चंदेरी के दर्शनीय स्थल - Places to visit in Chanderi | Chanderi tourism | चंदेरी शहर | Chanderi Attractions
चंदेरी में घूमने की जगह
चंदेरी का किला - Chanderi ka kila
चंदेरी का किला चंदेरी शहर में स्थित एक मुख्य आकर्षण है। यह किला चंदेरी शहर में चंद्र गिरी नामक पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले का निर्माण 11 वीं शताब्दी में कीर्तिपाल नाम के प्रतिहार शासक ने करवाया था, जिसके कारण इस किले को कीर्ति दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में बुंदेला राजा दुर्जन सिंह द्वारा बनवाए गए नवखंडा महल भी आपको यहां पर देखने के लिए मिल जाता है। किले में पहुंचने के लिए आपको यहां पर तीन रास्ते मिलते हैं। पश्चिम की ओर जो प्रवेश द्वार है, उसे हवा महल या हवापौर के नाम से जाना जाता है। दूसरा खूनी दरवाजा है, जिसके बारे में अनोखी कहानी प्रसिद्ध है और तीसरा जोगेश्वरी देवी मंदिर की तरफ से सीढ़ियों द्वारा चढ़ाई चढ़कर किले में पहुंचा जा सकता है। किले तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग भी उपलब्ध है।
यह किला बलुआ पत्थर से बना हुआ है। यह किला 250 फीट ऊंची चट्टानों पर स्थित उत्तर से दक्षिण की तरफ लगभग 1 मील से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है। इस किले के प्रवेश द्वार को खूनी दरवाजा कहते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि यहां कैदियों को मौत के घाट उतारा जाता था। इस किले के अंदर आपको खिलजी का मकबरा, जो 14 वी शताब्दी में बनाया गया था। जोहर स्मारक तथा प्रसिद्ध संगीतकार बैजू बावरा की समाधि देखने के लिए मिल जाएगी, जो दर्शनीय स्थल है। किले से आपको चंदेरी शहर का खूबसूरत भी अभी देखने के लिए मिलता है।
जागेश्वरी माता मंदिर चंदेरी - Jageshwari mata mandir chanderi
जागेश्वरी माता का मंदिर चंदेरी में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। जागेश्वरी माता का मंदिर चंदेरी दुर्ग के पास ही में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन है और प्राकृतिक है। यहां पर आकर आपको जगदंबा माता जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको शिवलिंग के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको आकर बहुत अच्छा लगेगा। चारों तरफ का जो माहौल है, वह पूरी तरह से प्राकृतिक है। यहां पर पहाड़ों से जलधारा भी बहती है। वह भी आप देख सकते हैं। यहां पर आपको आकर सुकून मिलेगा।
चंदेरी संग्रहालय - Chanderi sangrahalay
चंदेरी संग्रहालय चंदेरी में स्थित एक प्रमुख जगह है। यहां पर आपको प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिल जाती हैं। यहां पर अलग-अलग गैलरी बनाई गई है, जहां पर जाकर आप प्राचीन इतिहास के बारे में जान सकते हैं। यह संग्रहालय सुबह से शाम तक खुला रहता है। यह संग्रहालय दो मंजिला है और यहां पर प्रवेश का शुल्क बहुत कम है। आप यहां पर अच्छा समय बिता सकते हैं।
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र खंदारजी चंदेरी - shree digambar jain atishay kshetra khandar ji Chanderi
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र खंदारजी चंदेरी में स्थित एक प्रमुख जैन तीर्थ स्थल है। यहां पर आपको श्री आदिनाथ जी की पत्थर पर बनी हुई प्रतिमा देखने के लिए मिलती है, जो 38 फीट ऊंची है। यह बहुत सुंदर है और कलात्मक है। आपको इसको देख कर बहुत अच्छा लगेगा। यह स्थल चंदेरी से करीब 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह विंध्याचल पहाड़ी पर बनी हुई है। यहां पर आपको आकर बहुत सारी गुफाएं देखने के लिए मिलती है।
कटी घाटी चंदेरी - Kati ghati chanderi
कटी घाटी चंदेरी शहर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यहां पर पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया गया है। यहां पर आ कर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां से चंदेरी शहर का खूबसूरत व्यू देखने के लिए मिलता है। कटी घाटी चंदेरी नगर के दक्षिण में पहाड़ को काटकर बनाया गया है। कटी घाटी की ऊंचाई 80 फीट है। इसकी चैड़ाई 29 फीट है और लंबाई 192 फिट है। इस घाटी के बीच में ही पहाड़ को काटकर प्रवेश द्वार बनाया गया है, जिसके दोनों ओर दो बुर्ज बनाए गए हैं। यहां पर आप घाटी के ऊपर भी जा सकते हैं। ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है। कटी घाटी के पास मिल लेख के अनुसार यह घाटी सन 1490 ईसवी में मालवा के सुल्तान गयासुद्दीन के शासनकाल में जिमन खा द्वारा बनाई गई थी। यह भी कहा जाता है कि इस घाटी का निर्माण एक ही रात में चट्टानों को काटकर किया गया है। यह बात बहुत आश्चर्यजनक है।
कोशक महल चंदेरी - Koshak mahal chanderi
कोशक महल चंदेरी में घूमने के लिए का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। आपको यहां पर एक खूबसूरत महल देखने के लिए मिलता है। यह महल ऐतिहासिक स्थल है। इस महल का निर्माण 15वीं शताब्दी में मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम ने जौनपुर विजय के उपलक्ष में करवाया था। यह एक अनूठा स्मारक है और धन के आकार में चार बराबर खंडों में बटा हुआ है। इसके चारों खंडों की नाप एवं आकृति सभी एक समान है। यह महल अफगान शैली में बना हुआ है। इस महल की 3 मंजिले पूर्ण हो गई है, जबकि चैथी मंजिल के कुछ भाग ही शेष हुआ है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर गार्डन भी बना हुआ है, जहां पर आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर प्रवेश का किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। आप यहां पर सुबह से शाम तक घूम सकते हैं और यहां पर समय बिता सकते हैं। यहां पर फोटोग्राफ भी बहुत अच्छी आती है।
शहजादी का रोजा चंदेरी - shahzadi ka roza chanderi
शहजादी का रोजा चंदेरी शहर में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको एक स्मारक देखने के लिए मिलता है, जो प्राचीन है। यहां पर राजकुमारी मेहरुनिसा की कब्र है। कहा जाता है कि राजकुमारी मेहरुनिसा एक सामान्य व्यक्ति से प्यार करती थी। जब उनके पिताजी को पता चला, तो उन्होंने राजकुमारी के प्रेमी को हत्या करने का षड्यंत्र रचा और हत्यारे भेज दिया। जब राजकुमारी को इन सब बातों का पता चला तो राजकुमारी अपने प्रेमी को बचाने के लिए उनके पास पहुंची। मगर उनके प्रेमी की मृत्यु हो गई थी। यह सब राजकुमारी सहन नहीं कर सकी और उन्होंने भी अपने जीवन को समाप्त कर दिया। यह सब देखकर राजकुमारी मेहरुनिसा के पिताजी को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने यहां पर राजकुमारी मेहरुनिसा की कब्र बनाए और उनके कब्र के बाजू में ही उनके प्रेमी को भी दफन किया। आप यहां पर आकर इस मकबरे की खूबसूरती को देख सकते हैं। यहां पर खूबसूरत गार्डन भी बना हुआ है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
परमेश्वर तालाब एवं लक्ष्मण मंदिर चंदेरी - Parmeshwar talab aur lakshman mandir chanderi
परमेश्वर तालाब चंदेरी में शहजादी के रोजा के पास ही में स्थित है। आप यहां पर जाकर अपना कुछ समय बिता सकते हैं। परमेश्वर तालाब प्राचीन है। तलाक के बाजू में ही लक्ष्मण मंदिर स्थित है। यह मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। तालाब में महिला और पुरुष के नहाने के लिए अलग-अलग घाट बने हुए हैं। तालाब में आप मछलियों को खाना खिला सकते हैं। पूजा कर सकते हैं। तालाब के चारों ओर बैठने की अच्छी व्यवस्था है। झील में फव्वारा भी लगा हुआ है, जो रात में बहुत खूबसूरत लगता है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। परमेश्वर तालाब के किनारे में लक्ष्मण मंदिर बना हुआ है। इसे 18वीं सदी में बुंदेला राजा अनिरुद्ध सिंह ने बनवाया था। यह मंदिर और भी पुराना है। मंदिर में शेषनाग की मूर्ति स्थापित है।
राजा भरत शाह की छतरी चंदेरी - Raja bharat shah ki chhatri chanderi
परमेश्वर तालाब के एक छोर पर बुंदेला राजा भरत शाह की छतरी है। इस छतरी का निर्माण राजा देवी सिंह बुंदेला द्वारा 1642 से 1654 के बीच में किया गया था। इस इमारत के पास एक बोर्ड लगा है जिस पर इस छतरी के बारे में जानकारी दी गई है। यह छतरी बलुआ पत्थर से निर्मित है। यह छतरी अष्टकोण है। यह छतरी अब खंडार अवस्था में यहां पर मौजूद है। आप यहां पर आकर इस छतरी की खूबसूरती को देख सकते हैं।
बत्तीसी बावड़ी चंदेरी - Battisi bawdi chanderi
बत्तीसी बावड़ी चंदेरी में घूमने की एक प्रमुख जगह है। यह चंदेरी शहर के जंगल में स्थित है। इसलिए यहां पर बहुत कम ही यात्री जाते हैं। आप यहां पर जा सकते हैं। आपको यहां पर कुछ दूरी तक पैदल भी चलना पड़ सकता है। बत्तीसी बावली चंदेरी के सबसे बड़े बावड़ी में से एक है। यहां पर आपको खूबसूरत बावड़ी देखने के लिए मिलती है। इस बावड़ी में 32 घाट हैं। इसलिए शायद इसे बत्तीसी बावड़ी के नाम से जाना जाता है। इस बावड़ी का निर्माण 1485 में मालवा के सुल्तान ग्यास शाह ने करवाया था।
बड़ा मदरसा चंदेरी - Bada madarsa chanderi
बड़ा मदरसा चंदेरी में स्थित एक प्राचीन इमारत है। आप यहां पर भी घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह सुनसान इलाके में स्थित है। यहां पर आपको एक इमारत देखने के लिए मिलती है। इमारत के अंदर दो कब्र हैं। इस मकबरे को बाद में मदरसे में परिवर्तित कर दिया गया था। इस मकबरे का निर्माण मालवा सल्तनत के महमूद खिलजी के द्वारा 1450 में किया गया था। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
सिंहपुर महल चंदेरी - Singhpur Mahal Chanderi
सिंहपुर महल चंदेरी में स्थित एक प्रमुख जगह है। यह महल पिछोर रोड पर स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। महल के सामने ही सुंदर तालाब बना हुआ है। आप उसे भी देख सकते हैं। यह महल चंदेरी शहर से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है। यह महल तीन मंजिला है। इस महल का निर्माण देवी सिंह बुंदेला ने 1656 में किया था। इस महल का उपयोग उस समय रेस्ट हाउस के रूप में किया जाता था। इस महल के चारों तरफ जंगल है। आपको यहां पर आकर बहुत शांति महसूस होगी।
बादल महल दरवाजा चंदेरी - Badal Mahal Darwaza Chanderi
बादल महल दरवाजा चंदेरी शहर में घूमने का एक प्रमुख आकर्षण है। यहां पर आपको एक प्रवेश द्वार देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। यहां पर बहुत बड़ा पार्क है, जहां पर आप अपना समय बिता सकते हैं। यह जो प्रवेश द्वार है, यह किसी किले का गेट नहीं है या किसी महल का गेट नहीं है। यह सिर्फ गेट की संरचना बनाई गई है। यह प्रवेश द्वार बहुत खूबसूरती से बनाया गया है। प्रवेश द्वार के दोनों तरफ आपको मीनारें देखने के लिए मिलती हैं। प्रवेश द्वार के ऊपरी भाग में खूबसूरत जाली की आकृति है। इस प्रवेश द्वार का निर्माण मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी ने 15 वी शताब्दी में करवाया था। यह एक महत्वपूर्ण जीत को चिन्हित करने के लिए बनाया गया था। बादल महल दरवाजे की ऊंचाई 100 फीट की है। आप यहां पर आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
जामा मस्जिद चंदेरी - Jama Masjid Chanderi
जामा मस्जिद चंदेरी में स्थित सबसे पुरानी मस्जिद है। यह मस्जिद बादल महल के पास ही में है। जामा मस्जिद चंदेरी शहर की सबसे पुरानी और बड़ी मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण गयासुद्दीन तुगलक ने करवाया था। मस्जिद में आपको बड़े-बड़े हॉल देखने के लिए मिलते हैं और उस पर गुंबद देखने के लिए मिलते हैं। यह मस्जिद बहुत ही आकर्षक लगती है।
राजा रानी पैलेस चंदेरी - Raja Rani Palace Chanderi
राजा रानी महल चंदेरी में एक देखने लायक जगह है। यहां पर आपको महल देखने के लिए मिलता है, जिसमें राजा रानी रहते थे। यह महल 15वीं सदी में बनाया गया है। इस महल को बुंदेला राजा दुर्जन सिंह ने 1587 से 1733 ईसवी के बीच बनाया है। इस महल का उपयोग हमाम खाने के रूप में किया जाता था।
चौबीसी दिगंबर जैन मंदिर चंदेरी - Chaubisi Digambar Jain Mandir Chanderi
चैबीसी दिगंबर जैन मंदिर चंदेरी में घूमने की एक प्रमुख जगह है। यह जैन धर्म का एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन मूर्तियां देखने के लिए मिलती हैं। चैबीसी जैन मंदिर को बुंदेलखंड का गौरव कहा जाता है। यह मंदिर दो भागों में विभक्त है। प्रथम भाग बड़ा मंदिर है, जो 13वीं शताब्दी में निर्मित किया गया है। इसमें बाहुबली भगवान की कायोत्सर्ग प्रतिमा निर्मित है। द्वितीय भाग में चौबीसी जैन मंदिर है, जिसमें दिगंबर जैन के 24 तीर्थंकर की प्रतिमा पृथक पृथक 24 शिखर युक्त, पद्मासन, ध्यानासन मुद्रा में विराजमान है। इस मंदिर की प्रसिद्धि का कारण यह है, कि इस मंदिर में जो मूर्तियां पाई गई हैं। उस तरह की मूर्तियां आपको और कहीं देखने के लिए नहीं मिलेगी। इस मंदिर का निर्माण सन 1893 में कराया गया था।
पुरानी कचहरी चंदेरी - Purani kachahari chanderi
पुरानी अदालत चंदेरी में घूमने की एक प्रमुख जगह है। यहां पर आपको एक महल देखने के लिए मिलता है। यह महल दो मंजिला है। इस महल का निर्माण बुंदेला राजाओं के द्वारा किया गया है। इस महल को पुरानी कचहरी के नाम से जाना जाता है। लेकिन यह बुंदेला शासकों का महल है। इस महल का निर्माण 17 और 18 वीं शताब्दी में बुंदेला राजा द्वारा किया गया है। पूर्व काल में न्यायालय संचालित रहने के कारण इसे पुरानी कचहरी कहा जाता था। इस इमारत के सामने बोर्ड पर लिखा है कि यह विशाल इमारत न्याय का घर है।
चकला बावड़ी चंदेरी - Chakla bawdi chanderi
चकला बावड़ी चंदेरी में घूमने की एक प्रमुख जगह है। इस बावड़ी का निर्माण 15वीं सदी में मांडू के सुल्तान द्वारा कराया गया था। उस बावड़ी का उपयोग महिलाओं के स्नान हेतु किया जाता था। बाबरी में दोनों और सीढ़ियां बनी हुई है। इसका निर्माण सन 1684 ईसवी में हुआ था। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।
मालन खो झरना चंदेरी - Malankho jharna chanderi
मालन खो झरना चंदेरी से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों में स्थित है। यह खूबसूरत झरना है। यह झरना चंदेरी में स्थित एक प्राकृतिक स्थल है। इस झरने के चारों तरफ घना जंगल स्थित है। आप यहां पर बरसात के समय पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यहां पर सिद्धेश्वर हनुमान जी का मंदिर है। यहां करीब 50 मीटर की ऊंचाई से झरना नीचे गिरता है, जिसमें लोग नहाने का मजा ले सकते हैं। चारों तरफ हरियाली के बीच में यह झरना बहुत खूबसूरत लगता है। यहां पर एक गुफा भी स्थित है। यहां पर शिवलिंग स्थित है, जिसका जल अभिषेक पहाड़ों से गिरते हुए पानी के द्वारा होता है और यह पानी साल भर और 24 घंटे गिरता है। यह एक प्राकृतिक स्थल के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी है। आप यहां घूमने के लिए आ सकते हैं।
Please do not enter any spam link in comment box