चतरा जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल - places to visit in Chatra / चतरा जिले के आसपास घूमने वाली प्रमुख जगह
चतरा झारखंड राज्य का एक प्रमुख जिला है। चतरा झारखंड राज्य की राजधानी से रांची जिले से करीब 124 किलोमीटर दूर है। चतरा में आप सड़क माध्यम के द्वारा पहुंच सकते है। चतरा घने जंगलों पहाड़ों से घिरा हुआ है। चतरा में लावालोंग वन्य जीव अभ्यारण स्थित है, जहां पर विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर एवं विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां है। चतरा जिले में बहुत सारी नदियां बहती है। यहां पर फाल्गु नदी बहती है और बरसाती नदियां भी यहां पर बहुत सारी बहती हैं। चतरा में घूमने के लिए बहुत सारी जगह है। चलिए जानते हैं - चतरा में घूमने लायक कौन कौन सी जगह है।
चतरा में घूमने की जगह - Chatra mein ghumne ki jagah
गोवा जलप्रपात चतरा - Goa Falls Chatra
गोवा जलप्रपात चतरा जिले का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात बहुत सुंदर है। यहां पर 30 फीट की ऊंचाई से झरना गिरता है। यह झरना नीचे एक बड़े जलाशय में गिरता है। यहां पर आपको चट्टाने देखने के लिए मिलती है। यह झरना चतरा शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यहां पर आप गाड़ी या बाइक से घूमने के लिए आ सकते हैं। उसके बाद आपको एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। चारों तरफ पहाड़ियां और बड़ी-बड़ी चट्टानें है। यहां पर व्यूप्वाइंट भी बना हुआ है, जहां से आप झरने को देख सकते हैं। यहां से आपको नदी का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं। आपको यहां पर मजा आएगा। यह चतरा का पिकनिक स्पॉट है।
मालूदाह जलप्रपात चतरा - Maludah Falls Chatra
मालूदाह जलप्रपात चतरा जिले का एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात चतरा जिले से 10 किलोमीटर दूर होगा। यह जलप्रपात घने जंगल के अंदर स्थित है। इस जलप्रपात में जाने के लिए सड़क माध्यम उपलब्ध है। मगर आपको यहां पर ट्रैकिंग करके भी आना पड़ता है। यहां पर करीब 2 से 3 किलोमीटर आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है। उसके बाद आप इस जलप्रपात में पहुंचते हैं। यहां पर पहुंच कर आपको सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है।
यहां पर बहुत ऊंची चट्टानों से पानी गिरता है। यहां पर झरने के नीचे बहुत बड़ा कुंड बना हुआ है, जिसमें पानी गिरता है। यह जगह बहुत सुंदर है और यहां पर ऊंची ऊंची पहाड़ियां है, जो देखने में बहुत ही सुंदर लगती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जलप्रपात मुख्य रूप से बरसात के समय आपको देखने के लिए मिलता है। यहां आप आकर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं।
खैवा बंदारू जलप्रपात चतरा - Khiva Bandaru Falls Chatra
खैवा बंदारू जलप्रपात चतरा जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात बहुत ही सुंदर है। यह जलप्रपात चतरा जिले के लावालोंग प्रखंड का बंदारू नाम के गांव के पास स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जलप्रपात जिन पहाड़ियों के बीच से बहता है। वह पहाड़ियां बहुत ही आकर्षक लगती हैं, क्योंकि इन पहाड़ियों की आकृति कुछ अलग है। यहां पर खाई बन गई है। यहां पर पानी के कटाव के कारण इन पहाड़ों की आकृति बहुत ही सुंदर बन गई है, जिससे यह देखने में बहुत ही आश्चर्यजनक लगती हैं। यहां पर बड़ी-बड़ी खाई निर्मित हो गई है, जिनके बीच से यह जलप्रपात बहता है।
इस स्थल को वैली ऑफ मार्स के नाम से भी जाना जाता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और इन अद्भुत चट्टानों को देख सकते हैं और इनके बीच से बहते हुए जल प्रपात को भी देख सकते हैं। यह जलप्रपात जंगल के अंदर स्थित है। इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आप कार और बाइक का प्रयोग कर सकते हैं। थोड़ी दूरी तक आपको पैदल चलना पड़ता है। यहां पर आकर आपको शांति का अनुभव होगा। यह जगह बहुत अच्छी है।
डुमेर सुमेर जलप्रपात चतरा - Dumer Sumer Falls Chatra
डुमेर सुमेर जलप्रपात चतरा जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थान है। यह जगह घने जंगल के अंदर स्थित है। यह जगह चतरा से 12 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर आप अपने वाहन से पहुंच सकते हैं। यहां पर करीब 2 से 3 किलोमीटर आपको पैदल चलना रहता है। यह रास्ता घने जंगल से होकर गुजरता है। यहां पर आपको ट्रैकिंग करके बहुत मजा आएगा।
आप यहां पर बरसात के समय घूमने के लिए आएंगे, तो आपको यहां बहुत ही आकर्षक जलप्रपात देखने के लिए मिलेगा। यह जलप्रपात ऊंची ऊंची चट्टानों से गिरता है और यहां पर नदी का भी सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां पर नदी के दोनों तरफ बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है। यहां आकर आप अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यह जगह बहुत शांत है और सुकून भरी है।
कौलेश्वरी देवी मंदिर चतरा - Kauleshwari Devi Temple Chatra
कौलेश्वरी देवी मंदिर चतरा जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर चतरा जिले के हंटरगंज नगर में स्थित है। यह मंदिर हंटरगंज से करीब 10 किलोमीटर दूर होगा। मंदिर तक आने के लिए सड़क माध्यम उपलब्ध है। आप यहां पर बाइक और कार से आ सकते हैं। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस पहाड़ी को कोलुआ पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। सीढ़ियां के द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। मंदिर में पहुंचकर कौलेश्वरी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। पहाड़ी की चोटी पर प्राचीन मंदिर बना हुआ है और मंदिर के गर्भ गृह में मां कौलेश्वरी देवी की दिव्य प्रतिमा के दर्शन करने मिलते है।
कहा जाता है, कि इस प्रतिमा की स्थापना राजा विराट के द्वारा की गई थी। माता की प्रतिमा काले रंग के दुर्लभ पत्थर को तराश कर बनाई गई है। नवरात्रि में यहां पर बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर आप जो भी मन्नत मानते हैं। वह आपकी जरूर पूरी होती है। यह एक सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। इस जगह के बारे में कहा जाता है, कि प्राचीन समय में यहां पर श्री राम जी, लक्ष्मण जी और सीता जी अपने वनवास काल के दौरान आए थे।
पहाड़ी की चोटी पर, मंदिर के पास में ही एक बड़ा सा झील देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर लगती है। यह स्थल बौद्ध धर्म और जैन धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहां पर आकर आप अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां जैन मंदिर बना हुआ है और यह स्थल बौद्ध धर्म के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। कौलेश्वरी मंदिर चतरा में घूमने की सबसे अच्छी जगह है। आपको यहां पर आकर मजा आएगा।
तमासिन जलप्रपात चतरा - Tamasin Falls Chatra
तमासिन जलप्रपात चतरा जिला का एक प्रमुख प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात कान्हाचट्टी प्रखंड में इटखोरी में स्थित है। यह जलप्रपात बहुत सुंदर है। यहां पर आपको बड़ी-बड़ी चट्टानें देखने के लिए मिलती है, जिनके बीच से होकर यह जलप्रपात बहता है। यह जलप्रपात घने जंगल के अंदर स्थित है। इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां उतर कर आना पड़ता है। आप यहां पर अपनी गाड़ी से आ सकते हैं। उसके बाद जलप्रपात तक जाने के लिए, आपको सीढ़ियां उतरनी पड़ती है।
यहां पर बड़ी बड़ी चट्टाने है। जलप्रपात का पानी पारदर्शी है और चट्टाने साफ-साफ देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर आकर आप अपना बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यह जगह प्राकृतिक रूप से सुंदर है। यहां पर आपको बंदर भी देखने के लिए मिलते हैं और यहां पर आपको गुफा भी देखने के लिए मिलती है, जो भद्रकाली मां को समर्पित है। यह गुफा पहाड़ों के बीच में बनी हुई है। आप यहां पर गुफा में जाकर मां भद्रकाली के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर बरसात और ठंड के समय बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं। यह चतरा में घूमने वाली मुख्य जगहों में से एक है।
भद्रकाली मंदिर चतरा - Bhadrakali Temple Chatra
भद्रकाली मंदिर चतरा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन है। यह मंदिर चतरा जिले में चतरा चौपारण हाईवे सड़क पर, इटखोरी के पास में बना हुआ है। यह मंदिर चतरा जिले से 16 किलोमीटर दूर है। इस मंदिर में आप अपने वाहन से या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर महाने एवं बक्सा नदी के संगम स्थल पर स्थित है। यहां पर आपको हिंदू बौद्ध और जैन धर्म के मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यह जगह प्राचीन है और यहां पर म्यूजियम भी बना हुआ है, जहां पर प्राचीन मूर्तियों को रखा गया है। यहां पर आपको एक दुर्लभ तीन पैर वाली मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां पर हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म की मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है।
इस जगह पर सबसे प्रसिद्ध भद्रकाली मां का मंदिर है। भद्रकाली माता की मूर्ति बहुत सुंदर है और यह काले कलर के पत्थर को तराश कर बनाई गई है। मूर्ति देखने में बहुत ही भव्य लगती है। मूर्ति के पास एक शिलालेख भी पाया गया है, जो ब्राह्मी लिपि में अंकित है। इसमें बताया गया है, कि इस प्रतिमा का निर्माण 9 वी शताब्दी में राजा महेंद्र पाल ने करवाया था। बौद्ध धर्म के लोग इस प्रतिमा को मा तारा के रूप में पूजते हैं।
यहां पर भगवान शिव का मंदिर भी है। भगवान शिव के मंदिर को सहस्त्र शिवलिंग महादेव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव का बहुत ही अद्भुत शिवलिंग देखने के लिए मिलता है, जिसमें एक बड़े से शिवलिंग में सहस्त्र शिवलिंग बनाए गए हैं। यह शिवलिंग प्राचीन है और देखने में बहुत अद्भुत लगता है। आप यहां पर आकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता को भी देख सकते हैं। इस जगह की पौराणिक मान्यताएं है। यहां आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यहां पर ठहरने की व्यवस्था भी की गई है।
यहां पर फरवरी माह में इटखोरी महोत्सव मनाया जाता है। जिसमें बहुत बड़ा मेला लगता है और दूर-दूर से लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं। भद्रकाली मंदिर के प्रांगण में इटखोरी महोत्सव का शुभारंभ किया जाता है। यहां पर आकर अच्छा लगता है और इस समय यहां पर बहुत सारे लोग आते हैं। बहुत सारी दुकानें लगती है और झूले वगैरह लगते हैं, जिनका आप यहां पर आकर लोग लुफ्त उठा सकते हैं।
मां बागेश्वरी तीर्थ धाम स्थल चतरा - Maa Bageshwari pilgrimage site Chatra
मां बागेश्वरी तीर्थ धाम स्थल चतरा जिले का एक प्रसिद्ध स्थल है। यह धार्मिक तीर्थ स्थल है। इस जगह को बलबल दुवारी नाम से जाना जाता है। यह जगह चतरा जिले से 35 किलोमीटर दूर पर, गिधौर कटकमसांडी मार्ग पर स्थित है। यहां पर आपको गर्म पानी का कुंड देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको एक नेचुरल तरीके से बना हुआ गरम पानी कुंड देखने के लिए मिलता है, जिसे अब पक्का बना दिया गया है। यहां पर लोग स्नान करते हैं। यहां पर, जो कुंड बना हुआ है। कहा जाता है, यहां पर जो गर्म पानी का कुंड बना हुआ है। इसके पानी से स्नान करने से शरीर के त्वचा संबंधी रोग ठीक होते हैं। यहां पर चारों ओर पहाड़ी और हरियाली देखने के लिए मिलती है।
यहां पर मां बागेश्वरी मंदिर बना हुआ है, जो प्राचीन है और मंदिर बहुत अच्छी तरह से बना हुआ है। मंदिर के गर्भ गृह में माता की बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर आपको बौध्द धर्म के प्राचीन मंदिरों के अवशेष भी देखने के लिए मिलते हैं। मकर संक्रांति के समय, यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है। यहां पर दूर-दूर से लोग स्नान करने के लिए आते हैं। यह जगह बहुत सुंदर है। आप इस जगह पर आकर घूम सकते हैं।
कुंदा का किला चतरा - Kunda Fort Chatra
कुंदा का किला चतरा का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। यह किला प्राचीन है। यह किला 17 वी शताब्दी के अंत में बनना शुरू हुआ था। अब यहां पर किले के अवशेष ही शेष रह गए हैं। किले की दीवारें अभी भी जर्जर स्थिति में खड़ी हुई है। यहां पर बहुत से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यह किला लावालोंग ब्लॉक के कुंदा गांव में स्थित है।
इस किले के पास में प्राचीन मंदिर है। यहां पर एक प्राचीन गुफा भी बनाई गई है। यह गुफा काफी सकरी है। यहां पर दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। किले के पास धार्मिक स्थल मौजूद है। यहां पर मठ और शिव मंदिर बना हुआ है, जहां पर आप जाकर घूम सकते हैं। बरसात के समय यहां पर अच्छा लगता है, क्योंकि यहां पर हरियाली रहती है। यहां पर एक कुंड बना हुआ है। यहां पर आपको प्राचीन प्रतिमाएं भी देखने के लिए मिलती हैं। यहां पर शिव भगवान जी का प्राचीन मंदिर बना हुआ है और मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग विराजमान है। यहां आ कर अच्छा लगता है।
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