दौसा जिला के प्रमुख दर्शनीय स्थल - Places to visit in Dausa district / दौसा जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
दौसा राजस्थान का एक मुख्य जिला है। दौसा राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 55 किलोमीटर दूर है। दौसा जिला को देव नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह नगर पूर्व कछवाहा राजपूत राजवंश का मुख्यालय था। यहां पर आपको बहुत सारे प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। दौसा में प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर स्थापित है। दौसा जिले में आप सड़क माध्यम के द्वारा पहुंच सकते हैं। दौसा जिले राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर स्थित है। दौसा जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - दौसा शहर में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
दौसा में घूमने की जगह - Dausa me ghumne ki jagah
नीलकंठ महादेव मंदिर दौसा - Neelkanth Mahadev Temple Dausa
नीलकंठ महादेव मंदिर दौसा शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। देवनगरी के नाम से जाने जाने वाला दौसा शहर में नीलकंठ मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर 300 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर तक आने के लिए पैदल चलकर आना पड़ता है। मंदिर तक आने का सफर बहुत ही एडवेंचरस होता है। यहां पर आकर आप दौसा शहर का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।
यहां पर आपको व्यूप्वाइंट देखने के लिए मिलेगा, जहां से आपको दौसा शहर का दृश्य देखने के लिए मिलता है। शाम के समय यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है। रात के समय दौसा शहर का दृश्य बहुत ही सुंदर रहता है। शाम के समय जब शहर में लाइट जल जाती है। तब ऐसा लगता है, कि तारे टिमटिमा रहे हैं और बहुत सुंदर लगता है।
नीलकंठ महादेव मंदिर बरसात में बहुत सुंदर हो जाती है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत बड़े पत्थर के शिवलिंग रखे गए हैं। यह शिवलिंग प्राचीन है। इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में कच्छवा राज्य वंश के राजा सोढ़ देव ने करवाया था। यह मंदिर नीलगिरी पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर सावन सोमवार में और महाशिवरात्रि में बहुत सारे भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां बरसात में चारों तरफ का वातावरण हरियाली से भरा रहता है और बहुत अच्छा लगता है। यह दौसा में घूमने लायक जगह है।
श्री गिरिराज धरण मंदिर दौसा - Shri Giriraj Dharan Mandir Dausa
श्री गिरिराज धरण मंदिर दौसा शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दौसा शहर में मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण जी गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली से उठाए हुए खड़े हुए है। यह प्रतिमा बहुत सुन्दर है। यहां पर श्री कृष्ण जी की और भी बहुत सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर राधा कृष्ण जी की मूर्ति भी देखने के लिए मिलती है। यह जगह बहुत अच्छी है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं।
श्री गिरिराज धरण मंदिर आगरा जयपुर मुख्य हाईवे सड़क पर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। पूरा मंदिर कलरफुल है। मंदिर की दीवारों में बहुत सारे हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं और पेंटिंग देखने के लिए मिलती हैं। आप इस मंदिर में आसानी से पहुंच सकते हैं।
बांसखोह का किला दौसा - Banskhoh Fort Dausa
बांसखोह का किला दौसा जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह किला बस्सी तहसील के बांसखोह नाम के गांव के पास बना हुआ है। यह किला ऊंची पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। यह किला पहाड़ों के बीच में बना हुआ है। इस किले का डिजाइन बहुत ही सुंदर है। इस किले तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। इस किले में, पहुंच कर आपको चारों तरफ का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। इसके अलावा इस किले का एक प्रकार का खास डिजाइन है। वह आप देख सकते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यह किला मोटी मोटी दीवारों से घिरा हुआ है। किले से चितौरी नगर का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
श्री नई नाथ धाम बांसखोह दौसा - Shree Nai Nath Dham Banskhoh Dausa
श्री नई नाथ धाम मंदिर दौसा जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह दौसा जिले के पास बस्सी तहसील के बांसखोह गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जयपुर आगरा हाईवे सड़क से थोड़ी सी दूरी पर बांसखोह नाम के गांव में स्थित है। यह मंदिर पहाड़ों के बीच में बना हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है, अर्थात यह धरती से स्वयं प्रकट हुआ है।
यहां पर बरसात के समय बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं और शिव भगवान जी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है, कि यहां आकर मनोकामना मांगने से, मनोकामना जरूर पूरी होती है। यह जगह बहुत सुंदर है और आप यहां पर जयपुर और दौसा जिले से घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां आकर अच्छा लगेगा।
चांद बावड़ी आभानेरी दौसा - Chand Baori Abhaneri Dausa
चांद बावड़ी आभानेरी दौसा जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बावड़ी पुरे देश में प्रसिद्ध है। इस बावड़ी का डिजाइन अनोखा है। यह बावड़ी बांदीकुई तहसील के आभानेरी गांव में बनी हुई है। यह बावड़ी प्राचीन है। यह बावड़ी राजस्थान के प्राचीन बावरियों में से एक है। इसका निर्माण निकुंभ राजवंश के राजा चांद ने किया था, जो आठवीं और नौवीं शताब्दी ईस्वी में आभानेरी या प्राचीन आभा नगरी में प्रशासन करते थे। यह बावड़ी 19.5 मीटर गहरी है। इस बावड़ी की योजना वर्गाकार है तथा इसका प्रवेश द्वार उत्तर की ओर है।
बावड़ी में नीचे उतरने के लिए इसमें तीन तरफ से दोहरे सीढ़ियां बनी हुई है, जबकि उत्तरी भाग में स्तंभों पर आधारित एक बहुमंजिला स्मारक बनी हुई है। इसे स्मारक में 2 मण्डप में महिषासुर मर्दिनी और गणेश की सुंदर प्रतिमाएं प्रतिष्ठित है। इस बावड़ी के बारे में कहा जाता है, कि आप जिस सीढ़यों से बावड़ी में नीचे की तरफ जाते हैं। उस सीढ़ियों से दोबारा वापस ऊपर की तरफ नहीं आते हैं। यह सीढ़ियां एक पहेली की तरह रहती है, जिसमें आप उलझ जाते हैं।
चाँद बावड़ी राजस्थान में वर्षा जल संचयन के लिए बनाई गई थी। यह बावड़ी बहुत सुंदर है। यहां पर फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। आप अगर पर्यटक है, तो यहां पर जरूर घूमने आए। आपको यह बावड़ी बहुत अच्छी लगेगी। इस बावड़ी में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। बावड़ी के पास में छोटा सा गार्डन भी बना हुआ है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा। यह दौसा में घूमने वाली सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
हर्षद माता मंदिर दौसा - Harshad Mata Mandir Dausa
हर्षद माता मंदिर दौसा जिले का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर चांद बावड़ी के पास में ही बना हुआ है। यह मंदिर दौसा जिले में बांदीकुई तहसील के आभानेरी गांव में बना हुआ है। आप यहां पर पहुंचकर इस मंदिर को देख सकते हैं। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर के गर्भ गृह में हर्षद माता की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। हर्षद माता, मां हरसिद्धि माता ही है। मगर लोगों के द्वारा हरसिद्धि माता को हर्षद माता कहा जाता है।
हर्षद माता मंदिर बहुत सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर एक ऊंचे चबूतरे को पर बना हुआ है। मंदिर के चारों तरफ मंदिर के अवशेष बिखरे पड़े हुए हैं। मंदिर की दीवारों में सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो मुस्लिम शासकों के द्वारा नष्ट कर दी गई है।
हर्षद माता मंदिर बहुत ही अद्भुत है। इस मंदिर का निर्माण चौहान वंश के राजा चांद द्वारा आठवीं से नौवीं शताब्दी में करवाया गया था, जो तत्कालीन आभा नगरी या आभानेरी के शासक थे। यह मंदिर महामेरू शैली में बनाया गया है। इस मंदिर का द्वार पूर्व मुखी है। मंदिर योजना में पंचरथ गर्भगृह प्रदक्षिणापथ युक्त है, जिसके अग्र भाग में स्तंभों पर आधारित मंडप है। गर्भगृह एवं मंडप गुंबदाकार छतयुक्त है, जिसकी बाहरी दीवार पर भद्र ताखों में हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं उत्कीर्ण है। ऊपरी जगती के चारों ओर ताखों में रखी सुंदर मूर्तियां जीवन के धार्मिक और अलौकिक दृश्य को दर्शाती है, जो कि इस मंदिर की मुख्य विशेषता है। हर्षद माता मंदिर दौसा जिले में घूमने की सबसे अच्छी जगह है। आपको यहां पर जरूर घूमने के लिए आना चाहिए।
झाझीरामपुरा धाम दौसा - Jhajirampura Dham Dausa
झाझी रामपुरा धाम दौसा जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह दौसा जिले का टूरिस्ट स्पॉट है। यह जगह प्राकृतिक है, क्योंकि यह जगह चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस जगह पर आपको एक कुंड देखने के लिए मिलता है, जो प्राकृतिक है। इस कुंड में पहाड़ों से साल भर पानी बहता रहता है। इस कुंड में, जो पानी आता है। वह नेचुरल है और इस कुंड में गर्मी के समय ठंडा पानी बहता है और ठंड के समय गर्म पानी बहता है। यहां पर आपको गोमुख देखने के लिए मिलता है, जिससे यह पानी बहता रहता है।
यहां पर आपको शिव भगवान जी और हनुमान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह जगह बहुत सुंदर है और प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। यहां आकर बहुत अच्छा समय बिताया जा सकता है। यहां पर लोग आकर, इस कुंड में स्नान करते हैं। झाझीरामपुरा धाम दौसा जिले में बांदीकुई तहसील के बसवा गांव के पास स्थित है। आप यहां पर अपनी गाड़ी से आकर घूम सकते हैं। इस मंदिर के पास में आपको जैन मंदिर भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर बना हुआ है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। यह दौसा का एक पिकनिक स्पॉट है। आपको यहां पर मजा आएगा।
भद्रावती पैलेस दौसा - Bhadravati Palace Dausa
भद्रावती पैलेस दौसा जिले में घूमने का एक प्रमुख स्थान है। यह महल दौसा जिले में ग्राम पंचायत भांडारेज में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह किला भांडारेज गांव के बीचो बीच बना हुआ है। यह किला बहुत अच्छा है। यह किला अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। आप इस किले में आकर ठहर सकते हैं और इस किले की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इस किले में आपको पुराना सामान भी देखने के लिए मिलता है।
किले वाले बालाजी मंदिर दौसा - Kile wale Balaji mandir dausa
किले वाले बालाजी मंदिर दौसा जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर दौसा जिले में खान भाकरी में स्थित है। आप यहां पर पहुंचकर इस मंदिर में घूम सकते हैं। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक पहुंचने का, जो रास्ता है। वह सीढ़यों वाला है और आप ट्रैकिंग करके इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इस मंदिर से आपको चारों तरफ का बहुत ही जबरदस्त दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर सूर्यास्त का दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आप को प्राकृतिक रूप से बने बालाजी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर एक जलाशय भी बना हुआ है, जो पूरी तरह प्राकृतिक है। यहां पर शिव भगवान जी का मंदिर भी बना हुआ है। यह जगह बहुत सुंदर है और बरसात के समय यहां का सौंदर्य देखते बनता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दौसा - Mehandipur Balaji Mandir Dausa
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दौसा जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर दौसा जिले में मेहंदीपुर नगर में स्थित है। मेहंदीपुर जयपुर आगरा हाईवे सड़क पर स्थित है। यह जयपुर से करीब 103 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित हैं, जिन्हें बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक बहुत ही अद्भुत स्थल है, क्योंकि यहां पर लोगों के ऊपर से बुरी आत्मा और बुरे साये को दूर किया जाता है।
यहां पर भूत प्रेत या दुष्ट आत्मा से ग्रसित लोग आते हैं, जिनके अंदर से भूत प्रेत और दुष्ट आत्माओं को निकाला जाता है। यहां पर हर रोज 2 बजे भूत राज सरकार की दरबार लगता है, जिसमें भजन कीर्तन किए जाते हैं और यह भजन कीर्तन सुनकर, जो भी व्यक्ति पर भूत प्रेत लगे रहते हैं। वह अजीब अजीब हरकत करने लगते हैं और भूत प्रेत उनके शरीर को छोड़ देते हैं।
यहां पर मंगलवार और शनिवार के दिन बहुत सारे लोग मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आकर लोग, जो भी भगवान जी को प्रसाद चढ़ाते हैं। वह अपने साथ घर पर लेकर नहीं जाते हैं। उनको वह प्रसाद, धागा, जल यहीं पर छोड़ कर जाना पड़ता है। यहां पर आपको हनुमान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में हनुमान जी की, जो प्रतिमा है। वह धरती से स्वयं निकली है। यह प्रतिमा स्वयंभू है। कहा जाता है, कि इस प्रतिमा के छाती पर एक छेद है, जिससे पानी निकलता है, जिसे बालाजी का पसीना कहा जाता है। मंदिर में बहुत सारी चमत्कारिक घटनाएं होती रहती है और अगर आप दौसा शहर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको इस मंदिर में जरूर घूमने के लिए आना चाहिए। यह दौसा जिले के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक है।
मेहंदीपुर बालाजी में श्रद्धालु बहुत दूर-दूर से आते हैं। इसलिए यहां पर ठहरने के लिए बहुत सारी धर्मशाला है और होटल की व्यवस्था है। यहां पर आकर आप आराम से रुक सकते हैं। यहां पर और भी बहुत सारी सुविधाएं भक्तों के लिए की गई है। मेहंदीपुर बालाजी में और भी बहुत सारे धार्मिक स्थल है, जहां पर आप घूम सकते हैं।
माता अंजना देवी जी मंदिर मेहंदीपुर दौसा - Mata Anjana Devi Ji Temple Mehandipur Dausa
माता अंजना देवी मंदिर मेहंदीपुर दौसा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर दौसा जिले के मेहंदीपुर में स्थित है। यह मंदिर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यह मंदिर करीब 1 किलोमीटर दूर स्थित होगा। यह मंदिर हनुमान जी की माता श्री अंजना माता को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में माता अंजना की और हनुमान जी की सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको बहुत सारे देवी देवताओं के स्टैचू भी देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर आपको हनुमान जी, राम जी, लक्ष्मण जी, वानर, हाथी, श्रवण कुमार जी, शिव भगवान जी की पूजा करते हुए राम भगवान जी, देवी सीता जी की और भी बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर है। आप यहां पर आकर बहुत अच्छा अनुभव कर सकते हैं। यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित है, तो आपको यहां से चारों तरफ का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर रास्ते में आपको और भी मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको पंचमुखी हनुमान मंदिर और काली माता मंदिर देखने के लिए मिलता हैं।
151 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति दौसा - 151 Feet High Hanuman Statue Dausa
151 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति मेहंदीपुर में स्थित एक मुख्य घूमने वाली जगह है। यह मंदिर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास ही में बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य सड़क पर बना हुआ है। यहां पर आपको हनुमान जी की 151 फीट ऊंची प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। यह प्रतिमा आपको दूर से ही देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर आपको और भी सुंदर सुंदर हनुमान प्रतिमा देखने के लिए मिलती है।
यहां पर आपको सिरसा राक्षस के सिर को भी दिखाया गया है। जो आप देख सकते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगता है। इसके अलावा यहां पर राम, लक्ष्मण और सीता जी की भी बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आकर आनंद का अनुभव कर सकते हैं।
भानगढ़ का किला दौसा - Bhangarh Fort Dausa
भानगढ़ का किला दौसा जिले के पास घूमने के लिए एक मुख्य स्थल है। भानगढ़ का किला एक प्राचीन स्थल है। भानगढ़ का किला मुख्य रूप से एक हांटेड प्लेस के रूप में पूरे भारत में और पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस जगह में शाम के 6 बजे के बाद जाने की मनाही है। इस जगह को भारत सरकार ने भी हॉन्टेड प्लेस घोषित किया है और यहां पर रात में जाने की मनाही है। यह जगह अरावली पर्वत श्रेणियों मैं बनी हुई है। यहां पर आपको प्राचीन महल देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है।
भानगढ़ के प्राचीन नगर की स्थापना, आमेर के शासक राजा भगवत दास ने 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में की थी, जिसे बाद में राजा मान सिंह के भाई माधो सिंह की रियासत की राजधानी बना दिया गया। माधो सिंह मुगल सम्राट अकबर के दरबार में दीवान के पद पर कार्यरत हैं। भानगढ़ के मुख्य अवशेषों में प्राचीन द्वार, बाजार, हवेलियां, मंदिर, शाही महल, छतरियां, मकबरे आदि देखने के लिए मिलते हैं। मुख्य मंदिरों में यहां पर गोपीनाथ मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, केशवराय मंदिर, मंगला देवी मंदिर प्रमुख है, जो नागर शैली में बने हुए हैं। शाही महल सात मंजिला माना जाता है, परंतु अब इसकी चार मंजिल ही शेष बची है। पूरी बस्ती एक के बाद एक तीन सुरक्षा प्राचीर से सुरक्षित की गई है। यह पर पांच प्रवेश द्वार थे। यहां अजमेरी, लाहोरी, हनुमान, फुलवारी और दिल्ली द्वारों के नाम से जाना जाता है। अगर आप दौसा जिले में घूमने के लिए आते हैं, तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए। यहां पर आपका आकर एक अच्छा अनुभव रहेगा।
पपलाज माता का मंदिर दौसा - Paplaj Mata Temple Dausa
पपलाज माता का मंदिर दौसा जिले में एक प्रमुख घूमने वाली जगह है। यह मंदिर दौसा जिले के लालसोट तहसील से लगभग 15 किलोमीटर घाटा ग्राम में स्थित है। यह मंदिर प्राकृतिक परिदृश्य में स्थित है। यहां पर चारों तरफ उची उची पहाड़े और चट्टानें देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। आप यहां पर आकर मंदिर घूम सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यहां पर बरसात के दिनों में चारों तरफ हरियाली रहती है और यहां पर झरने भी बहते हैं। झरने बहुत सुंदर रहते हैं। यहां पर मेला भी लगता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
Please do not enter any spam link in comment box