पातालपुरी मंदिर प्रयागराज - Patalpuri Temple Prayagraj
पातालपुरी मंदिर इलाहाबाद - Patalpuri Temple Allahabad
पातालपुरी मंदिर इलाहाबाद (प्रयागराज) में प्रसिद्ध मंदिर है। पातालपुरी के नाम से ही आपको पता चल रहा होगा। जमीन के अंदर पाताल में मंदिर, जी हा यहां मंदिर जमीन के अंदर है। पातालपुरी का अर्थ होता है जमीन के अंदर और यह मंदिर जमीन के अंदर स्थित है। इसलिए इस मंदिर को पताल पुरी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है।
पातालपुरी मंदिर इलाहाबाद किले के अंदर स्थित है। पातालपुरी मंदिर गंगा और यमुना नदी के संगम के पास ही में स्थित है। आप जब भी संगम घूमने के लिए आते हैं, तो इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर आ सकते हैं। पातालपुरी मंदिर तक जाने के लिए इलाहाबाद किले से रास्ता बनाया गया है। बाकी का पूरा किला पुलिस के कंट्रोल में है। बाकी पूरे किले को आप देख नहीं सकते हैं। मगर आप इस मंदिर को जरूर देख सकते हैं। किले की बाउंड्री वॉल के बाजू से रास्ता बनाया गया है। पातालपुरी मंदिर तक पहुंचने का। आप मंदिर के परिसर में पहुंचेंगे, तो आपको एक विशाल वृक्ष देखने के लिए मिलेगा। यह वृक्ष बरगद का है। मगर इस वृक्ष को अक्षय वट वृक्ष के नाम से जाना जाता है। अक्षय वट वृक्ष का मतलब है कि कभी ना मरने वाला वृक्ष। आगे इसके बारे में भी लेख लिखा है। आप उसे जरूर पढ़िएगा।
पातालपुरी मंदिर इलाहाबाद की फोटो
मंदिर में प्रवेश के लिए किले का प्रवेश द्वार |
किले की दीवार पर बना श्री कृष्ण का मनमोहक चित्र |
मंदिर परिसर में आपको श्री अक्षयवट पातालपुरी मंदिर का प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलेगा। प्रवेश द्वार पर ही मां काली की भव्य प्रतिमा है। वहां पर भी पंडित जी बैठे रहते हैं और आपसे दान करने के लिए कहते हैं। अगर आपको दान देना है, तो आप दान दे सकते हैं और नहीं देना है, तो आप पंडित जी की बातों को अनसुनी कर आगे बढ़ सकते हैं। उसके बाद आपको सीढ़ियों से नीचे आना पड़ता है और एक लंबी से गैलरी दिखती है। इस गैलरी से आपको आगे बढ़ना पड़ता है। आप आगे जाते हैं, तो सबसे पहले आपको दीवार के एक आले में अन्नपूर्णा देवी एवं अन्य देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और सामने ही आपको श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। उसके बाद आप आगे बढ़ते हैं, तो आपको भैरव बाबा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। वैसे मेरे को अभी सारे देवी देवता याद नहीं है, मगर यहां पर बहुत सारे देवी देवता हैं। करीब 25 से 30 देवी देवता पातालपुरी मंदिर में विराजमान है। यहां पर आपको शनि भगवान जी का भव्य मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको सरस्वती माता की वीणा बजाती हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर वाल्मीकि ऋषि की प्रतिमा भी विराजमान है। आप उनकी प्रतिमा के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां पर शंकर जी का शिवलिंग विराजमान है। पातालपुरी मंदिर के अंदर आपको नरसिंह भगवान की भी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो हिरण्यकश्यप का वध कर रहे हैं। पातालपुरी मंदिर में आपको अक्षय वट वृक्ष की जड़े भी देखने के लिए मिलती हैं, जो बहुत शुभ है। यहां पर नाग देवता की आकर्षक प्रतिमा विराजमान है। यहां पर आपको श्री राम जी लक्ष्मण जी और सीता जी की भव्य प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यह जितनी भी प्रतिमाएं हैं। वह बहुत ही खूबसूरत है और देखने में बहुत ही आकर्षक लगती हैं। हर प्रतिमा के पास है पंडित जी बैठे रहते हैं और वह आपसे दान करने के लिए कहते हैं। अगर आप को दान करने की इच्छा है, तो आप कर सकते हैं और नहीं करने की इच्छा है, तो जरूरी नहीं है।
पातालपुरी मंदिर इलाहाबाद की फोटो
पातालपुरी मंदिर के अंदर जाने वाली गैलरी |
पातालपुरी मंदिर का प्रवेश द्वार |
यहां पर जो मंदिर है। इसमें बड़े-बड़े खंभे बने हुए हैं और यह मंदिर खंभों पर खड़ा हुआ है। यहां पर एक लाइन से आपको देवी देवताओं के दर्शन करते हुए बाहर निकलने का मार्ग बना है। यहां पर एक बड़ा सा बर्तन रखा है, जिसमें तेल भरा हुआ है और उसमें जोत 24 घंटे जलती रहती है, और मुझे लगता है, यह दीपक काफी समय से जल रहा है। यह भी देखने के लिए बहुत आकर्षक था। उसके बाद सीढ़ियां बनी हुई है। आप ऊपर आ सकते हैं। एक पंडित जी सीढ़ियां के पास तिलक लगाते रहते हैं और आप को दान करने के लिए कहते हैं। आप उन्हें भी दान करना चाहे, तो कर सकते हैं और नहीं करना चाहे तो नहीं कर सकते हैं। हमारा पातालपुरी मंदिर का अनुभव बहुत अच्छा था और यहां पर आकर अच्छा लगता है।
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