बागपत जिले के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Baghpat district / बागपत जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
बागपत उत्तर प्रदेश का एक मुख्य जिला है। बागपत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 510 किलोमीटर दूर है। बागपत भारत की राजधानी दिल्ली से 40 किलोमीटर दूर है। बागपत जिला यमुना नदी के किनारे स्थित है। बागपत जिले में हिंडन नदी भी बहती है। बागपत जिले में आप सड़क माध्यम द्वारा पहुंच सकते हैं। बागपत जिला पहले मेरठ जिले का एक हिस्सा हुआ करता था।यह मेरठ जिले की तहसील हुआ करता था। इसे 1997 में अलग करके एक नया जिला बनाया गया। बागपत का मूल रूप से व्यघ्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था। व्यघ्रप्रस्थ का मतलब होता है - बाघों की भूमि। इसका धीरे-धीरे नाम बदलकर बागपत या बाघपत हो गया। अब इस जिले को बागपत के नाम से जाना जाता है। बागपत जिले में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - बागपत में कौन-कौन सी जगह घूमने लायक है।
बागपत जिले में घूमने वाली जगह - Baghpat mein ghumne ki jagah
गुफा वाले बाबा का मंदिर बागपत - Gufa Wale Baba ka mandir Baghpat
गुफा वाले बाबा का मंदिर बागपत शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बागपत जिले में बड़ौत बागपत हाईवे सड़क पर स्थित है। इस मंदिर में आपको गुफा वाले बाबा जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। कहा जाता है, कि इस मंदिर में आकर मनोकामना मांगने से, मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसलिए यहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। इस मंदिर के बाहर प्रसाद और खिलौने वगैरह की दुकान देखने के लिए मिल जाती है। आप यहां पर बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं और गुफा वाले बाबा के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर में होली और दिवाली में बहुत ज्यादा भीड़ लगती है। बहुत सारे लोग यहां पर बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं। आप भी यहां पर आकर बाबा के दर्शन कर सकते हैं।
नीलकंठ महादेव धाम मंदिर बागपत - Neelkanth Mahadev Dham Temple Baghpat
नीलकंठ महादेव धाम मंदिर बागपत जिले का एक मुख्य मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। इस मंदिर में आपको शिव भगवान जी की बहुत ऊंची प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा 57 फीट ऊंची है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर के सामने बगीचा भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बागपत जिले में दिल्ली रोड में टयोढी गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर सावन सोमवार और महाशिवरात्रि में बहुत सारे लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर मुख्य सड़क में है। इसलिए आपको यहां आने में कोई दिक्कत भी नहीं होगी। यह बागपत में घूमने वाली सबसे अच्छी जगह है।
बड़ा दिगंबर जैन मंदिर बागपत - Bada Digambar Jain Temple Baghpat
बड़ा दिगंबर जैन मंदिर बागपत जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह जैन धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बागपत जिले में बड़ौत में स्थित है। यहां पर आपको बहुत सारे जैन तीर्थ कारों की मूर्तियों के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बहुत सुंदर है।
प्राचीन शिव मंदिर बागपत - Ancient Shiva Temple Baghpat
प्राचीन शिव मंदिर बागपत का एक सुंदर मंदिर है। यह मंदिर बागपत जिले में कुरडी गांव में स्थित है। यह मंदिर बहुत खूबसूरत है। यह मंदिर एक ऊंचे टीले पर बना हुआ है। यहां पर शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आप घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको अच्छा लगेगा। यहां चारों तरफ खेत का दृश्य देखने के लिए मिलता है। मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर यमुना नदी का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह बागपत में घूमने वाली सबसे अच्छी जगह है।
सूरज कुंड मंदिर बागपत - Suraj Kund Temple Baghpat
सूरजकुंड मंदिर बागपत जिले के पास एक पर्यटन स्थल है। यह मंदिर कांधला में स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। यहां पर आपको एक बड़ा सा कुंड देखने के लिए मिलता है। इस कुंड में बहुत सारे कमल के फूल लगे हुए हैं। यहां पर आपको सिद्धेश्वर महादेव मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है और यहां पर शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर प्राचीन है और आप यहां पर दर्शन करने के लिए आ सकते हैं। यहां पर शनि देव जी का मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। यह बागपत में घूमने लायक जगह है।
लाक्षागृह बरनावा बागपत - Laksha Griha Barnawa Baghpat
लाक्षागृह बागपत में स्थित पौराणिक जगह है। यह जगह बागपत में बरनावा में स्थित है। यह जगह हिंडन और कृष्णा नदी के संगम पर स्थित है। इस जगह का संबंध महाभारत काल से रहा है। कहा जाता है, कि यह एक ऐतिहासिक स्थान है, जहां पर दुर्योधन ने पांडवों को भस्म करने के लिए बरनावा ग्राम के निकट हिंडन और कृष्णा नदी के संगम पर लाक्षागृह अर्थात लाख का घर बनवाया था। परंतु महामंत्री विदुर के द्वारा निर्मित सुरंग से पांडव यहां से निकल गए थे।
आपको यहां पर प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिल जाते हैं। इसके अलावा यहां पर परम पूज्य कृष्ण दत्त जी महाराज द्वारा स्थापित एक संस्कृत विद्यालय देखने के लिए मिलता है, जो गांधीधाम समिति द्वारा संचालित किया जाता है। इस विद्यालय में संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। यह विद्यालय संस्कृत शिक्षा परिषद लखनऊ से मान्यता प्राप्त है। विद्यालय में प्राचीन गुरुकुल व्यवस्था में रहते हुए लगभग 200 छात्र चारित्रिक आत्मविकास एवं राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत संस्कृत भाषा एवं आधुनिक विषयों की निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते हैं। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह बहुत ही सुंदर है और यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको बहुत सारे मंदिर भी देखने के लिए मिलते हैं। आपको यहां पर लाक्षागृह का टीला और गुफा भी देखने के लिए मिलती है। यह बागपत में घूमने लायक जगह है।
बरनावा दिगंबर जैन मंदिर - Barnawa Digambar Jain Temple
बरनावा दिगंबर जैन मंदिर बागपत का एक मुख्य स्थल है। यह जैन तीर्थ स्थल है। यहां पर आपको चंद्रप्रभु जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर चंद्रप्रभु भगवान जी की बहुत सुंदर मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यह मंदिर बहुत पुराना है। यह मंदिर बरनावा गांव के बीचो बीच स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है।
त्रिलोक तीर्थ धाम बागपत - Trilok Teerth Dham Baghpat
त्रिलोक तीर्थ धाम बागपत जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर बागपत जिले में बड़ागांव में स्थित है। यहां पर जैन धर्म का बहुत ही सुंदर मंदिर बना हुआ है और यहां पर मंदिर की, जो बिल्डिंग है। उसका डिजाइन बहुत ही आकर्षक है। यह बिल्डिंग बहुमंजिला है। मंदिर के हर फ्लोर में आपको जैन धर्म के तीर्थकारो की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है।
इस बिल्डिंग के सबसे ऊपर भगवान आदिनाथ की काले रंग की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है। यह प्रतिमा 31 फुट ऊंची है और अष्टधातु की बनी हुई है। यह प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में विराजमान है। यहां पर आपको और भी बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिल जाते हैं। यह बिल्डिंग 317 फीट ऊंची है। 217 फीट जमीन से ऊपर तथा 100 फुट जमीन के नीचे है। इसमें 17 मंजिलें हैं तथा दो लिफ्ट लगी हुई है। त्रिलोक तीर्थ मंदिर में सहस्त्रकूट मंदिर, नंदीश्वर द्वीप, मेरु मंदिर, विदेह क्षेत्र मंदिर, ढाई द्वीप मंदिर, त्रिकाल चौबीसी मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, श्री नेमिनाथ भगवान का मंदिर, भगवान श्री सुब्रत नाथ का मंदिर देखने के लिए मिलता है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं।
वाल्मीकि आश्रम बागपत - Valmiki Ashram Baghpat
वाल्मीकि आश्रम बागपत जिले का एक मुख्य धार्मिक स्थल है। यह आश्रम बागपत शहर से करीब 23 किलोमीटर दूर बलैनी नाम के गांव में स्थित है। यह मेरठ से 27 किलोमीटर दूर है। यह गांव मेरठ से बागपत जाने वाली रास्ते पर पड़ता है। यहां पर हिंडन नदी के किनारे बाल्मीकि आश्रम देखने के लिए मिलता है।
कहा जाता है कि वाल्मीकि जी ने यहीं पर रामायण की रचना करी थी और सीता जी ने यहीं पर राम जी के त्यागने के बाद अपना बाकी का शेष जीवन यहां पर बिताया था। उन्होंने यहीं पर लव और कुश को जन्म दिया था। यहीं पर लव और कुश ने शिक्षा ग्रहण करी थी। यह आश्रम बहुत सुंदर है और यहां पर आकर आपको बहुत अच्छी अनुभूति होती है। यहां पर आपको माता सीता सती स्थल भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको लव और कुश की जन्म स्थली देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। आपको यहां पर और भी बहुत सारी चीजें देखने के लिए मिलती है।
घूमेश्वर महादेव मंदिर बागपत - Ghumeshwar Mahadev Temple Baghpat
घूमेश्वर महादेव मंदिर बागपत जिले का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बागपत जिले में हिंडन नदी के किनारे सुराना नाम के गांव में बना हुआ है। यह मंदिर प्राचीन है। यहां पर आपको शिव भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको बहुत ही सुंदर मंदिर देखने के लिए मिलता है। मंदिर का डिजाइन बहुत सुंदर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि को यहां पर बहुत भीड़ रहती है।
Bagpat jile mein pura Mahadev Mandir bhi bahut prasiddh hai bahut achcha mandir hai yahan per bhi aur Somwar ko kafi bheed lagi rahti hai to do SE log aate Hain gaon chadhate Hain aur prasiddh aur prachin Mandir hai jiski bahut Manyata hai
जवाब देंहटाएंAwesome Post ap Bahut Mehanat krte hai
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