काल भैरव मंदिर उज्जैन - Kaal Bhairav Mandir Ujjain
श्री काल भैरव मंदिर उज्जैन का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर उज्जैन में भैरवगढ़ में स्थित है। काल भैरव के कारण ही इस जगह को भैरवगढ़ के नाम से जाना जाता है। प्राचीन समय में यहां पर पहाड़ हुआ करता था, जिसमें काल भैरव का मंदिर विराजमान था, जिसे भैरव पर्वत कहा जाता था। मगर धीरे-धीरे इस जगह का नाम बदलकर भैरवगढ़ कर दिया गया। यहां पर बहुत बड़ा चमत्कार देखने के लिए मिलता है। यहां पर काल भैरव जी की जो मूर्ति है। वह मदिरा पान करती है। यह चमत्कार सिर्फ आपको उज्जैन में ही देखने मिलेगा। बाकी इस तरह का चमत्कार और कहीं भी देखने के लिए नहीं मिलता है। इसलिए लोग अपनी उत्सुकता वंश यहां पर घूमने के लिए आते हैं और यह चमत्कार अपनी आंखों से देखते हैं। यहां पर काल भैरव जी की मूर्ति को एक प्याले में भरकर मदिरा या दारू मूर्ति के पास लेकर जाया जाता है और मूर्ति कुछ ही समय में पूरी मदिरा को पी लेती है।
हम लोग की उज्जैन यात्रा में, हम लोग प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर भी घूमने के लिए गए थे। वैसे भी अगर आप उज्जैन आ कर काल भैरव मंदिर नहीं गए, तो आप कुछ नहीं घूमे। क्योंकि यहां पर चमत्कार देखने के लिए मिलता है। हम लोग उज्जैन के गढ़ कालिका मंदिर और भरथरी की गुफा घूमने के बाद उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर गए। शिप्रा नदी पर बने पुल को पार करने के बाद भैरवगढ़ लग जाता है। जब हम लोग यहां पर पहुंचे, तो यहां पर मंदिर के बाहर बहुत सारी शराब की दुकान देखने के लिए मिलती है। काल भैरव जी को शराब प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है, तो यहां पर अलग अलग ब्रांड की शराब देखने के लिए मिल जाती है। वैसे काल भैरव भगवान जी को देसी शराब चढ़ाई जाती है। मगर यहां पर अलग अलग ब्रांड की शराब हैं, जिन्हें आप अपनी श्रद्धा अनुसार खरीद के चढ़ा सकते हैं और यहां पर जो शराब का प्राइस है। वह थोड़ा सा ज्यादा है, क्योंकि लोग यहां पर प्रसाद के रूप में काल भैरव जी को शराब अर्पित करते हैं।
काल भैरव मंदिर जब हम लोग पहुंचे, तो यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ थी और बाहर तक लाइन लगी हुई थी और यहां पर बहुत सारी दुकानें थी। जहां पर तरह-तरह के सामान में मिल रहे थे और खाने पीने की बहुत सारी सामग्री यहां पर मिल रहे थे। यहां पर पापड़ मिले थे। तले हुए चने मिल रहे थे और भी बहुत सामान खाने के मिल रहे थे। यहां पर बहुत सारी ऑटो और कार भी खड़ी थी। यहां पर बहुत भीड़ थी। काल भैरव जी को अर्पित करने के लिए यहां पर शराब थोड़ी महंगी थी। इसलिए हम लोगों ने कुछ नहीं लिया। हम लोग डायरेक्ट काल भैरव के मंदिर गए और लाइन में खड़े हो गए और अपनी बारी का इंतजार करने के लिए करने लगे।
काल भैरव मंदिर प्राचीन है। काल भैरव मंदिर के अंदर बहुत सारे और भी मंदिर है, जिनके दर्शन किए जा सकते हैं। काल भैरव मंदिर के अंदर एक बड़ा सा दीपस्तंभ देखने के लिए मिलता है। यह दीपस्तंभ मराठा शासकों द्वारा बनवाया गया है। काल भैरव मंदिर परिसर में दत्तात्रेय मंदिर भी देखने के लिए मिलता है। मंदिर परिसर के अंदर पाताल भैरव भी विराजमान है। यह मंदिर भी प्राचीन है और बहुत सुंदर तरीके से बना हुआ है।
काल भैरव मंदिर की वास्तुकला में बहुत सुंदर है। यहां पर परमार और मराठा वास्तुकला देखने के लिए मिल जाती है। राजा भोज के समय इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया था। यहां पर परमार राजा भोज के द्वारा सुंदर खंभों का निर्माण किया गया था। इन खंभों पर सुंदर डिजाइन बनाया गया है। हम लोग लाइन लगाकर काल भैरव जी के मंदिर पहुंचे, तो यहां पर पंडित जी बैठे हुए थे। मुख्य मंदिर के गर्भगृह में काल भैरव जी की बहुत ही आकर्षक प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिले। काल भैरव जी की प्रतिमा सिंदूरी रंग से रंगी हुई थी।
यहां पर, जो भी लोगों ने प्रसाद लाया था। वह पंडित जी को दिया। वह एक प्याले में शराब को डालते हैं और उसे काल भैरव की मूर्ति के पास लेकर जाते हैं और मूर्ति कुछ ही पलों में वह पूरा प्याला से शराब खत्म कर देती है। यह चमत्कार हमने अपनी आंखों से देखा। जो बहुत ही ज्यादा अद्भुत लगा। यह चमत्कार देखने के लिए यहां पर सैकड़ों की संख्या में भक्त उज्जैन आते हैं। काल भैरव भगवान शिव के ही भक्त हैं और उज्जैन नगर के संरक्षक हैं। उज्जैन नगर की वो रक्षा कर रहे हैं। गर्भ ग्रह में चांदी से बना हुआ सुंदर सा मंदिर देखने के लिए मिलता है। काल भैरव के दर्शन करने के बाद, बाहर आकर दत्तात्रेय मंदिर घूमा। दत्तात्रेय मंदिर भी बहुत अच्छा है और मंदिर के गर्भ गृह में दत्तात्रेय की मूर्ति विराजमान है।
उज्जैन का काल भैरव मंदिर मुख्य रूप से अघोरी और तांत्रिकों के लिए एक मुख्य साधना केंद्र है। यहां पर अघोरी और तांत्रिक लोग साधना करने के लिए आते हैं। हम लोग मंदिर के दर्शन कर कर बाहर आ गए और हम लोग उज्जैन में अपनी यात्रा में आगे चल दिया।
काल भैरव मंदिर का इतिहास - History of Kal Bhairav Temple
उज्जैन का काल भैरव मंदिर का निर्माण 2500 ईसा पूर्व राजा भद्रसेन के द्वारा करवाया गया था। भद्रसेन एक बार युद्ध के लिए यहां से निकले थे और उन्होंने काल भैरव जी से प्रार्थना करें। अगर वह युद्ध जीते, तो वह यहां पर मंदिर का निर्माण करेंगे और राजा भद्रसेन युद्ध जीत गए। उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया। उसके बाद परमार वंश के राजा भोज के द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। उसके बाद इस मंदिर का निर्माण मराठा शासक के द्वारा करवाया गया। इस मंदिर में शराब चढ़ाने की परंपरा कब से प्रारंभ हुई। इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है और यह परंपरा कैसे चालू हुई इसकी जानकारी नहीं है। मगर यह परंपरा बहुत ही अनोखी है, क्योंकि यह परंपरा और कहीं भी नहीं है। सिर्फ उज्जैन के काल भैरव मंदिर में ही देखने के लिए मिलती है।
उज्जैन के काल भैरव का रहस्य - Mystery of Kaal Bhairav of Ujjain
उज्जैन के काल भैरव मंदिर में स्थापित काल भैरव की प्रतिमा का रहस्य यह है, कि जो काल भैरव की जो प्रतिमा है। इस प्रतिमा में रोज हजारों लीटर शराब को चढ़ाया जाता है और यह शराब काल भैरव जी स्वयं पीते हैं। सबसे बड़ा रहस्य यही है और इसी रहस्य को सुलझाने के लिए बहुत सारे लोगों ने यहां पर रिसर्च किया। यहां पर खुदाई की गई और यह पता लगाने की कोशिश की गई, कि यह पर शराब कहां जाती है। मगर किसी को भी कुछ पता नहीं चला। सबके हाथ निराशा ही हाथ आई। यहां पर काल भैरव जी की जो मूर्ति है। वह शराब पी जाती है। यही एक अनोखी बात है और यह रहस्यमई बात भी है।
काल भैरव मंदिर कहां पर स्थित है - Where is Kaal Bhairav Temple ?
उज्जैन का काल भैरव मंदिर उज्जैन से करीब 8 किलोमीटर दूर भैरवगढ़ में स्थित है। काल भैरव मंदिर के पहुंचने के लिए शिप्रा नदी के पुल को पार करना पड़ता है और भैरवगढ़ पहुंच जाते हैं। काल भैरव मंदिर में आप कार या बाइक से आ सकते हैं और यहां पर पार्किंग का थोड़ा दिक्कत रहता है, क्योंकि यहां पर बहुत सारे भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आने के लिए पक्की सड़क है। काल भैरव मंदिर आसानी से आप आ सकते हैं।
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