भारद्वाज आश्रम इलाहाबाद Bharadwaj Ashram Allahabad
भारद्वाज आश्रम प्रयागराज शहर की एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां मुख्य मंदिर भारद्वाज मुनि का है। यहां पर और भी मंदिर बने हुए हैं। मंदिर परिसर बहुत बड़ा है। यहां पर आपको श्री भरत कुंड देखने के लिए मिलता है, जहां पर भगवान राम ने यज्ञ किया था। मंदिर परिसर में आपको सीता कुंड और पार्वती कुंड भी देखने के लिए मिलता है। मंदिर परिसर में आपको माता संतोषी का प्राचीन मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर भारद्वाज ऋषि के गुरु का भी मंदिर आपको देखने के लिए भी मिलता है। यहां पर एक प्राचीन कुआं भी देख सकते हैं।
भारद्वाज आश्रम के बारे में कहा जाता है, कि यहां पर श्री राम जी ने अपने वनवास काल के दौरान कुछ समय यहां पर बिताया था। जब श्री राम जी ने गंगा नदी पार किया था, तो उसके बाद भरद्वाज ऋषि ने उन्हें आश्रय दिया था और यहां पर वह कुछ समय तक रहे थे। यहां पर आपको श्री राम जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है।
भारद्वाज ऋषि का परिचय
महर्षि भारद्वाज आश्रम वैदिक काल में सबसे प्राचीन और पूज्यतम ऋषियों में से एक महर्षि भारद्वाज जी के द्वारा स्थापित किया गया था। महर्षि भारद्वाज इस आश्रम के कुलपति थे। यह आश्रम एक विश्वविद्यालय था। इस आश्रम में विद्यार्थी ज्ञान एवं दर्शन के शिक्षा के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान किया करते थे। महर्षि भरद्वाज मुनि के ग्रंथ "यंत्र सर्वस्व" में विमानिक ज्ञान का "अंकबोधनी" नामक ग्रंथ में जल, वायु, चुंबक, वाष्प, विद्युत एवं अंशु का उल्लेख तथा इसमें सूर्य की किरणों से विमान चलाने का वर्णन एवं "यंत्रार्णव" ग्रंथ में विमान बनाने की कला का वर्णन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि पुष्पक विमान का निर्माण यहीं पर हुआ था। श्री रामचंद्र जी लंका के राजा रावण का वध करने के पश्चात पुष्पक विमान से लौटते समय ऋषि भरद्वाज जी के आश्रम आशीर्वाद लेने के लिए यहां आए थे।
हम लोग 26 जनवरी के दिन ही महर्षि भारद्वाज आश्रम पर गए थे। यह मंदिर आनंद भवन से कुछ दूरी पर स्थित है। यह मंदिर आनंद भवन से करीब 500 या 600 मीटर दूर होगा। आप इस मंदिर तक पैदल ही जा सकते हैं। आपको मेन रोड में ही भारद्वाज मंदिर का बोर्ड देखने के लिए मिल जाता है और इसमें लिखा रहता है - भारद्वाज आश्रम मुख्य प्रवेश द्वार
भारद्वाज मंदिर जाने के लिए आप यहां से प्रवेश करते हैं, तो आपको यहां पर बहुत सारी दुकानें देखने के लिए मिलती है, जहां पर आपको अलग अलग तरह का सामान मिल जाता है, जो धार्मिक कार्यों से जुड़ा हुआ, तो आप चाहे तो यह सामान ले सकते हैं। अगर आपको जरूरत हो तो। आपको करीब 200 मीटर आगे बढ़ना पड़ेगा, तो आपको मंदिर देखने लगता है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत और सुव्यवस्थित मंदिर है और दूर से ही बहुत खूबसूरत लगता है। आप जैसे जैसे आगे बढ़ते हैं, तो आपको और भी मंदिर यहां पर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर मां काली जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है और मां काली जी की बहुत ही भव्य प्रतिमा यहां पर विराजमान है। उसके बाद आप आगे बढ़ेंगे, तो आगे आपको हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। हनुमान जी का मंदिर भी बहुत खूबसूरत है और बहुत भव्य है।
महर्षि भारद्वाज आश्रम की फोटो
महर्षि भारद्वाज ऋषि का आश्रम (मंदिर) |
श्री याज्ञवल्क्य महर्षि भरद्वाज जी के गुरु का मंदिर |
संतोषी माता जी का प्राचीन मंदिर |
भारद्वाज आश्रम जाते समय रास्ते के सुंदर मंदिर |
हनुमान जी के मंदिर के पास से ही भारद्वाज ऋषि का आश्रम आपको साफ-साफ दिखने लगता है, और इसके साथ ही साथ ही आपको अन्य मंदिर भी मंदिर परिसर के दिखने लगते हैं। आप अपनी चप्पल उतार कर सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते हैं, तो आपको मुख्य मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो भारद्वाज ऋषि को समर्पित है। आप मंदिर के अंदर जाते हैं, तो आपको भरद्वाज ऋषि की पत्थर की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इसके साथ ही यहां पर आपको शंकर भगवान जी का शिवलिंग भी देखने के लिए मिलता है। भारद्वाज आश्रम में बहुत सारे मंदिर परिसर हैं। इन सभी मंदिर में आपको एक एक व्यक्ति देखने के लिए मिलता है, जो आप को दान करने के लिए कहता है। अगर आप दान करना चाहते हैं, अपने मन के अनुसार तो, आप दान कर सकते हैं। अगर आप दाना नहीं करना चाहते हैं, तो आप मत कीजिएगा। यहां पर हर कोई आप को दान करने के लिए कहेगा। मगर आप अपनी इच्छा अनुसार दान कर दीजिए। भारद्वाज ऋषि के आश्रम की दीवार में आपको हनुमान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो हनुमान जी की प्रतिमा दीवार से सटी हुई है। हम लोगों को भरद्वाज मंदिर में 1 आंटी मिले, उन्होंने हमें मंदिर के दर्शन करवाएं और उन्होंने हमे दान करने के लिए कहा। हम लोगों ने अपनी इच्छा अनुसार वहां पर दान कर दिया। इसके बाद हम लोग दूसरे मंदिर जाने लगे तो, वहां पर भी हम लोगों को दूसरी आंटी मिली, उन्हें ने भी हमें दर्शन करवाएं और दान करने के लिए कहा। हम लोगों ने उन्हें बोला कि हम लोगों ने वहां पर दान कर दिया है। हम लोगों के पास अब पैसा नहीं है और हम लोग अब दान नहीं कर पाएंगे। उसके बाद हम लोगों ने यहां के सारे मंदिर घूम लिए। वैसे आपको यहां हर मंदिर में लोग मिलेंगे, जो आप को दान करने के लिए बोलेगे। कभी कभी लोगों को बहुत ज्यादा गुस्सा आने लगता है। मगर आप अपना गुस्सा शांत रखिएगा और मंदिर घुमिया। यहां पर भारद्वाज ऋषि के जो गुरु थे, उनका भी मंदिर यहां पर बना हुआ है और एक और अंडर ग्राउंड मंदिर बना हुआ है, जहां पर आप को भारद्वाज ऋषि और उनके गुरु की पत्थर की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलेंगे, जो बहुत ही भव्य लगती है। भारद्वाज आश्रम (मंदिर) बहुत ही खूबसूरत है और आपको यहां अच्छा लगेगा।
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