सोंढुर नदी है। यह जिला चारों तरफ से सुंदर पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है। गरियाबंद जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं गरियाबंद में कौन-कौन सी जगह मौजूद है।
गरियाबंद में घूमने की जगह
Gariyaband mein ghumne ki jagah
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर गरियाबंद - Bhuteshwar Nath Mahadev Temple Gariaband
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर गरियाबंद जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में आपको प्राकृतिक शिव भगवान जी का एक बहुत बड़ा शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जो विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। यह शिवलिंग एक बहुत बड़ी चट्टान है और इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है, कि इस शिवलिंग का आकार हर साल बढ़ता है। यह शिवलिंग करीब 55 फीट ऊंचा है।
भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर गरियाबंद जिले में मोरादा गांव में स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ जंगल से घिरा हुआ है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर प्रसाद की बहुत सारी दुकानें हैं। आप मंदिर पहुंचेंगे, तो आपको शिव भगवान जी की बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर शिव और पार्वती जी एक साथ विराजमान हैं। यहां पर नंदी भगवान जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर नाग देवता और पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर सावन सोमवार के समय मेला लगता है। लोगों का मानना है, कि इस मंदिर में सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है और लोग यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह गरियाबंद में घूमने लायक जगह है।
चिंगारा पगार झरना गरियाबंद - Chingara Pagar Waterfall Gariaband
चिंगारा पगार झरना गरियाबंद जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर झरना है। यह झरना घने जंगल के अंदर स्थित है। झरने तक पहुंचने का मार्ग ठीक है। आप यहां पर गाड़ी से या कार से पहुंच सकते हैं। यह झरना गरियाबंद जिले से 15 किलोमीटर बारुका नाम के गांव में स्थित है। यह मुख्य राजिम गरियाबंद हाईवे रोड से करीब 4 किलोमीटर अंदर जंगल में स्थित है।
यह झरना करीब 110 फीट ऊंचा है। यहां पर खड़ी चट्टान से पानी नीचे गिरता है। पानी एक कुंड में गिरता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यहां पर आप नहाने का मजा भी ले सकते हैं। इस झरने में तक आपको कच्ची सड़क मिलती है। यहां पर ग्रामीण लोगों के द्वारा छोटी मोटी दुकानें भी लगाई जाती है, जहां पर आपको खाने पीने का सामान मिल जाता है। इस झरने को घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई-अगस्त का रहता है। इस समय झरने में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा रहती है और आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह गरियाबंद की सबसे अच्छी जगह है।
कचना धुरवा मंदिर गरियाबंद - Kachana Dhurva Temple Gariaband
कचना धुरवा मंदिर गरियाबंद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर राजिम गरियाबंद हाईवे सड़क पर स्थित है। यह मंदिर आदिवासियों के राजा कचना धुरवा को समर्पित है। कहा जाता है, कि यहां पर मन की इच्छाएं पूरी होती है। आप यहां पर जो भी मन्नत मानते हैं। वह देव कचना धुरवा जरूर पूरी करते हैं। यह जगह बहुत ही सुंदर जगह पर स्थित है। यहां पर चारों तरफ घना जंगल देखने के लिए मिलता है और यहां पर आकर शांति मिलती है। आप जब भी राजिम से गरियाबंद की तरफ यात्रा करते हैं, तो इस मंदिर में आपको जरूर आना चाहिए।
कुकदा बांध गरियाबंद - Kukda Dam Gariaband
कुकदा बांध गरियाबंद जिले का एक मुख्य पिकनिक स्थल है। यह बांध गरियाबंद जिले में राजिम गरियाबंद हाईवे सड़क पर पोंड गांव के पास स्थित है। यह बांध चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है और यहां पर आप बरसात के समय या बरसात के बाद ठंड के समय घूमने के लिए आ सकते हैं, क्योंकि इस समय यहां पर पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। कुकदा बांध एक स्टॉप डैम है और मुख्य रूप से सिंचाई के उद्देश्य से बनाया हुआ है, तो इस बांध के दाएं तरफ और बाएं तरफ दो नहर देखने के लिए मिल जाती हैं।
कुकदा बांध पैरी नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है। कुकदा बांध का दृश्य भी बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आपको चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलेगी और अगर आप शाम को आते हैं, तो सूर्योदय का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। आप यहां पर आते हैं, तो खाने पीने का सामान अपने साथ लेकर आएं, क्योंकि यहां पर आसपास दुकान नहीं है। आप यहां पर दोस्तों और फैमिली वालों के साथ आकर भी अच्छा समय बिता सकते हैं।
जतमई माता का मंदिर गरियाबंद - Jatmai Mata Temple Gariaband
जतमई माता का मंदिर गरियाबंद का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। मंदिर के बाजू से ही झरना बहता है, जो बहुत सुंदर लगता है। यहां पर चारों तरफ का दृश्य प्राकृतिक है और बरसात के समय यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक के अंतर्गत आता है। यहां पर हनुमान जी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है। हनुमान जी ने अपने कंधो में श्री राम जी और लक्ष्मण जी को बैठाया हुआ है। यहां पर झरने के दोनों तरफ मंदिर बने हुए हैं और बीच से पुल बना हुआ है। आप इस पुल से झरने के दोनों तरफ मंदिरों में जा सकते हैं। यहां पर बहुत सारे मंदिर है। यहां पर एक छोटी सी गुफा है, जहां पर जतमई माता जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां पर एक छोटा सा कुंड बनाया गया है, जहां पर झरने का पानी इकट्ठा होता है और यह बहुत अच्छा लगता है।
जतमई पर साल की दोनों नवरात्रि में मेला भरता है, जिसमें आसपास के लोग दुकानें लगाते हैं और यहां पर बहुत भीड़ रहती है। जतमई माता के दर्शन करने के लिए, जो भी भक्त आते हैं। वह झरने में स्नान जरूर करते हैं। कहा जाता है, कि झरने से गिरने वाली धाराएं माता की सेविकाए हैं और वह माता के चरण को धोती हैं। यहां पर आकर शांति का अनुभव होता है। झरने से बहता हुआ कल कल पानी बहुत ही अच्छा लगता है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और गरियाबंद से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गरियाबंद में घूमने वाली मुख्य जगह है।
तौरेंगा जलाशय - Taurenga Reservoir
तौरेंगा जलाशय गरियाबंद जिले में जतमई मंदिर के पास में स्थित है। यह जलाशय घने जंगलों के अंदर बना हुआ है। यहां पर आप जब भी जतमई मंदिर घूमने के लिए आते हैं, तो इस जलाशय में भी घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर बहुत अच्छा लगता है और खासतौर पर बरसात के समय यह जगह बहुत ही खूबसूरत रहती है।
घटारानी मंदिर गरियाबंद - Ghatarani Temple Gariaband
घटारानी मंदिर गरियाबंद शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जमतई धाम के पास में स्थित है। यह मंदिर भी घने जंगल के अंदर स्थित है और इस मंदिर के बाजू में एक झरना बहता है। यह झरना बहुत सुंदर लगता है। यहां पर जो भी भक्त आते हैं। वह झरने में स्नान करते हैं। उसके बाद माता के दर्शन करने के लिए जाते हैं। आप जमतई धाम घूमने के लिए आते हैं, तो आप इस मंदिर में भी आ सकते हैं। यहां मंदिर तक आने का जो रास्ता है। वह घना जंगल से घिरा हुआ है। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको बहुत अच्छा लगेगा।
घटारानी मंदिर पर बहुत सारे छोटे छोटे मंदिर बने हुए हैं। यहां झरने के पास बहुत सारे जानवरों की मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर भगवान की भी मूर्तियां झरने के नीचे है, जो बहुत सुंदर लगती है। यह पर वॉच टावर बना हुआ है, जहां से आप झरने का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। मां घटारानी जी की मूर्ति बहुत ही भव्य लगती है और मां के दर्शन करके बहुत ही अच्छा लगता है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ रहती है और बहुत सारे भक्त यहां पर आते हैं।
भैरव भवानी धाम गरियाबंद - Bhairav Bhavani Dham Gariaband
भैरव भवानी धाम गरियाबंद जिले में घटारानी मंदिर के पास में स्थित है। यहां पर आपको एक प्राचीन गुफा देखने के लिए मिलती है। यहां पर भैरव बाबा का मंदिर है। यहां पर शिव शंकर जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है। यह मंदिर घने जंगल के अंदर स्थित है। यहां का प्राकृतिक माहौल बहुत ही सुंदर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। आप जब भी घटारानी मंदिर घूमने के लिए आए, तो आप भैरव भवानी धाम भी आ सकते हैं।
श्री महाप्रभुजी प्राकट्य बैठक जी मंदिर चंपारण्य - Shri Mahaprabhuji Prakatya Meeting Ji Mandir Champaranya
श्री महाप्रभुजी प्राकट्य बैठक जी मंदिर छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर रायपुर जिले के अंतर्गत आता है। यहां पर आप राजिम से होते हुए पहुंच सकते हैं। यह मंदिर राजिम के पास में चम्पारण में स्थित है। यहां पर श्री महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की बैठक आकर्षण का केंद्र है। यह स्थल महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली है। चंपारण को चंपाझार भी कहा जाता है। यहां पर आपको महाप्रभु वल्लभाचार्य जी और श्री कृष्ण जी की बहुत सारी प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत सुंदर है। यहां पर आकर बहुत ही अच्छा लगता है।
महाप्रभु वल्लभाचार्य जी ने संपूर्ण भारत की पैदल यात्रा की थी और कुछ स्थानों पर वह रुक कर भगवत का पाठ किया करते थे। वह जहां भी रुके, वहां पर बैठक बनाई गई। चंपारण में दो बैठक है। यहां पर चारों तरफ प्रकृतिक सुंदरता देखने के लिए मिलती है। यह वैष्णव समुदाय का मुख्य आस्था का केंद्र है। यह जगह विभिन्न कलाकृतियों से सुसज्जित है। यहां पर छत और दीवारों पर सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको म्यूजियम देखने के लिए मिलेगा, जहां पर तरह-तरह की वस्तुओं को सजा कर रखा गया है। यहां पर श्री वल्लभाचार्य जी के संपूर्ण जीवन काल की घटनाओं को दिखाया गया है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा वक्त व्यतीत कर सकते हैं। यहां पर आपको मां यमुना जी का मंदिर, यमुना घाट, राम दरबार, गौशाला भी देखने के लिए मिल जाती है।
श्री चम्पेश्वरनाथ महादेव मंदिर - Shri Champeshwarnath Mahadev Temple
श्री चम्पेश्वरनाथ महादेव मंदिर गरियाबंद जिले में चंपारण में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में शिवलिंग विराजमान है। इस मंदिर के लेकर एक विशेष कथा प्रचलित है। यह शिवलिंग स्वयंभू है। यहां पर श्री गणेश जी, श्री महादेव जी और पार्वती जी का मंदिर भी है। इस शिवलिंग को त्रिमूर्ति शिवलिंग के नाम से जाना जाता है। इस शिवलिंग में आपको तीन स्वरूप देखने के लिए मिलते हैं। ऊपरी भाग गणपति जी का, मध्य भाग शिव भगवान जी का और निचला भाग पार्वती जी का है। इसलिए इसे त्रिमूर्ति शिव के नाम से पुकारा जाता है।
हनुमान टीला मंदिर गरियाबंद - Hanuman Tila Mandir Gariaband
हनुमान टीला मंदिर गरियाबंद जिले में चंपारण के पास में स्थित है। यहां पर हनुमान जी की बहुत बड़ी मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर महानदी में एक छोटा सा डैम भी बना हुआ है। इस बांध को टीला बांध कहते है। यहां पर महानदी का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है। यहां पर छोटा सा गार्डन भी है, जहां पर आप घूम सकते हैं। हनुमान जी का मंदिर भी बहुत सुंदर है। यहां पर आकर शांति मिलती है।
सिकासार बांध गरियाबंद - Sikasar Dam Gariaband
सिकासार बांध गरियाबंद जिले का एक मुख्य पिकनिक स्पॉट है। यहां पर बांध बरसात के समय पूरी तरह भर जाता है। तब बरसात का पानी ओवरफ्लो होकर बांध से बहता है, जिसका दृश्य बहुत सुंदर रहता है। यहां पर बांध से पानी सीढ़ीनुमा ढलान से बहता है, जो बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां पर आप पिकनिक मना सकते हैं। यह गरियाबंद जिले से करीब 49 किलोमीटर दूर सिकासार नाम की जगह पर है।
राजिम गरियाबंद - Rajim Gariaband
राजिम छत्तीसगढ़ की एक प्रसिद्ध जगह है। राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर 3 पवित्र नदियों का संगम होता है। यह संगम बहुत ही पवित्र है और यहां पर हर साल माघ पूर्णिमा में मेला लगता है। राजिम गरियाबंद जिले एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। राजिम में बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं और यहां पर पवित्र त्रिवेणी संगम के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। राजिम में महानदी, पैरी और सोंढुर नदी का संगम होता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। चलिए जानते हैं राजिम में घूमने वाली मुख्य जगहों के बारे में -
राजिम में घूमने वाली जगह - places to visit in Rajim
कुलेश्वर महादेव मंदिर राजिम गरियाबंद - Kuleshwar Mahadev Temple Rajim Gariaband
कुलेश्वर महादेव मंदिर राजिम का पर्यटन स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में शिव भगवान जी का शिवलिंग विराजमान है। कहा जाता है, कि प्राचीन काल में श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी यहां पर वनवास काल के दौरान आए थे और उन्होंने यहां पर इस मंदिर की स्थापना की थी। यहां पर आपको गणेश जी, गंगा जी और यमुना जी के मंदिर भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर पीपल का एक बहुत बड़ा वृक्ष लगा हुआ है। कुलेश्वर महादेव मंदिर राजिम में संगम स्थल में स्थित है। यहां पर एक टापू पर यह मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए ब्रिज बना हुआ है, जिसे लक्ष्मण झूला भी कहा जाता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है और यहां पर आकर शांति मिलती है।
राजिम त्रिवेणी संगम - Rajim Triveni Sangam
राजिम त्रिवेणी संगम के नाम से प्रसिद्ध है। राजिम में तीन प्रमुख नदियों का संगम होता है। यह नदियां बहुत पवित्र है। जैसे पूरे भारत में प्रयागराज का त्रिवेणी संगम प्रसिद्ध है। उसी तरह छत्तीसगढ़ में राजिम का त्रिवेणी संगम प्रसिद्ध है। राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। इस क्षेत्र को कमलक्षेत्र भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। यहां पर अस्थि विसर्जन, पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण की क्रियाएं की जाती है। यहां पर पैरी नदी, सोंढुर नदी और महानदी नदी का संगम हुआ है। यहां पर आपको बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं।
राजीव लोचन मंदिर राजिम गरियाबंद - Rajeev Lochan Temple Rajim Gariaband
राजीव लोचन मंदिर गरियाबंद जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर राजिम में है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर सातवीं शताब्दी का है। इस मंदिर के गर्भ गृह में विष्णु भगवान जी के काले पत्थर की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। गर्भ ग्रह के प्रवेश द्वार में बहुत ही सुंदर नक्काशी है। इसमें बहुत ही बारीक नक्काशी देखने के लिए मिलती है।
राजीव लोचन मंदिर के खंभा और दीवारों में भी सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर में बहुत सारे देवी देवताओं की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको विष्णु भगवान जी, राम भगवान जी. नरसिंह भगवान जी. दुर्गा जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। राजिम रायपुर से 45 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर आराम से पहुंच सकते हैं और इस जगह घूम सकते हैं।
राजिम का मेला - Rajim's Fair
राजिम का मेला भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर माघ पूर्णिमा के समय 15 दिन का विशाल मेला लगता है। यह मेला संगम क्षेत्र पर लगता है। यहां पर तरह-तरह की दुकानें लगती है और झूले लगते हैं। जहां पर आप बहुत मजे कर सकते हैं। इस मेले में बहुत दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
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