मंदसौर जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Mandsaur | Mandsaur visiting places | Mandsaur famous places | Picnic spot near Mandsaur
मंदसौर में घूमने की जगह
पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर - Pashupatinath mandir mandsaur
श्री पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर पर स्थित शिवलिंग बहुत प्राचीन है। यह मंदिर अनोखा है, क्योंकि यहां पर आप भगवान शिव जी के 8 मुख देख सकते हैं। इस प्रकार के सिर्फ दो मंदिर है। एक मंदिर नेपाल के काठमांडू शहर में पशुपतिनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और दूसरा मंदिर मध्यप्रदेश में मंदसौर जिले में स्थित है। मंदसौर रेलवे स्टेशन से श्री पशुपतिनाथ मंदिर करीब 3 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर अपने वाहन से या ऑटो से आ सकते हैं। श्री पशुपतिनाथ मंदिर शिवना नदी के किनारे स्थित है। शिवना नदी का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है। आपको इस मंदिर में आकर बहुत शांति मिलेगी। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। श्री पशुपतिनाथ मंदिर के पास आपको अच्छी पार्किंग की व्यवस्था मिलती है। यहां पर आप आसानी से आ सकते हैं। यहां पर सावन सोमवार के समय और महाशिवरात्रि के समय बहुत बड़ी संख्या में लोग पशुपतिनाथ जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर में आपको विष्णु भगवान की अलग-अलग अवतारों की पेंटिंग देखने के लिए मिल जाती है, जो बहुत ही खूबसूरत लगती है। मंदिर में आने का सबसे अच्छा समय सुबह का और शाम का है। आपको इस समय आरती में शामिल होने का भी मौका मिल जाता है।
नालछा माता मंदिर मंदसौर - Nalachha Mata Temple Mandsaur
नालछा माता मंदिर मंदसौर जिले का एक धार्मिक स्थल है। नालछा माता का मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर से करीब 2 से 3 किलोमीटर दूर होगा। नालछा माता मंदिर मंदसौर के पास नालछा गाँव में स्थित है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर के बाद नालछा माता का मंदिर मंदसौर जिले में प्रसिद्ध है। यहां पर आपको नालछा माता के दर्शन करने के लिए मिलते है,ं जो देवी दुर्गा जी का स्वरुप है। आपको यहां पर दो दीपस्तंभ देखने के लिए मिलेंगे, जिसमें दीपक जलाया जाता है, जो बहुत ही भव्य लगते हैं। आप इस मंदिर में नालछा माता के साथ भैरव बाबा की प्रतिमा एक साथ देख सकते हैं, जो आपको यहीं पर देखने के लिए मिलेगी। यहां पर नवरात्रि के समय बहुत सारे लोग नालछा माता जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर गार्डन भी है, जहां पर आप बैठ सकते हैं और बच्चों के मनोरंजन के लिए गार्डन में झूले भी लगे हुए हैं। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
तेलिया तालाब मंदसौर - Teliya Talab Mandsaur
तेलिया तालाब मंदसौर जिले में घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। यह मंदसौर जिले में स्थित एक तालाब है। यह तालाब बहुत खूबसूरत लगता है। आपको यहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त का बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने के लिए मिलेगा। यहां पर एक छोटा सा पार्क भी है, जहां पर अपनी फैमिली और बच्चों के साथ आकर एंजॉय कर सकते हैं। यहां तेलिया तालाब फोटोशूट के लिए अच्छी जगह है। यहां पर आप अपनी अच्छी फोटो क्लिक कर सकते हैं। आप यहां पर अपने दोस्त और फैमिली वालों के साथ आ सकते हैं। यहां पर पक्षियों की आवाज बहुत ही मधुर लगती है। तालाब में मछलियां है। आप यहां पर आकर मछलियों को दाना भी खिला सकते हैं। बरसात के समय तालाब का पानी ओवरफ्लो होता है और यहां पर पानी ओवरफ्लो होकर झरने की तरह बहता है, जो खूबसूरत लगता है। बरसात में आप आकर यह दृश्य देख सकते हैं।
यशोधर्मन संग्रहालय मंदसौर - Yashodharman Museum Mandsaur
यशोधर्मन पुरातत्व संग्रहालय मंदसौर जिले में घूमने वाली एक अच्छी जगह है। आप यहां पर आकर भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जान सकते हैं। इस संग्रहालय में परमार वंश कालीन, मौर्य वंश कालीन एवं होल्कर वंश की मूर्तियां आपको देखने के लिए मिलती हैं। आपको यहां पर प्राचीन मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं, जो पत्थर पर नक्काशी करके बनाई गई हैं। यहां पर पेंटिंग भी आपको देखने के लिए मिलती है। यशोधर्मन पुरातत्व संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है। सरकारी छुट्टी के दिन भी संग्रहालय बंद रहता है। संग्रहालय खुलने का समय 10 बजे से शाम 5 बजे तक है। भारतीय नागरिकों का 10 रू लगता है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यशोधर्मन पुरातत्व संग्रहालय मंदसौर रतलाम हाईवे रोड पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं।
यशोधर्मन विजय स्तम्भ मंदसौर - Yashodharman Vijay Pillar Mandsaur
यशोधर्मन विजय स्तंभ या सोधनी स्तंभ मंदसौर की एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको दो स्तंभ देखने के लिए मिलते हैं, जो राजा यशोधर्मन द्वारा बनाए गए थे। हूणों पर विजय के लिए। आपको यहां पर और भी बहुत सारी पत्थर पर उकेरी गई मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती है, जो प्राचीन समय की है। यह जगह प्राकृतिक वातावरण से भरी है और आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
कोटेश्वर महादेव मंदिर सीतामऊ, मंदसौर - Koteshwar Mahadev Temple Sitamau, Mandsaur
श्री कोटेश्वर मंदिर सीतामऊ मंदसौर जिले में स्थित एक मंदिर है। यह मंदिर खूबसूरत है और सीतामऊ से करीब 4 से 5 किलोमीटर दूर है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर आपको शिवलिंग के दर्शन करने मिलते हैं। यहां पर नदी बहती है, जिस का दृश्य बहुत खूबसूरत होता है। यहां पर नदी छोटा सा झरना बनाती है, जो खूबसूरत लगता है। यहां पर आप आते हैं, तो नदी और चट्टानों का खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां पर आप स्नान भी कर सकते हैं।
श्री मोड़ी माता जी का मंदिर सीतामऊ, मंदसौर - Shri modi mata ji temple sitamau, Mandsaur
मोड़ी माता मंदिर सीतामऊ में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर स्थानीय लोगों में बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर मंदसौर जिले में प्रसिद्ध है। आप यहां पर घूमने आ सकते हैं। यहां पर आपको मोड़ी माता के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यह मंदिर सीतामऊ से करीब 1 किलोमीटर दूर है। आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
धर्मराजेश्वर मंदिर भानपुरा, मंदसौर - Dharmarajeshwar Temple Bhanpura, Mandsaur
धर्मराजेश्वर मंदिर मंदसौर जिले के पास घूमने का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको हिंदू और जैन धर्म के गुफा देखने के लिए मिलते हैं। धर्मराजेश्वर एक ऐतिहासिक स्थल है। इस मंदिर को धर्मनाथ अथवा धर्मराजेश्वर मंदिर कहा जाता है। यह पूर्ण मंदिर एक पहाड़ी को काटकर बनाया गया है। इस मंदिर में आपको गर्भ ग्रह, सभा मंडप तथा अर्थ मंडप देखने मिलता है। इस मंदिर का शिखर उत्तर भारतीय शैली का है। मूल रूप से यह मंदिर विष्णु जी को समर्पित था, जिनकी प्रतिमा गर्भ गृह में विधमान है। बाद में यह शिव मंदिर में परिवर्तित किया गया था। धर्मराजेश्वर मंदिर में आपको विष्णु भगवान जी की प्रतिमा के साथ.साथ शिव भगवान जी का शिवलिंग भी देखने के लिए मिलता है। प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा आपको देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर मंदसौर के भानपुरा के पास स्थित है। आप यहां पर गाड़ी से पहुंच सकते हैं। यह बारिश के मौसम में घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। धर्मराजेश्वर के मंदिर चौथी और पांचवी शताब्दी में बनाए गए थे। यह मंदिर पत्थर पर बनाए गए हैं और पत्थर पर खूबसूरत नक्काशी भी की गई है। यह मंदिर ए एस आई के द्वारा संरक्षित है। इस जगह पर महाशिवरात्रि के समय और सावन सोमवार के समय बहुत सारे लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
छोटा महादेव मंदिर भानपुरा, मंदसौर - Chota Mahadev Temple Bhanpura, Mandsaur
छोटा महादेव मंदिर मंदसौर में भानपुर तहसील में स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर आप आते हैं, तो आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। आपको यहां पर पहाड़ों और चट्टानों का बहुत ही अद्भुत दृश्य देखने के लिए मिलता है। बरसात के समय यहां पर झरना बहता है, जो चट्टानों के ऊपर से बहता है। झरने के नीचे एक कुंड बना है, जिसमें आप नहा भी सकते हैं। यहां आ कर आपको बहुत मजा आएगा। यहां पर आपको काल भैरव जी का मंदिर और हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय भारी जनसंख्या में लोग आते हैं। आप भी यहां आकर शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। यह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट हैं। यहां पर आपको वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
होलकर छतरी भानपुरा, मंदसौर - Holkar Chhatri Bhanpura, Mandsaur
होलकर छतरी मंदसौर जिले के भानपुर में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। आपको यहां पर आप महाराजा यशवंतराव होलकर की छतरी देखने के लिए मिलती है, जो होलकर राजा की स्मृति स्थल है। यहां पर आपको संग्रहालय देखने के लिए मिलता है और मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप किला एवं गढ़ देख सकते हैं। महाराजा यशवंत राव होल्कर ने अंग्रेजों को भारत देश से बाहर निकालने के लिए भानपुरा में ही तोपों का कारखाना विकसित किया थाए जिसमें उन्होंने 200 तोपों का निर्माण किया था। अंग्रेजों को भारत से निकालने के लिए उन्होंने एक लाख सैनिकों की टुकड़ी तैयार की थी। महाराजा यशवंत राव होलकर की मृत्यु के पश्चात इस स्थल पर छतरी का निर्माण किया गया। छतरी का निर्माण 1814 में शुरू हुआ और 1841 में पूरा हुआ। छतरी का निर्माण उनकी पत्नी तुलसा बाई ने शुरू किया। आपको होलकर छतरी में महाराजा यशवंतराव की प्रतिमा देखने के लिए मिलती हैए जो संगमरमर के पत्थर की बनी हुई है। तोपों के निर्माण का कारखाना कारखाना का भग्नावशेष आपको आज भी भानपुर के निकटवर्ती गांव नवाली और इंद्रगढ़ में देखने के लिए मिल जाएगा।
हिंगलाजगढ़ किला भानपुरा, मंदसौर - Hinglajgarh kila Bhanpura, Mandsaur
हिंगलाज का किला मंदसौर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। हिंगलाजगढ़ किला एक प्राचीन किला है। यह किला घने जंगलों के बीच में स्थित है। यह किला मंदसौर जिले के भानपुर तहसील के नवाली गाँव के पास स्थित है। यह किला अपनी मूर्तिकला और हिंगलाज माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस किले में विभिन्न विधियों की कलात्मक मूर्तियां उपलब्ध हैए जो आप यहां पर आकर देख सकते हैंए जो बहुत ही भव्य है। यह किला जंगलों के बीच में होने से, आपको यहां आकर बहुत अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी। यह किला मंदसौर शहर से 165 किमी और भानपुरा शहर से 26 किमी दूर स्थित है। इस किले में अलग.अलग राजाओं ने राज किया है। यहां पर आपको हिंगलाज माता का मंदिरए राम मंदिर और शिव मंदिर देखने के लिए मिल जाएगाए जो होलकर शासन के दौरान बनाया गया था। इस किले में आपको खंडहर अवस्था में महल के अवशेष देखने के लिए मिल जाएंगे। आप इस किले में अपनी गाड़ी से पहुंच सकते हैं। हिंगलाज किले में खूबसूरत बावली है। आप उसे भी देख सकते हैंए बरसात के समय अगर आप यहां पर आते हैंए तो बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। यहां का दृश्य बहुत ही मनोरम रहता है।
हिंगलाज माता मंदिर भानपुरा, मंदसौर - Hinglaj Mata Temple Bhanpura, Mandsaur
हिंगलाज माता का मंदिर हिंगलाज किले के अंदर स्थित है। हिंगलाज का किला मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील के पास स्थित है। आप इस किले में आसानी से पहुंच सकते हैं। आप अपनी गाड़ी से किले में आ सकते हैं। भारत में हिंगलाज माता का एकमात्र मंदिर पाकिस्तान में स्थित है, जिसे शक्तिपीठ के रूप से जाना जाता है। उसी प्रकार मध्यप्रदेश के मंदसौर में भी हिंगलाज माता का मंदिर स्थित है। यहां पर आप आकर माता के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे बंदर देखने के लिए मिलते हैं और यहां पर नवरात्रि के समय भी लोग दर्शन करने आते हैं। बरसात के समय यहां का मौसम बहुत अच्छा रहता है और आप घूमने के लिए आ सकते हैं।
तक्षेश्वर महादेव मंदिर नवाली भानपुरा, मंदसौर - Taksheshvar mahadev mandir navali bhanapura, mandsaur
तक्षेश्वर ताखाजी मन्दिर मंदसौर जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। यह घने जंगलों के बीच में स्थित है। यह मंदिर नागों के राजा तक्षक को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां पर नागों के राजा तक्षक रहते हैं। यहां पर उन्हें तक्षकेश्वर के रूप में पूजा जाता है। आप यहां पर आते हैं, तो आपको यहां पर प्राकृतिक जल प्रपात देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही खूबसूरत लगता है। यह झरना यहां पर कई स्तरों में बहता है और नीचे कुंड है। कुंड पर आप नहाने का मजा भी ले सकते हैं। कुंड पर आपको बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिलती हैं, जो खूबसूरत लगती हैं। यहां के चारों तरफ का दृश्य बहुत ही लुभावना रहता है। आप यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। आपकी गाड़ी इस स्थान तक आसानी से पहुंच सकती है। यह मन्दिर हिंगलाजगढ़ रोड पर भानपुरा तहसील से 22 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर वैशाख महीने की पूर्णिमा को मेला का आयोजन भी होता है। आप यहां पर बरसात के समय आ सकते हैं। बरसात के समय यहां पर चारों तरफ हरियाली होती है और यहां पर खूबसूरत झरना आपको बरसात के समय देखने के लिए मिलता है। गर्मी के समय झरने में पानी नहीं रहता है। यहां पर आपको बहुत सारे बंदर भी देखने के लिए मिलते हैं। आप बंदरों को यहां पर खाना खिला सकते हैं।
कनकेश्वर छोटा महादेव मंदिर भानपुरा, मंदसौर - Kanakeshwar Chota Mahadev Temple Bhanpura, Mandsaur
कनकेश्वर छोटा महादेव मंदिर मंदसौर जिले में भानपुरा तहसील में स्थित है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच में स्थित है। यहां पर आप आकर शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आ कर आपको अच्छा लगेगा, क्योंकि चारों तरफ का वातावरण हरियाली से घिरा रहता है। यहां पर आपको मंदिर के पास में ही एक जलप्रपात देखने के लिए मिलता है, जो बहुत खूबसूरत लगता है। बरसात के समय में इस जलप्रपात में बहुत सारा पानी रहता है और आप इस जलप्रपात में बहुत इंजॉय कर सकते हैं। इस जलप्रपात को कनकेश्वर जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। आप यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपकी गाड़ी आसानी से पहुंच सकती है।
चतुर्भुज नाला मंदसौर - Chaturbhuj Nala Mandsaur
चतुर्भुज नाला रॉक पेंटिंग मंदसौर में स्थित एक ऐतिहासिक महत्व की जगह है। आपको यहां पर रॉक पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। यह जगह गांधी सागर वन्य जीव अभयारण्य के अंदर स्थित है। आप इस जगह में आसानी से पहुंच सकते हैं। आपको यहां पर नदी देखने के लिए मिलती है और नदी के दोनों तरफ पत्थरों में पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। यह पेंटिंग आदिमानव काल की है और उस समय पर आदिमानव जो भी गतिविधियां करते थे। वह आपको इन पेंटिंग के माध्यम से दर्शाया गया है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां का वातावरण प्राकृतिक है और शांत है।
चतुर्भुजनाथ मंदिर मंदसौर - Chaturbhujnath Temple Mandsaur
चतुर्भुजनाथ मंदिर मंदसौर जिले में गांधी सागर वन्य जीव अभयारण्य के अंदर स्थित एक धार्मिक स्थल है। चतुर्भुज नाथ मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर शंकर जी को समर्पित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और आपको यहां पर आकर बहुत शांति मिलेगी।
गांधी सागर बांध मंदसौर - Gandhi Sagar Dam Mandsaur
गांधी सागर बांध मंदसौर जिले में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह बांध मंदसौर जिले में भानपुरा तहसील के पास स्थित है। आप इस बांध में बरसात के समय घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात के समय बांध में पानी भर जाता है, जिससे बांध के गेट खोले जाते हैं और गेट खुलने पर बांध का नजारा बहुत ही मनोरम होता है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यह बांध चंबल नदी पर बना हुआ है और चंबल नदी गांधी सागर वन्य जीव अभयारण्य को दो भागों में विभाजित करती है। यह जगह बहुत खूबसूरत है। गांधी सागर बांध के पास ही में गार्डन स्थित है, जिसे आप देख सकते हैं। यहां पर आपको एक मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो अद्भुत लगती है । यहां पर वॉच टावर भी हैए जिससे आप आसपास का नजारा भी देख सकते हैं। गांधी सागर बांध में 19 गेट हैंए और जब यह गेट खोले जाते हैंए तो दृश्य बहुत ही अद्भुत होता है। 1954 में बांध का निर्माण प्रारंभ हुआ तथा 1960 में बनकर तैयार हो गया । इस बांध को देखने के लिए आसपास के जिले के लोग बरसात के समय आते हैं। आप भी यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। अपनी फैमिली वालों के साथ और अपने दोस्तों के साथ।
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मंदसौर - Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary Mandsaur
गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण मंदसौर जिले में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आकर आपको जंगली जानवर देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आप नीलगायए हिरणए चीता देख सकते हैं। अगर आप यहां पर बरसात के समय आते हैंए तो यहां पर आपको चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। गांधीसागर वन्य जीव अभ्यारण के अंदर और भी दर्शनीय स्थल हैंए जिन्हें आप देख सकते हैं। आप यहां पर आकर गांधी सागर बांध देख सकते हैं। चतुर्भुज नाला रॉक पेंटिंग देख सकते हैं। चतुर्भुज नाथ मंदिर देख सकते हैं। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।
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