सोनभद्र जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Sonbhadra / सोनभद्र जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह / सोनभद्र के पर्यटन स्थल
सोनभद्र उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। सोनभद्र जिले की सीमा मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं को छूती है। इस जिले में रिहंद नदी और सोन नदी बहती है। सोनभद्र जिले में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा कृत्रिम जलाशय देखने के लिए मिलता है। सोनभद्र जिले को ऊर्जा की राजधानी कहा जाता है, क्योंकि यहां बहुत सारे पावर प्लांट है। यहां पर बहुत सारे खनिज की उत्खनन भी किया जाता है। सोनभद्र जिले में कई सालों पहले यह दावा किया गया था। कि यहां पर सोने की खदान पाई गई है। यह कितना सच है और कितना झूठ है। इसके बारे में जानकारी नहीं। मगर इसके बाद सोनभद्र जिला प्रसिद्ध हो गया। यह जिला पहले मिर्जापुर का हिस्सा हुआ करता था। बाद में इसे अलग करके सोनभद्र के नाम से एक नया जिला बनाया गया। सोनभद्र जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं, सोनभद्र में घूमने वाली कौन-कौन सी जगह हैं।
सोनभद्र में घूमने की जगह
Sonbhadra me ghumne ki jagah
रिहंद बांध सोनभद्र - Rihand Dam Sonbhadra
रिहंद बांध सोनभद्र जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है। रिहंद बांध सोनभद्र जिले में रेणुकूट के पास स्थित है। रिहंद बांध रिहंद नदी पर बना हुआ है। रिहंद नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ राज्य के मैनपाट से होता है। रिहंद बांध को गोविंद बल्लभ पंत सागर के नाम से भी जाना जाता है। यह बांध भारत का सबसे बड़ा कृत्रिम झील है। यह बांध मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बना हुआ है।
रिहंद बांध में 13 गेट है। बरसात के समय आप यहां पर घूमने आते हैं, तो आपको बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। जब बांध के गेट खुलते हैं, तब यहां पर बहुत अच्छा लगता है। बांध के गेट के ठीक सामने सड़क है, जिससे आप इस दृश्य को इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर पानी की विशाल मात्रा बहती है और रिहंद नदी के दोनों तरफ जंगल का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है।
रिहंद बांध एक गुरुत्वाकर्षण बांध है। इस बांध की लंबाई 934.21 मीटर है। इस बांध की ऊंचाई 91.44 मीटर है। यह डैम 1954 से 1962 के बीच बना है। इस बांध का इनॉग्रेशन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा किया गया था। इस बांध में में नीचे की तरफ पावर हाउस देखने के लिए मिल जाता है, जिससे 300 मेगावाट की बिजली उत्पन्न की जाती है। यहां पर 6 यूनिट लगाए गए हैं, जिन से 50 मेगावाट की बिजली मिलती है।
रिहंद बांध वैसे एक दर्शनीय स्थल है। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों और जंगल से घिरा हुआ है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। मगर रिहंद बांध के आस पास और भी बहुत सारी जगह हैं, जो घूमने लायक है। रिहंद बांध के पास में वन देवी का मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर में लोगों का बहुत विश्वास है और लोग इस मंदिर पर आते हैं, दर्शन करते हैं। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी। यहां पर आप अपने फैमिली वालों के साथ और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
बेलवादह पिकनिक स्पॉट सोनभद्र - Belvadah Picnic Spot Sonbhadra
बेलवादह पिकनिक स्थल सोनभद्र जिले का एक मुख्य स्थल है। यह पिकनिक स्थल रिहंद बांध के किनारे स्थित है। इस जगह को स्थानीय लोग मिनी गोवा के नाम से जानते हैं और यहां पर आपको रेत का किनारा देखने के लिए मिलता है, जहां पर आप आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और रिहंद बांध का दृश्य बहुत आकर्षक है। आपको यहां पर एक तरफ जंगल और एक तरफ पानी का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर पिकनिक बना सकते हैं।
रेणुकेश्वर महादेव मंदिर - Renukeshwar Mahadev Temple
श्री रेणुकेश्वर महादेव मंदिर सोनभद्र जिले का मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर सोनभद्र जिले में रेणुकूट में स्थित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है और मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। मंदिर शाम के समय बहुत ही सुंदर लगता है, क्योंकि शाम के समय मंदिर की लाइटिंग जल जाती है और मंदिर की सुंदरता बढ़ जाती है। इस मंदिर में बहुत सारे फाउंटेन देखने के लिए मिलते हैं। यह फाउंटेन शाम के समय ही चालू होते हैं।
श्री रेणुकेश्वर मंदिर में गार्डन बना हुआ है और इसमें सुंदर सुंदर फूल लगे हुए हैं। मंदिर के बाहर आपको बहुत सारे देवी देवताओं के मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर नंदी भगवान जी की एक बहुत बड़ी मूर्ति बनाई गई है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है। यहां पर सूर्य भगवान जी की एक मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो अपने सात घोड़ों में सवार हैं। यह मूर्ति भी बहुत सुंदर लगती है। यह मंदिर बिरला ग्रुप के द्वारा बनाया गया है। इसलिए इस मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
राधा कृष्ण मंदिर सोनभद्र - Radha Krishna Temple Sonbhadra
राधा कृष्ण मंदिर सोनभद्र जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मुख्य रुप से श्री कृष्ण जी और राधा जी को समर्पित है। यह मंदिर सोनभद्र में रेणुकूट में स्थित है। इस मंदिर में आपको बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यह मूर्तियां रामायण और महाभारत से संबंधित भी है। यहां पर आपको शंकर जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। दुर्गा जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। सीताराम जी की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव होता है।
राधा कृष्ण मंदिर रेणुकूट में मुख्य हाईवे सड़क में स्थित है। मंदिर के बाहर आपको बहुत सारे प्रसाद की दुकान मिलती है, जहां से आप प्रसाद ले सकते हैं और भगवान को अर्पित कर सकते हैं। यहां पर श्री कृष्ण जी के भजन कीर्तन चलते रहते हैं। शाम के समय यहां पर आरती होती है और प्रसाद मिलता है, जो बहुत ही स्वादिष्ट रहता है। आपको यहां पर बहुत सारी पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर है। आप यहां पर आकर अद्भुत शांति का अनुभव कर सकते हैं।
हाथीनाला जैव विविधता स्थल सोनभद्र - Hathinala Biodiversity Site Sonbhadra
हाथीनाला जैव विविधता स्थल सोनभद्र जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है, क्योंकि यहां पर चारों तरफ खूबसूरत जंगल है। जंगल में आप ट्रैकिंग कर सकते हैं। यहां पर कच्चे रास्ते हैं, जिनमें से आप चलकर जंगल की खूबसूरती को देख सकते हैं। इसके अलावा यहां पर आपको वॉच टावर भी देखने के लिए मिलते हैं, जहां पर आप वॉच टावर के ऊपर चढ़कर इस जगह के चारों तरफ के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं।
बरसात के समय यह जगह बहुत ही सुंदर रहती है। यहां पर एक नदी बहती है, जो बहुत सुंदर लगती है। यहां पर पानी को रोकने के लिए एक छोटा सा स्टॉप डैम बनाया हुआ है। जब इसमें पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, तो बहुत सुंदर लगता है और झरने की तरह लगता है। यहां पर पक्षियों के बारे में जानकारी दी गई है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यह जगह शांत है। यह पार्क रेणुकूट वन विभाग में स्थित है। यह पार्क रेणुकूट सोनभद्र रोड में स्थित है। यह जगह सोनभद्र में हाथीनाला के पास में स्थित है। यहां पर बच्चों के लिए झूले भी लगे हुए हैं। यहां पर गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप बैठ सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं।
ओबरा बांध सोनभद्र - Obra Dam Sonbhadra
ओबरा बांध सोनभद्र जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक सुंदर जलाशय है। यह जलाशय बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह जलाशय प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। आप इस जलाशय में घूमने के लिए जा सकते हैं। ओबरा बांध में कमल के फूल खिले रहते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। यह जलाशय ओबरा रेलवे स्टेशन से करीब 4 या 5 किलोमीटर दूर होगा। इस जलाशय में रेलवे पुल भी बना हुआ है। आप यहां पर रेल के द्वारा आते हैं। तब भी आप इस बांध की खूबसूरती को देख सकते हैं और आपको एक अलग अनुभव भी मिलेगा।
आप ओबरा बांध पर गाड़ी से भी घूमने के लिए आ सकते हैं। इस बांध के आपको जाने नहीं मिलेगा, क्योंकि यहां पर बांध के पास जाना माना है। मगर आप इस बांध को रेलवे ब्रिज के साइड से देख सकते हैं, जहां पर बांध का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है और चारों तरफ पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। इस बांध के पानी का उपयोग ओबरा थर्मल प्लांट में किया जाता है। यह बांध रिहन्द नदी पर बना हुआ है। यह बांध सोनभद्र जिले के दर्शनीय स्थलों में से एक है और यहां पर आकर बहुत अच्छे से शांति से आप अपना समय बिता सकते हैं।
मां वैष्णो शक्ति धाम सोनभद्र - Maa Vaishno Shakti Dham Sonbhadra
मां वैष्णो शक्ति धाम सोनभद्र जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सोनभद्र जिले में डाला में अग्रसेन नगर में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार में आपको श्री कृष्ण जी और अर्जुन जी की रथ में बैठी हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर प्रवेश द्वार में आपको महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर जितना बाहर से खूबसूरत है, अंदर से भी उतना ही आकर्षक है। मंदिर के अंदर आपको मानव निर्मित गुफा देखने के लिए मिलती है। यह गुफा वैष्णो देवी मंदिर के समान ही बनाई गई है।
गुफा में हमें बहुत सारे जंगली जानवरों की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर में आपको बहुत सारे देवी देवताओं की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। मंदिर में आपको श्री कृष्ण जी, राधा जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। गर्भ गृह में मां वैष्णो देवी जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। नवरात्रि में मंदिर में बहुत भीड़ लगता है। बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
अबाडी पिकनिक स्थल सोनभद्र - Abadi Picnic Place Sonbhadra
अबाडी पिकनिक स्थल सोनभद्र जिले का एक मुख्य दर्शनीय स्थल है। अबाड़ी सोनभद्र जिले में चोपन विकासखंड में स्थित है। अबाडी कन्हार नदी के किनारे बना हुआ एक सुंदर जगह है। यहां पर नदी की गहराई भी ज्यादा नहीं है। यहां पर रेत का किनारा है, जहां पर आप आकर आनंद ले सकते हैं। यह जगह घने जंगल के अंदर स्थित है। आप यहां पर कार या बाइक से पहुंच सकते हैं। यहां आने के लिए रास्ता भी कहीं-कहीं पर थोड़ा खराब है। मगर यहां पहुंच कर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर सरकार की तरफ से विकास किया गया है। यहां पर बाथरूम की सुविधा उपलब्ध है। आप अगर यहां पर आते हैं, तो अपने साथ खाने पीने का सामान जरूर लाएं, क्योंकि यहां आस-पास दुकान नहीं है। यह जगह बहुत ही आकर्षक है। आप यहां पर नहाने का मजा ले सकते हैं। यहां की चट्टाने भी कुछ अलग प्रकार की हैं। आप यहां अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं।
अगोरी का किला सोनभद्र - Agori Fort Sonbhadra
अगोरी का किला सोनभद्र जिले में स्थित एक प्राचीन स्थल है। यह एक प्राचीन किला है। यह किला पूरी तरह से खंडहर में बदल गया है। किले के बहुत सारे भाग गिर गए हैं। यह किला सोन नदी के किनारे बना हुआ है। किले में एक चौकीदार रहता है, जो इस किले की देखभाल करता है। किले से आप सोन नदी का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। किले के पास में आपको मंदिर भी देखने के लिए मिलते हैं। यह किला सोनभद्र के चोपन विकासखंड से करीब 10 किलोमीटर दूर होगा।
अगोरी के किले में आपको प्राचीन मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती हैं। यह किला सोनभद्र जिले का प्रमुख स्थल है। इस किले का रखरखाव ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है, जिससे यह दिन प्रतिदिन बुरी से बुरी स्थिति में आते जा रहा है। आगे आने वाले समय में यह पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा। अगर आप सोनभद्र जिले में आते हैं, तो आप इस किले में घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको यहां से सोन नदी का सुंदर नजारा और रेत का किनारा देखने के लिए भी मिल जाएगा।
सलखन फॉसिल्स पार्क सोनभद्र - Salkhan Fossils Park Sonbhadra
सलखन फॉसिल पार्क सोनभद्र जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह पार्क सोनभद्र के अगोरी परगना तहसील में स्थित है। यह पार्क सलखन नाम के गांव के पास बना हुआ है। इस पार्क में आपको 150 करोड़ वर्ष पुराने फॉसिल देखने के लिए मिलते हैं। यह फॉसिल दुनिया के सबसे पुराने फॉसिल माने जाते हैं। यहां पर समय-समय पर देश-विदेश के भू वैज्ञानिकों एवं पर्यटक की टीम आती रहती है और इस पार्क का निरीक्षण करती रहती है।
सलखन फॉसिल पार्क सोनभद्र में घूमने की एक मुख्य जगह है। फॉसिल का मतलब होता है - जीवाश्म। मतलब यहां पर प्राचीन समय के जीवो के अंश आपको देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर जो प्राचीन समय के जीवो के अंश थे। वह पूरी तरह पत्थरों में परिवर्तित हो चुके हैं। यह जीवाश्म सौ करोड़ साल पुराने हैं। यहां पर पार्क बना हुआ है। यहां पर बैठने के लिए भी छायादार स्थान बना हुआ है। यहां पर गार्ड रहता है, जो इस पार्क की रखवाली करता है। आप सोनभद्र जिले में आते हैं, तो आप इस पार्क में भी घूमने के लिए आ सकते हैं।
वीर लोरिक पत्थर सोनभद्र - Veer lorik patthar sonbhadra
वीर लोरिक पत्थर सोनभद्र जिले में स्थित एक मुख्य स्थल है। यह स्थल एक वीर योद्धा को समर्पित है, जिन्होंने यहां पर एक बड़े से पत्थर को अपनी तलवार से दो भागों में काट दिया है। यहां पर आपको वह पत्थर भी देखने के लिए मिल जाता है, जिन्हें वीर लोरिक ने अपनी तलवार से काटा है। यहां पर वीर लोरिक की एक मूर्ति भी आपको देखने के लिए मिलती है। यह जगह सोनभद्र में मारकुंडी में स्थित है। यहां से आपको चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है, क्योंकि यह पहाड़ी एरिया है और बरसात के समय यह जगह बहुत ही खूबसूरत रहती है। आप यहां पर आ सकते हैं। यह मुख्य हाईवे सड़क है।
सोन इको पॉइंट सोनभद्र - Son Echo Point Sonbhadra
सोन इको पॉइंट सोनभद्र जिले का एक सुंदर स्थल है। यह मारकुंडी पहाड़ी पर स्थित है। यहां से आपको सोनभद्र जिले का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक छोटा सा गार्डन बना हुआ है, जहां से आप चारों तरफ का सुंदर दृश्य, पहाड़ तालाब और जंगल देख सकते हैं। यहां पर बरसात के समय बहुत मजा आता है, क्योंकि बरसात के समय इस पूरी पहाड़ी पर बहुत सारे छोटे-छोटे झरने बहते हैं, जो बहुत लाजवाब रहते हैं। यहां पर गणेश जी की एक बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे खाने पीने के ठेले भी रहते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह सोनभद्र और डाला के बीच में मारकुंडी नाम के जगह पर है। यहां पर संडे को बहुत भीड़ रहती है।
पंचमुखी महादेव मंदिर सोनभद्र - Panchmukhi Mahadev Temple Sonbhadra
पंचमुखी महादेव मंदिर सोनभद्र जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में आपको शिव भगवान जी की पंचमुखी शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। यह शिवलिंग बहुत ही सुंदर लगता है। मंदिर में आपको और भी प्राचीन प्रतिमाएं देखने के लिए मिल जाती है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर के ऊपर पहाड़िया हैं, जहां से आप चारों तरफ के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। आप यहां पर बरसात के समय घूमने आएंगे, तो आपको और अच्छा लगेगा। यहां पर महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर मुख्य सोनभद्र जिले में स्थित है। इस मंदिर में आपको रॉक पेंटिंग भी देखने के लिए मिल जाती है। आप यहां पर फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं।
कंडाकोट महादेव मंदिर सोनभद्र - Kandakot Mahadev Temple Sonbhadra
कंडाकोट धाम सोनभद्र जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरी है। यह जगह प्राकृतिक होने के साथ-साथ धार्मिक भी है। यह मंदिर मुख्य रूप से शंकर जी को समर्पित है। कंडाकोट धाम सोनभद्र जिले में बहुआर क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर त्रिकूट पर्वत के ऊपर बना हुआ है। मंदिर में आपको अर्धनारीश्वर आदिशक्ति शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। यह शिवलिंग गिरिजाशंकर के नाम से जाना जाता है और शंकर जी के मंदिर को गिरिजा शंकर धाम के नाम से जाना जाता है। मंदिर के सामने काले कलर की पत्थर की नंदी भगवान की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय फूलों से सजाया जाता है और बहुत सुंदर लगता है।
कंडाकोट धाम कण्व ऋषि की तपोस्थली है। यहां पर कण्व ऋषि ने कई सालों तक तपस्या की थी। यहां पर उनकी समाधि भी देखी जा सकती है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर आठवीं शताब्दी का माना जाता है। यहां पर आपको प्राकृतिक सौंदर्य देखने के लिए मिलता है और यहां पर आपको प्राचीन भित्ति चित्र भी देखने के लिए मिलते हैं। कंडाकोट धाम मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर करीब ढाई सौ से भी ज्यादा सीढ़ियां बनी हुई है। आप मंदिर पहुंचते हैं, तो यहां पर आपको बहुत शांति मिलती है और यहां पर आपको सकारात्मक ऊर्जा महसूस होगी। यहां पर चारों तरफ बड़ी-बड़ी चट्टानें है। यहां से आपको चारों तरफ का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है। कई लोगों का मानना है, कि यह स्थान वीर लोरिक से भी संबंधित है। यहां पर उनके पैरों के चिन्ह देखने के लिए मिल जाते हैं।
लेखनिया गुफा एवं भित्ति चित्र सोनभद्र - Lekhnia Cave and Mural Painting Sonbhadra
लेखनिया गुफा एवं भित्ति चित्र सोनभद्र जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन गुफाएं देखने के लिए मिलती हैं, जिनमें प्राचीन समय में आदिमानव रहा करते थे। यहां पर उनके द्वारा बनाए गए भित्ति चित्र आप देख सकते हैं। यहां पर बहुत सारी प्राचीन पेंटिंग आपको देखने के लिए मिल जाती है। यह पेंटिंग करीब 4000 साल पुरानी है। यह पेंटिंग प्रोगैतिहासिक मानव द्वारा निर्मित की गए थे। यह पेंटिंग गेरू रंग से बनाई गई थी। यहां पर आपको पशु चारण, युद्ध, पूजा, मधुसंचय, यात्रा, अल्पना, गृहस्थ जीवन, शृंगार आदि से संबंधित बहुत सारे चित्र देखने के लिए मिल जाते हैं। यह भित्ति चित्र कैमूर वन्यजीव वन्य प्रभाग के अंतर्गत आते हैं।
ब्लैकबक वैली सोनभद्र - Blackbuck Valley Sonbhadra
ब्लैकबक वैली सोनभद्र के पास स्थित एक सुंदर स्थल है। यह प्राकृतिक रूप से काले हिरणों का निवास स्थल है। यह सोनभद्र जिले के मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से करीब 11 किलोमीटर दूर है। यह जगह प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर है और यहां पर आपको काले हिरण देखने के लिए मिल जाते हैं और यह जगह रॉबर्टगंज रेंज के अंतर्गत आती है। आप यहां पर घूमने के लिए जा सकते हैं।
मुक्खा जलप्रपात सोनभद्र - Mukkha Falls Sonbhadra
मुक्खा जलप्रपात सोनभद्र जिले का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको एक सुंदर झरना देखने के लिए मिलता है। यह झरना जंगल के अंदर स्थित है। इस झरने तक पहुंचने के लिए सड़क उपलब्ध है। मगर यह सड़क कच्ची है। इसलिए यहां पर गाड़ी ले जाने में परेशानी होती है। यह झरना चट्टानों से नीचे गिरता है, जो बहुत ही सुंदर लगता है। आप इस झरने के पास जा सकते हैं। मगर चट्टाने बहुत ही फिसलन भरी है। इसलिए आपको यहां पर संभल कर रहने की जरूरत रहती है। आप यहां पर ग्रुप के साथ पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यह झरना मुक्खा नाम के गांव में स्थित है। यह झरना सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील के मुक्खा गांव में स्थित है।
श्री ठाकुर महाराज और ठकुराइन माता जी का मंदिर सोनभद्र - Temple of Shri Thakur Maharaj and Thakurain Mata ji, Sonbhadra
श्री ठाकुर महाराज और ठकुराइन माता का मंदिर सोनभद्र जिले का एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर सोनभद्र जिले में घोरावल तहसील के कड़ियातारा गांव में स्थित है। यहां पर आपको प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है और यहां पर एक विशाल तालाब भी बना हुआ है। यह मंदिर अपनी प्राचीन मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के गर्भ गृह में आपको ठाकुर जी और ठाकरान जी की पत्थर की मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर तालाब है। तालाब बहुत सुंदर है और तालाब में कमल के फूल देखने के लिए मिलते हैं। यहां जलकुंभी भी तालाब को घेरे हुए हैं। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं।
बाबा मंगलेश्वर धाम सोनभद्र - Baba Mangaleshwar Dham Sonbhadra
बाबा मंगलेश्वर धाम सोनभद्र जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर आपको प्राकृतिक दृश्य भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मनोरम रहता है। बाबा मंगलेश्वर नाथ मंदिर खोढवा पहाड़ पर बना हुआ है। यहां से आपको सोन नदी का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिल जाता है। मंदिर पहुंचने के लिए आप पैदल रास्ता भी चुन सकते हैं और आप इस मंदिर तक गाड़ी से भी जा सकते हैं। पैदल रास्ता एडवेंचर करने वालों को पसंद आता है और यहां पर बहुत सारे लोग पैदल रास्ते से आना पसंद करते हैं।
मगर आप अगर समय को बचाना चाहते हैं, तो आप बाइक से इस जगह पर पहुंच सकते हैं। यहां पर आपको चारों तरफ का बहुत ही शानदार नजारा देखने के लिए मिलेगा। दूर-दूर तक हरी-भरी वादियां देखने के लिए मिलेगी। यहां पर शिव भगवान जी का प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलता है। गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय बहुत सारे भक्त शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
विजयगढ़ दुर्ग सोनभद्र - Vijaygarh Fort Sonbhadra
विजयगढ़ दुर्ग सोनभद्र जिले की एक ऐतिहासिक स्थल है। यह जगह जितनी ऐतिहासिक है। उतनी ही चमत्कारिक भी है। यह एक प्राचीन दुर्ग है। यह दुर्ग एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस दुर्ग में आपको 7 तालाब देखने के लिए मिलते हैं। इन सातों तालाब का पानी अलग अलग कलर का है और इन सातों तालाब के बारे में बहुत सारी बातें हैं, जो अचरज में डालती है। इन तालाबों के बारे में वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया। मगर उन्हें इन तालाबों की गहराई का पता नहीं चला।
विजयगढ़ दुर्ग को चंद्रकांता दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। आपने चंद्रकांता की कहानी जरूर देखी होगी, जो पहले दूरदर्शन में दिखाई जाती थी। यह दुर्ग मऊकालान गांव के पास स्थित है। यह दुर्ग कैमूर की ऊंची पहाड़ियों पर बना हुआ है। दुर्ग में जाने के लिए सीढ़ियां हैं। इस दुर्ग में प्राकृतिक गुफाएं भी है और यहां पर खंडहर महल के बहुत सारे अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर ग्रामीणों के द्वारा बहुत सारी चमत्कारी घटना भी बताई गई हैं। विजयगढ़ दुर्ग से आपको चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। विजयगढ़ दुर्ग सोनभद्र जिले के मुख्यालय से रॉबर्ट्सगंज करीब 30 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर गाड़ी से या कार से पहुंच सकते हैं।
धंधरैल बांध सोनभद्र - dhandharail dam sonbhadra
धंधरैल बांध सोनभद्र जिले का मुख्य पर्यटन स्थल है। यह बांध बहुत पुराना है। यह बांध ब्रिटिश शासन में 1917 में बनाया गया था। यह बांध बरसात के समय बहुत सुंदर लगता है। इस बांध में 22 गेट है। जब पानी ओवरफ्लो होता है, तो इसके गेट खोले जाते हैं और इसका सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। इस बांध का पानी मुख्य रूप से सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। यह बांध सोनभद्र और मिर्जापुर जिले में सिंचाई की व्यवस्था पूरी करता है। यह बांध विजयगढ़ दुर्ग की तलहटी पर बना हुआ है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और इस बांध की सुंदर दृश्य को देख सकते हैं।
अमिला भवानी मंदिर सोनभद्र - Amila Bhavani Temple Sonbhadra
मां अमिला भवानी मंदिर सोनभद्र जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार राज्य की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर के आसपास के क्षेत्र के लोगों की बहुत आस्था है और मंदिर में बहुत सारे लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर दूर निर्जन वन में स्थित है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करके आना पड़ता है। मगर मंदिर में आकर माता के दर्शन करके बहुत शांति मिलती है। यहां पर भवानी माता की पत्थर की प्रतिमा विराजमान है और माता वस्त्र और आभूषणों से सजी हुई है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है। यहां पर बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आपको हनुमान जी, मां दुर्गा जी और शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए भी मिल जाते हैं। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
नगवा बांध सोनभद्र - Nagwa Dam Sonbhadra
नगवा बांध सोनभद्र जिले का एक सुंदर जलाशय है। यह बांध कराम्नासा नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है। बरसात के समय जब बांध का पानी ओवरफ्लो होकर बहता है, तो यहां बहुत सुंदर लगता है। यहां पर आप अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
सिलहट बांध सोनभद्र - silahat Dam sonbhadra
सिलहट बांध सोनभद्र का एक सुंदर बांध है। यह बांध कराम्नासा नदी पर बना हुआ है। यह बांध अंग्रेजों के समय में बना हुआ है और इसका डिजाइन बहुत ही सुंदर लगता है। यह बांध जनवरी 1914 में बनना स्टार्ट हुआ था और फरवरी 1918 में बनकर यह बांध तैयार हो गया था। यहां पर एक पत्थर पर यह जानकारी लिखी हुई है। आप इस बांध में आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यहां पर लोकल ग्रामीण लोग मछलियां पकड़ते हैं।
धन-धन जलप्रपात सोनभद्र - Dhan-Dhan Falls Sonbhadra
धन धन जलप्रपात धंधरैल बांध के पास स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। यह जलप्रपात धंधरैल बांध का पानी, जब ओवरफ्लो होता है। तब देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात सुंदर है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आप जलप्रपात के पास कार या बाइक लेकर आराम से जा सकते हैं और यहां पर पार्किंग के लिए भी अच्छी जगह है।
भैसहवा सोनभद्र - Bhaishwa Sonbhadra
भैसहवा के पास सोनभद्र जिले में एक सुंदर तालाब देखने के लिए मिलता है। यह तालाब बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। आप इस तालाब में घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यह तालाब भैसहवा नाम की जगह पर स्थित है। इसलिए इसे भैसहवा के नाम से जाना जाता है।
नलेश्वर महादेव मंदिर सोनभद्र - Naleshwar Mahadev Temple Sonbhadra
नलेश्वर महादेव मंदिर सोनभद्र जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मुख्य रूप से शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर में शिव भगवान जी का बहुत बड़ा शिवलिंग विराजमान है। इस शिवलिंग के बारे में एक चमत्कारिक बात लोगों के द्वारा कही जाती है। कहा जाता है, कि यह शिवलिंग हर साल ऊंचाई में बढ़ रहा है। पहले यह शिवलिंग 2 फीट का हुआ करता था और धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई बढ़कर 4 फिट हो गई है। यहां के लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात है।
यहां पर महाशिवरात्रि के समय और सावन सोमवार के समय विशाल मेला लगता है। लोगों का विश्वास है, कि मंदिर में शिव भगवान जी के दर्शन करने से उनके मनोकामना पूरी होती है। यह मंदिर सोनभद्र जिले में नगवा ब्लॉक के तल्ला गांव में स्थित है। यह मंदिर कराम्नासा नदी के तट पर बना हुआ है। आप यहां पर आ कर मंदिर में शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर बसंत पंचमी के समय मेला लगता है। यह मेला 2 दिन का होता है। मेले में दंगल का मुकाबला भी किया जाता है। यहां पर राजा नल का किला हुआ करता था। यहां पर बहुत सारे प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। बहुत सी प्राचीन प्रतिमाएं आपको यहां पर देखने के लिए मिल जाती हैं। आप यहां पर अपने फैमिली और दोस्तों के साथ भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं।
बरैला शिव मंदिर सोनभद्र - Baraila shiv mandir sonbhadra
बरैला शिव मंदिर सोनभद्र जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सोनभद्र जिले के मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से करीब 3 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर बरैला नाम की जगह पर स्थित है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग बहुत ही आकर्षक लगता है। यह एक मुखी शिवलिंग है और शिवलिंग की आंख चांदी की है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यहां पर सावन सोमवार के समय कावड़िया जल भर के लाते हैं और शिवजी को अर्पित करते हैं। यहां पर पास ही में एक तालाब भी है। यहां पर महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
गोठानी संगम एवं सोमेश्वर शिव मंदिर सोनभद्र - Gothani Sangam and Someshwar Shiva Temple Sonbhadra
गोठानी संगम एवं सोमेश्वर शिव मंदिर एक धार्मिक स्थल है। यहां पर रिहंद, विजूल और सोन नदी का संगम होता है। यह संगम स्थल बहुत ही सुंदर है। यहां पर इन नदियों के संगम स्थल और रेत का किनारा देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं और यहां पर आपको शिव मंदिर भी देखने के लिए मिलते हैं।
यह प्राचीन शिव मंदिर है। यहां पर शिव जी के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। शिव भगवान जी के अलावा यहां पर गणेश जी की प्राचीन मूर्ति, विष्णु भगवान जी की प्राचीन मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। गोठानी संगम स्थल चोपन ब्लाक के अंतर्गत आती है। यह चोपन ब्लाक से करीब 6 किलोमीटर दूर होगा। आप यहां पर आराम से जा सकते हैं। यहां पर जाने के लिए अच्छी सड़क व्यवस्था है।
शिवद्वार सोनभद्र - Shivdwara Sonbhadra
शिवद्वार सोनभद्र जिले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को गुप्तकाशी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मुख्य रुप से शिव भगवान जी और पार्वती जी को समर्पित है। यह मंदिर सोनभद्र जिले में घोरावल तहसील से करीब 10 किलोमीटर दूर है। मंदिर में आपको शिव भगवान जी और माता पार्वती जी की एक बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा काले पत्थर की बनी हुई है। इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए सावन सोमवार के समय बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं और यहां पर जल अभिषेक करते हैं। यहां पर कावड़ यात्रा निकाली जाती है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको आकर शांति मिलेगी।
कुंडवासनी देवी मंदिर सोनभद्र - Kundvasani Devi Temple Sonbhadra
कुंडवासनी देवी मंदिर सोनभद्र जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर कुंडवासनी जी को समर्पित है। यह मंदिर सोन नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर सोनभद्र जिले के चोपन तहसील के कुंडारी ग्राम में स्थित है। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत भीड़ रहती है। भक्तों मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर कुंडवासनी देवी की काले पत्थर की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो गहनों और आभूषणों से सजी हुई रहती है। कुंडवासिनी माता को कुद्री देवी के नाम से भी जाना जाता है।
Please do not enter any spam link in comment box