कला एवं पुरातत्व संग्रहालय त्रिवेणी उज्जैन
Art and Archaeological Museum Triveni Ujjain
त्रिवेणी संग्रहालय उज्जैन का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह जगह हम लोगों को बहुत पसंद आई। यहां पर जितने भी वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। सभी भगवान से संबंधित है और यहां पर प्राचीन सिक्के और मूर्तियों को भी प्रदर्शित किया गया है। मगर यहां पर ज्यादातर, जो मूर्तियां हैं। वह भगवान जी से ही संबंधित है और आपको उन्हीं की ज्यादा जानकारी दी गई है। यह संग्रहालय बहुत सुव्यवस्थित ढंग से रखा गया है और संग्रहालय में जो भी कर्मचारी है। उनका बर्ताव भी बहुत अच्छा है। वह आपको सभी जानकारी देंगे। आप जो भी वस्तुओं के बारे में उनसे पूछेंगे, वह आपको उन सभी की जानकारी देंगे। हम लोग को यह जगह बहुत पसंद आई। यहां पर काम करने वाले लोग भी बहुत अच्छे हैं और आपको यहां पर आकर बहुत सारी जानकारी मिलेगी। हमारी भारतीय संस्कृति और हमारे देवी-देवताओं से संबंधित बहुत सारी जानकारी यहां पर मिल जाती है।
त्रिवेणी संग्रहालय महाकाल मंदिर से करीब 2 किलोमीटर दूर होगा और इस संग्रहालय में पहुंचने के लिए सड़क भी बहुत बढ़िया हैं। और त्रिवेणी संग्रहालय आने के लिए चार धाम मंदिर के सामने से सड़क गई है। रुद्रसागर के बाजू से, जो आपको सीधे त्रिवेणी संग्रहालय लेकर जाती है, तो आराम से त्रिवेणी संग्रहालय पहुंचा जा सकता है। हम लोग अपनी स्कूटी से इस संग्रहालय में पहुंच गए। यहां पर पार्किंग के लिए बहुत अच्छी जगह है। हम लोग ने अपनी गाड़ी पार्किंग में खड़ी करके टिकट लिया। यहां पर हम लोगों का एक व्यक्ति का 20 रूपए का टिकट लगा। टिकट लेकर हम लोग संग्रहालय में घूमने गए। यहां पर सबसे पहले हम लोग मूर्तियों का सेक्शन देखने के लिए गए। यहां पर मूर्तियों को बहुत अच्छे ढंग से रखा गया था और उनके बारे में पूरी जानकारी भी दी गई थी।
त्रिवेणी संग्रहालय में हम लोग फिर दूसरे गैलरी में गए। इस गैलरी का नाम शक्ति गैलरी था। इस गैलरी में पूरी देवियों की मूर्ति को प्रदर्शित किया गया था और उनके बारे में जानकारी दी गई थी। यहां पर इंद्राणी, काली, ब्रह्माणी इन सब देवियों को दिखाया गया था। यहां पर सिक्कों का भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया गया था। प्राचीन समय में, जो सिक्के चलते थे। उनमें घोड़े, हाथी, मेंढक इन सब के चिन्ह बनाए जाते थे और वह सिक्के इतने छोटे होते थे, कि अगर अभी आप उन्हें अपने पर्स में रखेंगे, तो वह आपको पर्स में ही गुम जाएगे। प्राचीन समय में इन सिक्कों से व्यापार हुआ करता था। यह देखकर बहुत ही आकर्षक लगता है। यहां संग्रहालय में हमको विष्णु भगवान जी की भी प्रतिमा देखने के लिए मिली, जिसमें विष्णु भगवान जी अपने शेष शैया में लेटे हुए थे और प्रतिमा बहुत ही सुंदर थी। इसके अलावा विष्णु भगवान जी के और भी बहुत सारे रूप हम लोग को देखने के लिए मिले।
त्रिवेणी संग्रहालय की दीवारों में उज्जैन में घूमने वाली प्राचीन जगहों के बारे में भी जानकारी दी गई थी। उज्जैन में कहां-कहां पर घुमा जा सकता है। यहां पर पुस्तकालय भी था, जहां पर बैठ कर पुस्तकें पढ़ सकते हैं। हम लोग पुस्तकालय में भी गए थे। यहां पर नाम और फोन नंबर देना पड़ता है और आप यहां पर पुस्तकें खरीद भी सकते हैं और यहां पर पुस्तकें बैठ कर पढ़ भी सकते हैं। उसके बाद हम लोग आगे बढ़े, तो हम लोगों को यहां पर मुरल पेंटिंग देखने के लिए मिली। मुरल पेंटिंग राजस्थान का आर्ट फॉर्म है।
यह राजस्थान का एक कला है और इसे राजस्थान के कलाकार ने ही बनाया है। यह पूरी पेंटिंग दिवार में मिट्टी से बनाई गई है। यह उदयपुर के नाथा द्वार में स्थित श्रीनाथजी के मंदिर की पेंटिंग है और इसके चारों तरफ घर, हवेलियां देखने के लिए मिलती हैं। जैसे प्राचीन समय में रहा करते थे और उसके बीच में श्रीनाथ जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। प्राचीन समय में मुस्लिम शासक हिंदू मंदिर को खंडित कर देते थे। इसलिए यहां पर श्रीनाथ जी का मंदिर हवेलियों के बीच में बना हुआ है। ताकि कोई भी मुस्लिम शासक की नजर मंदिर में ना पड़े और आप पेंटिंग को अवलोकन करेंगे, तो आपको इसमें सभी जगह देखने के लिए मिल जाती है। जैसे किचिन, राजा रानी का कमरा, गौशाला, बगीचा यह सारी जगह यहां पर देखा जा सकता है।
त्रिवेणी संग्रहालय में आगे बढ़ने पर, हमने श्री कृष्ण जी के अवतार देखने के लिए मिले। यहां श्री विष्णु भगवान जी के 9 अवतार हमें देखने के लिए मिले। श्री विष्णु भगवान जी का मत्स्य अवतार, कच्छप अवतार, वराह अवतार, नरसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम, श्री राम, श्री कृष्ण और बुध भगवान, यह सभी श्री विष्णु भगवान जी के अवतार हैं। यहां पर कलंगी अवतार भी देखने के लिए मिला। आगे बढ़ने पर हमें नौ देवियों की प्रतिमाएं देखने के लिए मिली, जो बहुत ही सुंदर लग रही थी। नौ अलग-अलग प्रतिमाएं देखने के लिए मिली, जो बहुत ही जबरदस्त था।
इसके बाद हम लोग संग्रहालय में ऊपर वाली गैलरी में गए, जहां पर मंदिर का प्रारूप बनाया गया था। पीपल का पेड़ था, जिसमें घंटियां बांधी गई थी और मंदिर में गर्भग्रह था, जिसमें शिव भगवान जी विराजमान थे। आगे बढ़ने पर हमें श्री कृष्ण जी की मूर्ति देखने के लिए मिली। श्री कृष्ण जी सुदामा जी के पैर साफ कर रहे थे। यह मूर्ति बहुत ही सुंदर लग रही थी। ऊपर की गैलरी में बहुत सारी मूर्तियां और पेंटिंग थी, जो भारत के विभिन्न राज्यों में देवी देवता को किस तरह से पूजा जाता है और उनको किस तरह से माना जाता है। यह दिखाया गया है।
यहां पर श्री कृष्ण जी की बहुत सारी पेंटिंग है, जो बहुत ही सुंदर तरीके से यहां पर रखी गई है। यहां पर शिव भगवान जी और शिव भगवान जी के परिवार को दिखाया गया है, जिसमें शिव भगवान जी, माता पार्वती जी, गणेश जी, कार्तिकेय जी और शिव भगवान जी के वाहक नंदी, माता पार्वती जी के वाहक शेर, गणेश जी के वाहक चूहा (मूषक) और कार्तिकेय भगवान जी के वाहक मोर को दिखाया गया है। यह प्रतिमाएं बहुत सुंदर तरीके से रखी गई है। यहां पर श्री यंत्र को भी बहुत सुंदर तरीके से दिखाया गया है और भी बहुत सारी चीजें हैं, जो यहां पर देखने के लिए मिलती है।
त्रिवेणी संग्रहालय की ऊपर की गैलरी देखने के बाद, हम लोग नीचे आए, तो नीचे आने के लिए, जो रास्ता था। वह बहुत ही अच्छा था और गार्डन बना हुआ था। यह गार्डन संग्रहालय के अंदर ही बना हुआ था और गार्डन में केले के पेड़ लगे हुए थे। इनमें से कुछ केले पक गए थे और यहां पर एक छोटी सी बिल्ली आराम कर रही थी। धूप सेक रही थी। हम लोग बाहर आए। संग्रहालय के बाहर, जो गार्डन बना है। वहां पर बहुत सारी गायों की मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती हैं और पूरे गार्डन में गायों की मूर्तियों को रखा गया है। यह संग्रहालय बहुत अच्छा था। हम लोगों को बहुत मजा आया और अगर आप उज्जैन में घूमने के लिए जाते हैं, तो आप इस संग्रहालय में जाएंगे, तो आपको बहुत सारी जानकारियां मिलेंगी और अपने कल्चर के बारे में बहुत ज्यादा आप जान सकेंगे। तो आपको एक बार इस संग्रहालय में जरूर घूमने जाना चाहिए।
त्रिवेणी संग्रहालय खुलने का समय - Triveni Museum Timings
त्रिवेणी संग्रहालय खुलने का समय सुबह प्रातः 9 से शाम के 5 बजे तक है। आप दिन के इस समय संग्रहालय में घूमने के लिए आ सकते हैं और पूरा संग्रहालय घूम सकते हैं। त्रिवेणी संग्रहालय मंगलवार के दिन बंद रहता है और किसी भी सरकारी छुट्टी के दिन यह संग्रहालय बंद रहता है।
त्रिवेणी संग्रहालय की एंट्री फीस - Entry Fee of Triveni Museum
त्रिवेणी संग्रहालय में प्रवेश का शुल्क लिया जाता है। यहां पर भारतीय व्यक्ति का, एक व्यक्ति का 20 रूपए लिया जाता है और विदेशी व्यक्ति का एक व्यक्ति का 200 रूपए लिया जाता है। कैमरे का शुल्क का भी लिया जाता है। यहां पर कैमरे का 100 रूपए लिया जाता है। विकलांग और 15 साल से छोटे बच्चों के लिए निशुल्क है।
त्रिवेणी संग्रहालय कहां पर स्थित है - Where is Triveni Museum located?
त्रिवेणी संग्रहालय उज्जैन में स्थित एक प्रसिद्ध संग्रहालय है। यह संग्रहालय उज्जैन में रूद्र सागर के पास में स्थित है। यह संग्रहालय उज्जैन के जगदीशपुरा में रूद्र तालाब के पास में स्थित है। आप यहां पर आसानी से जा सकते हैं। संग्रहालय तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क है। संग्रहालय में पार्किंग के लिए अच्छी व्यवस्था है। आप यहां पर कार और बाइक दोनों से ही आराम से पहुंच सकते हैं।
त्रिवेणी संग्रहालय उज्जैन की फोटो - Photo of Triveni Museum Ujjain
श्री कृष्ण और सुदामा जी की सुंदर प्रतिमा |
शिव भगवान जी और उनके परिवार की सुंदर प्रतिमा |
त्रिवेणी संग्रहालय |
त्रिवेणी संग्रहालय का मुख्य प्रवेश द्वार |
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