टोंक जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in tonk district / टोंक जिला के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
टोंक राजस्थान राज्य का मुख्य जिला है। टोंक राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। टोंक में बहुत सारे प्राचीन महल, प्राकृतिक स्थल, मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। टोंक जिले में सड़क माध्यम के द्वारा पहुंचा जा सकता है। टोंक में बनास नदी बहती है। बनास नदी टोंक जिले के मध्य से बहती है। टोंक जिले में टोडारायसिंह तहसील में बहुत सारे स्थल है, जो प्राचीन है। टोंक जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - टोंक जिले में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
टोंक में घूमने की जगह - Tonk me ghumne ki jagah
क्लॉक टावर टोंक - Clock Tower Tonk
क्लॉक टावर टोंक जिले का एक मुख्य टूरिस्ट स्पॉट है। क्लॉक टावर टोंक जिले में मुख्य शहर में स्थित है। यह बस स्टैंड से करीब 3 किलोमीटर दूर है। स्थानीय लोग क्लॉक टावर को घंटा घर के नाम से भी जानते हैं। इसका निर्माण टोंक के नवाब मोहम्मद सादत अली खान ने 1937 में किया था। क्लॉक टावर तीन मंजिला है, जिसके सबसे ऊपरी मंजिल में घड़ी लगी हुई है।
यहां पर चारों दिशाओं में विशाल चार घड़िया लगी हुई है। पुराने जमाने में यह घड़ी प्रत्येक घंटे में बहुत तेज आवाज करती थी। अभी भी यह घड़ी सुचारू रूप से चल रही है और लोगों को समय बताती है। आप इस घड़ी को देख सकते हैं, जो बहुत सुंदर लगती है। इस घड़ी के नीचे छोटा सा रूम बना हुआ है। शाम के समय यह घड़ी बहुत सुंदर लगती है। विशेष अवसर पर इस घड़ी को सजाया जाता है।
रसिया की टेकरी टोंक - Rasiya's Tekri Tonk
रसिया की टेकरी टोंक का टूरिस्ट प्लेस है। रसिया की टेकरी टोंक जिले में स्थित एक ऊंची पहाड़ी है। इस पहाड़ी पर आप ट्रेकिंग करके पहुंच सकते हैं। इस पहाड़ी से टोंक जिले का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर बरसात के समय आ कर बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि बरसात के समय चारों तरफ हरियाली रहती है। यहां पर एक स्मारक भी बना हुआ है।
प्राचीन गणेश मंदिर टोंक - Ancient Ganesh Temple Tonk
प्राचीन गणेश मंदिर टोंक में घूमने लायक जगह है। यह मंदिर मुख्य शहर में स्थित है। यह मंदिर जयपुर कोटा हाईवे सड़क से थोड़ी ही दूरी पर पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां है। यहां पर आपको प्राचीन किला भी देखने के लिए मिलता है। मंदिर के अंदर गणेश जी की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत सारे भक्त गणेश जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। बरसात में यह जगह बहुत सुंदर रहती है। आप भी यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
सुनहरी कोठी टोंक - Sunhri Kothi Tonk
सुनहरी कोठी टोंक जिले का एक प्राचीन स्थल है। यह एक सुंदर हवेली है। यह हवेली मुख्य टोंक शहर में स्थित है। इस हवेली का निर्माण नवाब मोहम्मद इब्राहिम अली खान द्वारा करवाया गया था। नवाब मोहम्मद इब्राहिम अली संगीत के शौकीन थे। सुनहरी कोठी को शीश महल के नाम से भी जाना जाता है।
इस हवेली की भीतरी दीवारों पर गोल्डन रंग से पुताई की गई है और कांच और रत्नों की सजावट की गई है। यहां पर आपको सुंदर पेंटिंग देखने के लिए मिलती है। दीवारों और छतों को पेंटिंग से सजाया गया है। इस कोठी की स्थापत्य कला मुगल है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह कोठी दो मंजिला है। कोठी के बाहर सुंदर बगीचा बनाया गया है। यह टोंक में घूमने वाली मुख्य जगहों में से एक है।
हाथी भाटा टोंक - Hathi Bhata Tonk
हाथी भाटा टोंक जिले का एक मुख्य दर्शनीय स्थान है। हाथी भाटा टोंक जिले से 22 किलोमीटर दूर, टोंक सवाई माधोपुर हाईवे सड़क में स्थित है। यह काकोर नाम के गांव के पास बना हुआ है। यहां पर आपको हाथी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो एक बड़ी सी चट्टान को काटकर बनाई गई है। यह प्रतिमा देखने में बहुत सुंदर लगती है। इस प्रतिमा के बारे में कहा जाता है, कि यह प्रतिमा करीब 3500 वर्ष पुरानी है।
यहां पर आपको चारों तरफ प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर एक छोटी सी झील भी है। आप यहां पर पिकनिक बना सकते हैं। यहां पर आपको बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है। बरसात के समय यह जगह बहुत ज्यादा सुंदर होती है और यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसलिए आप खाना और पानी जरूर लेकर जाएं। यह जगह टोंक का एक पिकनिक स्पॉट है।
ककोड़ का किला टोंक - Kakod Fort Tonk
ककोड़ का किला टोंक जिले का एक प्रमुख स्थल है। यह किला टोंक जिले में ककोड़ गांव में बना हुआ है। यह किला पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां पर आपको किले के अवशेष देखने के लिए मिलते है। इस किले का ज्यादातर भाग टूट गया है। मगर इस किले में आप घूमने के लिए आ सकते हैं। इस किले की दीवार, छत, खिड़कियां देखने लायक है। यह किला तीन मंजिला है। किले में बहुत सारी मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है, जिनके अवशेष यहां-वहां बिखरे पड़े हुए हैं।
इस किले से दूर-दूर तक का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आ सकते हैं और इस किले को देख सकते हैं। यहां पर आपको गणेश जी की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए भी मिलते हैं। यहां पर जलाशय भी बना हुआ है, जिसे आप देख सकते हैं। यह टोंक में घूमने वाला मुख्य स्थान है।
हाडी रानी का कुंड टोडरायसिंह टोंक - Hadi Rani Ka Kund Todraisingh Tonk
हाडी रानी का कुंड टोंक जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह एक सुंदर बावड़ी है। यह बावड़ी वास्तुकला की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इस बावड़ी में आपको दोहरी सीढ़ियां देखने के लिए मिलती है। इस बावड़ी में आप जिन सीढ़ियों से नीचे जाते हैं। उस सीढ़ियों से वापस ऊपर नहीं आते हैं। यहां पर आपको सीढ़ियों की भूलभुलैया देखने के लिए मिलती है।
हाडी रानी के कुंड को अमर प्रेम की निशानी माना जाता है। 1358 ईस्वी में जेता मीणा ने बूंदी के शासक देव हाड़ा को पराजित कर किले पर कब्जा कर लिया तथा देव हाड़ा की पुत्री हाड़ी रानी से विवाह करना चाहते थे।
टोडा का शासक राव रूपाल एक वीर योद्धा थे। हाडी रानी की मदद मांगने पर, टोडा शासक राव रूपाल बूंदी के मीणो को हराकर देव हाड़ा को फिर से बूंदी को सौंप दिया। इससे प्रभावित होकर हाडी रानी राव रूपाल से प्रेम करने लगी और उनकी शादी हो गई। शादी के बाद अपने अटूट प्रेम की याद में इस कुंड का निर्माण किया गया, जिसे हाडी रानी कुंड के नाम से जानते हैं।
इस कुंड के एक तरफ आपको स्मारक बनी हुई देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है। इस कुंड में पहेली फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी है, जिसमें रानी मुखर्जी और शाहरुख खान ने एक्टिंग करी थी। इस कुंड में पुराने समय में बारातियों को रुकाया जाता था। आप यहां पर आकर इस कुंड की खूबसूरती को देख सकते हैं। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है। यह कुंड टोंक में घूमने की सबसे अच्छी जगह है। यह कुंड टोंक जिले के टोडारायसिंह तहसील में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
जामा मस्जिद टोंक - Jama Masjid Tonk
जामा मस्जिद टोंक जिले का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह एक प्राचीन मस्जिद है। यह मस्जिद बहुत सुंदर है। इस मस्जिद की दीवारों में खूबसूरत पेंटिंग देखने के लिए मिलती है और मीनाकारी का सुंदर काम, यहां देखने के लिए मिलता है। इस मस्जिद में चार बड़ी मीनारें देखने के लिए मिलती है। इस मस्जिद का निर्माण 1246 में, टोंक जिले के पहले नवाब अमीर खान के द्वारा करवाया गया था।
यह मस्जिद राजस्थान की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक है। यह मस्जिद टोंक जिले में बड़ा कुआं के पास स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच कर घूम सकते हैं। यह मस्जिद टोंक शहर के बीचो-बीच बनी हुई है। यह मस्जिद राजस्थान की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद की मीनारों में सुंदर काम किया गया है, जो देखने लायक है।
श्री कल्याण जी मंदिर टोंक - Shri Kalyan Ji Mandir Tonk
श्री कल्याण जी मंदिर टोंक जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर पूरे राजस्थान और पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। श्री कल्याण जी मंदिर को डिग्गी कल्याण जी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर टोंक जिले के मालपुरा तहसील में स्थित है। इस मंदिर में आप आसानी से पहुंच सकते हैं। इस मंदिर में आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से या अपने स्वयं के वाहन से आ सकते हैं।
श्री कल्याण जी, भगवान विष्णु के ही अवतार है। इस मंदिर के गर्भ गृह में विष्णु भगवान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। इस मंदिर में विष्णु भगवान जी की सफेद मार्बल से बनी हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। कहा जाता है, कि यह प्रतिमा समुद्र से प्राप्त हुई थी। इस प्रतिमा में विष्णु भगवान जी की चार भुजाएं देखने के लिए मिलती है। इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पर आते हैं। इस मंदिर में आप आकर एक बहुत ही अनोखी कहानी के बारे में जान सकते हैं। मंदिर की भीतरी दीवारों में और छतों में सुंदर पेंटिंग की गई है और नक्काशी भी की गई है, जो देखने लायक है।
श्री किलेश्वर महादेव मंदिर टोंक - Shri Kileshwar Mahadev Temple Tonk
श्री किलेश्वर महादेव मंदिर टोंक जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर टोंक जिले में टोडारायसिंह तहसील में स्थित है। यह मंदिर पहाड़ियों के ऊपर स्थित है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर करीब 1200 साल पुराना है। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर आपको प्राकृतिक दृश्य भी देखने के लिए मिलता है।
टोडारायसिंह महल टोंक - Todaraisingh Mahal Tonk
टोडारायसिंह महल टोंक जिले का एक प्राचीन पर्यटन स्थल है। यह महल बहुत सुंदर है। यह महल टोंक जिले के टोडारायसिंह तहसील में स्थित है। यह महल चारों तरफ से प्राकृतिक वातावरण से घिरा हुआ है। टोडरायसिंह एक प्राचीन नगरी है। यहां पर कई राजाओं का शासन हुआ है। यह कई राजवंश की राजधानी रह चुकी है। यह किला बहुत सुंदर है।
पीपाजी मंदिर टोंक - Pipaji Temple Tonk
पीपाजी मंदिर टोंक जिले में टोडारायसिंह तहसील में स्थित एक प्रमुख घूमने वाली जगह है। यह मंदिर पूरा पत्थर से बना हुआ है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर रामदेवरा जी का माना जाता है। मंदिर के अवशेष यहां वहां पड़े हुए हैं। आप यहां पर आकर इस मंदिर को देख सकते हैं। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। यह मंदिर मुख्य टोडारायसिंह शहर में स्थित है।
बुध सागर झील टोंक - Budh Sagar Lake Tonk
बुध सागर झील टोंक जिले का एक प्रमुख स्थल है। बुध सागर झील टोंक जिले के टोडारायसिंह तहसील में स्थित है। यह झील पहाड़ियों के बीच में है और बहुत सुंदर है। झील के आसपास प्राचीन मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। बरसात में झील का दृश्य और भी ज्यादा खूबसूरत रहता है।
फिश एक्वेरियम टोंक - Fish Aquarium Tonk
फिश एक्वेरियम टोंक जिले में घूमने वाली मुख्य जगह है। यह फिश एक्वेरियम टोंक जिले में बीसलपुर बांध के पास स्थित है। यहां पर आपको विभिन्न प्रकार की मछलियां देखने के लिए मिलती है। यहां पर प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर आप आकर बीसलपुर बांध का बैक वाटर देख सकते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगता है। यह जगह बहुत सुंदर है। यहां पर बच्चों को आकर बहुत अच्छा लगेगा।
बीसलदेव मंदिर टोंक - Bisaldev Temple Tonk
बीसलदेव मंदिर टोंक जिले का एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। यह मंदिर टोंक जिले में बीसलपुर बांध के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। पूरा मंदिर पत्थर से बना हुआ है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है। यह मंदिर मुख्य रूप से शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है।
इस मंदिर का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह मंदिर 12 वीं शताब्दी में चहामान के शासक विग्रहराज vi के द्वारा बनाया गया था, जिसे बिसल देव के नाम से भी जाना जाता था। आप इस मंदिर में आकर, बीसलदेव डैम का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। बीसलदेव बांध में पानी बढ़ने की स्थिति में, बीसलदेव मंदिर आधा डूब जाता है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
श्री गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर टोंक - Shri Gokarneshwar Mahadev Temple Tonk
श्री गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर टोंक जिले में बीसलपुर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह मंदिर बीसलपुर बांध के पास में बना हुआ है। यह मंदिर चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यहां पर आकर आपको शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। यहां पर आपको प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती है।
यहां पर नंदी भगवान जी की प्रतिमा भी विराजमान है। यहां पर आपको बनास नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि को बहुत सारे लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है।
बीसलपुर बांध टोंक - Bisalpur Dam Tonk
बीसलपुर बांध टोंक जिले का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। बीसलपुर बांध टोंक जिले में देवाली तहसील के अंतर्गत बना हुआ है। यह बांध बहुत सुंदर है। यह बांध बनास नदी पर बना हुआ है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां पर आपको बहुत सारे दर्शनीय स्थल देखने के लिए मिलते हैं। आप बीसलपुर बांध का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर व्यूप्वाइंट और गार्डन बना हुआ है, जहां पर आप जाकर इंजॉय कर सकते हैं।
बीसलपुर बांध जयपुर, टोंक, अजमेर सहित कई शहरों को पीने का पानी उपलब्ध कराता है। यह सिंचाई की जरूरत को भी पूरा करता है। यहां पर आकर अच्छा लगता है। यह बांध 574 मीटर लंबा और 29.5 मीटर ऊंचा है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको मजा आएगा। यहां पर ठंड के समय बहुत सारी विदेशी पक्षी आते हैं, जिन्हें देखने के लिए पर्यटक भी यहां पर घूमने के लिए आते हैं। यह टोंक जिले का प्रमुख आकर्षण स्थल है। बरसात के समय यह पानी से पूरी तरह फुल भर जाता है, जिससे इसके गेट खोले जाते हैं, जिससे इसका दृश्य और भी ज्यादा सुंदर दिखाई देता है।
टोरडी सागर डैम टोंक - Tordi Sagar Dam Tonk
टोरडी सागर डैम टोंक जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह बांध बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बांध टोरडी में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह बांध टोडारायसिंह से मालपुरा जाने वाली सड़क में बना हुआ है। बरसात में यह बांध पूरी तरह पानी से भरा रहता है। यह बांध 17वीं शताब्दी में बना हुआ एक प्राचीन बांध है, जो देखने में बहुत सुंदर रहता है। इस बांध में सिंचाई के लिए नहर भी निकली हुई हैं।
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