चुरू जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Churu district / चुरू जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
चुरू राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। चुरु राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 200 किलोमीटर दूर है। चूरु जिले में आप रेल माध्यम और सड़क माध्यम से पहुंच सकते हैं। चूरु जिले में रेलवे स्टेशन मौजूद है। चूरु जिले में, सालासर बालाजी का मंदिर है, जो पूरे देश में प्रसिद्ध है। चुरु शेखावट का एक मुख्य क्षेत्र है। यहां पर प्राचीन समय में शेखावत शासक का राज्य हुआ करता था। चूरू में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - चूरू में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है
चुरू में घूमने वाली जगह - Churu mein ghumne wali jagah
चूरू का किला चूरू - Churu Fort Churu
चूरू का किला, चूरू जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। चूरू का किला मुख्य शहर में स्थित है। इस किले का निर्माण 1694 में ठाकुर कुशल सिंह ने करवाया था। यह किला बहुत सुंदर है। यह किला इतिहास में हुए एक महत्वपूर्ण घटना के लिए प्रसिद्ध है। इस किले में युद्ध के समय गोला-बारूद खत्म हो जाने पर दुश्मन पर चांदी के गोला से आक्रमण किया गया था। चांदी के गोले को तोप में रखकर चलाया गया और दुश्मन को हराया गया। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा किला है , जहां पर दुश्मनों के ऊपर चांदी के गोले दागे गए थे। यह घटना इतिहास में बेहद अनोखी है।
यह घटना 1814 में घटी थी। उस समय इस किले पर ठाकुर कुशल सिंह के वंशज ठाकुर शिवजी सिंह का राज हुआ करता था। ठाकुर शिवजी सिंह के राज में प्रजा अपने राजा और अपने राज्य की रक्षा के लिए अपनी धन दौलत को लुटा दी थी। बीकानेर रियासत के राजा सूरत सिंह ने चूरू के किले पर हमला बोल दिया था। ठाकुर शिव जी अपनी सेना के साथ, उनका डटकर मुकाबला किया। मगर उनके पास बारूद की कमी हो गई, जिसकी वजह से लोगों के सहयोग से सोने चांदी के गोले से बीकानेर रियासत के राजा को हराया गया। यह किला बहुत सुंदर है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह किला चूरू शहर में घूमने लायक जगह है।
वाइट क्लॉक टावर चूरू - White Clock Tower Churu
वाइट क्लॉक टावर चूरू जिले का एक मुख्य लैंड मार्क है। यह क्लॉक टावर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और बहुत सुंदर लगता है। इस क्लॉक टावर के सबसे ऊपरी मंजिल पर चारों दिशाओं पर चार घड़ियां लगी हुई है। इस क्लॉक टावर को स्थानीय लोग सफेद घंटाघर के नाम से जानते हैं। यह क्लॉक टावर मुख्य बाजार में स्थित है। क्लॉक टावर के चारों तरफ बहुत सारी दुकानें हैं। आप इस क्लॉक टावर को देख सकते हैं और यहां पर शॉपिंग भी कर सकते हैं।
नेचर पार्क चूरु - Nature Park Churu
नेचर पार्क चुरु का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह पार्क बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इस पार्क में बहुत सारी जगह है, जहां पर इंजॉय किया जा सकते हैं। यहां पर किड्स जोन, रनिंग ट्रेक, फॉरेस्ट एरिया, ओपन जिम है, जहां पर आप अपनी सेहत बना सकते हैं। यहां पर आपको बहुत सारी स्थानीय पंछी देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर आपको सफेद गिद्ध, चील, बुलबुल, किंगफिशर, बगुला, भारतीय उल्लू, टिटहरी, अंजन, कलचुरी, सोन चिड़िया और भी बहुत सारी बर्ड्स आप यहां पर देख सकते हैं। यहां पर बहुत सारे झूले भी हैं, जिनमें आप इंजॉय कर सकती हैं।
यहां पर फॉरेस्ट एरिया भी है, जहां पर बर्ड्स रहती हैं। यह पार्क बहुत सुंदर और हरा भरा है। इस पार्क में बैठने के लिए भी अच्छा स्पेस बनाया गया है, जहां पर आप बैठकर पार्क के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यह राजस्थान का दूसरा बड़ा पार्क है। यहां पर व्यूप्वाइंट बना हुआ है। जहां से आप व्यूप्वाइंट के ऊपर चढ़कर चारों तरफ के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं। यह चुरू में घूमने की सबसे अच्छी जगह है।
नाथ जी की छतरी चूरू - Nath ji ki chhatri churu
नाथ जी की छतरी चूरू जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन छतरी देखने के लिए मिलती है। यह छतरी राजपूती स्टाइल में बनी हुई है। यहां शिव भगवान जी का मंदिर है। यहां गर्भ गृह में शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह छतरी एक ऊंचे मंडप पर बनी हुई है और बहुत ही सुंदर लगती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको हनुमान जी के दर्शन भी करने के लिए मिलते हैं।
सेठानी का जोहड़ चूरु - Sethani ka Johda Churu
सेठानी का जोहड़ चूरु जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। सेठानी का जोहड़ चुरु जिले में, चूरू सरदार नगर हाईवे सड़क से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यह एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको एक जलाशय देखने के लिए मिलता है। जलाशय चारों तरफ सुन्दर छतरियां बनाई गई है। यह जलाशय बहुत ही आकर्षक लगता है।
इस जलाशय का निर्माण विक्रम संवत 1956 में सेठ भगवान दास जी द्वारा करवाया गया था। उस दौर में, यहां पर भयंकर अकाल पड़ा था तथा खाने और पीने के पानी की बड़ी दिक्कत थी। इस विकट परिस्थिति को देखकर सेठ भगवान दास जी की पत्नी ब्रिज कुमारी जी ने जनहित में इस जोहड़ का निर्माण करवाया था। इसी कारण इसे सेठानी जी का जोहड़ कहा जाता है।
यह जोहड़ लगभग 40 फीट गहरा और 30 फीट चौड़ा है। इस जोहड़ को बनाने में धांधलिय पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। 2018 में इस जोहड का पुनर्निर्माण किया गया है। यह एक सुंदर जगह है और आपको यहां पर घूमने के लिए जरूर आना चाहिए। यहां पर अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं। यह चूरू का एक पिकनिक स्पॉट है।
सोमनाथ जी मंदिर चूरू - Somnath Ji Temple Churu
सोमनाथ जी मंदिर चूरू जिले में सरदार नगर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के बाहर ही शिव भगवान जी की बहुत सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है और यहां पर फव्वारा भी देखने के लिए मिलता है। मंदिर के अंदर शिवलिंग विराजमान है। आप यहां पर आ कर मंदिर को देख सकते हैं। मंदिर बहुत अच्छी तरह बना हुआ है। यहां पर आकर अच्छा लगता है।
राम मंच मंदिर चूरु - Ram Manch Temple Churu
राम मंच मंदिर चूरु जिले में सरदार नगर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। यह मंदिर सरदार नगर तहसील में बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। इस मंदिर में आपको सरस्वती माता जी, राम भगवान जी की मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर सुंदर गार्डन बना हुआ है।
श्री बालाजी मंदिर सालासर धाम चूरू - Shree Balaji Mandir Salasar Dham Churu
श्री बालाजी मंदिर सालासर धाम चूरु जिले का एक प्रमुख मंदिर है। यह सालासर का एक पर्यटन स्थल है। यह मंदिर पूरे राजस्थान और पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में बहुत दूर-दूर से लोग सालासर बालाजी के दर्शन करने के लिए आते हैं। बालाजी हनुमान जी का ही रूप है। इस मंदिर को लेकर बहुत सारी मान्यताएं हैं। यह मंदिर राजस्थान के चूरू और सीकर जिले की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि मोहनदास नाम का एक व्यक्ति बालाजी के भक्त थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर बालाजी ने इन्हें मूर्ति रूप में प्रकट होने का वचन दिया।
कहा जाता है, कि भक्त मोहनदास के दिए गए वचन को पूरा करने के लिए बालाजी नागौर जिले के असोठा गांव में 1811 में प्रकट हुए। असोटा में एक जाट खेत जोत रहा था। तभी उसकी जमीन के अंदर किसी कठोर चीज से टकराई और उसने उस चीज को निकाल कर देखा, तो वहां एक पत्थर था। उसने उस पत्थर को निकाला और अपने गमछे से पत्थर को पोछा। तब उस पत्थर पर बालाजी की छवि नजर आई। इतने में जाट की पत्नी खाना लेकर आई, उसने बालाजी की मूर्ति को बाजरे का चूरमा का भोग लगाया। इस प्रकार सालासर बालाजी को चूरमे का भोग लगाया जाता है।
कहा जाता है, कि जिस दिन जाट के खेत में मूर्ति प्रकट हुई। उस रात बालाजी ने मोहनदास को अपनी मूर्ति सालासर ले जाने के लिए कहा, दूसरी तरफ बालाजी ने मोहनदास को सपने में बताया, कि जिस बैलगाड़ी में मूर्ति सालासर पहुंचेगी। उस गाड़ी को कोई नहीं चलाएं। बैलगाड़ी जहां खुद रुक जाएगी। वहां मेरी मूर्ति स्थापित कर देना।
इस मंदिर में आपको बालाजी की, जो प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। उसमें बालाजी की दाढ़ी मूछ है, जो विश्व में पाई जाने वाली सबसे अनोखी प्रतिमा है और यहीं पर देखने के लिए मिलती है। कहा जाता है, कि इसके पीछे मान्यता है कि मोहनदास को पहली बार बाला जी ने दाढ़ी मूछों के साथ दर्शन दिए थे। आप यहां पर आकर इस मंदिर में घूम सकते हैं।
यह पूरा मंदिर सफेद मार्बल से बना हुआ है। मंदिर का गर्भगृह बहुत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह को चांदी की परत से सजाया गया है। यहां पर बहुत सारे लोग भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है.
सालासर धाम में पर्यटक पूरे भारत देश से आते हैं। इसलिए यहां पर ठहरने की व्यवस्था भी है। यहां पर बहुत सारी धर्मशाला और होटल मौजूद है, जहां पर ठहरा जा सकता है। यहां पर खाने पीने के लिए भी होटल वगैरह है।
अंजनी माता मंदिर सालासर - Anjani Mata Temple Salasar
अंजनी माता मंदिर सालासर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर अंजनी माता को समर्पित है। अंजनी माता हनुमान जी की माता श्री है। यहां पर अंजनी माता के बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर अंजनी माता की गोद में हनुमान जी की प्रतिमा है। अंजनी माता का गर्भगृह बहुत सुंदर है और इसे चांदी से सजाया गया है। आप सालासर बालाजी मंदिर घूमने के लिए आते हैं, तो उसके बाद आप अंजनी माता के मंदिर भी आकर घूम सकते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
श्री तिरुपति बालाजी मंदिर सालासर चूरू - Sri Tirupati Balaji Temple Salasar Churu
श्री तिरुपति बालाजी मंदिर चूरु जिले में सालासर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर अंजना माता मंदिर के पास ही में बना हुआ है। यह मंदिर भी बहुत सुंदर है और मंदिर के अंदर तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
श्री राम जानकी मंदिर सालासर - Shri Ram Janaki Mandir Salasar
श्री राम जानकी मंदिर सालासर का एक सुंदर मंदिर है। इस मंदिर में आपको राम जी लक्ष्मण जी और सीता जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। श्री राम जानकी मंदिर अंजनी माता मंदिर के पास में ही स्थित है।
यहां पर आपको हनुमान जी की एक बहुत बड़ी विशाल प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है। यह हनुमान जी की प्रतिमा 20 फीट ऊंची है। यहां पर सुंदर गार्डन भी बना हुआ है। शाम के समय यहां पर लाइट जलती है, जिससे प्रतिमा और भी ज्यादा खूबसूरत लगती है। आप यहां पर आ कर हनुमान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं।
तालछापर अभयारण्य चूरू - Talchapar Sanctuary Churu
तालछापर अभयारण्य चूरू जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। तालछापर अभयारण्य चूरु जिले में सुजानगढ़ तहसील में छापर गांव में स्थित है। यहां पर आपको बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं। मगर यहां का मुख्य आकर्षण कृष्ण मृग है। कृष्ण मृग बहुत सुंदर रहता है। यह काले रंग का रहता है। इसके दो बड़े सींग रहते हैं। यह हिरण की प्रजाति का जानवर है। यह देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है और यहां पर आपको आराम से कृष्ण मृग देखने के लिए मिल जाता है।
तालछापर अभयारण्य पर आपको मरू बिल्ली एवं मरू लोमड़ी भी देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको बर्ड्स की बहुत सारी प्रजातियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप आकर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं। इसके अलावा यहां पर आपको हिरण की कई प्रजातियां भी देखने के लिए मिलती है। इस अभ्यारण के पास में ही गवर्नमेंट का गेस्ट हाउस बना हुआ है, जहां पर आप ठहर सकते हैं और गेस्ट हाउस में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध है।
श्री वीर हनुमान मंदिर डूंगर चूरू - Shri Veer Hanuman Mandir Dungar Churu
श्री वीर हनुमान मंदिर डूंगर बालाजी चुरू जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर चुरू जिले के सुजानगढ़ तहसील में स्थित है। यह मंदिर सुजानगढ़ तहसील के गोपालपुरा गांव में डूंगर में बना हुआ है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आकर हनुमान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर तक आने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। मंदिर में आकर बहुत अच्छा लगता है। मंदिर से चारों तरफ का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है।
कहा जाता है, कि यहां पर आकर आप जो भी मन्नत मांगते हैं। वह जरूर पूरी होती है। इसलिए लोग यहां पर भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर को डूंगर बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में नीचे की तरफ बहुत सारी दुकान है, जहां पर आपको प्रसाद एवं खाने-पीने का अन्य सामान मिलता है। मंदिर पर आने के लिए रोड भी है, जहां से आप अपनी गाड़ी या बाइक से पहुंच सकते हैं। मंदिर का गर्भ ग्रह बहुत सुंदर है। गर्भ ग्रह में आपको और भी देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर का गर्भगृह चांदी से बना हुआ है। यह चुरू में घूमने वाली मुख्य जगह है।
श्री वेंकटेश्वर देवी स्थान चूरु - Sri Venkateswara Devi Place Churu
श्री वेंकटेश्वर देवी स्थान चूरु जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर तिरुपति बालाजी धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर नॉर्थ इंडियन स्टाइल में बना हुआ है। पूरा मंदिर बहुत सुंदर है। पूरा मंदिर रंग बिरंगा है और मंदिर में आपको बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो मंदिर की दीवारों में बनाए गए हैं।
यह मंदिर चुरू जिले के सुजानगढ़ तहसील में स्थित है। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु जी के अवतार तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। आप इस मंदिर में आकर भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर सकते हैं। यह चुरू में घूमने लायक जगह है।
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