ग्वालियर के दर्शनीय स्थल - Gwalior ki famous jagah | Gwalior sightseeing | ग्वालियर के प्रसिद्ध स्थान | Places to visit near gwalior | Gwalior paryatan
ग्वालियर में घूमने वाली जगह
Gwalior mein ghumne wali jagah
ग्वालियर का किला
ग्वालियर का किला पूरे देश में प्रसिद्ध है। ग्वालियर का किला ग्वालियर में स्थित एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। ग्वालियर किले के अंदर ही बहुत सारी जगह है, जो देखने लायक है। ग्वालियर का किला एक ऊंचे पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत से आपको पूरे शहर का नजारा देखने के लिए मिल जाता है। आप यहां पर आ कर किले का भ्रमण कर सकते हैं। ग्वालियर किला घूमने में आपको 1 दिन पूरा लग सकता है। यह किला बहुत बड़ा है और बहुत खूबसूरत है। हर एक चीज देखने लायक है, इसलिए आप यहां पर आते हैं, तो अपना समय निकाल कर आये। यह किला रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्वालियर का किला तीसरी शताब्दी में बनाया गया था। ग्वालियर का किला लाल बलुआ पत्थर से बना है। यह किला देश के सबसे बड़े किले में से एक है।
ग्वालियर किले में घूमने वाली जगह - Places to visit in Gwalior Fort
भीम सिंह राणा की छत्री ग्वालियर - Bhim Singh Rana Ki Chhatri Gwalior
राजा भीम सिंह राणा गोहद के जाट राजा थे। जाट राजा भीम से ने सन 1754 में ग्वालियर के किले पर अधिकार कर लिया था। उनकी मृत्यु के पश्चात भी यह छतरी बनाई गई। राजा भीम सिंह राणा की छतरी भूरे बलुआ पत्थर से निर्मित की गई है। यह ऊचे चबूतरे पर बनी हुई है। छतरी के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए परिक्रमा पथ बनाया गया है। यह छतरी तीन मंजिला है। छतरी के ऊपर गुंबद के आकार का शिखर है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।
गुजरी महल ग्वालियर - Gujari Mahal Gwalior
गुजरी महल ग्वालियर शहर का एक पुरातात्विक संग्रहालय है। इस संग्रहालय में आपको बहुत सारे प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिल जाएगी। गुजरी महल प्राचीन काल में रानी मृगनयनी का निवास स्थान था। रानी मृगनयनी राजा मान सिंह की पत्नी थी। वह गुजरी समाज से थी। इसलिए इस महल को गुजरी महल के नाम से जाना जाता है। उन्होंने राजा मानसिंह से शर्त रखी थी, कि उन्हें रहने के लिए अलग महल दिया जाए और पानी की व्यवस्था की जाए। तो राजा ने उनके लिए अलग महल का निर्माण करवाया और पानी की व्यवस्था के लिए नदी से पाइप महल तक लगवाए। आप यहां पर आते हैं, तो यहां पर पानी की व्यवस्था देख सकते हैं। यहां पर आपको तरह तरह के खूबसूरत नक्काशी दार वस्तुएं देखने के लिए मिल जाएगी। वर्ष 1922 में यह महल संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है, तो आपको यहां पर तरह-तरह के प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिल जाएगी। गुजरी महल ग्वालियर किले से थोड़ी दूरी पर स्थित है। आप यहां पर पैदल भी जा सकते हैं और गाड़ी वगैरह लेकर भी जा सकते हैं।
जहांगीर महल और शाहजहां महल ग्वालियर - Jahangir Mahal and Shah Jahan Mahal Gwalior
जहांगीर महल और शाहजहां महल ग्वालियर किले में स्थित एक देखने लायक जगह है। यहां पर आपको दो महल देखने के लिए मिलते हैं। दोनों ही महल अलग-अलग मुगल शासक के शासन में बनाया गए थे। यह महल खूबसूरत है। महल के बीच में आपको बड़ा सा प्रांगण देखने के लिए मिलता है। दोनों महल मुगल स्थापत्य कला के सुंदर नमूना है।
विक्रम महल ग्वालियर - Vikram Mahal Gwalior
विक्रम महल ग्वालियर महल में देखने लायक महल है। विक्रम महल का निर्माण महाराजा मानसिंह के पुत्र एवं उत्तराधिकारी विक्रमादित्य ने करवाया था। वे भगवान शिव के भक्त भी थे, इसलिए इस स्थान को विक्रम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 1516 से 1523 ईसवी में इस महल का निर्माण हुआ है। महल के मध्य में बरादरी है। महल की ऊपरी मंजिल में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। महल की लंबाई लगभग 65 मीटर है।
कर्ण महल ग्वालियर - Karn Mahal Gwalior
करण महल ग्वालियर किले के अंदर स्थित एक और ऐतिहासिक महल है। यह महल आप ग्वालियर किले के अंदर आकर देख सकते हैं। करण महल का निर्माण तोमर राजवंश के दूसरे शासक कीर्ति सिंह ने करवाया था। इस महल का निर्माण 1480 से 1486 ईसवी के बीच करवाया गया था। कीर्ति सिंह को दूसरा नाम करण सिंह था। इसलिए इस महल को करण महल के नाम से जाना जाता है। यह महल हिंदू स्थापत्य शैली में निर्मित है। करण महल दो मंजिला एवं आयताकार है।
मानसिंह पैलेस ग्वालियर - Mansingh Palace Gwalior
राजा मानसिंह का महल ग्वालियर किले के परिसर में स्थित सबसे आकर्षक महल है। यह महल ग्वालियर किले का सबसे खूबसूरत महल है। आप जब भी ग्वालियर आते है, तो आपको ग्वालियर के मानसिंह महल को जरूर घूमना चाहिए। राजा मानसिंह महल 4 मंजिला है। मानसिंह का महल 1486 और 1517 के बीच बनवाया था। मान सिंह महल में खूबसूरत पेंटिंग की गई है, जो बहुत आकर्षक है। यहां पर आप खूबसूरत नक्काशी भी देख सकते हैं। यहां पर अलग-अलग कमरे बनाए गए थे। यहां पर संगीत सुनने के लिए राजा और रानी के लिए अलग अलग है। यहां पर जेल भी है। आप गाइड करेंगे तो गाइड आपको और अच्छी जानकारी दे सकता है। यहां पर हर शाम एक विशेष ध्वनि और प्रकाश शो का आयोजन किया जाता है। यहां पर हर शाम को लाइट और साउंड शो का आयोजन भी होता है। लाइट और साउंड शो का अलग चार्ज लिया जाता है। आप इस किले के सामने से ग्वालियर शहर का बहुत ही खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर संग्रहालय है। जिस पर एंट्री का अलग चार्ज लिया जाता है। संग्रहालय में विभिन्न तरह के मूर्तियां एवं प्राचीन वस्तुओं का संग्रह करके रखा गया है।
अस्सी खम्भों की बावड़ी ग्वालियर - Asasee khambon ki bawadi gwalior
80 खंभों की बावड़ी ग्वालियर किले के अंदर देखने वाली एक खूबसूरत जगह है, जहां पर आपको एक बावड़ी देखने के लिए मिलता है। इस बावड़ी में भूमिगत जाने का भी रास्ता है। मगर वह अब आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। पुराने समय में बावड़ी में भूमिगत तरीके से भी जाया जा सकता था। बावड़ी चारों तरफ से 80 खंबे से घिरी हुई है। इसलिए इस बावड़ी को 80 खंबे की बावड़ी कहा जाता है। इस बावड़ी का निर्माण राजा मानसिंह तोमर ने 16वीं शताब्दी में किया था। पानी के भंडारण के लिए इस बावड़ी का निर्माण किया गया था। बावड़ी में अलग अलग कक्ष बने थे, जिसमें रानियों के स्नान के लिए भी अलग कमरा था और यहां पर कैदखाना भी था।
गुरुद्वारा श्री दाता बंदी छोड़ साहिब ग्वालियर - Gurudwara shri data bandi chhod sahib gwalior
श्री दाता बंदी छोड़ साहिब गुरुद्वारा ग्वालियर के किले के अंदर स्थित है। यह गुरुद्वारा ग्वालियर में फेमस है और आप जब भी ग्वालियर आते हैं, तो इस गुरुद्वारे में आ सकते हैं। यहां पर आपको फ्री खाना मिलता है। यहां का जो माहौल है। वह बहुत शांति भरा है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। सिख गुरु हरगोविंद जी ने 52 हिंदू राजाओं को मुगल राजा जहाँगीर की हिरासत से रिहा करने में मदद की थी। यह गुरुद्वारा सिख गुरु हरगोविंद जी की याद में बना है। इसलिए गुरुद्वारे का नाम दाता बंदी छोड़ साहिब रखा गया है। इस गुरुद्वारे में एक बड़ा तालाब, लंगर हॉल, रहने की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर फ्री पार्किंग सुविधा उपलब्ध है।
तेली का मंदिर ग्वालियर - Teli ka mandir
तेली का मंदिर ग्वालियर किले के अंदर स्थित एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार राजा मिहिर भोज के शासनकाल में हुआ था। इस मंदिर का निर्माण तेल के व्यापारियों द्वारा दिए गए धन से किया गया था। इसलिए इस मंदिर को तेली का मंदिर कहते हैं। यह मंदिर मुख्य रूप से विष्णु भगवान को समर्पित है। मंदिर के अंदर किसी भी तरह की मूर्ति स्थापित नहीं है। यह मंदिर ग्वालियर किले में स्थित सबसे ऊंचे मंदिर में से एक है। इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 30 मीटर है। मंदिर में खूबसूरत नक्काशी की गई हैं। मंदिर में उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय वास्तुकला का मिश्रण आपको देखने के लिए मिलता है। मंदिर की छत को द्रविड़ शैली में निर्मित किया गया है। मंदिर को विभिन्न तरह की मूर्ति कला से सजाया गया है। इस मंदिर को 9 वीं सदी में बनाया गया है। मंदिर बहुत खूबसूरत है और आपके यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
सास.बहू मंदिर ग्वालियर - saas bahu mandir gwalior
सास बहू का मंदिर ग्वालियर किले के अंदर स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर ग्वालियर किले के पूर्वी हिस्से में स्थित है। इस मंदिर को सास और बहू का मंदिर कहा जाता है। मगर यह मंदिर सहस्त्रबाहु मंदिर के नाम से प्राचीन समय में जाना जाता था। धीरे-धीरे सहस्त्रबाहु को सास और बहू के नाम में बदल दिया गया। आप यहां पर आते हैं, तो इस मंदिर में आपको खूबसूरत कारीगरी देखने के लिए मिलती है। प्रवेश द्वार में आपको ब्रह्मा, विष्णु और महेश एवं सरस्वती की खूबसूरत नक्काशी देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर दो मंदिर बने हुए हैं। एक मंदिर को सास का मंदिर और दूसरे मंदिर को बहू के मंदिर के नाम से जाना जाता है। मगर वास्तविक रूप से इसमें से एक मंदिर विष्णु भगवान जी को समर्पित है और दूसरा मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। आप यहां पर आकर दोनों मंदिरों की खूबसूरती को देख सकते हैं। इन मंदिरों का निर्माण 11 वीं शताब्दी में कछवाहा वंश के राजा महीपाल ने बनवाया था।
सूरज कुंड ग्वालियर - Suraj Kund Gwalior
सूरज कुंड ग्वालियर किले में के अंदर स्थित एक कुंड है। इस कुंड में जो पानी है। उसको चमत्कारी माना जाता है। कहा जाता है कि इस कुंड के पानी से स्नान करने से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं। कुंड के बीच में एक मंदिर बना हुआ है। मंदिर में शिवलिंग स्थापित है। यहां आ कर आपको अच्छा लगेगा।
सिद्धाचल जैन मंदिर गुफाएँ ग्वालियर - Siddhachal Jain Temple Caves Gwalior
सिद्धचल जैन गुफा ग्वालियर में घूमने की एक ऐतिहासिक जगह है। इस जगह में आपको जैन धर्म के तीर्थकारों की पत्थर की मूर्तियां देखने के लिए मिलेगी। यह मूर्तियां बलुआ पत्थर पर बनाई गई है। यह मूर्तियां बहुत खूबसूरत है। इन मूर्तियों में से अधिकांश मूर्तियां नष्ट हो गई हैं, मगर बहुत खूबसूरती से इन्हें तराशा गया है। यह मूर्तियां सातवीं शताब्दी से लेकर 15 शताब्दी तक बनाई गई है। इन मूर्तियों को 16वीं शताब्दी में मुगल राजवंश के सम्राट बाबर के आदेश से इन मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया। यह एक शांतिपूर्ण जगह है। आप यहां पर चट्टानों में गुफाएं भी देख सकते हैं। यहां पर चारों तरफ हरियाली आपको देखने के लिए मिलेगी। आप यहां पर अगर बारिश में घूमने आते हैं, तो आपको बहुत शानदार नजारा देखने के लिए मिलेगा।
गोपाचल रॉक कट जैन मूर्ति ग्वालियर - Gopachal Rock Cut Jain Idol Gwalior
गोपाचल रॉक कट जैन गुफाएं ग्वालियर शहर में घूमने वाली एक प्रमुख जगह है। यहां पर 26 गुफाएं हैं, जिनमें जैन तीर्थकरो की मूर्तियां आपको देखने के लिए मिल जाएगी। यहां पर जैन तीर्थकरो कि छोटी और बड़ी मूर्तियां बनाई गई है। यहां पर उन्हें खड़ी हुई मुद्रा में और बैठी हुई मुद्रा में दर्शाया गया है। आप यहां पर आते हैं, तो आपको यहां पर पहुंचने के लिए थोड़ा सा ट्रैकिंग करना पड़ता है। उसके बाद आप इन गुफाओं में जा सकते हैं। यहां पर गुफा नंबर 1 के पास बावली भी है, जिसे एक पत्थर की बावली के नाम से जाना जाता है। यहां पर सभी तरह की व्यवस्था उपलब्ध है। यह जगह बहुत खूबसूरत है। बहुत शांत है और यहां आकर अच्छा लगता है।
ग्वालियर जू या गांधी प्राणी उद्यान ग्वालियर - Gwalior Zoo or Gandhi Zoological Park Gwalior
ग्वालियर जू ग्वालियर शहर में घूमने का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। ग्वालियर जू को गांधी प्राणी उद्यान के नाम से जाना जाता है। इस उद्यान का प्रबंधन ग्वालियर नगर निगम के द्वारा किया जाता है। यहां पर आपको देशी और विदेशी जानवर देखने के लिए मिलते हैं। ग्वालियर जू में प्रवेश का टिकट लिया जाता है। यहां पर आपको अलग-अलग जानवरों की जानकारी भी मिलती है। यहां पर बहुत सारे झूले भी हैं। यहां पर बच्चे बहुत खुश होंगे। यहां पर टॉय ट्रेन है, जिसमें बच्चे बहुत मस्ती कर सकते हैं। यहां पर आपको मगरमच्छ, शेर, चीता, भालू, बदक, बंदर हिप्पोपोटामस, कोबरा सांप, देखने के लिए मिल जाएंगे। और भी जंगली जानवर आपको यहां पर देखने के लिए मिल जाएंगे।
महारानी लक्ष्मीबाई स्मारक ग्वालियर - Maharani Laxmibai Memorial Gwalior
महारानी लक्ष्मीबाई स्मारक ग्वालियर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है।रानी दुर्गावती एक स्वतंत्रता सेनानी थी। रानी दुर्गावती ने अंग्रेजों का डटकर सामना किया था। यहां पर लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई थी। रानी दुर्गावती गीत 23 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी। यहां पर उनकी याद पर स्मारक बनाया गया है। इस स्मारक में आप आते हैं, तो यहां पर आपको बगीचा देखने के लिए मिलता है, जिसमें घोड़े पर सवार रानी दुर्गावती की मूर्ति है और एक अमर ज्योति देखने के लिए मिलती है। यह ज्योति हमेशा जलती हुई रहती है। यहां आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां रानी दुर्गावती के बारे में आपको जानकारी भी पढ़ने के लिए मिल जाएगी।
मोहम्मद घौस का मकबरा ग्वालियर - Mohammad Ghaus's Tomb Gwalior
मोहम्मद गौस का मकबरा ग्वालियर में घूमने का एक प्रमुख स्थल है। यहां पर आपको खूबसूरत मकबरा देखने के लिए मिल जाता है। इस मकबरे का मुख्य आकर्षण नक्काशीदार पत्थर की जाली हैं, जो बाहरी दीवार पर लगी हैं। मोहम्मद गौस एक सूफी संत थे। उनका जन्म 1500 ई में हुआ था। यह अकबर के एक सलाहकार थे। इन्होंने तानसेन को भी संगीत की शिक्षा दी थी। यहां पर बहुत बड़ा गार्डन भी है।
तानसेन का मकबरा ग्वालियर - Tansen's Tomb Gwalior
तानसेन का मकबरा ग्वालियर में घूमने वाला एक प्रमुख जगह है। इस जगह में तानसेन की समाधि है। तानसेन भारत देश के एक संगीतज्ञ हैं। तानसेन अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक है। कहा जाता है कि तानसेन का संगीत सुनकर पशु-पक्षी भी आनंदित हो जाते थे। आप यहां पर आकर तानसेन की कब्र देख सकते हैं। तानसेन की कब्र उनके गुरु मोहम्मद गौस के पास ही में बनी हुई है। तानसेन मोहम्मद गौस के छात्र थे जिन्होंने उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सिखाया था। तानसेन समारोह हर साल नवंबर के महीने में आयोजित किया जाता है, जहां पर देश भर के संगीतकार आते हैं और विभिन्न शास्त्रीय संगीत शो प्रदर्शित करते हैं।
सूर्य मंदिर ग्वालियर - Sun Temple Gwalior
सूर्य मंदिर को सन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। यह सूर्य मंदिर ग्वालियर में स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सूर्य देवता जी को समर्पित है। यह मंदिर उड़ीसा के कोर्णाक में बने सूर्य मंदिर के समान है। आप यहां पर आ कर इस मंदिर की खूबसूरती को देख सकते हैं। इस मंदिर में बहुत सारे देवी देवता विराजमान हैं। यहां पर गणेश जी की प्रतिमा को दीवार पर बनाया गया है, जो बहुत ही भव्य लगती है। आप यहां पर घूमने आ सकते हैं। मंदिर का निर्माण वर्ष 1988 में प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिड़ला द्वारा किया गया था। ग्वालियर का सूर्य मंदिर बलुआ पत्थर और संगमरमर के संगम से बना हुआ है, जो बहुत ही मनमोहक लगता है। आपको यहां पर आकर बहुत शांति मिलेगी। यहां पर बहुत सारे लोकल लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां पर आपको मोर भी देखने के लिए मिल सकते हैं।
सरोद घर ग्वालियर - Sarod Ghar Gwalior
सरोद घर ग्वालियर शहर में स्थित एक संग्रहालय है। यह संग्रहालय प्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद हाफिज अली खान का पैतृक घर है। उनके पैतृक घर को अब संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। इस संग्रहालय में आपको प्राचीन संगीत वाद्य यंत्र देखने के लिए मिलते हैं, जो प्राचीन समय में प्रसिद्ध भारतीय संगीतकारों के द्वारा उपयोग किए गए थे। यहां पर आपको तस्वीरों का एक बहुत बड़ा संग्रह देखने के लिए मिलता है। इस संग्रहालय का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संस्कृति और संगीत को बढ़ावा देना है। यह संग्रहालय संगीत प्रेमियों के लिए ग्वालियर में घूमने के लिए एक प्रमुख जगह है। यह संग्रहालय ग्वालियर जंक्शन से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह संग्रहालय ग्वालियर के जीवाजी गंज में स्थित है। आप यहां पर आकर संगीत के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
अम्मा महाराज की छतरी ग्वालियर - Amma Maharaj's Chhatri Gwalior
अम्मा महाराज की छतरी ग्वालियर शहर में घूमने की अच्छी जगह है। यहां पर आप को बहुत बड़ा गार्डन देखने के लिए मिलता है, जो बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है। गार्डन में बहुत सारे मंदिर भी बने हुए हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं। यहां पर आने का प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यह छतरियां मुख्य तौर पर सिंधिया परिवार की शाही स्मारक स्थल है। यहां पर स्थित छतरी में आपको भारतीय वास्तुकला देखने के लिए मिल जाएगी। यह छतरियां गुंबद आकार की हैं। यहां पर फव्वारा भी आपको देखने के लिए मिल जाएंगे। बच्चों के लिए यहां पर बहुत बड़ा प्लेग्राउंड है, जिसमें बच्चे खेल सकते हैं। यहां पर पार्किंग की भी अच्छी व्यवस्था है। यह सप्ताह के सभी सात दिनों में खुला रहता है।
जय विलास पैलेस ग्वालियर - Jai Vilas Palace Gwalior
जय विलास पैलेस ग्वालियर शहर में घूमने के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक विशाल महल है, जो सफेद संगमरमर से बना हुआ है। इस महल में करीब 400 कमरे हैं, जिसमें से 200 कमरे संग्रहालय में परिवर्तित कर दिए गए हैं और बाकी कमरों में सिंधिया परिवार के लोग रहते हैं। यहां पर आप संग्रहालय में विभिन्न तरह के प्राचीन सामग्रियों का संग्रह देख सकते हैं। यहाँ पर जीवाजीराव महाराजा से संबंधित सभी चीजें देख सकते हैं। यहां पर आपको चांदी की ट्रेन देखने के लिए मिलती है, जो खाना परोसती है। इसके अलावा यहां पर आपको झूमर देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत वजन के हैं और बहुत खूबसूरत है। यहां पर एक प्राचीन घोड़ा गाड़ी भी है, जो चांदी से बनी हुई है। जय विलास पैलेस में प्रवेश का आपसे शुल्क लिया जाता है और फोटो क्लिक करने का वीडियो बनाने का भी अलग से शुल्क लिया जाता है। आप यहां पर आ कर इन सभी चीजों को देख सकते हैं।
इटालियन गार्डन ग्वालियर - Italian Garden Gwalior
इटालियन गार्डन ग्वालियर में स्थित एक पार्क है। इस पार्क में आपको तरह तरह के फूल देखने के लिए मिल जाते हैं। यहां पर म्यूजिकल फाउंटेन भी हैए जो बहुत अच्छा है। इटालियन गार्डन ग्वालियर जू के पास में है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। इस गार्डन को इटालियन गार्डन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह इटालियन शैली में बना हुआ है और बहुत खूबसूरत है।
बटरफ्लाई पार्क ग्वालियर - Butterfly Park Gwalior
बटरफ्लाई पार्क ग्वालियर में स्थित एक अच्छे घूमने वाले स्थानों में से एक है। यहां पर आपको हरियाली भरा माहौल देखने के लिए मिलता है। आप यहां दिन के समय घूमने के लिए आ सकते हैं।
तिघरा बांध ग्वालियर - Tighara Dam Gwalior
तिघरा बांध ग्वालियर में घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। यहां पर आपको एक बहुत बड़ा जलाशय देखने के लिए मिलता है। यह जलाशय ग्वालियर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां पर गाड़ी से पहुंच सकते हैं। तिघरा बांध में घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून का होता है, क्युकि उस समय यहां पर चारों तरफ आपको हरियाली देखने के लिए मिल जाती है। यह जगह फोटोशूट के लिए भी बहुत बढ़िया है। आप यहां पर आकर बांध के नजारों को देख सकते हैं। तिघरा बांध ग्वालियर शहर के पीने के पानी की पूर्ति करता है।
नलकेश्वर धाम ग्वालियर - Nalakeshwar Dham Gwalior
नलकेश्वर धाम ग्वालियर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको प्राकृतिक और धार्मिक दोनों ही जगह देखने के लिए मिलती है। यह जगह ग्वालियर शहर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां पर अपनी गाड़ी से पहुंच सकते हैं। यहां पर आने के लिए कच्ची रोड आपको मिलती है। यहां पर आपको भगवान शिव का मंदिर देखने के लिए मिलता है और यहां पर बारिश के मौसम में आपको खूबसूरत जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यह जगह प्राकृतिक हरियाली से भरी हुई है।
श्री आनंदपुर सत्संग आश्रम ग्वालियर - Shri Anandpur Satsang Ashram Gwalior
श्री आनंदपुर सत्संग आश्रम एक धार्मिक स्थल है। यह ग्वालियर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको आकर आत्मिक शांति मिलेगी। यहां पर आप आकर अध्यात्म से जुड़ सकते हैं। यहां पर आपको आश्रम के पीछे एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है, जिसे जानकी ताल के नाम से जाना जाता है।
श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर ग्वालियर - Shri Koteshwar Mahadev Temple Gwalior
श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर ग्वालियर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह मंदिर बहुत पुराने मंदिरों में से एक है। आप यहां पर आकर शिव भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के बाहर आपको बहुत सारे प्रसाद की दुकान देखने के लिए मिलती है, जहां से आप प्रसाद ले सकते है। यहां पर शिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत भीड़ लगती है।
प्राचीन शिव मंदिर गिरगांव ग्वालियर - Ancient Shiva Temple Girgaon Gwalior
यह ग्वालियर शहर में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। यह मंदिर गिरगांव गांव में स्थित है। आप यहां पर शिव भगवान के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। आपको मंदिर से आसपास का खूबसूरत नजारा देखने के लिए मिल जाता है।
श्री सिद्ध तलवार वाले हनुमान जी महाराज ग्वालियर
यह मंदिर ग्वालियर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में हनुमान जी की जो मूर्ति हैए उनके एक हाथ में गदा की जगह तलवार है। इसलिए इस जगह को तलवार वाले हनुमान जी के नाम से जाना जाता है। यहां पर भक्त हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं।
श्री गुप्तेश्वर मंदिर ग्वालियर - Shri Gupteshwar Temple Gwalior
श्री गुप्तेश्वर मंदिर ग्वालियर शहर में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां हैं। इस मंदिर से ग्वालियर शहर का खूबसूरत दृश्य देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर ग्वालियर में तिघरा बांध जाने वाली सड़क पर स्थित है। आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा।
ग्वालियर बहुत ही आकर्षक शहर है ।
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