शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क इलाहाबाद (प्रयागराज ) - Shaheed Chandrashekhar Azad Park Allahabad (Prayagraj), | अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद (प्रयागराज ) - Alfred Park Allahabad (Prayagraj) , | कंपनी बाग इलाहाबाद (प्रयागराज ) - Company Bagh Allahabad (Prayagraj)
अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क को अल्फ्रेड पार्क और कंपनी बाग के नाम से भी जाना जाता है। शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रयागराज शहर का बहुत ही प्रसिद्ध पार्क है। यह पार्क बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पार्क में बहुत सारी जगह है, जहां पर आप घूम सकते हैं और उस जगह को देख सकते हैं।
शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क की विशेषता यह है, कि यहां पर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जी की जान गई थी। यहां पर अंग्रेजो के द्वारा उनको घेर लिया गया था और चंद्रशेखर आजाद जिंदा अंग्रेजों के हाथ में नहीं आना चाहते थे और उन्होंने अपने आपको यहां पर गोली मार दी थी। इसलिए यह पार्क बहुत फेमस है और यहां पर जो भी आते हैं। वह चंद्रशेखर आजाद जी की मूर्ति को और उस जगह को देखने के लिए जरूर जाते हैं। चंद्रशेखर आजाद पार्क में आपको बहुत सारी जगह मिलती है, जहां पर आप घूम सकते हैं और इन जगहों को देख सकते हैं। चंद्रशेखर आजाद पार्क में करीब आपको डेढ़ से 2 घंटा घूमने में लग जाएगा।
हम लोग भी चंद्रशेखर आजाद पार्क घूमने गए थे। हम लोग चंद्रशेखर आजाद पार्क के गेट नंबर 1 से प्रवेश किए थे। हम लोग 26 जनवरी के दिन गए थे, तो हम लोगों को यहां पर एंट्री चार्ज नहीं लगा था। हम लोग यहां पर जैसे ही इंटर किए। हम लोग तिराहा देखने के लिए मिला। यहां पर सड़कें मिल रही थी, जो अलग-अलग दिशाओ में जा रही थी। हम लोग ने सीधा रास्ता पकड़ा और आगे बढ़े। हम लोगों को यहां एक राफेल दिखाई दिया, जो बहुत ही आकर्षक दिख रहा था। उसके बाद हम लोग थोड़ा आगे बढ़े, तो हमें यहां पर जिम करने के लिए मशीनें दिखाई दे रही थी और बच्चों के लिए झूले लगे थे। इसी के साथ हमारे सीधे हाथ तरफ हमें नक्षत्र वाटिका दिखाई दी। नक्षत्र वाटिका में हम लोगों को बहुत सारे आयुर्वेदिक पौधे देखने के लिए मिले। इनमें से कुछ पौधे मुझे याद है, जैसे यहां पर आंवला लगा हुआ था। बेल लगा हुआ था और पीपल का पेड़ भी यहां पर लगा हुआ था और भी आयुर्वेदिक पौधे यहां पर लगे हुए थे। यह सारे पौधे गोल आकृति में लगाए गए थे और बहुत खूबसूरत लग रहे थे। इसके बाद हम लोग आगे बढ़े, तो हमें यहां पर एक और जगह देखने मिली, जो गोल आकृति में थी और बहुत खूबसूरत लग रही थी। इस जगह को गोलपार्क कहते हैं और इस जगह के बीच में आपको फव्वारा भी देखने के लिए मिलता है। रात में फव्वारे को चालू किया जाता है, जो रंगीन रोशनीओं के साथ बहुत ही आकर्षक लगता है। इसके थोड़ा आगे हम लोग बढ़े, तो हम लोगों को यहां पर विक्टोरिया मेमोरियल देखने के लिए मिला।
विक्टोरिया मेमोरियल बहुत ही खूबसूरत और प्राचीन स्मारक है। विक्टोरिया मेमोरियल सफेद संगमरमर से बना हुआ है और बहुत ही आकर्षक लगता है। हम लोग 26 जनवरी के दिन गए हुए थे, तो यहां पर तिरंगा झंडा भी लगा हुआ था और यहां पर बहुत सारे लोग फोटो क्लिक कर रहे थे। हम लोगों ने भी विक्टोरिया मेमोरियल की फोटो क्लिक करें।
उसके बाद हम लोग गोल पार्क के रास्ते से होते हुए आगे बढ़े, तो हम लोगों को चेतना केंद्र देखने के लिए मिला। चेतना केंद्र बंद था और वहां से रोड गई थी। हम लोग आगे बढ़े, तो हम लोगों को इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी की बिल्डिंग देखने के लिए मिली। मगर हम लोग अंदर नहीं जा सकते थे, क्योंकि हम लोग गलत साइड खड़े हुए थे और 26 जनवरी के दिन इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी भी बंद थी, तो जाने का कोई फायदा भी नहीं था। हम लोग आगे बढ़े तो, यहां पर पौधों को गोल आकृति में काटकर लगाया गया था, जिससे यह बहुत आकर्षक लग रहे थे और यहां गोल आकृति में बस पौधे लगे हुए थे। अंदर जो है, वह फूलों के पौधे लगे हुए थे, जिससे यह बहुत आकर्षक लग रही थी।
यहां पर थोड़ी दूरी पर ही योग के लिए योग स्थल बना था। इस जगह को आजाद योगा आश्रम कहते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग योगा कर रहे थे और वैसे आप आजाद पार्क घूमते हैं, तो आपको यहां पर बहुत सारे लोग योगा करते हुए देखने के लिए मिल जाते हैं। बहुत सारे लोग ग्रुप में योगा करते हैं और बहुत सारे लोग अकेले ही योगा करते हुए आपको देखने के लिए मिलते हैं।
उसके बाद हम लोग आगे बढ़े, तो हमें यहां पर वैजयंती वाटिका देखने के लिए मिली। मगर वैजयंती वाटिका में हमें कुछ खास देखने के लिए नहीं मिला। चंद्रशेखर आजाद पार्क में आपको नर्सरी भी देखने के लिए मिलती है। आप नर्सरी से पौधे भी खरीद सकते हैं। यहां पर आपको फल वाले पौधे मिल जाते हैं। हम लोग यहां पर घूम रहे थे, तो यहां पर रोड के दोनों साइड बेरी के प्लांट लगे थे और उनमे बेरी भी लगी थी। बनारसी बेरी भी उनमें लगी थी। यहां पर हमने चंद्रशेखर आजाद पार्क में काम करने वाले एक स्टाफ से पूछा कि, यहां पर चंद्रशेखर आजाद जी की मूर्ति कहां पर है। उन्होंने हमें गेट नंबर 3 के पास जाने के लिए कहा, हम लोग उसके तरफ जा रहे थे, तो हमें यहां पर एक कॉलेज भी देखने के लिए मिला, यह कॉलेज केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय था, गढ़ नाथ झा परिसर इस कॉलेज का यह नाम था। जो संस्कृत कॉलेज था। आज 26 जनवरी था , तो यह बंद था।
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अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क का एंट्री गेट |
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विक्टोरिया मेमोरियल शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क |
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राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी, शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क |
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वैजयंती वाटिका, शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क |
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चंद्रशेखर आजाद जी ने इस वृक्ष के नीचे अपनी जान दी थी |
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चंद्रशेखर आजाद जी की मूर्ति |
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चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित राफेल |
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चंद्रशेखर आजाद पार्क की नक्षत्र वाटिका |
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चंद्रशेखर आजाद पार्क में योगा करते हुए लोग |
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चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित चेतना केंद्र |
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चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित योगा आश्रम स्थल |
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चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय |
आगे बढ़ते हुए हम लोग अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के स्थल पर पहुंचे हैं, जहां पर हमे शहीद चंद्रशेखर आजाद की एक विशाल मूर्ति देखने मिली। आज 26 जनवरी थी, तो उनकी मूर्ति में बहुत सारे मालाएं चढ़ी हुई थी और बहुत सारे लोग यहां पर सेल्फी ले रहे थे। यहां पर आपको चंद्रशेखर आजाद के बारे में थोड़ी सी जानकारी भी पढ़ने के लिए मिलती है, कि उन्होंने अपनी जान अपने रिवाल्वर से गोली मार कर ली थी, क्योंकि वह अंग्रेजों के हाथ में जीते जी नहीं आना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी जान दी। एक बात और मैंने इंटरनेट से पढ़ा है, कि उन्होंने वस्त्र धारण नहीं किए थे। वह बस धोती पहनते थे। वह अपने देश को आजाद देखना चाहते थे, इसके बाद ही वह वस्त्र धारण करने वाले थे और जो उनका यहां पर मूर्ति लगी है, उसमें भी उन्होंने धोती धारण की है और ऊपर कुछ भी धारण नहीं किया है। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद अपनी मातृभूमि के लिए समर्पित थे और उन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी जान दे दी। यहां पर आपको वह पेड़ भी देखने के लिए मिलता है, जिसके पीछे उन्होंने अपनी जान दी थी। उस पेड़ को चारों तरफ से घेर दिया गया है, ताकि कोई भी उसको नुकसान ना पहुंचाएं और सुंदर पत्थरों से चारों तरफ से उसको सजा दिया गया है। यह जो पेड़ है। वह काफी चौड़ा है। यह पेड़ बहुत विशाल था। यह पेड़ कौन सा था। इसकी हमें कोई जानकारी नहीं थी। चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति के दर्शन करने के बाद हम लोग आगे आए, तो हमें म्यूजियम देखने के लिए मिला। मगर 26 जनवरी के कारण म्यूजियम आज बंद था, तो हम लोग गेट नंबर 3 से बाहर आ गए। चंद्रशेखर आजाद पार्क बहुत बड़ा है और बहुत विशाल है। आपको यहां घूमने में करीब 2 से 3 घंटे लग सकते हैं। अगर आप हर एक चीज देखते हैं, तो ।
यहां पर एक झील भी है। आप वह भी घूम सकते हैं। वैसे वह अभी सूखी हुई थी और शायद उसमें कुछ काम चल रहा था। हम लोग झील घूमने नहीं गए थे। यहां पर चंद्रशेखर आजाद पार्क घूमने का हमारा अनुभव बहुत अच्छा था और आप भी इलाहाबाद जब भी आते हैं, तो आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
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