करौली जिले के दर्शनीय स्थल - Top Places to visit in Karauli / करौली जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
करौली राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। करौली राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर है। करौली में आप सड़क माध्यम के द्वारा पहुंच सकते हैं। करौली राजस्थान राज्य में, मध्य प्रदेश की बॉर्डर पर स्थित है। यहां पर पहाड़, नदियां और जंगल देखने के लिए मिलती है। करौली की बॉर्डर चंबल नदी बनाते हुए बहती है। करौली के पास घूमने के लिए रणथंबोर वन्यजीव नेशनल पार्क है। करौली में निकलने वाला लाल पत्थर बहुत प्रसिद्ध है और यह पूरे भारत में सप्लाई किया जाता है। करौली में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - करौली में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
करौली में घूमने की जगह - Karauli mein ghumne ki jagah
सिटी पैलेस करौली - City Palace Karauli
सिटी पैलेस करौली में घूमने वाली एक प्रमुख जगह है। यह करौली जिले के बीचोबीच बना हुआ है। यह महल बहुत ही आकर्षक है। इस महल के अंदर बहुत सारे महल बने हुए हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं। इस महल की दीवारों और छतों में सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको बहुत सारा पुराना सामान भी देखने के लिए मिलता है। इस महल में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। इस महल का निर्माण 14वीं शताब्दी में अर्जुनपाल के द्वारा करवाया गया था। इस महल का प्रवेश द्वार बहुत ही भव्य है। आप यहां पर घूम सकते हैं और इस महल की प्राचीनता को देख सकते हैं। महल के बाहर गार्डन भी बना हुआ है।
इस महल के सुंदर झरोखे, जाली, भित्ति चित्र सभी कुछ देखने लायक है। लाल बलुआ पत्थरों के साथ सफेद पत्थरों का भी प्रयोग यहां पर किया गया है। इस महल के ऊपर से आपको पूरे करौली शहर का दृश्य देखने के लिए मिलता है।
श्री मदन मोहन जी का मंदिर करौली - Shri Madan Mohan Temple Karauli
श्री मदन मोहन जी का मंदिर करौली का एक मुख्य मंदिर है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर करौली शहर के बीचो बीच बना हुआ है। यह मंदिर सिटी पैलेस के पास में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजा गोपाल सिंह के द्वारा किया गया था। कहा जाता है, कि कृष्ण जी ने राजा गोपाल सिंह के सपनों में आकर इस मंदिर को बनाने का एवं वृंदावन से मदन मोहन जी की मूर्ति लाने के लिए कहा था। यह मंदिर बहुत सुंदरता से बना हुआ है।
मंदिर का गर्भगृह बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में राधा और कृष्ण जी की मूर्तियों के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर का निर्माण करौली के पत्थरों से किया गया है। यहां पर सफेद मार्बल का भी इस्तेमाल किया गया है। यहां पर कृष्ण जन्माष्टमी के समय, राधा अष्टमी, गोपाष्टमी के समय बहुत सारे लोग आकर उत्सव मनाते हैं। यह मंदिर करौली के लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर करौली शहर के बीचो बीच बना हुआ है। इसलिए इस मंदिर में आप बाइक से आएंगे, तो अच्छा रहेगा। इस मंदिर में कार से आने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि इस मंदिर में आने के लिए, जो गलियां है। वह बहुत ही तंग है। आपको यहां पर आकर बहुत शांति मिलेगी।
गोपाल सिंह जी की छतरी करौली - Gopal Singh Chhatri Karauli
गोपाल सिंह जी की छतरी करौली शहर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। गोपाल सिंह की छतरी करौली जिले में उटंगन नदी के किनारे बनी हुई है। यह छतरियां बहुत ही सुंदर है। यह छतरियां एक ऊंचे चबूतरे पर बनी हुई है। छतरियां के अंदरूनी भाग पर आपको सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह छतरियां महाराजा गोपाल सिंह जी को समर्पित है। यहां पर आपको मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आ पर आकर इन छतरियों को देख सकते हैं। इसके आसपास आपको और भी प्राचीन निर्माण देखने के लिए मिलते हैं, जहां पर आप जाकर घूम सकते हैं।
रंगवा तालाब करौली - Rangwa Talab Karauli
रंगवा तालाब करौली का टूरिस्ट प्लेस है। यह तालाब करौली मुख्य शहर के बाहर स्थित है। यह तालाब बहुत सुंदर है। यह तालाब बहुत बड़ा और गहरा है। यहां पर तालाब के किनारे प्राचीन स्मारक बनी हुई है, जो बहुत सुंदर है। तालाब में नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। आप तालाब के किनारे बैठकर तालाब के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। तालाब में बहुत सारे लोग नहाते भी है। आप यहां पर आकर अच्छा समय बिता सकते हैं। तालाब में आपको बहुत सारी मछलियां भी देखने के लिए मिलती है।
अंजनी माता मंदिर करौली - Anjani Mata Temple Karauli
अंजनी माता मंदिर करौली में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर करौली जिले के पास एक ऊंची पहाड़ी पर बनी हुई है। मंदिर से पांचना डैम का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर माता अंजनी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर आपको अंजनी माता के आंचल से दुग्ध पान करते हुए बाल हनुमान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है साथ ही साथ यहां पर पांचना बांध का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर चारों तरफ पहाड़ियों का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है और पांचना डैम का दृश्य देखा जा सकता है।
यह मंदिर करौली से करीब 2 किलोमीटर दूर है। यहां पर आकर बहुत शांति मिलती है। यह जगह हरियाली से भी घिरी हुई है। आप यहां पर आ कर अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। इस मंदिर में शनिवार के दिन बहुत सारे भक्त हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आकर शारीरिक रोग भी दूर होते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर आकर शांति मिलती है।
पांचना बांध करौली - Panchna Dam Karauli
पांचना बांध करौली का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह बांध करौली शहर के पास में स्थित है। यह बांध बहुत सुंदर है। यह बांध उटंगन नदी पर बना हुआ है। यह बांध चारों तरफ से जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर आकर आप अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे स्थानीय पक्षी देखने के लिए मिलते हैं।
पांचना बांध मिट्टी से बना हुआ राजस्थान का पहला बांध है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस बांध में बहुत सारी मछलियां देखने के लिए मिलती है। यह बांध करौली जिले से करीब 3 किलोमीटर दूर भरतपुर मार्ग पर स्थित है। यहां पर आप प्रकृति का लुफ्त उठाने के लिए आ सकते हैं। बरसात के मौसम में यहां का बहुत ही मनोरम दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह करौली का पिकनिक स्पॉट है। आप यहां आकर एन्जॉय कर सकते है।
मामाचारी बांध करौली - Mamachari Dam Karauli
मामचारी बांध करौली का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। मामचारी बांध करौली से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह बांध बहुत ही सुंदर है। बांध के चारों तरफ पहाड़ियों का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह बांध बरसात के समय बहुत ही आकर्षक लगता है, क्योंकि बरसात के समय बांध ओवरफ्लो होकर बहता है, तो ऐसा लगता है, कि कोई झरना बह रहा हो। यहां पर बहुत सारे लोग स्नान का मजा लेते हैं। आप भी यहां पर आकर पिकनिक मना सकते हैं। आपको यहां पर बहुत मजा आएगा।
कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य करौली - Kailadevi Wildlife Sanctuary Karauli
कैलादेवी वन्यजीव अभ्यारण्य करौली जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थान है। इस अभ्यारण को कैलादेवी वन्य जीव अभ्यारण के नाम से जाना जाता है, क्युकि इस अभ्यारण के अंदर कैलादेवी का मंदिर है। यह अभ्यारण बहुत सुंदर है। इस अभ्यारण में आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको घना जंगल, ऊंचे ऊंचे पहाड़, नदियां और झरने देखने के लिए मिलते हैं। इस अभ्यारण के एक ओर चंबल नदी बहती है और एक तरफ बानस नदी बहती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। इस अभ्यारण में आकर अच्छा लगता है।
कैला देवी मंदिर करौली - Kaila Devi Temple Karauli
कैला देवी मंदिर करौली का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। कैला देवी का एकलौता मंदिर करौली जिले में ही बना हुआ है। यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर करौली जिले में, कैला देवी नाम की जगह पर, कालीसिल नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गंगापुर सिटी है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर रोड माध्यम के द्वारा भी पहुंचा जा सकता है।
कैला देवी मंदिर में आकर, आपको कैला देवी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मुख्य गर्भ गृह में कैला देवी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर कैला देवी की 2 मूर्तियां देखने मिलती है। यहां पर मां चामुंडा देवी और मां कैला देवी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। कहा जाता है, कि यहां पर आकर मां के दर्शन करके, प्रार्थना करने से, जो भी इच्छा आपके मन में होती है। वह जरूर पूरी होती है।
मंदिर के बाहर बहुत सारी प्रसादों की दुकान लगी हुई है, जहां से आप प्रसाद लेकर माता को अर्पित कर सकते हैं। माता का विग्रह बहुत सुंदर है। माता वस्त्र और फूलों से सुसज्जित है। माता के सिर पर चांदी का मुकुट है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर बहुत सारी धर्मशालाएं बनी हुई है, जहां पर आप आकर ठहर सकते हैं। यहां पर खाने-पीने की भी बहुत सारी दुकानें है। नवरात्रि में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है और मन को शांति मिलती है।
कैला देवी का मंदिर करौली जिले से 22 किलोमीटर दूर है। जयपुर से 119 किलोमीटर दूर है। अलवर से 86 किलोमीटर दूर है। आप यहां पर सड़क माध्यम से भी आ सकते हैं। यह करौली जिले में घूमने वाली मुख्य जगह है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी।
प्राचीन कैला देवी मंदिर करौली - Ancient Kaila Devi Temple Karauli
प्राचीन कैला देवी मंदिर करौली जिले का एक प्रमुख मंदिर है। प्राचीन कैला देवी मंदिर, कैलादेवी वन्य जीव अभ्यारण के अंदर स्थित है। इस मंदिर को गुफा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर घने जंगल के बीच में बना हुआ है। यह मंदिर कैला देवी मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर बना हुआ है। आप यहां पर अपनी कार या बाइक से पहुंच सकते हैं। मंदिर में आने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। यहां पर चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है और बीच में माता का मंदिर है।
कैला देवी माता का विग्रह आप यहां पर देख सकते हैं। यहां पर माता के दो विग्रह देखने के लिए मिलते हैं। इस जगह को कैला माता का पहला स्थान माना जाता है। यहां पर आपको गुफा देखने के लिए मिलती है, जिसमें माता की प्रतिमा विराजमान है। यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलेगा। यहां पर आपको जंगली जानवर देखने के लिए मिल सकते हैं। आप यहां पर आकर शांति से अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।
मंडरायल का किला - Mandrayal Fort
मंडरायल का किला करौली का एक प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। मंडरायल मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित एक छोटा सा नगर है। यह किला महाराजा हरबक्श पाल द्वारा बनाया गया था। यह किला करौली से 40 किलोमीटर दूर मंडरायल में स्थित है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। किले तक जाने के लिए सीढ़िया वाला मार्ग उपलब्ध है। यह किला बहुत सुंदर है। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। किले के अंदर बहुत सारे प्राचीन स्मारक है, जो देखने लायक है।
मंडरायल किले के अंदर आपको हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलेगा। जिसे किले वाले हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां पर आपको बारादरी, जलाशय, बुर्ज, दीवारें देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। किले से मंडरायल नगर का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है।
टपका की खोह करौली - Tapka ki khoh karauli
टपका की खोह करौली का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। टपका की खोह में आपको एक सुंदर झरना देखने के लिए मिलता है। यह जगह प्राकृतिक परिवेश से घिरी हुई है। यहां पर बरसात के समय आप आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यहां पर आपको प्राचीन शिव मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर पहाड़ियों का दृश्य जबरदस्त होता है।
यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक परिवेश देखने के लिए मिलेगा। आप यहां पर झरने में स्नान भी कर सकते हैं। यह महादेव भगवान जी का मंदिर बना हुआ है, जहां पर दर्शन किए जा सकते हैं। यह मंडरायल में घूमने के लिए एक मुख्य जगह है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर करौली - Mehandipur Balaji Temple Karauli
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर करौली जिले के पास घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर करौली जिले के टोडाभीम तहसील के पास स्थित है। यह मंदिर टोडाभीम में घूमने के लिए मुख्य जगह है। यह मंदिर बालाजी भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच बना हुआ है। यहां पर मेहंदीपुर बालाजी की प्रतिमा जमीन से निकली है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि जो भी व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों, भूत प्रेत, साया या किसी पिशाच के चुंगल में रहता है, तो वह यहां पर आकर इन सभी नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा पा सकता है। यहां पर प्रतिदिन 2 बजे प्रेतराज सरकार का दरबार लगता है, जिसमें भजन कीर्तन होते हैं और उस भजन कीर्तन में, जो भी व्यक्ति नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित रहता है। वह यहां पर अजीब अजीब हरकतें करने लगता है और उसके अंदर जो भी नकारात्मक शक्तियां रहती है। वह निकल जाती हैं।
यहां पर व्यक्ति ठीक हो जाता है। यहां पर दूर-दूर से लोग आते हैं और मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करते हैं और जो भी प्रेत बाधा से पीड़ित रहते हैं। उनको यहां पर आकर प्रेत बाधा से छुटकारा मिलता है। मंदिर में हमेशा ही भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर बाल हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर के बारे में, यह मान्यता है, कि मंदिर में, जो भी प्रसाद चढ़ाया जाता है। उसे व्यक्ति ना तो घर लेकर जाता है और ना ही खाता है। जो भी व्यक्ति यहां से अपने घर वापस जाता है। वह पीछे मुड़कर नहीं देखता है। नहीं, तो जो साया रहता है। वह दोबारा पीछे लग सकता है।
इस मंदिर में हनुमान जी की, जो मूर्ति है। उनके बारे में, यह भी कहा जाता है, कि मूर्ति के छाती के बीच में एक छेद है, जिसमें से पानी बहता है। मान्यता है, कि इसे बालाजी का पसीना कहा जाता है। यहां पर मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति होती है और शनिवार को बालाजी मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह दोनों हनुमान जी के ही रूप है। मगर मूर्ति अपने आप बदल जाती है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। मेहंदीपुर में घूमने के लिए और भी प्रसिद्ध मंदिर है।
हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा मेहंदीपुर करौली - The tallest statue of Hanuman ji in Mehandipur Karauli
हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा करौली में स्थित है। यहां पर आपको हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा 151 फीट ऊंची है। यह प्रतिमा बहुत ही सुंदर है। यह प्रतिमा आपको दूर से ही देखने के लिए मिल जाती है। इस प्रतिमा में हनुमान जी खड़ी हुई अवस्था में है और अपने सीने को चीर कर राम सीता की मूर्ति को दिखा रहे हैं। आप यहां पर आकर हनुमान जी की प्रतिमा को देख सकते हैं।
गोमती धाम करौली - Gomti Dham Karauli
गोमती धाम करौली का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह मंदिर करौली जिले के हिंडौन सिटी में स्थित है। यह मंदिर करौली के हिंडौन सिटी में घूमने लायक मुख्य जगह है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको शिव भगवान जी, महाकाली जी, गणेश भगवान जी, परशुराम जी, हनुमान जी, काल भैरव जी, पंचमुखी हनुमान जी और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
गोमती धाम मंदिर महान संत श्री श्री 1008 श्री गोमती दास जी महाराज जी का मंदिर है। यहां पर इनकी समाधि स्थित है। यहां पर एक बहुत बड़ा सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है। इस बगीचे का नाम गोमती वाटिका है। इस स्थल पर आने के लिए, सड़क माध्यम उपलब्ध है। यहां पर गुरु पूर्णिमा के समय बहुत सारे लोग यहां आते है। यहां पर आपको श्री गोमती दास महाराज जी की मूर्ति देखने के लिए मिलेगी और उनकी चरण पादुका देखने के लिए मिलती है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा अनुभव मिलेगा। यहां पर आपको एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है। मंदिर के सामने ही एक प्राचीन स्मारक बनी हुई है, जिसे आप देख सकते हैं।
तिमानगढ़ का किला करौली - Timangarh Fort Karauli
तिमानगढ़ का किला करौली जिले का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह किला प्राचीन है। यह किला अब खंडहर में बदल गया है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले के भग्नावशेष इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। आप यहां पर जाकर घूम सकते हैं और इस किले को देख सकते हैं। इस किले में, आपको किले का प्रवेश द्वार और किले की ऊंची ऊंची इमारतें देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है।
इस किले का निर्माण राजा तिमान पाल के द्वारा किया गया था। तिमानगढ़ किले में बहुत सारी मूर्तियां भी है, जो यहां-वहां बिखरी पड़ी हुई हैं। गवर्नमेंट इस किले की देखभाल नहीं कर रही है, जिस से यह किला दिन-ब-दिन नष्ट होते जा रहा है। आप यहां पर आ कर, इस सुंदर किले को देख सकते हैं। बरसात में इस जगह का एक अनोखा ही रूप देखने के लिए मिलता है। चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। किले के पास ही में एक झील है, जो आप देख सकते हैं। यह किला पहाड़ी की छोर पर स्थित है। यहां से आपको चारों तरफ का बहुत ही जबरदस्त नजारा देखने के लिए मिलता है। यह करौली की सबसे अच्छी जगह है।
सागर झील करौली - Sagar Lake Karauli
सागर झील करौली जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। सागर झील करौली जिले के तिमानगढ़ में घूमने लायक जगह है। आप यहां पर आ सकते हैं और इस झील को देख सकते हैं। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है और चारों तरफ पहाड़ियां देखने के लिए मिलती है। झील के किनारे बहुत सारे मंदिर भी बने हुए हैं। इस झील में नहाने का मजा लिया जा सकता है। झील में बहुत सारे कमल के फूल लगे हुए हैं, जो बहुत ही आकर्षक लगते हैं। आप यहां पर आ सकते हैं और इस झील को देख सकते हैं।
महादेव जी मंदिर ध्रुव घटा करौली - Mahadev Ji Temple Dhruva Ghat Karauli
महादेव जी मंदिर ध्रुव घटा करौली जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। यहां पर आप बरसात के समय आएंगे, तो आपको यहां पर झरना देखने के लिए मिलता है। यहां पर शिव भगवान जी का मंदिर बना हुआ है। यहां पर शिव भगवान जी की बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यहां आपको चट्टाने और नदी का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यह जगह करौली जिले में तिमानगढ़ के पास में स्थित है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
नारायणी माता मंदिर गढ़मोरा करौली - Narayani Mata Temple Gadhmora Karauli
नारायणी माता मंदिर करौली शहर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर करौली जिले में गढ़मोरा में स्थित है। गढ़मोरा को नारायणी माता का पीहर माना जाता है। यहां पर नारायणी माता का छोटा सा मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर पहाड़ी की तलहटी पर बना हुआ है। मंदिर के सामने ही एक कुंड देखने के लिए मिलता है। यह कुंड प्राकृतिक है और इससे हमेशा पानी निकलता रहता है। यहां पर लोग आकर स्नान करते हैं और आनंद का अनुभव करते हैं। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यहां पर चारों तरफ का वातावरण प्राकृतिक है।
यहां पर आपको और भी प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर प्राचीन राधा गोपाल जी का मंदिर, नारायण भगवान का मंदिर, हनुमान जी का मंदिर, श्री राधा कृष्ण का मंदिर, भैरव मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर आकर शांति से अपना समय व्यतीत कर सकते हैं।
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