उज्जैन की शिप्रा नदी और शिप्रा नदी का उद्गम स्थल - Origin Place of Shipra river and Shipra river of Ujjain
शिप्रा नदी मध्य प्रदेश की मुख्य नदी है। शिप्रा नदी को मालवा की गंगा भी कहा जाता है। यह नदी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से निकलती है और इंदौर, देवास, उज्जैन से बहते हुए रतलाम शहर में मध्य प्रदेश और राजस्थान की बॉर्डर के पास चंबल नदी से मिल जाती है। चंबल नदी से शिप्रा नदी का संगम हो जाता है और यहां पर शिप्रा नदी की यात्रा खत्म हो जाती है। यहां पर चंबल और शिप्रा नदी संगम के बाद आगे बढ़ती हैं और चंबल नदी आगे जाकर यमुना नदी से मिल जाती है। शिप्रा नदी उज्जैन में मुख्य तौर पर प्रसिद्ध है। उज्जैन की शिप्रा नदी के किनारे बहुत सारे मंदिर हैं और उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे सुंदर घाट भी बना हुआ है। जिसे शिप्रा घाट कहा जाता है यहां पर शिप्रा नदी के किनारे अनेकों घाट बने हुए हैं और वे सभी घाट प्रसिद्ध हैं और लोग यहां पर आकर स्नान करते हैं। इन घाटों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, मगर यह घाट उज्जैन शिप्रा घाट के नाम से प्रसिद्ध है। उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे रामघाट बहुत प्रसिद्ध है। शिप्रा नदी उज्जैन की जीवन रेखा है।
शिप्रा नदी, जिसे क्षिप्रा के नाम से भी जाना जाता है। शिप्रा नदी की कुल लंबाई करीब 195 किलोमीटर है। शिप्रा नदी मध्य प्रदेश की पवित्र नदी है। शिप्रा नदी के किनारे अनेकों मंदिर बने हुए हैं, जो पूजनीय है। शिप्रा नदी के पवित्र घाट में लोग स्नान करते हैं और अपने पाप धोते हैं। शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में हर 12 वर्ष में मेला लगता है, जिसे कुंभ मेला कहते हैं। लोग इसे सिंहस्थ मेला भी कहते हैं। यह मेला उज्जैन नगर में शिप्रा नदी के किनारे लगता है। यहां पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं और शिप्रा नदी में स्नान करते हैं। उज्जैन महाकाल की नगरी कही जाती है और उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे ही महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग विराजमान है, जिसके दर्शन करने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं।
शिप्रा नदी धार्मिक रूप से जितनी महत्वपूर्ण है। उतनी ही आर्थिक रूप से भी है। शिप्रा नदी के पानी से बहुत सारे किसानों की फसलों लहलहाती है और किसानों के यहां खुशहाली आती है। यह नदी बहुत सारी जमीन को सिंचित करती है। इंदौर, देवास रोड पर एक बांध बना हुआ है, जिसे शिप्रा बांध के नाम से जाना जाता है। इस बांध का दृश्य बहुत सुंदर रहता है। आप जब भी इंदौर से देवास की तरफ यात्रा करते हैं, तो यहां पर जा सकते हैं। इंदौर देवास हाईवे सड़क से आपको बांध का भराव क्षेत्र देखने के लिए मिलता है। अगर आप बांध का गेट देखना चाहते हैं, तो आपको मुख्य सड़क से थोड़ा आगे जाना पड़ता है।
गर्मी के समय शिप्रा नदी का पानी सूख जाता है। इसलिए शिप्रा नर्मदा लिंक परियोजना के द्वारा शिप्रा में नर्मदा जी का पानी, पाइप के द्वारा लाया गया है, जिससे शिप्रा नदी में पानी की कमी ना हो और यह हमेशा जल से भरी रहे और इसका लाभ सभी लोगों को मिल सके।
शिप्रा नदी का उद्गम स्थल - Shipra (Kshipra) nadi ka udgam sthal
शिप्रा नदी का उद्गम स्थल इंदौर शहर के पास एक छोटे से गांव से हुआ है। शिप्रा नदी के उद्गम स्थल को उज्जैनी के नाम से जाना जाता है। यहां पर ऊंची पहाड़ी पर शिप्रा माता का मंदिर बना हुआ है। यहां पर छोटे से कुंड से शिप्रा नदी का उद्गम हुआ है। यहां पर शिप्रा नर्मदा लिंक सिंहस्थ परियोजना के द्वारा नर्मदा और शिप्रा नदी को जोड़ा गया है। इस जगह पर एक सुंदर वाटर पार्क बनाया गया है, जिसमें सभी लोग आकर इंजॉय कर सकते हैं। यहां पर महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग घाट बना हुआ है, जहां पर लोग नहा सकते हैं। इस परियोजना में शिप्रा और नर्मदा नदी का संगम हुआ है और यह संगम मानव निर्मित है। शिप्रा नदी का उद्गम स्थल इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर है और यहां पर आप गाड़ी या कार से पहुंच सकते हैं। यह फैमिली के साथ घूमने की एक बहुत अच्छी जगह है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। शिप्रा नदी की उत्पत्ति इसी पहाड़ी से हुई है। आप यहां पर आकर पहाड़ी में शिप्रा माता के मंदिर में जा कर घूम सकते हैं। पहाड़ से चारों तरफ का बहुत ही सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। पहाड़ी तक जाने के लिए सीढ़ियां हैं।
उज्जैन में शिप्रा नदी की फोटो - Photo of Shipra River in Ujjain
शिप्रा नदी |
शिप्रा नदी सिद्धवट उज्जैन |
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