नागौर जिले के दर्शनीय स्थल - Top Places to visit in Nagaur / नागौर जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
नागौर राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। नागौर राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 235 किलोमीटर दूर है। नागौर जिला थार मरुस्थल से घिरा हुआ है। राव अमर सिंह को नागौर जिला शाहजहां ने उपहार स्वरूप दिया था। नागौर जिले के बीचो-बीच आपको राव अमर सिंह जी की छतरियां देखने के लिए मिलती है। नागौर जिले में नागा, चौहान, राठौर और मुगल राजाओं का शासन हुआ करता था। नागौर के मेड़ता गांव में संत कवयित्री मीराबाई का बहुत सुंदर मंदिर बना हुआ है। नागौर जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - नागौर जिले में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
नागौर में घूमने की जगह - Nagaur mein ghumne ki jagah
नागौर का किला - Nagaur Fort
नागौर का किला नागौर जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह किला प्राचीन है। यह किला नागौर जिले के बीचो-बीच बना हुआ है। यह किला अहिछत्रपुर किले के नाम से जाना जाता है। प्राचीन काल में नागौर जिले को अहिछत्रपुर कहा जाता था। यह किला अच्छी हालत में है और आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह किला एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है। इस किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है।
यह किला 36 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस किले के अंदर बहुत सारे महल बने हुए हैं और बहुत सारी देखने लायक जगह है। यह किला मुख्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बहुत अच्छा तरीका बनाया गया है, जिससे पानी की बचत की जा सके। किले के अंदर आपको गणेश जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर हर साल 3 दिनों का सूफी फेस्टिवल मनाया जाता है। यह फरवरी के महीने में मनाया जाता है। किले की दीवारों और छतों में सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यह किला जोधपुर के मेहरानगढ़ ट्रस्ट के द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
किले के अंदर चार सुंदर महल देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर हाड़ी रानी का महल, अखबारी महल, आभा महल, बख़्तसिंह महल है, जो बहुत सुंदर है। इन महल में आपको भित्ति चित्र देखने के लिए मिलते हैं। किले में एक मस्जिद पर बनाई गई है। यहां पर मजार भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर राधा कृष्ण मंदिर, गणेश मंदिर, भैरव मंदिर भी बना हुआ है। यह किला बहुत सुंदर है और नागौर में घूमने लायक मुख्य जगह है। आप यहां आ सकते हैं।
राव अमर सिंह राठौर की छतरी नागौर - Rao Amar Singh Rathore Chhatri Nagaur
राव अमर सिंह राठौर की छतरी नागौर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह छतरी नागौर शहर के बीचो बीच बनी हुई है। यह छतरी बहुत सुंदर है। राव अमर सिंह राठौर मारवाड़ के राजा गजसिंह के जेष्ठ पुत्र थे। वह स्वाभिमानी व स्वतंत्रता प्रेमी थे। पिता द्वारा छोटे भाई जसवंत सिंह को मारवाड़ का उत्तराधिकारी बनाने के कारण, उन्होंने 1628 ईस्वी में मुगल बादशाह शाहजहां के पास चले गए।25 जुलाई 1644 को दरबारी षड्यंत्र के कारण मुगल दरबार आगरा में उन्होंने सलावत खां को मारा और बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। राव अमर सिंह की मृत्यु के बारे में पता चलने पर उनकी पत्नियों ने जोहर कर लिया और नागौर जिले में राव अमर सिंह, उनकी पत्नियां और उनके परिवारों को याद रखने के लिए, यहां पर छतरियां बनाई गई।
राव अमर सिंह की 18 स्तंभों से युक्त स्मारक छतरी में पीले, लाल, भूरे रंग के बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया है। यह सभी छतरियां वास्तुकला की दृष्टि से राजपूती स्थापत्य कला का एक नमूना है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको छतरियां के पास एक बड़ा सा तालाब देखने के लिए मिलता है और यहां पर आपको शनि भगवान जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह नागौर में घूमने लायक एक मुख्य जगह है।
बड़े पीर साहब की दरगाह नागौर - Bade Pir Sahib Dargah Nagaur
बड़े पीर साहब की दरगाह नागौर जिले के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मुस्लिम धार्मिक स्थल है। बड़े पीर साहब की दरगाह नागौर शहर के बीचो-बीच बनी हुई है। यह दरगाह बहुत ही सुंदर है। दरगाह को बहुत अच्छी तरह बनाया गया है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको अगर अच्छा लगेगा। यहां पर बहुत सारे लोग दुआएं मांगने के लिए आते हैं। यहां पर आपको एक बड़ा सा तालाब भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर है।
बड़े पीर साहब दरगाह में एक संग्रहालय देखने के लिए मिलता है। इस संग्रहालय की सबसे लोकप्रिय वस्तु, यहां पर रखी कुराने शरीफ है, जिसे हजरत सैयद सैफुद्दीन अब्दुल जिलानी द्वारा सुनहरी स्याही से लिखा गया था। उसके साथ ही उनकी छड़ी और पगड़ी भी यहां पर रखी हुई है। यहां पर बहुत सारी ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं प्रदर्शित की गई है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं और इस संग्रहालय को देख सकते हैं।
श्री चतुर्भुज नाथ मंदिर एवं मीराबाई मंदिर नागौर - Shri Chaturbhuj Nath Temple and Mirabai Temple Nagaur
श्री चतुर्भुज नाथ मंदिर एवं मीरा बाई मंदिर नागौर जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिंदू लोगों के लिए बहुत पवित्र स्थल है। यह मंदिर नागौर जिले के मेड़ता में स्थित है। यहां पर बहुत सुंदर मंदिर बना हुआ है। मंदिर मुख्य रुप से श्री चतुर्भुज नाथ एवं मीराबाई को समर्पित है। श्री चतुर्भुज नाथ विष्णु भगवान जी है और इनकी यहां पर चार भुजा वाली प्रतिमा देखने मिलती है।
मीरा बाई भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त थी और उनकी भक्ति बहुत प्रबल थी। मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के अंदर आपको श्री चतुर्भुज नाथ और मीराबाई की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर पूरी तरह कांच से सजाया गया है। यहां पर कांच का बहुत ही जबरदस्त काम देखने के लिए मिलता है। दीवारों और छतों पर कांच का काम किया गया है। यहां पर आपको विष्णु भगवान जी और मीराबाई की बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर मीराबाई का जन्म स्थान भी है। यह मंदिर प्राचीन है और मंदिर बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। यह नागौर में घूमने वाली मुख्य जगह है।
मीरा बाई स्मारक मेड़ता - Meera Bai Memorial Merta
मीरा बाई स्मारक नागौर जिले के मेड़ता में स्थित है। यह मेड़ता में घूमने वाली मुख्य जगह है। मीरा बाई स्मारक, मीरा बाई मंदिर के पास ही में स्थित है। इस स्मारक में प्रवेश के लिए टिकट लगता है। यहां पर आकर आपको मीराबाई के जीवन की संपूर्ण जानकारी मिलती है। यहां चित्रों के माध्यम से और मूर्तियों के माध्यम से बहुत सारी जानकारी प्रदान होती है। यहां पर आप आकर मीराबाई के जीवन के बारे में जान सकते हैं। यह जगह बहुत अच्छी है और आपको यहां पर जरूर घूमने आना चाहिए। यहां पर मीराबाई से संबंधित बहुत सारे लोगों के बारे में भी जानकारी मिलती है।
मां पांडुका माता मंदिर मेड़ता सिटी - Maa Panduka Mata Temple Merta City
मां पांडुका माता मंदिर मेड़ता सिटी में स्थित एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में पांडुका माता की सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह मारवाड़ी समाज की कुलदेवी है। यह मंदिर मेड़ता सिटी से 10 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक माहौल देखने के लिए मिलेगा। यहां पर एक छोटा सा तालाब बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं और यहां पर घूम सकते हैं।
खिमसर का किला नागौर - Khimsar Fort Nagaur
खिमसर का किला नागौर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। खिमसर का किला को खींवसर का किला के नाम से भी जाना जाता है। यह किला खिमसर में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह किला बहुत ही सुंदर है। यह किला 1523 में जोधपुर के राव जोधा के पुत्र रामकरनी जी के द्वारा बनवाया गया था। यह नागौर जिले के खींवसर गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह किला अब एक होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। आप यहां पर स्टे कर सकते हैं और यहां की राजसी फैसिलिटी का आनंद उठा सकते हैं।
यहां पर आपको एक बड़ा स्विमिंग पूल देखने के लिए मिलता है। यहां पर सुंदर छत एवं बहुत सारे पुराने सामान देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको बहुत सारे प्राचीन कारे भी देखने के लिए मिलती है, जो यहां पर संरक्षित करके रखी गई है। किले के आसपास के एरिया में आपको रेत के टीले देखने के लिए मिलते हैं, जो आप अपनी मस्ती के लिए यूज कर सकते हैं। आप यहां पर आ कर अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर लाडनूं राजस्थान - Shri Digambar Jain Bada Mandir Ladnun Rajasthan
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर नागौर जिले के लाडनूं में स्थित है। यह लाडनूं में घूमने लायक एक मुख्य जगह है। यह मंदिर जैन धर्म से संबंधित है। इस मंदिर में आपको 1400 साल पुरानी जैन प्रतिमाएं देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर तरीके से बना हुआ है। मंदिर में सफेद रंग की महावीर भगवान की बहुत सुंदर प्रतिमा है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। मंदिर में बहुत सारी नक्काशी दार मूर्तियां है, जो देखने लायक है। मंदिर की दीवारों में और छतों में सुंदर काम भी किया गया है। आप इस मंदिर में आकर घूम सकते। आपको अच्छा लगेगा। यह मंदिर लाडनूं शहर के बीचो बीच बना हुआ है और आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। इस मंदिर में आकर आपको लाडनूं नगर के बारे में और भी प्राचीन जानकारियां हासिल होती है।
कुचामन का दुर्ग नागौर - Kuchaman Fort Nagaur
कुचामन का दुर्ग नागौर जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह किला नागौर जिले के कुचामन नगर में स्थित है। कुचामन नगर नागौर जिले का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। यह दुर्ग राजस्थान के सबसे पुराने दुर्गों में से एक है। यह किला कुचामन नगर के बीच में बनी पहाड़ी पर स्थित है। यह किला ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। किले तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इस किले का निर्माण राजपूत प्रतिहार राजाओं के द्वारा 750 ईसवी में करवाया गया था। यह किला बहुत सुंदर है।
कुचामन किले के अंदर बहुत सारे महल बने हुए हैं, जहां पर आपको किले की दीवारों में सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। किले के अंदर बहुत सारे प्राचीन समान भी देखने के लिए मिलते हैं। इस किले में जल के संग्रहण के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था देखने के लिए मिलती है। यहां पर भूमिगत टैंक, प्राचीन कारागार देखने के लिए मिलते हैं। कुचामन दुर्ग में बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग हुई है। यहां पर अभिषेक बच्चन की पिक्चर द्रोणा की शूटिंग हुई है। इस किले में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर आकर, इस किले को देख सकते हैं। किले से कुचामन शहर का सुंदर दृश्य भी देखने के लिए मिलता है।
गणेश डूंगरी नागौर - Ganesh Dungri Nagaur
गणेश डूंगरी नागौर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह नागौर जिले में कुचामन सिटी में घूमने की एक प्रमुख जगह है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर में आपको गणेश जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको कुचामन सिटी का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। आप भी यहां पर आकर शांति से अपना समय व्यतीत कर सकते हैं। यहां पर सूर्यास्त का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको गणेश जी का मंदिर और शिव भगवान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है।
श्री दधिमती माता जी मंदिर नागौर - Shri Dadhimati Mata Ji Mandir Nagaur
श्री दधिमती माता जी मंदिर नागौर जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर नागौर जिले के जायल तहसील के गोठ मांगलोद गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर नवरात्रि में बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर माता की गर्भ गृह में बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर 52 शक्ति पीठ के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर प्राचीन है। मंदिर का प्रवेश द्वार ही बहुत भव्य है। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा और शांति मिलेगी। पूरा मंदिर बलुआ पत्थर से बना हुआ है।
दधिमती माता, दधीचि ब्राह्मणों की कुलदेवी है। यहां पर विश्व भर से दधीचि ब्राह्मण माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर नवरात्रि के समय 9 दिनों का मेला भरता है, जिसको बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर पास में एक पवित्र कपाल कुंड है। इस रेगिस्तान में यह कुंड हमेशा पानी से भरा रहता है। यहां पर नहाने से व्यक्ति के त्वचा रोग से छुटकारा मिलता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इस जगह के दर्शन कर सकते हैं।
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