खजुराहो का विश्वनाथ मंदिर - Vishwanath Mandir Khajuraho
विश्वनाथ मंदिर खजुराहो का एक प्रसिद्ध मंदिर है। विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है। यह मंदिर भी एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। मंदिर के सामने नंदी महाराज का एक मंदिर देखने के लिए मिलता है। विश्वनाथ मंदिर में भी चार उप मंदिर रहे। मगर अब यहां पर हम लोगों को सिर्फ दो मंदिर ही देखने के लिए मिले। इन दोनों मंदिर में भी खूबसूरत नक्काशी देखने के लिए मिल जाती है। विश्वनाथ मंदिर की दीवारों की मूर्तिकला बहुत ही अद्भुत है।
विश्वनाथ मंदिर की वास्तुकला - Architecture of Vishwanath Temple
विश्वनाथ मंदिर पंचायतन शैली में बना हुआ है। अर्थात विश्वनाथ मंदिर में भी चार उप मंदिर थे, जिनमें से आप दो मंदिर अभी देख सकते हैं। यह मंदिर के चबूतरे के कोने में स्थित है। विश्वनाथ मंदिर लक्ष्मण मंदिर के समान ही बना हुआ है। विश्वनाथ मंदिर को आंतरिक रूप से देखने पर इसके 5 भाग आपको देखने के लिए मिलते हैं। अर्थमंडप, महामंडप, मंडप, गर्भग्रह और प्रदक्षिणा पथ। प्रदक्षिणा पथ गर्भ ग्रह और बाह्य मंदिर को अलग करता है। आप इससे मंदिर की परिक्रमा कर सकते हैं। विश्वनाथ मंदिर में भी आपको पांच शिखर देखने के लिए मिलते हैं।
खजुराहो के विश्वनाथ मंदिर को किसने बनवाया - Who built the Vishwanath temple of Khajuraho
खजुराहो के विश्वनाथ मंदिर का निर्माण चंदेल राजा धंगदेव ने किया है। विश्वनाथ मंदिर 1002 ईसवी में बनाया गया है। स्थापत्य कला को देखकर यह मालूम चलता है, कि यह मंदिर कंदरिया महादेव मंदिर और लक्ष्मण मंदिर के मध्य स्थान बनाया गया है।
खजुराहो के विश्वनाथ मंदिर के दर्शन - Darshan of Vishwanath temple of Khajuraho
खजुराहो का विश्वनाथ मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित एक भव्य मंदिर है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। सीढ़ियां के दोनों तरफ हाथी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह हाथी की प्रतिमा बलुआ पत्थर की बनी हुई है।
विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार से सीढ़ी से चढ़कर मंदिर का प्रवेश द्वार देखते हैं, तो मंदिर के ऊपर आपको भगवान विष्णु की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर के ऊपर प्रवेश द्वार में भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर के प्रवेश द्वार के दोनों साइड आले बने हुए हैं, जो खाली है। हम मंदिर में प्रवेश किए। हम लोग मंदिर में प्रवेश किए, तो हमें मंदिर की छत पर खूबसूरत नक्काशी देखने को मिली। यहां पर फूलों की नक्काशी की गई थी। यहां पर पत्थरों को काटकर नक्काशी की गई थी। मंदिर के किनारे नीचे की तरफ एक शिलालेख देखने के लिए मिला। इस शिलालेख में इस मंदिर के बारे में जानकारी लिखी हुई थी। हम लोग मंदिर के अंदर प्रवेश किए, तो यहां पर चबूतरा बना था। प्राचीन समय में चबूतरे में बैठकर पंडित जी कथा सुनाया करते थे। चबूतरे के चारों तरफ स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं। स्तंभों के ऊपरी सिरे में नक्काशी देखने मिलती है, जो सुंदर है।
विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में शंकर जी का शिवलिंग स्थापित है। यह शिवलिंग पत्थर का बना हुआ है और बहुत ही अद्भुत लगता है। कहा जाता है कि चंदेल राजा इस मंदिर की स्थापना के पहले काशी होकर आए थे और इस मंदिर का निर्माण उन्होंने काशी के मंदिर से प्रेरित होकर किया है। विश्वनाथ मंदिर का गर्भ ग्रह का प्रवेश द्वार बहुत ही खूबसूरत है। इसमें देवी देवताओं की नक्काशी की गई है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है जो बहुत ही सुंदर लगती है।
विश्वनाथ मंदिर में झरोखे भी बने हुए हैं। इन झरोखों में जाली लगा दी गई है। प्राचीन समय में यह झरोखे खुले रहते थे और इन्हीं झरोखे में लोग बैठकर आसपास के नजारों को देखा करते थे। यहां पर गर्भ ग्रह के साथ परिक्रमा करने के लिए परिक्रमा पथ भी बना हुआ है। परिक्रमा करते हुए हम लोगों को गर्भ ग्रह बाहरी की दीवारों पर खूबसूरत मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। इन मूर्तियों की कारीगरी बहुत ही जबरदस्त है। यहां पर एक आले में शिव जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। उसके साथ ही यहां पर सुरसुंदरी और देवियों की मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर एक छोटी सी लाइन भी देखने के लिए मिलती है, जिसमें उस युग के दैनिक कार्यों का विवरण भी देखने के लिए मिलता है। गर्भ ग्रह की पीछे की दीवार में एक आले में मूर्ति बनी हुई थी, जो अब खंडित अवस्था में यहां पर उपस्थित है। यह शिव भगवान जी की मूर्ति थी। गर्भ ग्रह की बाहरी दीवार में आपको बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर मंदिर के अंदर की दीवार में भी मूर्तियां बनाई गई है।
खजुराहो के विश्वनाथ मंदिर की मूर्ति कला - Sculpture of Vishwanath Temple of Khajuraho
खजुराहो का विश्वनाथ मंदिर की दीवार मूर्तिकला से सुसज्जित है। दीवार के हर कोने पर आपको मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार के बाजू से ही एक आला बना हुआ है, जिसमें गणेश जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर गणेश जी हम लोगों को एक अलग ही मुद्रा में देखने के लिए मिले। नीचे की तरफ एक और आला बना हुआ है, जिसमें प्रतिमा खंडित अवस्था में मौजूद थी।
विश्वनाथ मंदिर की दीवार में आपको एक पतली सी पट्टी देखने के लिए मिलती है, जिसमें उस युग की बहुत सी जानकारी मिलेगी। इस पट्टी में युद्ध में जाते हुए लोग, हाथी, घोड़े, संभोग करते हुए लोग, उत्सव मनाते हुए लोग, वाद्य यंत्र बजाते हुए लोग, सभी तरह की प्रतिमाएं आपको देखने के लिए मिल जाती है। ऊपर की तरफ आपको बड़ी प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है, जिसमें सुरसुंदरी और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं।
विश्वनाथ मंदिर की दीवार पर बड़ी प्रतिमाएं गहनों से सुसज्जित है और खूबसूरत लगती हैं। मंदिर की दीवार पर आपको समूह में संभोग करते हुए प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती हैं। इसमें संभोग अलग-अलग मुद्राओं में किया जा रहा है। नीचे की तरफ आपको एक पतली सी पट्टी देखने के लिए मिलती है, जिसमें हाथियों की प्रतिमा बनी हुई है। यहां पर आपको सुर सुंदरियों की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जिसमें सुरसुंदरी आईना देख रही हैं और अपना श्रृंगार कर रही हैं। विश्वनाथ मंदिर की दीवारों पर जो मूर्तियां बनी है। वह सभी मूर्तियां कुछ ना कुछ जानकारी आपको उस युग के बारे में जरूर देती है। हर मूर्ति में देखकर एक अलग जानकारी प्राप्त होती है।
खजुराहो का विश्वनाथ मंदिर की फोटो - Photo of Vishwanath Temple Khajuraho
पतली सी पट्टी में बनी दैनिक जीवन और संभोग की मूर्तियां |
विश्वनाथ मंदिर का प्रवेश द्वार |
विश्वनाथ मंदिर के दक्षिणी दीवार पर बनी कामुक मूर्तियां |
विश्वनाथ मंदिर की दीवार पर बनी मूर्तियां |
गणेश जी की मूर्ति |
गर्भ ग्रह की नक्काशी |
गर्भ ग्रह में विराजमान शिवलिंग |
छत पर की गई नक्काशी |
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