खजुराहो मंदिरों का समूह - खजुराहो का मंदिर / Khajuraho Mandiro ka samuh - Khajuraho ka Mandir
खजुराहो विश्व धरोहर स्थल है। खजुराहो के मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। खजुराहो में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। खजुराहो के मंदिर की शिल्प कला बहुत ही अद्भुत है। खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। खजुराहो के मंदिर की मूर्ति कला अद्भुत है। खजुराहो के मंदिरों को 3 श्रेणियों में बांटा गया है। पश्चिमी मंदिर समूह, पूर्वी मंदिर समूह और दक्षिणी मंदिर समूह। इन सभी मंदिर समूह में से पश्चिमी मंदिर समूह में आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं और यह मंदिर बहुत ही अच्छी अवस्था में यहां पर मौजूद है। पश्चिमी मंदिर समूह में आप को टिकट लगता है।
खजुराहो मंदिर में प्रवेश शुल्क - Entrance fee to Khajuraho temple
खुजराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में प्रवेश के लिए टिकट लिया जाता है, और टिकट का मूल्य भारतीय व्यक्तियों के लिए अलग रहता है, और विदेशी व्यक्तियों के लिए अलग रहता है। भारतीय व्यक्तियों के लिए टिकट का मूल्य 35 रूपए एक व्यक्ति का रहता है और विदेशी व्यक्तियों के लिए 600 रूपए एक व्यक्ति का रहता है। अभी आप अगर खुजराहो घूमने जाते हैं, तो यहां पर टिकट आपको ऑनलाइन ही बुक करनी पड़ती है। आप अपने मोबाइल के द्वारा ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।
खुजराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के मंदिर / खजुराहो स्मारक समूह
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो - Laxman Temple Khajuraho
आप पश्चिमी मंदिर समूह में गेट से प्रवेश करते हैं, तो आपको यहां पर बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलेंगे। सबसे पहले आपको लक्ष्मण मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर खजुराहो में बने सभी मंदिरों में सबसे बड़ा है।यह मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में आपको विष्णु भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिल जाती है। लक्ष्मण मंदिर का निर्माण चंदेल शासक यशोवर्मन द्वारा किया गया था। इस मंदिर का निर्माण 930 से 960 ईसवी के मध्य किया गया था। यह मंदिर पंचायतन शैली का संधार मंदिर है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। इस मंदिर में आपको मुख्य मंडप, महा मंडप, मंडप, अंतराल और गर्भ ग्रह देखने के लिए मिल जाएगा। इस मंदिर की दीवारों में आपको देवी देवताओं की प्रतिमाएं, सुर बालाओं की प्रतिमाएं, संभोग करते हुए युगल की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। गर्भ गृह में चतुर्भुजी विष्णु के वैकुंठ स्वरूप की प्रतिमा स्थापित है, जिनमें उनके तीन मुख्य बने हुए हैं। बीच का मुख्य मनुष्य का है तथा बगल के दो मुख्य वराह और सिंह का हैं।
लक्ष्मी मंदिर खजुराहो - Lakshmi Temple Khajuraho
लक्ष्मण मंदिर के ठीक सामने लक्ष्मी मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर छोटा सा है। मगर बहुत खूबसूरत है। यह मंदिर भी एक ऊंचे मंडप पर बना हुआ है और मंदिर का मुख्य द्वार में ताला लगा रहता है। आप बाहर से ही लक्ष्मी माता के दर्शन कर सकते हैं।
वराह मंदिर खजुराहो - Varaha Temple Khajuraho
लक्ष्मण मंदिर के सामने वराह मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में आपको विष्णु भगवान के वराह अवतार की प्रतिमा देखने के लिए मिल जाती है। यह प्रतिमा पत्थर की है और पूरी प्रतिमा में आपको नक्काशी देखने के लिए मिलती है। विष्णु भगवान के वराह अवतार के मूर्ति में देवी देवताओं की नक्काशी की गई है। वह मंदिर भी एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। यह मंदिर भी बहुत खूबसूरत है।
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो - Kandariya Mahadev Temple Khajuraho
कंदरिया महादेव मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के सबसे बड़ा मंदिर है। कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो के मंदिर में सबसे ऊंचा मंदिर है। यह मंदिर 1025 से 1050 ईसवी के मध्य बना है। इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजा विद्याधर के द्वारा किया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में आपको मुख्य मंडप, मंडप, महामंडप, अंतराल तथा गर्भ ग्रह देखने के लिए मिलता है। गर्भ ग्रह के चारों ओर परिक्रमा पथ है। इस मंदिर की दीवारों में आपको हाथी, घोड़े, शिकार करते हुए मानव , नृत्य करते हुए मनुष्य के दृश्य देखने के लिए मिल जाते हैं। यह खजुराहो का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें दो तोरण प्रवेश द्वारों का प्रावधान है।
जगदंबी मंदिर खजुराहो - Jagdambi Temple Khajuraho
जगदंबी मंदिर कंदरिया महादेव मंदिर के पास ही में स्थित है। यह मंदिर भी एक ऊंचे मंडप पर बना हुआ है। यह मंदिर पार्वती माता को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में पार्वती माता की प्रतिमा देखने के लिए मिल जाते हैं। इस मंदिर की दीवारों में भी आपको नक्काशी देखने के लिए मिल जाएगी।
चित्रगुप्त मंदिर खजुराहो - Chitragupta Temple Khajuraho
चित्रगुप्त मंदिर खजुराहो में कंदारिया महादेव मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यह मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है। यह मंदिर जगदंबी मंदिर के समान ही बना हुआ है। इस मंदिर में गर्भग्रह, अंतराल और तीनों और से वातायनयुक्त महामंडप तथा अर्थ मंडप है। इसके गर्भग्रह में आपको सूर्य भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिल जाती है, जिसमें सूर्य भगवान 7 अश्व वाले रथ में सवार दिखाई देते हैं। खजुराहो में केवल यही एक ऐसा मंदिर है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है। मंदिर की दीवारों में आपको आकर्षक प्रतिमाएं देखने के लिए मिल जाती है, जिसमें सुर सुंदरियों, मिथुन, देवी-देवताओं साथ ही 11 मस्तक वाले विष्णु भगवान की प्रतिमा अत्यंत ही आकर्षक है। यह मंदिर 1000 से 1025 के मध्य बनाया गया है, जो विश्वनाथ तथा कंदारिया महादेव मंदिर के निर्माण के काल के बीच का समय है।
पार्वती मंदिर खजुराहो - Parvati temple Khajuraho
पार्वती मंदिर खजुराहो में का एक छोटा सा मंदिर है। यह मंदिर भी एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। यह मंदिर विश्वनाथ मंदिर का एक भाग था। यह मंदिर विश्वनाथ मंदिर के दक्षिण पश्चिमी कोने पर बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण ईट व चुने से किया गया है। इस मंदिर में के ऊपर केवल आपको शिखर देखने के लिए मिल जाता है। इस मंदिर के गर्भ गृह में पार्वती जी की प्रतिमा विराजमान है।
विश्वनाथ मंदिर खजुराहो - Vishwanath Temple Khajuraho
विश्वनाथ मंदिर खजुराहो का पश्चिमी समूह का एक मंदिर है। यह मंदिर भी बहुत ही खूबसूरत है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर भी आपको पंचायतन शैली देखने के लिए मिलती है। इसमें आपको मंडप, मुख्य मंडप, अंतराल, गर्भग्रह और महा मंडप देखने के लिए मिल जाता है। इस मंदिर में भी आपको बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती हैं, जो अलग-अलग चीजों को दर्शाती हैं। इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव का शिवलिंग विराजमान है।
नंदी मंदिर खजुराहो या नंदी मंडप खजुराहो - Nandi Temple Khajuraho or Nandi Mandap Khajuraho
नंदी मंदिर खजुराहो में विश्वनाथ मंदिर के सामने बना हुआ है। इस मंदिर में आपको नंदी भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा विश्वनाथ मंदिर की ओर मुख किए हुए हैं। यह प्रतिमा भी बहुत खूबसूरत है। यह मंदिर भी एक ऊंचे मंडप पर बना हुआ है।
प्रतापेश्वर मंदिर खजुराहो - Pratapeshwar Temple Khajuraho
प्रतापेश्वर मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण छतरपुर के तत्कालीन राजा प्रताप सिंह के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर का निर्माण 1784 से 1854 ईसवी के दौरान करवाया गया था। इस मंदिर का निर्माण राजा प्रताप सिंह के नाम पर प्रतापेश्वर मंदिर पड़ा। यह मंदिर मध्ययुगीन वास्तुकला का अंतिम चरण का उदाहरण है, जिसमें चंदेल कला के कुछ अंश देखे जा सकते हैं। यह मंदिर एक ऊंचे मंडप पर स्थित है, जिसमें मंडप सभा, मंडप तथा गर्भ ग्रह का प्रावधान है। गर्भग्रह में योनि पीठ पर शिवलिंग स्थापित है।
मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो - Matangeshwar Temple Khajuraho
मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर शिव जी को समर्पित है। यह खजुराहो के मंदिरों में पूज्य मान माना जाता है तथा वर्तमान में भी यहां पूजा की जाती है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। यह मंदिर अंदर से वर्गाकार है और बाहर से क्रॉस के आकार का है। इस मंदिर का निर्माण 900 से 925 ईसवी के मध्य निर्धारित किया जा सकता है।
चौसठ योगिनी मंदिर खजुराहो - Chausath Yogini Temple Khajuraho
चौसठ योगिनी मंदिर खजुराहो का स्थित सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर ज्वालामुखी के पत्थरों से बना हुआ है। यह मंदिर खंडित अवस्था में है। इस मंदिर के ज्यादातर मंदिर अब नष्ट हो गए हैं। इस मंदिर के किसी मंदिर में आपको मूर्तियां देखने के लिए नहीं मिलती है। सिर्फ एक मंदिर में आपको मूर्ति देखने के लिए मिलती है। जिसमें मां काली जी की मूर्ति थी और उनमें से फूल और पत्तियां चढ़ाई हुई थी।
लालगवां महादेव मंदिर खजुराहो - Lalgwan Mahadev Temple Khajuraho
लालगुवा महादेव मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह का एक मंदिर है और यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भी ज्वालामुखी के पत्थरों से बना हुआ मंदिर है। यह मंदिर मैन खजुराहो सिटी से थोड़ा दूरी पर स्थित है। आपको इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलकर जाना पड़ता है।
खजुराहो मंदिर के चित्र - Khajuraho Temple Pictures
चित्रगुप्त मंदिर खजुराहो |
मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो |
वराह मंदिर खजुराहो |
लक्ष्मण मंदिर खजुराहो |
कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो |
जगदंबी मंदिर खजुराहो |
पार्वती मंदिर खजुराहो |
विश्वनाथ मंदिर खजुराहो |
नंदी मंदिर खजुराहो |
प्रतापेश्वर मंदिर खजुराहो |
चौसठ योगिनी मंदिर खजुराहो |
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