उज्जैन दर्शनीय स्थल - Ujjain ke mandir | Ujjain temple list | Ujjain ka mandir
उज्जैन मध्य प्रदेश में स्थित एक खूबसूरत शहर है। उज्जैन को प्राचीन काल में उज्जैनि या अवंतीका के नाम से जाना जाता था। उज्जैन में प्राचीन काल में राजा विक्रमादित्य का शासन था। उज्जैन शहर को मंदिरों के शहर के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा उज्जैन में करीब 2000 से भी अधिक मंदिर स्थित है। आज के लेख में हम उज्जैन शहर के मुख्य मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - Mahakal mandir ujjain
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। उज्जैन मध्यप्रदेश का एक प्राचीन नगरी माना जाता है। महाकालेश्वर मंदिर एक धर्मिक स्थल है। महाकालेश्वर हिंदू लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है। महाकालेश्वर में स्थित शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और महाकालेश्वर में स्थित शिवलिंग स्वयंभू है, अर्थात यह धरती से स्वयं उत्पन्न हुआ है। इसकी स्थापना किसी ने भी नहीं की है। महाकालेश्वर मंदिर शिप्रा नदी के पास स्थित है। यहां मंदिर बहुत ही भव्य है। यह मंदिर बहुत बडे क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर में सभी प्रकार की सुविधा मौजूद है। महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन शहर की मध्य में स्थित है। मंदिर में पहुॅचने के लिए आपको आटो और टैक्सी की सुविधा मिल जाती है। मंदिर में ठहरने के लिए और भोजन की सुविधा भी मंदिर समिति द्वारा मौजूद है, इसके लिए आपको आनलाइन बुकिंग कराना पडता है। आप मंदिर के अंदर अपना मोबाइल फोन नहीं लेकर जा सकते है, आपको अपना मोबाइल फोन मंदिर में स्थित लाॅकर में रखना पडता है। मंदिर के बाहर एक बडा स्क्रीन लगा हुआ है, जिसमें आप महाकालेश्वर शिवलिंग के लाइव दर्शन कर सकते है। महाकालेश्वर मंदिर तीन मंजिला है। मंदिर परिसर में आपको और भी मंदिर देखने मिल जाते है। महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते है। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि को इस मंदिर में बहुत ज्यादा भीड रहती है।
नागचन्द्रेश्वर मंदिर उज्जैन - Nagchandreshwar temple ujjain
महाकालेश्वर मंदिर की सबसे उपर मंजिल में नाग देवता का मंदिर स्थित है। यहां मंदिर साल में एक बार नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव की बहुत आकर्षक मूर्ति विद्यामान है। इस मंदिर को नागचन्द्रेश्वर मंदिर कहते है।
भस्म आरती महाकालेश्वर - Bhasmarti ujjain
महाकालेश्वर मंदिर में एक और आकर्षण मौजूद है। यहां पर सुबह के समय भस्म आरती होती है, जिसमें बहुत बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहते हैं। भस्म आरती में भगवान शिव शंकर के शिवलिंग को भस्म से सजाया जाता है और आरती की जाती है और यह भस्म श्मशान भूमि से लाई जाती है।
भारत माता मंदिर उज्जैन - Bharat mata mandir ujjain
भारत माता मंदिर उज्जैन शहर में स्थित एक दर्शनीय जगह है। यह मंदिर है, मगर यहां पर कोई भी देवी देवता की मूर्ति नहीं है। यहां पर भारत माता की मूर्ति स्थापित है, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां मंदिर बहुत ही भव्य है। मंदिर के बाहर आपको भारत का एक 3 डी मैप, सभी ज्योतिर्लिंगों और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के साथ देखने मिलता हैं। यहां मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के बहुत करीब में स्थित है। मंदिर में बगीचा बना हुआ है, जहां पर आप बैठकर अपना समय बिता सकते है। मंदिर के बाहर केंद्र में सुंदर फव्वारा बना हुआ है।
विक्रमादित्य स्मारक उज्जैन - samrat vikramaditya ujjain
विक्रमादित्य स्मारक उज्जैन शहर के मध्य में स्थित है। आपको यहां पर राजा विक्रमादित्य की पीतल की विशाल मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां राजा विक्रमादित्य की 30 फीट उची प्रतिमा स्थित है। यह प्रतिमा रूद्रा तालाब के बीच में एक टीले पर बने हुई है। यह प्रतिमा उज्जैन नगर निगम और सिंहस्थ समिति द्वारा स्थापित किया गया था। उज्जैन शहर को प्राचीन समय में उज्जैनी नाम से जाना जाता था। राजा विक्रमादित्य उज्जयैनी नगरी में 2200 साल पहले राज्य किया था। यहां पर आपको बहुत सारी मूर्तियाँ देखने मिलती हैं।
बड़ा गणेश मंदिर उज्जैन - Bada ganesh mandir ujjain
बड़ा गणेश मंदिर उज्जैन का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर के बहुत करीब है। आप यहां पर पैदल ही घूमने के लिए आ सकते हैं। आपका जब भी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर आने का प्लान बनता है, तो आप बड़े गणेश मंदिर भी घूम सकते हैं। बड़े गणेश मंदिर में आपको गणेश जी की एक बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। इस कारण इस मंदिर को बड़े गणेश जी के मंदिर के जाना जाता है। यहां पर आपको हनुमान जी की पंचमुखी प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यह दुनिया की गणेश जी की एकमात्र प्रतिमा हैए जो आपको यहीं पर देखने मिलेगी और कहीं पर नहीं।
हरसिद्धि मंदिर उज्जैन - Harsiddhi mandir ujjain
हरसिद्धि माता का मंदिर उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ पर माता सती के मृत शरीर की दाहिने हाथ की कोहनी गिरी थी। हरसिद्धि माता उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी थी। हरसिद्धि माता का मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। आप यहां पर पैदल भी जा सकते हैं। हरसिद्धि मंदिर रुद्र सागर झील के पास स्थित है। कहा जाता है कि भगवान शिव के कहने पर देवी पार्वती ने दो राक्षसों को मारने के लिए हरसिद्धि का रूप धारण किया था। हरसिद्धि मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और मंदिर परिसर में आपको दो बड़े दीपक के स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं, जिसमें तेल डालकर दीया जलाया जाता है। यह स्तंभ बहुत ऊंचे हैं और बहुत ही आकर्षक लगते हैं। दोनों दीपक स्तंभों में लगभग 1 हजार 11 दीपक हैं। लोगों का कहना है कि इन दीप स्तंभों की स्थापना उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने की थी। राजा विक्रमादित्य हर बारह साल में एक बार माता हरसिद्धि को अपना सिर माँ के चरणों में अर्पित किया करते थे। लेकिन माँ की कृपा से उनका सिर वापस आ जाता था। जब उन्होंने बारहवें समय के लिए अपना सिर अर्पित किया, तो वे वापस नहीं आए और उनका जीवन समाप्त हो गया।
गोपाल मंदिर उज्जैन - Gopal mandir ujjain
श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर उज्जैन के मुख्य बाजार में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। आप जब भी उज्जैन आते हैं, तो इस मंदिर में आकर श्री कृष्ण भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर खूबसूरत और प्राचीन है। यह मंदिर मराठा वास्तुकला में बना है। इस मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में महाराजा माधव राज सिंधिया और बाईचा बाई सिंदे द्वारा बनाया गया था। मंदिर में जन्माष्टमी और हरिहर मिलन के समय बहुत ज्यादा भीड़ लगती हैं। यहां पर बहुत ज्यादा संख्या में लोग एकत्र होते हैं।
काल भैरव मंदिर उज्जैन - Kaal bhairav mandir ujjain
श्री काल भैरव मंदिर उज्जैन शहर में स्थित एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में आप भक्तों के द्वारा भगवान श्री काल भैरव को प्रसाद के रूप में शराब का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जो एक अनोखा रिवाज है। यहां पर जो भी भक्त आते हैं। वह सभी भगवान काल भैरव को शराब का प्रसाद चढ़ाते हैं। यहां पर काल भैरव भगवान जी कुछ ही समय में शराब की बोतल खाली कर देते है। यह मंदिर उज्जैन शहर में शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर में आसानी से पहुंचा जा सकता है। श्री काल भैरव को उज्जैन के संरक्षक या कोतवाल के रूप में जाना जाता है। यहां पर रोजाना सैकड़ों भक्त आते हैं। इस मंदिर के आसपास बहुत सारे लोगो आपको शराब बेचते हुए देखने के लिए मिल जाते हैं। पुराने समय में इस मंदिर का उपयोग केवल तांत्रिक साधनाओं के लिए किया जाता था। लेकिन अब इस मंदिर में भगवान काल भैरव के दर्शन करने के लिए सभी लोग आते हैं।
चामुंडा माता मंदिर उज्जैन - Chamunda mata ujjain
चामुंडा माता का मंदिर उज्जैन शहर का धार्मिक स्थल है। यह मंदिर उज्जैन शहर के मुख्य मार्केट में स्थित है। आप इस मंदिर में आसानी से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर चामुंडा माताजी को समर्पित है। मंदिर में आपको चामुंडा माता की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही अद्भुत लगती है। आपको इस मंदिर में आकर बहुत शांति मिलेगी।
नगर कोट की रानी उज्जैन - Nagar kot ki rani ujjain
नगरकोट की रानी मंदिर उज्जैन में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर उज्जैन शहर का एक प्राचीन मंदिर है। आपको मंदिर पर माता की अद्भुत प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। मंदिर के बाहर आपको एक तालाब भी देखने मिलता है। इस मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत ज्यादा भीड़ लगती है, बहुत ज्यादा संख्या में लोग नवरात्रि के समय यहां पर आते हैं। यहां पर एक गार्डन भी स्थित है।
भूखी माता मंदिर उज्जैन - Bhukhi mata mandir ujjain
भूखी माता का मंदिर उज्जैन शहर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर में नवरात्रि के समय बहुत भीड़ लगती है। इस मंदिर में आकर आपको बहुत अच्छा लगता है और शिप्रा नदी का नजारा भी बहुत अद्भुत होता है। यहां पर भूखी माता और धूमा माता विराजमान है। आपको यहां आकर शांति मिलेगी।
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन - Mangalnath mandir ujjain
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर मंगल दोष के निवारण के लिए जाना जाता है। यहां पर बहुत सारे लोग अपने मंगल दोष के निवारण के लिए आते हैं। यह मंदिर कर्क रेखा में स्थित है। यहां पर आपको शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। इस मंदिर में आपको हनुमान जी के दर्शन करने भी मिल जाते हैं। इस मंदिर से शिप्रा नदी का बहुत ही भव्य नजारा देखने के लिए मिलता है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यह मंदिर उज्जैन शहर के बहुत करीब है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। मत्स्य पुराण के अनुसार इस स्थान को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है। इस मंदिर में विशेषकर मंगलवार के दिन बहुत सारे लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
मंचामन गणेश मंदिर उज्जैन - Manchaman ganesh mandir ujjain
मंचामन गणेश मंदिर उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि इस मंदिर की स्थापना श्री राम और माता सीता ने वनवास काल के समय की थी। इस मंदिर में आकर आप गणेश जी की भव्य प्रतिमा देख सकते हैं। मंदिर के पास आपको एक बावली भी देखने के लिए मिलती है और पुराने समय के मंदिर के ढांचे भी देखने के लिए मिलते हैं। यहां आकर आपको अच्छा लगेगा।
चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन - chintaman ganesh ujjain
चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में गणेश जी को चिंतामन के नाम से जाना जाता है, अर्थात सारी चिंता को हरने वाले माना जाता है। यह मंदिर उज्जैन शहर के बाहर स्थित है। यह मंदिर उज्जैन शहर से करीब 10 किलोमीटर दूरी पर होगा। आप इस मंदिर तक आप अपने वाहन से आ सकते हैं। मंदिर में आपको गणेश जी की भव्य प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर में लोग भगवान गणेश जी के दर्शन करने आते हैं और जो भी अपना नया काम शुरू करते हैं। उस काम के लिए गणेश जी का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। चाहे विवाह का काम हो या नया सामान लेना हो। यह भगवान गणेश का ऐतिहासिक मंदिर हैं। मंदिर में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं उपलब्ध है। मंदिर के बाहर आपको बहुत सारी प्रसाद की दुकानें देखने के लिए मिलती है, जहां से आप मंदिर के लिए प्रसाद और फूल वगैरा ले सकते हैं। मंदिर में गणेश जी की मूर्ति विद्यमान है और गणेश जी के आजू - बाजू में रिद्धि और सिद्धि माता की मूर्ति विद्यमान है। मंदिर में एक बबली भी हैए जिसे लक्ष्मण बबली के नाम से जाना जाता है। यह प्राचीन बावड़ी है, आप इसे भी देख सकते हैं।
चारधाम मंदिर उज्जैन - Chardham mandir ujjain
श्री चारधाम मंदिर उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हरसिध्दि मंदिर के समीप है। यहां पर आपको भारत के चार धाम जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम, द्वारका, बद्रीनाथ की प्रतिकृति देखने के लिए मिलती है। भारत में चार धाम बहुत प्रसिद्ध है और इन धामों के दर्शन करने से लोगों को मुक्ति प्राप्त होती है। यहां पर आपको बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर धार्मिक चित्रण मूर्तियों के द्वारा किया गया है, जो बहुत ही आकर्षण लगता है। यहां पर कृष्ण भगवान की लीलाओं को दर्शाया गया है। विष्णु भगवान को नाग सैया में दिखाया गया है। ऋषि-मुनियों को तपस्या करते हुए दिखाया गया है। बालाजी भगवान की मूर्ति स्थापित की गई है। शंकर भगवान जी की मूर्ति स्थापित की गई है। यहां पर कृष्ण भगवान जी को गोवर्धन पर्वत उठाए हुए भी दिखाया गया है। यहां पर वैष्णो माता की गुफा भी बनाई गई है और उसके अंदर वैष्णो माता की स्थापना की गई है। आप यहां पर आकर वैष्णो माता के दर्शन कर सकते हैं।
प्रशांति धाम उज्जैन - Prashanti Dham Ujjain
प्रशांति धाम उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर उज्जैन इंदौर हाईवे रोड में स्थित है। आपको इस मंदिर में आकर बहुत शांति मिलेगी, क्योंकि यहां के चारों तरफ का वातावरण हरियाली से भरपूर है और पूरी तरह नेचुरल है। यह मंदिर साईं बाबा को समर्पित है। आप यहां पर आकर साईं बाबा के दर्शन कर लेते हो। यहां पर आप शिप्रा नदी का बहुत ही सुंदर नजारा देख सकते हैं। यहां पर प्रशांति घाट है, जहां पर बैठकर आप शिप्रा नदी को देख सकते हैं। यहां पर आकर आपको लगेगा कि आप शिर्डी के साईं बाबा के मंदिर आ गए हैं। यहां पर आपके रुकने और खाने की व्यवस्था भी रहती है।
इस्कॉन मंदिर उज्जैन - ISKCON Mandir Ujjain
इस्कॉन मंदिर उज्जैन का एक धार्मिक मंदिर है। यह मंदिर श्री कृष्ण भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही भव्य है। यह मंदिर सफेद मार्बल से बना हुआ है। इस मंदिर के सामने हरा भरा बगीचा लगा हुआ है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर श्री कृष्ण के भजन चलते रहते हैं, जो बहुत ही शांति देते हैं। यहां पर आपको श्री कृष्ण और राधा जी की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर आपको श्री कृष्ण, बलराम, बलभद्र, सुभद्रा और नरसिंह देव जी की प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती हैं। यह इस्कॉन मंदिर उज्जैन के नानाखेड़ा बस स्टैंड के पास स्थित है। यहां पर आप आसानी से आ सकते हैं। कृष्ण के भक्तों के लिए इस्कॉन मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान है। उज्जैन शहर में सुदामा, बलराम, और कृष्ण भगवान जी के साथ ऋषि संदीपनी के आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी। मंदिर में एक गौशाला भी है और श्रद्धालुओं के लिए आवास उपलब्ध है। यहां पर प्रसाद की भी व्यवस्था है।
नवग्रह शनि मंदिर उज्जैन - Navgrah mandir ujjain
नवग्रह मंदिर उज्जैन में स्थित एक धार्मिक स्थल है। नवग्रह मंदिर उज्जैन शहर में त्रिवेणी संगम के पास स्थित है। यह मंदिर उज्जैन शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर उज्जैन इंदौर मार्ग पर स्थित है। मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इस मंदिर में नौ ग्रहों की पूजा की जाती है। इस मंदिर में प्रत्येक 9 ग्रहों के लिए अलग-अलग मंदिर हैं और प्रत्येक ग्रह पिंडी के रूप में विराजमान है। ये ग्रह हैं सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। यहां पर शिप्रा नदी का संगम बहुत ही मनमोहक लगता है। यह मंदिर शनि भगवान जी को भी समर्पित है। यहां पर शनि भगवान जी की प्रतिमा भी आपको देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको हनुमान जी की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर राजा विक्रमादित्य के द्वारा बनवाया गया था। शनिवार को यहाँ बहुत भीड़ होती है, क्योंकि शनिवार को सभी लोग शनि महाराज की पूजा करने आते हैं।
त्रिवेणी घाट उज्जैन - Triveni ghat ujjain
त्रिवेणी घाट उज्जैन शहर का एक बहुत सुंदर घाट है। यहां पर तीन नदियों का संगम हुआ है। शिप्रा, गण्डकी और सरस्वती नदी का संगम हुआ है। सरस्वती नदी यहां पर गुप्त है। यहां पर कुंभ का मेला आयोजित होता हैए जो हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है। 2016 यहाँ का आखिरी कुंभमेला था। अब 12 साल बाद लगेगा ।
राम घाट उज्जैन - Ram Ghat Ujjain
राम घाट उज्जैन का एक प्रसिद्ध घाट है। यह शिप्रा नदी पर स्थित है। यह घाट महाकालेश्वर मंदिर के बहुत करीब है। आप यहां पर पैदल भी भ्रमण कर सकते हैं। शिप्रा नदी मध्य प्रदेश की एक प्रमुख नदी है। शिप्रा नदी धार जिले से निकलती हैए और मध्य प्रदेश के कई जिलों से बहते हुए यह चंबल नदी से मिल जाती है और राजस्थान में प्रवेश करती है। आप राम घाट में नहा कर अपने पाप धो सकते हैं। यहाँ पर आप बोटिंग का भी मजा ले सकते हैं। यहां पर बहुत सारे मंदिर हैं, जहां पर जाकर आप को शांति मिलेगी।
सिद्धवट उज्जैन - Siddhavat Ujjain
सिद्धवट उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। सिद्धवट शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यहां पर आपको एक कल्पवृक्ष देखने के लिए मिलता है। इस कल्पवृक्ष की बहुत महिमा है। कहा जाता है कि इस कल्पवृक्ष को स्वयं माता पार्वती ने लगाया था और शंकर जी के पुत्र कार्तिकेय ने इस कल्पवृक्ष के नीचे भोजन किया था। इस कल्पवृक्ष के नीचे राजा विक्रमादित्य ने तपस्या की थी। बेताल को अपने वश में करने के लिए। इस कल्पवृक्ष का वही महत्व है, जो महत्व अक्षय वट का इलाहाबाद में है। इस कल्पवृक्ष के पास बहुत सारी क्रियाकलाप किए जाते हैं। यहां पर पिंडदान किया जाता है। यहां पर तर्पण किया जाता है। संतान प्रापति के लिए पूजा की जाती है। यहां का वातावरण शांत है। आप यहां पर आकर शांति से बैठ सकते हैं। यहां पर आसपास बहुत सारे खाने.पीने के छोटे.छोटे ठेले हैंए जहां पर खाने.पीने का भी लुप्त उठा सकते हैं।
महर्षि सांदीपनी आश्रम उज्जैन - Maharishi Sandipani Ashram Ujjain
महर्षि सांदीपनी आश्रम उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। महर्षि सांदीपनि आश्रम को अंकपात के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस जगह पर श्री कृष्ण भगवान ने अपनी लेखनी को धोया था। इस पवित्र स्थल पर महर्षि सांदीपनि द्वारा श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा को शिक्षा दी गई थी। यहां पर 64 प्रकार की विद्या श्री कृष्ण जी को दी गई थी। यहां पर आपको देखने के लिए बहुत सारी पेंटिंग मिल जाती है, जिनमें अलग-अलग तरह की क्रियाकलाप करते हुए श्री कृष्ण जी को दिखाया गया है। यहां पर एक कुंडली बना हुआ है, जिसे गोमती कुंड कहते हैं। यहां पर शिवलिंग विराजमान है, जिसकी स्थापना द्वापर युग में की गई थी। यहां पर ऋषि सांदीपनी की चरण पादुका भी स्थित हैं, जिसके दर्शन आप कर सकते हैं। यहां पर आकर आपको शांति मिलेगी।
यमराज मंदिर उज्जैन - Yamraj mandir ujjain
यमराज मंदिर भारत में एकलौता मंदिर है, जो उज्जैन शहर में स्थित है। इस मंदिर में यमराज की प्रतिमा स्थित है। यमराज को मृत्यु का देवता कहा जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में दीपक जलाने से आपकी अकाल मृत्यु टाली जा सकती है। यह मंदिर दुर्गादास की छतरी के पास स्थित है। आप इस मंदिर में आसानी से आ सकते हैं।
गढ़कालिका माता मंदिर उज्जैन - Gadkalika mandir ujjain
श्री गढ़कालिका का मंदिर उज्जैन शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ उज्जैन शहर का धार्मिक स्थल है। यह मंदिर काली माता को समर्पित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां पर माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर उज्जैन के पास स्थित है। लोगो के अनुसार गढ़ कालिका देवी महाकवि कालिदास की इष्ट देवी मानी जाती है। महाकवि कालिदास पहले एक मूर्ख व्यक्ति थे। मगर गढ़ कालिका देवी जी के शरण में आने से वह महाकवि बन गए और उन्होंने अभिज्ञान शकुंतलम और मेघदूत की रचना की। इसके अलावा वहां विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे। इस मंदिर का इतिहास बहुत लंबा है। यह मंदिर 2000 वर्ष से अधिक पुराना है। यह मंदिर बहुत ही भव्य तरीके से बना हुआ है और आप यहां आकर गढ़कालिका जी के दर्शन कर सकती हैं। आपको यहां आकर सकारात्मक मिलेगी।
गेबी हनुमान मंदिर उज्जैन - Gebi hanuman mandir ujjain
गेबी हनुमान मंदिर उज्जैन शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन के मुख्य बाजार में स्थित है। इस मंदिर में आसानी से आ सकते हैं। यह मंदिर द्वारकाधीश गोपाल कृष्ण मंदिर के पास स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी का बाल रूप विद्यमान है। इस मंदिर में आकर्षण का केंद्र है। यहां पर होने वाली आरती है। आप आरती में शामिल होते हैं, तो आपको यहां पर सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। आपको इस मंदिर में आकर बहुत अच्छा लगेगा।
84 महादेव मंदिर उज्जैन - 84 Mahadev Mandir Ujjain
उज्जैन में महादेव के 84 मंदिर हैं और यह चौरासी मंदिर उज्जैन शहर के अलग-अलग जगह में मौजूद है। सावन सोमवार में इन 84 मंदिरों की परिक्रमा की जाती है। यह सभी मंदिर प्राचीन है और इन सभी मंदिरों में दर्शन करने से अलग-अलग मन्नते पूरी होती हैं। इन मंदिरों में स्थित शिवलिंग के दर्शन करने से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं। इनमें से कुछ महादेव मंदिर के बारे में जानकारी दी जा रही है।
अंगारेश्वर महादेव उज्जैन - Angareshwar Mahadev Ujjain
अंगारेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर मंगलनाथ मंदिर के बहुत करीब है। आप इस मंदिर में भी घूमने के लिए आ सकते हैं। यह मंदिर भी कर्क रेखा में स्थित है। इस मंदिर में भी मंगल दोष के निवारण के लिए पूजा की जाती है। यहां पर आपको गौशाला देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। शिप्रा नदी का बहुत ही अद्भुत नजारा यहां पर आपको देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर और प्राचीन है।
ऋणमूक्तेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन - Rinmukteshwar mahadev mandir ujjain
ऋण मुक्तेश्वर मंदिर उज्जैन शहर का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर पर आकर प्रार्थना करने से और पीली पूजा करने से आपको ऋण से मुक्ति मिलती है, अर्थात कर्ज से मुक्ति मिलती है। आप पर किसी भी तरह का कर्ज रहता है, उससे आप मुक्ति पा सकते हैं। इस मंदिर में राजा हरिश्चंद्र ने तपस्या की थी, जिसके बाद शंकर जी ने उन्हें वरदान दिया था, कि जो भी इस मंदिर में आकर पीली पूजा करवाएगा। उसे अपने कर्ज से मुक्ति मिलेगी। आपको यहां पर एक बरगद का पेड़ देखने के लिए मिलता है। आप इस मंदिर में आकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं।
कुंडेश्वर महादेव मंदिर - Kundeshwar mahadev mandir ujjain
कुंडेश्वर महादेव मंदिर सांदीपनी आश्रम के बहुत करीब स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि श्री कृष्ण भगवान जी गोमती कुंड से जल लाकर शिव भगवान पर अर्पण किया करते थे और उनके सामने अपनी विद्या का अभ्यास किया करते थे। यहां पर आपको एक शिवलिंग देखने के लिए मिलता है और मंदिर की दीवारों पर पत्थर की प्रतिमाएं बनाई गई है। इसके अलावा मंदिर के बाहर आपको पत्थर का एक प्राचीन नंदी भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। इस मंदिर को गुरुकुल विद्या स्थली के रूप में भी जाना जाता है।
मारकंडेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन - Markundeshwar mahadev mandir ujjain
मारकंडेश्वर मंदिर उज्जैन शहर में विष्णु तालाब के पास स्थित है। यहां पर शिव भगवान जी का पत्थर का शिवलिंग विराजमान है। यह शिवलिंग बहुत प्राचीन है और आपको यहां पर आकर सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।
सर्वेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन - sarveshwar mahadev mandir ujjain
सर्वेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन शहर में संदीपनी आश्रम के पास स्थित है। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की स्थापना महर्षि संदीपनी ने की थी। यह शिवलिंग एक अनोखा शिवलिंग है। इसकी जलाधारी में शेषनाग के दर्शन होते हैं। आप यहां पर आते हैं, तो आपको पत्थर का एक शिवलिंग देखने के लिए मिलता है और मंदिर के बाहर नंदी भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
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