झालावाड़ जिले के दर्शनीय स्थल - Top Places to visit in Jhalawar / झालावाड़ जिले के आसपास घूमने की प्रमुख जगह
झालावाड़ राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। झालावाड़ राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 330 किलोमीटर दूर है। झालावाड़ पहले कोटा स्टेट का हिस्सा हुआ करता था। इस नगर को राजा झाला जालिम ने बसाया था। झालावाड़ राजस्थान राज्य में मध्य प्रदेश की सीमा के पास स्थित है। झालावाड़ में बहुत सारी नदियां बहती है। झालावाड़ में कालीसिंध, आहू, परवान नदियां बहती हैं। झालावाड़ शहर पहाड़ियों और जंगल से घिरा हुआ है। झालावाड़ में आपको प्राचीन मंदिर, महल और प्राकृतिक स्थल देखने के लिए मिल जाते हैं। झालावाड़ पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने में आपको बहुत मजा आएगा। झालावाड़ में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - झालावाड़ में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
झालावाड़ में घूमने की जगह - Jhalawar mein ghumne ki jagah
गढ़ पैलेस झालावाड़ - Garh Palace Jhalawar
गढ़ पैलेस झालावाड़ का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। गढ़ पैलेस झालावाड़ शहर के बीचोंबीच स्थित है। गढ़ पैलेस को झालावाड़ का किला के नाम से भी जाना जाता है। झालावाड़ किले का निर्माण राणा मदन सिंह के द्वारा करवाया गया था। यह महल बहुत सुंदर है। महल की दीवारों में सुंदर चित्र बने हुए हैं। इन चित्रों को आप यहां के अधिकारियों से परमिशन लेकर ही देख सकते हैं।
गढ़ पैलेस में वुमन पैलेस बना हुआ है, जो इसका मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर पैलेस की दीवारों को कांच से सजाया गया है, जिससे यह बहुत ही आकर्षक लगती हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह बहुत अच्छी तरह से मेंटेन करके रखा गया है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह महल राजपूताना वास्तुकला में बना हुआ है। गढ़ पैलेस के बाहर सुंदर गार्डन में बना हुआ है। गढ़ पैलेस चार मंजिला है। आप यहां पर आकर इस महल की भव्यता को देख सकते हैं।
भवानी नाट्यशाला झालावाड़ - Bhavani Natyashala Jhalawar
भवानी नाट्यशाला झालावार का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक प्राचीन स्थल है। भवानी नाट्यशाला गढ़ पैलेस का ही एक हिस्सा है और यह गढ़ पैलेस के पास स्थित है। गढ़ पैलेस झालावाड़ जिले के बीचो-बीच बना हुआ है। आप इस जगह पर पहुंचकर नाट्यशाला देख सकते हैं। नाटशाला का निर्माण 1921 में महाराजा भवानी सिंह के द्वारा किया गया था। उन्होंने नाट्यशाला का निर्माण यूरोपियन यात्रा के दौरान करवाया था। यह पारसी ओपेरा शैली में निर्मित अनोखी नाट्यशाला है। इसकी संरचना बहुत ही अनोखी है और यहां पर बहुत सारे नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन हुआ है।
झालावाड़ संग्रहालय - Jhalawar Museum
झालावाड़ संग्रहालय, झालावाड़ शहर के मध्य में स्थित एक मुख्य स्थल है। यहां पर आपको झालावाड़ शहर के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलेगी। यहां पर बहुत सारी प्राचीन वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको हाथी दांत की बनी छोटी-छोटी डिबिया, खिलौने, मूर्तियां, साइकिल, नंदी प्रतिमा, तलवारें देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर राजा महाराजाओं के द्वारा इस्तेमाल किए गए वस्त्र और देवी देवताओं की बहुत सारी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां मूर्तियों का बहुत बड़ा संग्रह रखा गया है।
झालावाड़ संग्रहालय में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर मात्र 20 रूपए भारतीय व्यक्तियों के लिए लिए जाते हैं और विदेशी व्यक्तियों के लिए अलग चार्ज लिया जाता है। यह संग्रहालय गढ़ पैलेस के पास ही में स्थित है। आप यहां पर आते हैं, तो गढ़ पैलेस, भवानी नाट्यशाला यह सभी जगह भी घूम सकते हैं। यह झालावाड़ में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
श्री पीपा जी महाराज धाम झालावाड़ - Shri Pipa Ji Maharaj Dham Jhalawar
श्री पीपा जी महाराज धाम झालावाड़ का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यहां पर पीपानंदाचार्य जी महाराज का समाधि स्थल देखने के लिए मिलता है। यह जगह पवित्र है। यह जगह झालावाड़ में कालीसिंध और आहू नदियों के संगम स्थल पर स्थित है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं। यहां पर पीपानंदाचार्य जी के बहुत सारे भक्त आते हैं और पीपा महाराज के दर्शन करते हैं और मंदिर की परिक्रमा करते हैं। यह जगह प्राकृतिक रूप से भी सुंदर है। यहां पर दो नदियों का संगम हुआ है। यह जगह झालावाड़ जिले में गागरोन किले की तरफ जाने वाले रास्ते में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इस जगह की खूबसूरती को देख सकते हैं।
श्री पीपा जी मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। इस मंदिर में आपको बहुत सारे देवी देवताओं के भी दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको शिव शंकर जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यह झालावाड़ जिले में मानपुरा में स्थित है।
गागरोन का किला झालावाड़ - Gagron Fort Jhalawar
गागरोन का किला झालावाड़ का एक प्रमुख किला है। यह राजस्थान में घूमने वाला एक प्रमुख स्थल है। यह किला राजस्थान के झालावाड़ जिले से करीब 13 किलोमीटर दूर है। यह किला तीन तरफ से नदियों से घिरा हुआ है। इसलिए इस किले को जलदुर्ग के नाम से जाना जाता है। यहां पर कालीसिंध और आहू नदी का संगम हुआ है। यहां पर नदी का दृश्य देखने लायक रहता है।
गागरोन किले का निर्माण 11वीं शताब्दी में डोडा परमार द्वारा करवाया गया था। यह किला बहुत ही सुंदर लगता है और यह किला बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस किले में व्यूप्वाइंट बना हुआ है, जहां से आप कालीसिंध नदी का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देख सकते हैं। बरसात के मौसम में यह किला और भी ज्यादा आकर्षक हो जाता है और यहां पर कालीसिंध नदी का दृश्य देखने के लिए मिलता है, जो बहुत अद्भुत रहता है।
गागरोन किले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। गागरोन किले के अंदर आपको मदन मोहन मंदिर, नक्कर खाना, जौहर कुंड, द्वारकाधीश मंदिर, बड़ा महल, मधुसूदन मंदिर, शस्त्रागार, बारूद खाना, रामबुर्ज, ध्वज बुर्ज, कटारमल की छतरी, शीश महल, जल संचयन संरचना, गणगौर घाट, अंधेरी बावड़ी, खीजी राजाओं के महल देखने के लिए मिलते हैं। कालीसिंध और आहू नदी के कारण, यहां का भू भाग एक द्वीप की तरह दिखाई देता है।
गागरोन दुर्ग समुद्र तल से 1650 फीट औसत ऊंचाई पर सुदृढ़ चट्टानों पर निर्मित है। यह किला बहुत सारे युद्ध का साक्षी रहा है। यह युद्ध मुगल और मालवा के शासकों और राजपूत राजाओं के मध्य लड़े गए थे। गागरोन किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर भारतीय व्यक्तियों का 50 रूपए लिया जाता है। विदेशी व्यक्तियों का अलग शुल्क लिया जाता है। यह किला 9 बजे से 5 बजे तक ओपन रहता है। आप इस किले में आकर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यह झालावाड़ का एक पिकनिक स्पॉट है और आपको यहां आकर मजा आएगा।
हर्बल गार्डन झालावाड़ - Herbal Garden Jhalawar
हर्बल गार्डन झालावाड़ जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। हर्बल गार्डन झालावाड़ जिले के झालरापाटन कस्बे में घूमने की एक प्रसिद्ध जगह है। हर्बल गार्डन द्वारकाधीश मंदिर के पास, गोमती सागर झील के किनारे में बना हुआ है। इस गार्डन में आपको बहुत सारी हर्बल प्लांट देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर 300 से भी ज्यादा जड़ी बूटियां लगाई गई है। यहां पर दुर्लभ, स्थानीय औषधीय प्रजातियों का संग्रह किया गया है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यह गार्डन बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित किया गया है।
इस हर्बल गार्डन में आपको राशि वाटिका, तीर्थकर वाटिका, फाइकस, नवग्रह वाटिका, पंचवटी, हाइटेक नर्सरी, मंदिर, ब्रिज, द्वारकाधीश, कमल कुंड यह सभी जगह आपको देखने के लिए मिल जाती है। यह जगह बहुत ही मस्त हैं। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
द्वारकाधीश मंदिर झालावाड़ - Dwarkadhish Temple Jhalawar
द्वारकाधीश मंदिर झालावाड़ में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। द्वारकाधीश मंदिर झालावाड़ जिले में झालरापाटन का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। द्वारकाधीश मंदिर गोमती सागर झील के किनारे बना हुआ है। द्वारकाधीश मंदिर बहुत सुंदर है और प्राचीन है। द्वारकाधीश मंदिर के गर्भ गृह में द्वारकाधीश जी के काले पत्थर की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप आकर अपना बहुत अच्छा समय शांति से बिता सकते हैं।
गोमती सागर झील झालरापाटन का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह झील बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील में बोटिंग का मजा भी लिया जा सकता है। इस झील के किनारे घाट बना हुआ है, जहां पर आकर शांति से बैठ जा सकता है। झील में बहुत सारी मछलियां हैं, जिन्हें आप दाना भी डाल सकते हैं। आप यहां पर शाम के समय आएंगे, तो शाम के समय झील का दृश्य बहुत सुंदर रहता है। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह झालरापाटन में घूमने लायक मुख्य जगह है।
साइंस पार्क झालावाड़ - Science Park Jhalawar
साइंस पार्क झालावाड़ का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। साइंस पार्क झालावाड़ जिले के झालरापाटन में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। साइंस पार्क में आपको बहुत सारे साइंस से संबंधित उपकरण देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर सौर ऊर्जा से चलने वाले यंत्र भी लगाए गए हैं। यहां पर आप आकर घूम सकते हैं। यहां पर बच्चों को बहुत मजा आएगा। यह पार्क झालरापाटन में गोमती सागर झील के किनारे बना हुआ है।
पशुपतिनाथ मंदिर झालावाड़ - Pashupatinath Temple Jhalawar
पशुपतिनाथ महादेव मंदिर झालावाड़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर झालावाड़ जिले में झालरापाटन का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर झालरापाटन कस्बे में चंद्रभागा नदी के किनारे बना हुआ है। चंद्रभागा नदी झालरापाटन की एक मुख्य नदी है। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है। झालरापाटन का यह मंदिर भी पशुपति नाथ मंदिर के समान है। इस मंदिर के गर्भ गृह में शिव भगवान जी की अष्ट मुखी शिवलिंग देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। मंदिर के मंडप में नंदी भगवान जी की काले पत्थर से बनी हुई प्रतिमा है। यहां पर आकर आपको नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। नदी में बहुत सारी मछलियां भी है। यहां पर कार्तिक पूर्णिमा में बहुत सारे लोग आते हैं।
यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय भी बहुत सारे लोग आते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर श्री हठीले हनुमान जी का मंदिर है। यह मंदिर भी प्राचीन है और इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
चंद्रभागा मंदिर झालावाड़ - Chandrabhaga Temple Jhalawar
चंद्रभागा मंदिर झालावाड़ का एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर झालावाड़ जिला के झालरापाटन में स्थित है। यह मंदिर चंद्रभागा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में करवाया गया था। इस मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको सहस्त्र लिंग शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। एक बड़े शिवलिंग के ऊपर छोटे-छोटे शिवलिंग बनाए गए हैं, जो बहुत ही अद्भुत लगते हैं।
यहां पर स्तंभों पर आधारित एक सुंदर मंडप देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही जबरदस्त लगता है। स्तंभों में भी सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर आपको गार्डन देखने के लिए मिलता है। यहां पर चंद्रभागा नदी का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है। यहां पर आप घूमने के लिए आएंगे, तो आपको अच्छा लगेगा। यह जगह भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित की गई है। यह झालावाड़ में घूमने वाला मुख्य स्थान है।
आनंद धाम झालरापाटन - Anand Dham Jhalrapatan
आनंद धाम झालरापाटन का एक टूरिस्ट स्पॉट है। आनंद धाम झालरापाटन में नवलखा किले के अंदर स्थित मंदिर है। यह मंदिर बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। यह किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है। आप नवलखा किले की दीवारें देख सकते हैं ,यहां पर बने हुए प्राचीन बुर्ज देख सकते हैं ,इन बुर्ज से खड़े होकर आप झालरापाटन शहर के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर आपको सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है। बरसात के समय यह जगह बहुत सुंदर हो जाती है। किले तक आने के लिए, जो रास्ता है। वह घुमावदार है।
आनंद धाम मंदिर में आपको बहुत सारे भगवान के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको गणेश जी, शिव शंकर जी, मां दुर्गा जी, हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मिल जाते हैं। यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यहां पर चारों तरफ का दृश्य बहुत ही जबरदस्त रहता है। बरसात में यह जगह बहुत सुंदर रहती है। यह किला करीब 200 साल पुराना है। यहां पर आपको एक छोटा सा गार्डन देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है।
सूर्य मंदिर पद्मनाभ मंदिर झालावाड़ - Sun Temple Padmanabha Temple Jhalawar
सूर्य मंदिर पद्मनाभ मंदिर झालावाड़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर झालावाड़ में झालरापाटन में स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर की दीवारों में देवी देवता की बहुत ही आकर्षक नक्काशी बनाई गई है, जो देखने लायक है। मंदिर के गर्भ ग्रह में सूर्य भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर सूर्य भगवान जी के साथ-साथ विष्णु भगवान जी की भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर में 52 बहुत ही सुंदर स्तंभ बनाए गए हैं, जिनमें नक्काशी बहुत जबरदस्त की गई है। यह मंदिर खजुराहो के मंदिर और उड़ीसा के कोणार्क मंदिर के सामान लगता है। यह मंदिर झालरापाटन कस्बे के बीचो बीच बना हुआ है। आप यहां आराम से पहुंच सकते हैं और मंदिर में घूम सकते हैं।
आमझर माताजी मंदिर झालावाड़ - Amjhar Mataji Temple Jhalawar
आमझर माताजी मंदिर झालावाड़ के पास घूमने की मुख्य जगह है। यह मंदिर झालावाड़ के बघेर के पास है। यह मंदिर जंगलों के अंदर स्थित है। यहां पर आपको शिव भगवान जी का मंदिर और आमझर माता जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत ही सुंदर है और बरसात के समय बहुत ही आकर्षक हो जाती है। यहां पर बहुत दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर आपको आकर बहुत अच्छा लगेगा, क्योंकि चारों तरफ यहां पर हरियाली रहती है और बरसात के समय यहां पर बरसाती नाले भी बहते हैं।
भीमसागर बांध झालावाड़ - Bhimsagar Dam Jhalawar
भीम सागर बांध झालावाड़ के पास घूमने के लिए एक मुख्य जगह है। भीम सागर बांध झालावाड़ से करीब 24 किलोमीटर दूर महू बोरदा में स्थित है। यह बांध उजाड़ नदी पर बना हुआ है। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर आपको आकर अच्छा लगेगा। बरसात में आप, यहां आएंगे, तो आपको बांध का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर बरसात के समय बांध के गेट खोले जाते हैं, जिससे यहां का दृश्य और भी ज्यादा सुंदर हो जाता है। आप यहां अपने परिवार वालों के साथ और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यह झालावाड़ का एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट है।
मऊ का महल झालावाड़ - Mau fort Jhalawar
महू का महल झालावाड़ का एक प्राचीन स्थल है। यह महल बहुत सुंदर है। यह महल भीम सागर बांध के पास बना हुआ है। इस महल से बांध का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह महल भीम सागर बांध के पूर्वी किनारे पर स्थित है। मऊ महल की स्थापना गागरोन के प्रसिद्ध खीजी शासक अचलदास के पुत्र धीरज देव द्वारा 15 वी शताब्दी में की गई थी। अब आपको यहां पर इस महल के खंडहर अवशेष ही देखने के लिए मिलते हैं। इस महल की देखरेख सरकार सही से नहीं कर रहीं है, जिससे यह महल धीरे-धीरे नष्ट होते जा रहा है। महल के आसपास बहुत सारे प्राचीन मंदिर और मस्जिद बने हुए हैं, जो आप देख सकते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग बरसात के समय घूमने के लिए आते हैं।
मऊ महल तीन खंडों में विभक्त है। इन भग्नावशेष में विशाल प्रवेश द्वार, देवालय, दरीखाना, महल एवं कचहरी आदि दर्शनीय है। यह भवन भव्य मेहराबों, सुंदर स्तंभों और कलात्मक झरोखों से सुसज्जित है। इस भवन की स्थापत्य कला मुगल एवं राजपूत शैली का मिश्रण है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको यह महल बहुत अच्छा लगेगा। यह झालावाड़ में घूमने की सबसे अच्छी जगह में से एक है।
राता देवी धाम झालावाड़ - Rata Devi Dham Jhalawar
राता देवी धाम झालावाड़ का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर झालावाड़ में, आसनपुर गांव के पास बना हुआ है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर उजाड़ नदी पर बना हुआ बांध देखने के लिए मिलता है। आप इस मंदिर पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आकर माता के दर्शन करने से और मनोकामना मांगने से, मनोकामना जरूर पूरी होती है। यहां पर बहुत दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। माता का गर्भगृह बहुत सुंदर है और कांच से सजा हुआ है। माता का मंदिर सफेद मार्बल से बना हुआ है। आप यहां पर आकर माता के दर्शन कर सकते हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। नवरात्रि में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
प्राचीन दलहनपुर मंदिर के अवशेष झालावाड़ - Ruins of Ancient Dalhanpur Temple Jhalawar
प्राचीन दलहनपुर मंदिर के अवशेष झालावाड़ का एक प्राचीन स्थल है। यह मंदिर घाटोली के निकट स्थित है। यह मंदिर छापी बांध के पास पहाड़ी के ऊपर बने हुए हैं। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिरों के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत बड़े क्षेत्र में फैले हुए हैं। यहां पर आपको एक किला देखने के लिए मिलता है। इस किले के अंदर बहुत सारे मंदिर और कक्ष बनाए गए हैं। इस परिसर में विद्यमान शिलाखंड 12 वीं शताब्दी के हैं। यहां पर आपको बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलेगी। यह मंदिर मुख्य तौर पर शिव भगवान जी को समर्पित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। बरसात में यह जगह बहुत सुंदर रहती है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
केलखोयरा मंदिर झालावाड़ - Kelkhoyra Temple Jhalawar
केलखोयरा मंदिर झालावाड़ का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर झालावाड़ के पास घाटोली में स्थित है। मंदिर के चारों तरफ आपको प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर के अंदर काले पत्थर के बने हुए बहुत बड़े शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको आश्रम भी देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर अच्छा अनुभव कर सकते हैं। यहां पर एक प्राचीन कुंड बना हुआ है। इसके बारे में कहा जाता है, कि उसमें नहाकर सभी प्रकार के त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे बंदर भी देखने के लिए मिल जाते हैं।
यह जगह बरसात में बहुत सुंदर रहती है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां महाशिवरात्रि को और सावन सोमवार में बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। यहां गुरु माखन दास जी महाराज की धूनी देखने मिलती है। यहां पर आपको और भी मंदिर देखने मिलते है। यहां पर हनुमान मंदिर, गणेश जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह जगह प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर है।
काकुनी मंदिर समूह झालावाड़ - Kakuni Temple Group Jhalawar
काकुनी मंदिर समूह झालावाड़ का एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर जैन, वैष्णव और शैव मंदिर समूह बने हुए हैं। यहां पर आपको एक विशाल शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जिसमें और भी बहुत सारे छोटे छोटे शिवलिंग बने हुए हैं। इसे सहस्त्रलिंग शिवलिंग के नाम से जाना जाता है। यहां जो शिवलिंग है। वह 3 फीट ऊंचा और 6 फीट गोलाई वाला एक विशाल शिवलिंग है। यहां गणेश जी की प्रतिमा 15 फीट ऊंची है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है और यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा।
काकुनी मंदिर समूह झालावाड़ के पास परवान नदी के किनारे बने हुए हैं। यहां पर आपको परवान नदी का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। नदी के दूसरी तरफ आपको माता का पुराना मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर नौवीं से बारहवीं शताब्दी के हैं। यह मंदिर पूरी तरह पत्थरों से बने हुए हैं। यहां पर प्राचीन समय में परमार, प्रतिहार एवं चौहान राजाओं का शासन हुआ करता था। यह जगह झालावाड़ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है और आपको यहां पर घूमने के लिए आना चाहिए।
कोलवी की बौद्ध गुफाएं झालावाड़ - Buddhist Caves of Kolvi Jhalawar
कोलवी की बौद्ध गुफाएं झालावाड़ का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर छठवीं और आठवीं शताब्दी की प्राचीन गुफाएं देखने के लिए मिलती है। इन गुफाओं का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं के निवास के लिए करवाया गया था। यहां पर लगभग 50 गुफाएं बनाई गई है। इन गुफाओं का निर्माण हथौड़ी आंचल की लेटराइट पहाड़ियों में किया गया था। इनमें से अधिकतर गुफाएं नष्ट हो चुकी है।
कुछ गुफाएँ अच्छी हालात में है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह जगह मध्य प्रदेश और राजस्थान में घूमने के लिए मुख्य स्थलों में से एक है। यह जगह राजस्थान के कोलवी गांव में है और आप यहां पर अपने वाहन से घूमने के लिए आ सकते हैं।
कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर झालावाड़ - Kayavarneshwar Mahadev Temple Jhalawar
कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर झालावाड़ का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर क्यासरा गांव में स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भ गृह में आप को प्राकृतिक रूप से बने शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। यह मंदिर विशाल पहाड़ों के बीच में बना हुआ है। यहां पर सोमवार के दिन बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय भी यहां पर भीड़ रहती है।
इस मंदिर में एक और अनोखी जगह है। इस मंदिर में आपको प्राचीन पानी के कुंड देखने के लिए मिलते हैं, जिनके बारे में कहा जाता है, कि इन कुंडों में स्नान करने से त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं। यहां पर बहुत से लोग आते हैं और इन कुण्डों में स्नान करते हैं और उनकी त्वचा संबंधी समस्या दूर होती है। इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से भी रहा है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर बरसात के समय बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
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