विष्णुपद मंदिर गया बिहार - Vishnupad Temple Gaya Bihar
विष्णुपद मंदिर बिहार राज्य का एक प्रसिद्ध मंदिर है। विष्णुपद मंदिर बिहार में गया जिले में स्थित है। यह मंदिर फल्गु नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर में विष्णु भगवान जी के रियल चरण चिन्ह के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। भगवान विष्णु के चरण चिन्ह एक बड़ी सी चट्टान में देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत प्राचीन है और मंदिर बहुत सुंदर भी है। यह पूरा मंदिर बहुत ही आकर्षक लगता है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है।
वैसे जब हम लोग विष्णुपद मंदिर घूमने के लिए गए थे। तब यह मंदिर बंद था। यह मंदिर कोविड-19 के कारण बहुत लंबे समय से बंद है। हम लोग मंदिर के बाहरी गेट से ही भगवान के दर्शन किए थे। यहां पर बहुत सारे पंडित जी लोग घूमते रहते हैं, जो इस मंदिर में हम लोगों को दर्शन कराने के लिए लेकर गए थे। मगर मंदिर बंद था, तो हम लोग को दर्शन नहीं मिले।
हम लोग विष्णुपद मंदिर घूमने के लिए ऑटो से आए थे, क्योंकि ऑटो में बहुत कम किराया लगता है। हम लोगों के आने-जाने का 80 रूपए एक व्यक्ति का लगा था। हम लोग यहां पर मगध मेडिकल कॉलेज के पास से आए थे। विष्णुपद मंदिर के पास में ही फल्गु नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। फाल्गु नदी के बारे में कहा जाता है, कि इस नदी को श्राप मिला है, साल भर इस नदी में पानी नहीं रहेगा। श्राप के अनुसार फल्गु नदी में पानी नहीं रहता है। यहां पर सिर्फ छठ पूजा के समय पानी देखने के लिए मिलता है।
फल्गु नदी में दूर-दूर तक रेत का मैदान देखने के लिए मिल रहा था। जिसमें बहुत सारे लोग श्राद्ध पूजा करवा रहे थे। यहां पर पितृपक्ष के समय बहुत ज्यादा भीड़ पड़ती है। यहां पर भारत देश और विदेशों से भी लोग अपने मरे हुए लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए यहां पर आते हैं। यहां पर हम लोगों को दूर दूर तक बहुत सारे लोग पिंडदान करते हुए देखने के लिए मिल रहे थे। यहां पर पंडित जी लोग पूजा कर रहे थे।
हमारे साथ एक मित्र थे, जिन्हें श्राद्ध पूजा करवाने थे। उन्होंने भी यहां पर नारियल खरीदा और उसके बाद टकले हुए। उसके बाद फल्गु नदी में स्नान करने के लिए गए। फल्गु नदी में पानी बहुत कम था। मगर यहां पर लोग बहुत गंदीगी करते हैं। नदी के किनारे ही बहुत ज्यादा गंदा पड़ा हुआ था, जिससे हमें बहुत ज्यादा दुख हुआ। लोग नदियों की कीमत नहीं जानते हैं और आगे चलकर इस गलती के लिए बहुत पछताना पड़े। इस जैसे तीर्थ स्थल में इस तरह की गंदगी अच्छी नहीं लगती है। मगर क्या करें, कुछ कर नहीं सकते हैं, सिर्फ लिखने के अलावा।
यहां पर फल्गु नदी के किनारे शंकर भगवान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है, जिसे सोमेश्वर महादेव मंदिर कहते हैं। यहां पर सुंदर घाट भी बना हुआ है और यहां पर हम लोग कुछ टाइम बैठे रहे और यहां के दृश्य को देखते रहे। यहां पर आगे की तरफ पहाड़ी में सीता कुंड भी बना हुआ है। सीताकुंड एक प्राचीन मंदिर है। मगर हम लोग वहां पर नहीं गए, क्योंकि हम लोग पैदल आए थे और वहां पर जाने के लिए फल्गु नदी को पार करना था और उसके बाद पहाड़ी चढ़कर मंदिर तक जाना था। इसलिए हम लोग वहां पर नहीं गए।
विष्णुपद और फल्गु नदी बहुत प्रसिद्ध है। फल्गु नदी का किनारा इसलिए भी प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां पर श्री राम जी ने अपने पिता दशरथ जी का पिंडदान किया था। इसलिए बहुत सारे लोग यहां पर पिंडदान की प्रथा करने के लिए आते हैं। यहां पर हम लोगों को बहुत अच्छा लगा और यहां का एक्सपीरियंस भी अच्छा था। यहां पर बहुत सारी दुकान है, जहां से आप सामान ले सकते हैं। मंदिर में चढ़ाने के लिए, मगर हमारे लिए तो कोई अर्थ नहीं था समान लेने का, क्योंकि मंदिर बंद था। यहां पर आप आकर बहुत सारी ऐतिहासिक और प्राचीन और धार्मिक जगह घूम सकते हैं।
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