मदन मोहन मालवीय पार्क या मिंटो पार्क इलाहाबाद
(प्रयागराज) - Madan Mohan Malviya Park Allahabad or Minto Park Allahabad (Prayagraj)
मदन मोहन मालवीय पार्क या मिंटो पार्क प्रयागराज में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक जगह है। मिंटो पार्क एक राष्ट्रीय स्थल है। यहां पर आपको हमारे देश का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ देखने के लिए मिलता है। आप मिंटो पार्क में घूमने के लिए आ सकते हैं। मिंटो पार्क न्यू यमुना ब्रिज के पास में स्थित है।
मिंटो पार्क की ऐतिहासिक कहानी
Historical story of minto park
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की नीतियों के अत्याधिक विरोध के कारण भारत में स्वतंत्रता की मांग मुखर हुई, जिसके फल स्वरूप 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात हुआ। इससे विवश होकर 1 नवंबर 1858 को ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया द्वारा भारत का अधिपत्य पूर्णत ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर ब्रिटिश सरकार को सौंपने की उद्घोषणा की गई। इस उद्घोषणा को लार्ड कैनिंग द्वारा प्रयागराज जनपद में यमुना नदी के बाएं तट पर स्थित एक खुली जगह में पढ़ा गया था, जिसे पहले मिंटो पार्क और अब महामना पंडित मदन मोहन मालवीय पार्क कहा जाता है। इस घोषणापत्र पर जिसे भारत का "मैग्नाकार्टा" कहा जाता है, लगभग 50 वर्षों तक विशेष ध्यान नहीं दिया गया तथा उद्घोषणा में निहित सिद्धांतों की अनदेखी की गई।
वर्ष 1910 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो के कार्यकाल में, जिस स्थान पर वर्ष 1858 में महारानी विक्टोरिया की उद्घोषणा पढ़ी गई थी। उस स्थान पर स्मृति स्तंभ का निर्माण प्रस्तावित किया गया। इस स्तंभ के चारों ओर एक पार्क का निर्माण भी प्रस्तावित किया गया, जिसका नाम लॉर्ड मिंटो के नाम पर मिंटो पार्क प्रस्तावित किया गया। मिंटो पार्क की आधारशिला लॉर्ड मिंटो द्वारा रखी गयी तथा भारतीय "मैग्नाकार्टा" के प्रतीक के रूप में मिंटो पार्क का निर्माण हुआ। पार्क के अंदर ऐसे स्थान पर जहां सैकड़ों राजा एवं भारतवासियों के सक्षम विशाल दरबार में घोषणा पत्र पढ़ा गया था, उद्घोषणा स्तंभ लगाये जाने का प्रस्ताव नवंबर 1858 में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में हुई बैठक में पारित हुआ। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने लोगों से इस पार्क की उद्घोषणा स्तंभ के निर्माण हेतु सहायता हेतु अपील की, इसके फलस्वरूप विभिन्न महाराजाओं, नवाब एवं भारत के सम्मानित नागरिकों से कुल 132897.00 रूपए का प्राप्त हुआ। इसके पार्क के निर्माण में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के योगदान को देखते हुए मिंटो पार्क मेमोरियल कमेटी द्वारा वर्ष 1977 में इसका नाम महामना पंडित मदन मोहन मालवीय पार्क रखा गया।
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय पार्क के रखरखाव हेतु वर्ष 2017 में महामना मदन मोहन मालवीय समिति की आधारशिला रखी गई, जिस के वर्तमान अध्यक्ष महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र जस्टिस गिरधर मालवीय है।
मिंटो पार्क इलाहाबाद की फोटो
मिंटो पार्क में स्थित अशोक स्तंभ |
पंडित मदन मोहन मालवीय की फोटो |
मिंटो पार्क में बनाया गया आकर्षण स्थल |
मिंटो पार्क में स्थित जानवरों का स्टैचू |
मिंटो पार्क में स्थित नर्सरी |
मिंटो पार्क का मनोरम दृश्य |
मिंटो पार्क में आपको अशोक स्तंभ देखने के लिए मिलता है। अशोक स्तंभ हमारे देश का राष्ट्रीय चिन्ह है। पार्क में अशोक स्तंभ सफेद मार्बल से बना हुआ है और बहुत खूबसूरत लगता है। हम लोग 26 जनवरी के दिन गए थे, तो यहां पर बहुत सारे लोग अपनी फोटो खींचा रहे थे। पार्क में आपको चारों तरफ बहुत सारे पेड़ पौधे देखने के लिए मिलते हैं। पार्क में आपको बहुत सारे आंवले के पेड़ देखने के लिए मिलते हैं। पार्क में एंट्री का चार्ज ₹10 है। मिंटो पार्क के अंदर आपको एक रेस्टोरेंट भी मिलती है, जिसमें आपको चाय और कॉफी और खाने के लिए मिल जाता है। पार्क में एक तालाब भी बना हुआ है, जिसमें बच्चे लोग को बोटिंग का मजा ले सकते हैं। यहां पर आपको जानवरों के बहुत सारे स्टेचू देखने के लिए मर जाते हैं। आपको इस पार्क में आकर बहुत अच्छा लगेगा।
वेणी माधव मंदिर इलाहाबाद (प्रयागराज)
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