राजगीर के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Rajgir / राजगीर के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
राजगीर में घूमने की जगह - Rajgir mein ghumne ki jagah
नेचर सफारी पार्क राजगीर - Nature Safari Park Rajgir
नेचर सफारी पार्क राजगीर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह नालंदा वन प्रभाग के अंतर्गत आता है। यहां पर आपको बहुत सारी जगह देखने के लिए मिलती है। यहां पर आप जिपलाइन, ग्लास ब्रिज, सस्पेंशन ब्रिज, ग्लास स्काईवॉक, स्काई बाइकिंग, रफल शूटिंग, तीरंदाजी इन सभी गतिविधियां का मजा ले सकते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और पहाड़ों से घिरी हुई है। यहां पर आपको चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है। यहां पर बहुत सारे जंगली जानवर देखने के लिए मिलते हैं, जो प्राकृतिक वातावरण में रखे गए हैं।
इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर मात्र 50 रुपए लिए लिए जाते हैं। यहां पर आप बस के द्वारा पूरी सफारी को इंजॉय कर सकते हैं। अगर आप यहां पर कैंप लगाकर रहना चाहते हैं, तो उसकी भी यहां पर व्यवस्था है। यहां पर वन विभाग के द्वारा हट बनाया गया है, जहां पर आप रह सकते हैं और यहां पर रहने के लिए कुछ चार्ज लगता है। यहां पर आपको कैफेटेरिया मिलता है, जहां पर आपको खाने पीने का सामान मिलता है। यहां पर आपको बटरफ्लाई गार्डन और मेडिकल प्लांट गार्डन देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर वीकेंड में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। यहां पर जितनी भी एडवेंचर्स गतिविधियां हैं। उनका अलग-अलग चार्ज लिया जाता है।
सोनाभंडार राजगीर - Sonabhandar Rajgir
सोनभंडार राजगीर का एक प्रमुख आकर्षण स्थल है। यहां पर आपको दो गुफाएं देखने के लिए मिलती है। यह गुफाएं प्राचीन है। यह गुफाएं दूसरी और तीसरी शताब्दी में बनाई गई है। यह गुफाएं मानव निर्मित है और बहुत ही सुंदर तरीके से बनाई हुई है। यहां पर पहाड़ियों पर आपको जैन तीर्थ कारों की मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। यह जगह बहुत सुंदर है और चारों तरफ से जंगल से घिरी हुई है। गुफा के बाहर आप को बहुत बड़ा गार्डन देखने के लिए मिलता है। यह गुफाएं राजगीर में नेचुरल पार्क के पास में स्थित है।
सोना भंडार के नाम से पता चलता है, कि यहां पर सोना का भंडार है। लोगों का मानना है, कि इन गुफाओं के अंदर सोने का बहुत बड़ा भंडार है और इस भंडार को मंत्रों के द्वारा सुरक्षित रखा गया है। यहां पर गुफाओं की दीवारों में शंख लिपि में मंत्रों को लिखा गया है, जो भी इन मंत्रों को पढ़ेगा। वह यहां से सोना ले जा सकता है। मगर यह लिपि बहुत पुरानी है। जिससे कोई भी अभी तक इस भाषा को पढ़ नहीं सका और सोना लेकर नहीं जा पाया है। लोगों का यह मानना है। अब यहां पर सोना है, कि नहीं है। इसका कोई पक्का सबूत नहीं है।
जरासंध का अखाड़ा राजगीर - Jarasandh ka akhada Rajgir
जरासंध का अखाड़ा या जरासंध की रणभूमि राजगीर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। यह धार्मिक महत्व की जगह है। यहां पर जरासंध और भीम के बीच में युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भीम ने जरासंध को हरा दिया था। यह जगह घने जंगल के अंदर स्थित है। यह जगह नेचर सफारी पार्क के अंदर स्थित है और आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
बिंबिसार कारागार राजगीर - Bimbisar Karagar Rajgir
बिंबिसार कारागार राजगीर का एक ऐतिहासिक स्थल है। यह जगह राजगीर की पहाड़ियों में स्थित है। यह स्थान उस दुर्भाग्यपूर्ण पिता को स्मरण दिलाता है, जिसे अपने पुत्र के हाथों कारावास में बंद कर दिया गया। अपने बेटे अजातशत्रु द्वारा अपने पिता राजा बिंबिसार को सिहासन कब्जा करने हेतु कारागार में डाला गया था। इस जेल का स्थान स्वयं राजा बिंबिसार द्वारा चयन किया गया था, क्योंकि वह चाहता था कि गिद्ध कूट पर्वत पर भगवान बुद्ध को चढ़ते हुए उनका दर्शन वह आमरण करता रहे। बिंबिसार भगवान बुद्ध का अनुयाई था तथा शांति में विश्वास के कारण ही उसने अपने पुत्र की इस दुष्टता को भी स्वीकार किया।
यह कारावास एक ऐतिहासिक स्थल है। बिंबिसार कारागार बिहार राज्य के समृद्ध अतीत का प्रमाण है। यहां पर आपको कारागार के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह खूबसूरत है और चारों तरफ से जंगल से घिरी हुई है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि राजगीर - Rath chakra chinh or shankhalipi Rajgir
रथ चक्र निशान राजगीर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह जगह राजगीर की पहाड़ियों में स्थित है। यहां पर चट्टान में रथ के निशान देखने के लिए मिलते हैं। लोगों का कहना है, कि यह निशान कृष्ण जी के रथ के हैं। जब कृष्ण जी राजगीर आये थे। यहां पर आपको शंखलिपि भी देखने के लिए मिलती है। शंख लिपि एक अनजान भाषा है, जिसे अभी तक किसी ने भी पढ़ नहीं पाया है। यह पर शंख लिपि में कुछ लिखा हुआ है। यह पहली और पांचवी शताब्दी के बीच लिखा गया है।
विश्व शांति स्तूप राजगीर - Vishwa Shanti Stupa Rajgir
विश्व शांति स्तूप राजगीर का प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर है। यह मंदिर हिंदू और बौद्ध धर्म के लोगों में बहुत प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजगीर में गिद्धकूट पर्वत पर बना हुआ है। मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां और रोपवे की सुविधा उपलब्ध है। रोपवे में आपका चार्ज लिया जाता है और रोपवे 1 सीटर है। इसमें एक व्यक्ति बैठकर जा सकता है। अगर आप सीढ़ियां से जाते हैं, तो यह सफर आपका एडवेंचर भरा रहता है। सीढ़ियों से आपको सुंदर व्यू देखने के लिए मिलता है। आप व्यू को देखते-देखते मंदिर तक पहुंच जाते हैं।
यहां पर आप खूबसूरत वादियां देखते हुए मंदिर के ऊपरी सिरे में पहुंचेंगे, तो आपको यहां पर सुंदर पगोड़ा देखने के लिए मिलता है। इस पगोड़ा को शांति स्तूप कहा जाता है। यह पगोड़ा पूरे विश्व में शांति का प्रतीक है। इस पगोड़ा में गौतम बुद्ध जी की अलग-अलग मुद्राओं में मूर्तियां देखने के लिए मिलती है। यह पगोड़ा पूरा सफेद कलर का बना हुआ है और गौतम बुद्ध जी की मूर्ति गोल्डन कलर की है और बहुत सुंदर लगती है।
यहां पर आपको राजगीर व्यूप्वाइंट देखने के लिए मिलता है, जहां से आपको चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर आप को जॉइंट बैल भी देखने के लिए मिलती है। यह बैल धातु की बनी हुई है और बहुत बड़ी है। यह बहुत सुंदर लगती है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको खाने पीने की बहुत सारी दुकानें मिल जाती है, जहां से आप खाने पीने का सामान ले सकते हैं।
यहां पर गिद्धकूट शिखर देखने के लिए मिलता है। गिद्धकूट शिखर को वल्चर पीक के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर आपको बहुत सारे रंग बिरंगे फ्लाग देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बौद्ध विहार के अवशेष देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर बुद्ध भगवान जी ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना बहुत सारा समय बिताया था। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यह राजगीर में घूमने लायक मुख्य जगह है।
मनियार मठ राजगीर - Maniyar Math Rajgir
मनियार मठ राजगीर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। मनियार मठ राजगीर में विश्व शांति स्तूप जाने वाले मार्ग पर मुख्य सड़क पर स्थित है। यह प्राचीन स्मारक है। यह प्राचीन राजगृह नगर के मध्य में स्थित हुआ करता था। इस पुरास्थल की पहचान पाली ग्रंथों में वर्णित मणिमाल चैत्य तथा महाभारत में उल्लेखित मणि नाग मंदिर के रूप में की जा सकती है। मनियार मठ का मुख्य आकर्षण इसका संरचना है।
इसकी संरचना कूप जैसी है, जिसका व्यास लगभग 3 मीटर तथा दीवार की मोटाई 1.20 मीटर है। इसकी बाहरी दीवार पर बने आलो में पुष्प हार से सुसज्जित लिंग, चतुर्भुजी विष्णु, नाग, सर्प से लिपटे गणेश तथा 6 भुजाओं वाले नृत्यरत शिव की लगभग 0.60 मीटर आकार वाली प्रतिमाएं थी, जिनमें से अधिकांश दुर्भाग्यवश नष्ट हो गई है। कला शैली की दृष्टि से यह प्रतिमाएं गुप्त काल की आंकी गई है। यहां पर आपको प्राचीन कुंड चबूतरा व मंदिर आदि आसपास स्थित है। यह जगह बहुत सुंदर है और पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। आप यहां पर भी घूम सकते हैं।
मखदूम कुंड राजगीर - Makhdoom Kund Rajgir
मखदूम कुंड राजगीर शहर का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मुस्लिम धार्मिक स्थल है। यहां पर मखदूम कुंड और दरगाह देखने के लिए मिलती है। यहां पर गर्म पानी का कुंड देखने के लिए मिलता है। इस गरम पानी के कुंड में नहा सकते हैं। यहां पर सूफी संत मखदूम शाह की दरगाह है।
यहां पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के लोग मखदूम शाह की दरगाह में आते हैं। मखदूम शाह राजगीर के जंगलों में 12 साल तक रहे और वह इस कुंड में रोजाना आते थे। यहां पर आप आकर दरगाह में सूफी संत मखदूम शाह के दर्शन कर सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं। यहां पर रहने के लिए रूम भी रेंट पर मिलते हैं। यहां पर खिजार मस्जिद देखने के लिए मिलती है।
ब्रह्मकुंड राजगीर - Brahma Kund Rajgir
ब्रह्मा कुंड राजगीर में स्थित एक प्रमुख स्थल है। यह एक चमत्कारिक स्थल है। यहां पर आपको गर्म पानी का कुंड देखने के लिए मिलता है। गरम पानी के कुंड में स्नान किया जाता है। यह पानी सल्फर युक्त है, जिससे त्वचा संबंधी रोग ठीक होते हैं। यहां पर स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग नहाने की व्यवस्था है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर शंकर जी का मंदिर बना हुआ है, जो आप देख सकते हैं।
यहां पर और भी मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर विष्णु जी का मंदिर, ब्रह्मा जी का मंदिर, अगस्त मुनि का मंदिर देखने के लिए मिलता है। ब्रह्मकुंड राजगीर मुख्य शहर में स्थित है। यह कुंड पक्का बना हुआ है और आप यहां पर आराम से नहाने का मजा ले सकते हैं।
सप्तपर्णी गुफा राजगीर - Saptaparni Cave Rajgir
सप्तपर्णी गुफा राजगीर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। सप्तपर्णी गुफा राजगीर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। यह गुफा ऊंची पहाड़ी पर बनी हुई है। यह गुफा वैभवगिरी पहाड़ी पर बनी हुई है। यह गुफा राजगीर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है और आप अगर राजगीर घूमने के लिए आते हैं, तो आपको यहां पर जरूर आना चाहिए। सप्तपर्णी गुफा को सप्तपर्णी गुहा के नाम से भी जाना जाता है। सप्तपर्णी का मतलब होता है - सात पत्तियां। यह गुफाएं प्राकृतिक है।
इस गुफा का धार्मिक महत्व है, कहा जाता है कि यहां पर बुद्ध भगवान जी ने अपने जीवन के अंतिम क्षण बिताए थे। गुफा में जाने के लिए टाइम 6 से 4 बजे तक है। यहां पर एंट्री फ्री है। आप पहाड़ी में ट्रेकिंग करके गुफा तक पहुंच सकते हैं। गुफा के पास ही में आपको बहुत सारे बंदर भी देखने के लिए मिल जाते हैं। गुफा में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। इसलिए अपने साथ पानी और खाने का कुछ लेकर चलें। यहां पर आपको लक्ष्मी नारायण मंदिर देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर रहता है। यहां पर मुनीसुवर्तस्वामी केवलज्ञान जैन मंदिर, खंडहर जैन मंदिर, शिव मंदिर, महावीर स्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर देखने के लिए मिल जाता है। यहां से आपको राजगीर का बहुत ही सुंदर नजारा देखने के लिए मिल जाता है। आप यहां पर आकर अपना बहुत अच्छा वक्त बिता सकते हैं।
पांडू पोखर राजगीर - Pandu Pokhar Rajgir
पांडू पोखर राजगीर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। पांडू पोखर राजगीर में वीरायतन रोड में स्थित है। यह पर एक सुंदर झील देखने के लिए मिलती है। यह जगह प्राकृतिक परिवेश में स्थित है। यहां पर एक सुंदर पार्क बना हुआ है। पार्क के बीच में झील बनी हुई है। यहां पर आपको बहुत सारी जगह घूमने के लिए मिलती है। यहां पर गुलाब बगीचा, जापानीस बगीचा, चिल्ड्रन प्ले एरिया, पांडू मूर्ति, बुद्ध मूर्ति देखने के लिए मिल जाती है। यह पार्क राजगीर पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है। यहां पर आपको इनडोर और आउटडोर गेम खेलने के लिए मिल जाते हैं।
यहां पर आपको बहुत सारी एडवेंचर्स गतिविधियां करने के लिए मिल जाती है। यहां पर बाउंसी, बुल राइड, फुटबॉल, सेल्फी प्वाइंट, क्रिकेट, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, टेबल शूकर, कैरम, जिपलाइन, बंजी जंपिंग, एयर हॉकी, पूल टेबल, बर्मा ब्रिज, शूटिंग, रोटेटेड डॉल्फिन, बास्केटबॉल, हॉर्स राइडिंग, डबल साइकिल इन सभी गतिविधियों का मजा ले सकते हैं। यहां पर इनका अलग-अलग चार्ज लिया जाता है। यहां पर आपको अलग-अलग पैकेज मिलता है, जिसमें अलग-अलग सुविधाएं रहती हैं। यहां पर चार्ज मंडे फ्राईडे अलग रहता है और सेटरडे संडे को अलग रहता है।
जापानी मंदिर राजगीर - Japanese Temple Rajgir
जापानी मंदिर राजगीर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर जापानी वास्तुकला में बनाया गया है। यह बौद्ध मंदिर है। मंदिर में आपको बुद्ध भगवान जी की बहुत सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के बाहर गार्डन में बुद्ध भगवान जी की बहुत सारी सुंदर सुंदर प्रतिमाएं रखी गई है और आपको यहां पर बहुत ढेर सारे स्लोगन भी देखने के लिए मिलते हैं, जो जापानी भाषा में लिखे गए हैं। यहां पर शेर की प्रतिमा भी देखने के लिए मिलती है।
जापानी मंदिर राजगीर में, वीरायतन जाने वाली सड़क से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। इस जगह का इतिहास इस प्रकार है, ईसा पूर्व छठी शताब्दी में मगध सम्राट बिंबिसार ने भगवान बुद्ध और संघ के लिए वेणुवन में एक भव्य विहार का निर्माण करवाया था। यह विश्व का प्रथम बौद्ध विहार था। उस प्राचीन वेणुवन विहार के ऐतिहासिक स्थल के सामने इस नव वेणुवन का विहार का निर्माण महामना निचिदात्यु फूजिई गुरु जी के प्रेरणा से हुआ। इसके स्थापत्य कार बौद्ध कलाकार उपेंद्र महारथी है। 1969 में बिहार के मुख्यमंत्री एवं राजगीर बुद्ध विहार के अध्यक्ष कर्पूरी ठाकुर ने इसका शिलान्यास रखा एवं भारत के राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 24 अक्टूबर 1981 में उसका उद्घाटन किया।
वेणुवन राजगीर - Venuvan Rajgir
वेणुवन राजगीर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। वेणुवन एक सुंदर पार्क है। वेणुवन एक हिस्टोरिकल जगह भी है। वेणुवन का धार्मिक महत्व भी है। बौद्ध धर्मवलियों के लिए यह एक पवित्र स्थल है। तत्कालीन मगध सम्राट बिंबिसार द्वारा वेणुवन को महात्मा बुद्ध के रात्रि विश्राम हेतु प्रदान किया गया था। महात्मा बुद्ध को यह स्थल बहुत ही प्रिय था। प्रतिदिन वेणुवन स्थित करंदक तालाब में स्नान करने के पश्चात महात्मा बुद्ध गिद्धकूट पर्वत पर अपने अनुयायियों के साथ प्रवचन किया करते थे।
यहां पर चारों तरफ हरियाली और सुंदर बगीचा देखने के लिए मिलता है। यहां पर विभिन्न प्रकार के फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं। यहां पर कसरत करने के लिए मशीनें लगाई गई है। यहां पर बच्चों के लिए चिल्ड्रन प्ले एरिया बना हुआ है, जहां पर बहुत सारे झूले हैं और बच्चे लोग काफी इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर करंदक तालाब देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है। वेणुवन राजगीर मुख्य शहर में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। इस पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाता है। यहां पर आपको गौतम बुद्ध जी की बहुत सारी प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती हैं। आप यहां पर आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं।
वीरायतन राजगीर - Veerayatan Rajgir
वीरायतन राजगीर का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। वीरायतन में आपको एक संग्रहालय और जैन मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको जैन श्वेतांबर मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर महावीर भगवान जी का बहुत सुंदर और बहुत ही भव्य मंदिर देखने के लिए मिलता है, जिसमें महावीर भगवान जी की सुंदर प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।
यह पर एक सुंदर संग्रहालय है। यह संग्रहालय जैन धर्म से संबंधित है। यह संग्रहालय बहुत सुंदर है। संग्रहालय में आपको मिनिएचर वस्तु देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको मिनिएचर मॉडल से बहुत सारी जानकारी, लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है। यहां पर जैन मंदिर, जैन धर्म के लोग पूजा किस प्रकार करते हैं, उनकी परंपरा है, घर, खेती, इन सभी के मिनिएचर मॉडल देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत सुंदर लगते हैं। यहां पर बहुत सारी वस्तुओं का संग्रह देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं और बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
नौलखा मंदिर राजगीर - Naulakha Temple Rajgir
नौलखा मंदिर राजगीर का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुख्य राजगीर शहर में स्थित है। यह मंदिर लाल और सफेद पत्थरों से बना हुआ है। मंदिर बहुत सुंदर लगता है। यह मंदिर मुख्य सड़क पर स्थित है। यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां पर आप अगर ठहरना चाहते हैं, तो यहां पर धर्मशाला बनी हुई है और यहां पर भोजशाला भी है, जहां पर आप को स्वादिष्ट भोजन खाने के लिए मिलता है। यहां मंदिर मुनीसुव्रत स्वामी जी को समर्पित है।
यह मंदिर जैनों के 20 वे तीर्थकार भगवान श्री मुनीसुवर्तस्वामी का है, जो भगवान श्री राम के समकालीन थे। राजगृह में इनके चार कल्याणक च्यवन, जन्म, दीक्षा और केवलज्ञान हुए और पांचवा कल्याणक मोक्ष सम्मेतशिखर पर पहाड़ पर हुआ। भगवान श्री महावीर जैन के 24वें और अंतिम तीर्थ कार थे। वह भगवान श्री बुद्ध के समकालीन थे। उन्होंने यहां पर और आसपास 24 चतुर्मास किया था।
यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर में आपको मुनीसुव्रत स्वामी जी की 4 फुट ऊंची प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो राजस्थान के श्याम संगमरमर के पत्थर से बनाई गई है। आप यहां पर आ कर मुनीसुव्रत स्वामी जी के दर्शन कर सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा।
घोड़ा कटोरा झील राजगीर - Ghoda Katora Lake Rajgir
घोड़ा कटोरा झील और इको पार्क राजगीर में घूमने वाली एक मुख्य जगह है। यह राजगीर का मुख्य आकर्षण स्थल है। घोड़ा कटोरा झील राजगीर के जंगल के अंदर स्थित है। यह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। यहां पर आपको एक सुंदर झील देखने के लिए मिलती है। यह झील चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरी हुई है और यहां का दृश्य देखने लायक रहता है। यहां पर झील के बीच में बुद्ध भगवान जी की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा देखने में बहुत सुंदर लगती है। भगवान बुद्ध की मूर्ति 70 फीट ऊंची है। यह इंडिया की ऊंची मूर्तियों में से एक है। इस मूर्ति का इनॉग्रेशन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा किया गया था।
घोड़ा कटोरा झील एवं इको पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लगता है। यहां पर एक व्यक्ति का 20 रुपए लिया जाता है। यहां पर आप झील में नौकायान का मजा ले सकते हैं। नौकायान का भी चार्ज लिया जाता है। मगर आपको नौकायान में मजा बहुत आएगा और आप पूरी झील में भ्रमण कर सकते हैं। यहां पर झील में आपको बहुत सारी बदक देखने के लिए मिलती हैं, जो झील में घूमती रहती है। यहां का दृश्य बहुत ही बढ़िया रहता है।
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